सूचना: अगर आपको वीडियो पसंद आई, तो Like 👍 और चैनल को Subscribe 🔔 जरुर करें! आपके Support से हम और भी शानदार Videos लाएंगे! धन्यवाद! 🙏✨ ऐसी ही एक और विडिओ देखने के लिए क्लिक करें |👇👇👇👇 ua-cam.com/video/baZh9l0M2-o/v-deo.html
क्यों झूठ बोल रही है संत रामपाल तो संत है ही नहीं वह ढोंगी लग रहा है अपने को संत जो हाथ दे दे करके हल्ला मचा मचा करके अपने को संत सतगुरु कहते हैं असल में वही सच्चे ढोंगी होते हैं
@@SatlokAshramNewsChannel Yeh Rampal pakhandi hain. Radhaswami mat ka adhoora gyan prapt karkey galat aarop laga rahey hain.Radhasoami mat ki Keval ek pustak padhkar aur galat samajhkar galat aarop lagaye hain.
आपको राधास्वामी सतसंग के बारे मेँ अधूरा ज्ञान है । स्वामी महाराज कुल मालिक के अवतार थे जो जीवों का उद्धार करने लिए गुरू रूप में आये । उन्होंने कभी हट योग नहीं किया । उन्होंने सुरत शब्द योग का अभ्यास किया । स्वामी जी महाराज के चोला छोड़ने के बाद हुजूर महाराज राय बहादुर सालेगराम दुसरे गुरू हुए । राधास्वामी सतसंग 1861 में शुरू हुआ जिसको मानने वाले दुनिया के सभी देशों में है । यदि राधास्वामी सतसंग मन मत होता तो यह अभी तक बंद हो जाता तथा इसके गुरू जेल में बैठे होते । राधास्वामी सतसंग संतमत है गुरू मत है। करोड़ों जीवो को काल के जाल से निकाला है । खान पान शुद्ध करवाया है । लोगों को गुरू भक्ति में लगाया है । राधास्वामी दोऊ कर जान सतलोक होय एक ठिकान । राधास्वामी प्रेम का मत है सामाजिक मत है । सप्रेम राधास्वामी ।
Acha ek baat btao jb mout us malik k hath mai hai toh aapka baba gun booncer kyo le k chlta. Dusra esme bhai bhtija mama bhanja potra hi kyo. Dusra kyo nahi ab tk toh vans vaad . Chal raha kya enke pariwar n hi malik ko paya hua hai
मोक्ष के लिए गुरु बनाना ही पड़ेगा। 1. गीता जी -उस ज्ञान को तू तत्वदर्शी ज्ञानियों के पास जाकर समझ । [आ 4 श्लोक 34 ] - 2. कुरान शरीफ - जिसने आसमानों और जमीन और जो कुछ उनके बीच में है (सबको) छः दिन में पैदा किया, फिर तख्त पर जा विराजा, उसकी खबर किसी बाखबर (तत्वदर्शी संत) से पूछ देखो। [सुरा-25 आयात-59] 3. गुरु ग्रंथ साहिब बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। - बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई ।। [ गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ- 946] 4. गरीबदास जी :- सतगुरु बिना सुरति नहीं पाटै, खेल मंड्या है सिर के साटै । सतगुरु भक्ति मुक्ति केदानी, सतगुरु बिना न छूटै खानी ।। 5. परमेश्वर कबीर - गुरु ते अधिक न कोई ठहरायी । मोक्षपंथ नहिं गुरु बिनु पाई ।। 6. पवित्र वेद - पूर्ण परमात्मा के विषय में यथार्थ जानकारी तत्वदर्शी संत से पूछे। [ अध्याय 40 श्लोक 10 - 13] अधिक प्रमाणित आध्यात्मिक ज्ञान के लिए देखे साधना चैनल रात्रि 7:30 से और ईश्वर टीवी रात्रि 8:30 से
@@DelhiKanjhawala--DL-BrahmaKuma सत्य के खिलाफ झूठों की फौज खड़ी है। संत रामपाल जी महाराज 11 में से 8 केसों में बरी हो चुके हैं। क्या आपको यह खुश खबर का पता है। चाहे वे जेल में भी है। इतनी कठनाइयों के बाद भी अपने उद्देश से नहीं हटे। यही बाते उन्हें विश्व में सबसे महान बनाती हैं। इतने विरोध के बाद भी अकेले सत्य की राह पर खड़े हैं। जेल की बात भी वो लोक करते हैं। जो श्री राम श्री कृष्ण, के साथ आखरी सांस तक अज्ञानी लोगों ने जितना हो सका कष्ट दिया। माता सीता जी जो राक्षस रावण की कैद में 12 वर्ष रही सीता माता का क्या कसूर था। श्री राम, श्री कृष्ण माता सीता इन्हीं के नाम से ये लोग रोज़ी रोटी कमा रहे हैं।
भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव तीनों दोषी थे अंग्रेजों की नजर में देश को आजाद करवाने के लिए उन्होंने इतना महान कार्य किया फिर भी वह अंग्रेजों की जेल में रही क्योंकि वह अंग्रेजों की नजर में दोसी थे सिख धर्म के प्रवर्तक आदरणीय गुरु नानक देव जी बाबर की जेल में रहे उन्होंने भी परमात्मा की सतभक्ति पर जोर दिया था किंतु उस समय जिन धर्म के ठेकेदारों की दुकान बंद हो रही थी उनको यह बात रास नहीं आई और उन्होंने झूठे आरोप लगवा कर गुरु नानक देव जी को बावर की जेल में डलवा दिया था लेकिन आज पूरा सिख समाज उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करता है और वो महान आत्मा सभी सिख समाज के लिए पूजनिए और आदरणीय है संत रामपाल जी महाराज ने आज के टाइम में सभी धर्म ग्रंथो जैसे वेद गीता कुरान शरीफ पवित्र बाइबल पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब सभी का ज्ञान सभी लोगों के सामने रख दिया लेकिन दुर्भाग्य आज उन पर देश द्रोह का केस लगा हुआ है लेकिन किसी भी गुरु की पहचान उसके ज्ञान से होती है
For your general information Sant Rampal Ji Maharaj Ji has been honorably acquitted in nearly 8 cases and rest of the cases are undertrial. No case has been proven against him. Indeed anybody who dared to challenge the relegious establishment had to face strong backlash and even imprisonment , Lord Kabir Saheb Ji faced it, Guru Nanak Dev ji also had to face it ,what Sant Rampal Ji Maharaj Ji is facing today. Truthness in Saint has to be checked by his knowledge, my request to all will be to kindly listen to spritual discourses of Tatavdarshi Sant Rampal Ji Maharaj Ji first completley and then decide.
संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठे आरोप लगाए हैं , पहले पूरी जांच पड़ताल किया करो मीडिया की तरह कुछ भी मत बोलो, सन्त रामपाल जी महाराज जी पर अभी तक कोई भी केस साबित नही हुआ है बल्कि, उनके नाम से नेपाल सहित आज पूरे देश 11 सतलोक आश्रम और पूरे विश्व में 500 से ज्यादा नामदान केंद्र हैं , क्या कोई साधारण मनुष्य जैल में होते हुए ये कर सकते हैं, और यहां बात आध्यात्मिकता की चल रही है जहा आपको राधास्वामी की सच्चाई बताई गई है आपको हजम नही हो रही तो आपकी गलती हैं , राधा स्वामि मरने के बाद भूत बने और अपनी शिष्या बुक्कि में बोलते थें इसका प्रमाण इन्ही की बुक में मिलता है , उन्ही की साधना से जब उन्ही का मोक्ष नहीं हुआ तो उनके अनुयाइयों का कैसे होगा ।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
कबीर, गुरू गोविंद दोनों खड़े, किसके लागूं पाय। बलिहारी गुरू आपणा, गोविन्द दियो बताय।। बिन गुरू भजन दान बिरथ हैं, ज्यूं लूटा चोर। न मुक्ति न लाभ संसारी, कह समझाऊँ तोर।। कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो बेद पुरान।।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
यहां पर भ्रमित होने की कोई बात नहीं है भाई साहब आप पढ़े लिखे हैं आप भी राधा स्वामी सत्संग का संग्रह सत्संग का संग्रह पुस्तक पढ़ कर देखें आप कोई पता लग जाएगा कि दूध का दूध और पानी का पानी क्या है
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
आपने राधा साओमी में जाने पहले क्या हिंदू धर्म का अध्ययन किया? क्या राधासोमी मत बिना ब्राह्मण की बुराई किए आगे नहीं बढ़ सकता था? अंग्रेजों ने hindu का दमन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी , वो यहाँ cheistianity और इस्लाम स्थापित करना चाहते थे फिर उन्होंने radhasaomi को क्यों बढ़ावा दिया? क्यूकी इसके माध्यम से हिंदू एक मार्गी बनेगा और हथियारों का त्याग करेगा , समाज में अलग अलग cult के आजाने से हिंदू आपस में मेल जाल नहीं रखेगा और फिर आसानी से बाहरी ताक़तों का शिकार बन जाएगा । आपको कोई मोक्ष नहीं मिलने वाला है , लिख के ले लो
Thank you so much for your detailed video. People like you are true gems to society, serving as a guiding light for those in need. You help uplift struggling souls by showing them the true path, embodying the essence of a real Guru. Jay Jagannath ❤
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
@@nimbaram5652 रामचरितमानस में गोस्वामी जी महाराज ने लिखा है सत पुराण बहू काहे उपाय छूट ना और और उलझाया किताबी ज्ञान को जो उपदेश देते हैं वह सतगुरु नहीं हो सकते सतगुरु का अपना निजी ज्ञान रसायन होता है
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@AJAYKUSHWAH001 brhma ji ne ved padhe ye kahani brahmno ne gadhi. Garibdas ke samne kabir pargat hue ye kahani Garibdas ne gadhi. Rampaal ke saamne kabir pargat hue ye kahani Rampaal ne gadhi. Grubdas or Rampaal ne jo kahani gadhi vo brahmno ke hi anusaar hai. Murkh jeev in ke jhanse me pad kar apne aap ko bhagya shali samjhta hai.
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना स बसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
*आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है। Sant Rampal Ji Maharaj
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
ua-cam.com/video/9vyFxpXb-s8/v-deo.htmlsi=4Qto2H9rKOaf64agजब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Radha Swami Trust k Jo Sanchalak Hain, Abhi Tak Kisi Bhi Devi Devta , Dharm , Anya Kisi Guru ki Alochona Ya Unke Manne Walo ko Dukh ho Aisi Koi Bat Nahi Ki Hai , Sab Kuchh Us Malik K Hukum Se Chal Raha Hain ,To O Apne Hi Hukim ki Alochana Kyo Karega , Jo Jiski Marji Se Nahi Chalta O Hi To Alochana Karte Hain. Jiski Marji na Chal Sake O Kahe ka Purn Parmatma Ya Guru Huva, Malik ne Sabko Vivek Takat Di Us Vivek Ka istemal Kare. Radha Swami Ji ❤
भक्ति के लिए धर्म ग्रंथों और सच्चे गुरू की जानकारी आवश्यक है। सच्चा गुरू एक समय एक ही होते हैं पूर्ण मोक्ष मंत्र देने वाले जो स्वयं परमेश्वर कबीर साहेब जी या उनके अवतार कृपा पात्र होते हैं जब वो आते हैं तो सभी नकली धर्म गुरूओं के अज्ञान को जनता के सामने बताते हैं और एक परमेश्वर एक सतभक्ति विधि बताते हैं जिससे लोगों के पाप नाश होकर सुख और मोक्ष भी मिलता है। जरूर देखें संतरामपालजी महाराज जी के सत्संग कुछ दिन 🙏🙏🙏
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946 बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई। बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। बिन सतगुरु भेटे महा दुःख पाई। बिन सतगुरु भेटे महा गरबि गुबारि। नानक बिन गुरु मुआ जन्म हारि।
जो गुरु शास्त्रों के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयायियों अर्थात शिष्यों को करवाता है, वही पूर्ण संत है। मोक्ष केवल पूर्ण गुरु के द्वारा बताई गई शास्त्रानुकूल भक्ति से होता है और इस कलियुग में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं, जो शास्त्रों के अनुसार सतभक्ति बताते हैं।
समझने वाली बात तो यही है कि हम पढ़े लिखे होकर भी हमारे शास्त्रों में लिखी हुई को ना समझते हैं राधास्वामी पंथ के श्री शिवदयाल जी ने हमारे धार्मिक शास्त्रों का अर्थो का अनर्थ कर रखा है जिस भक्ति करने से हमारे लाखों लोग बहुत ज्यादा परेशान है और अकाल मृत्यु भी मर रहे हैं संत रामपाल जी महाराज जी सही अर्थ बता रहे हैं शास्त्रों का आप सभी से अनुरोध है आप देखिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन साधना टीवी चैनल पर शाम 7:30 से 8:30 तक
बहुत ही अच्छी डिबेट है इस डिबेट से ही हमें असली और नक़ली धार्मिक गुरु महामंडलेश्वर कथावाचकों की ज्ञान की पहचान हुई है। शास्त्रों का सत्य और प्रमाणित ज्ञान मिला है।
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई राधास्वामी पंथ का अज्ञान! संतमत प्रकाश (भाग-4) पृष्ठ 240 पर लिखा है कि सतनाम अपने अंदर है जाओ और ले लो ! ऐसी बातें तो कोई सिर फिरा व्यक्ति ही लिख सकता है ! जानें हकीकत साधना टीवी पर हर शाम 7:30 बजे Kabir Is God
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
जी सन्त रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनना राधा स्वामी जी पर, राधा स्वामी पंथ की किताबो से ही सारे प्रमाण लिए गए हैं , आपको पूरी जानकारी नही है अभी कृपया पहले पूरी जांच पड़ताल करें तभी कुछ उंगली उठाए, इन्होंने परमात्मा को प्रकाश बताया है जबकि हमारे सद ग्रंथो में साफ साफ लिखा है परमात्मा साकार है सहशरीर हैं।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
@@nagendrasahu7068 Shivdayal ji ke parivaar ke Guru Sant Tulsi Saheb Hathras wale they. Unka satsang aur seva veh kartey they. Unhone bhi gurubhakti kari hai.
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
सतगुरु मोहे भावै, जो नैनन अलख लखावै।। बोलत ढिगे ना बोलत बिसरे, सत उपदेश दृढ़ावै।। आंख ना मूंदै कान ना रूदै ना अनहद उरझावै। प्राण पूंज क्रियाओं से न्यारा, सहज समाधि बतावे।।
जो पूर्ण सतगुरु होगा उसमें चार मुख्य गुण होते हैं:- गुरू के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना (ज्ञाता)। दूजे हरि भक्ति मन कर्म बानी, तीसरे समदृष्टि कर जानी। चौथे वेद विधि सब कर्मा, यह चार गुरु गुण जानो मर्मा।
गुरू बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुष छड़े मूढ़ किसाना। गुरू बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे न सार रहे अज्ञानी। कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार। सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझै ना दूजी बार।।
तत्वदर्शी सन्त वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है वह वेद के जानने वाला कहा जाता है।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
ua-cam.com/video/SAxzDG5Hv2I/v-deo.htmlsi=znvaLYBo04vFOy8Qजब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
इस तरह की आध्यात्मिक डिबेट होती रहनी चाहिए ताकि समाज अपना निर्णय स्वयं ले सके, बड़े-बड़े टीवी न्यूज चैनलों को भी इस तरह की डिबेट आयोजित करनी चाहिए जिससे मानव समाज को सही दिशा मिल सके क्योंकि आज के समय में सिर्फ राजनैतिक डिबेट्स ही होती है इस अद्वितीय ज्ञान चर्चा के लिए SA न्यूज का बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🏻🙏🏻
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart48 के आगे पढिए.....) 📖📖📖 #हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणpart49 शिव लिंग पूजा :- जो अपने धर्मगुरूओं द्वारा बताई गई धार्मिक साधना कर रहे हैं, वे पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं कि यह साधना सही है। इसलिए वे अंधविश्वास (Blind Faith) किए हुए हैं। इस शिव लिंग पर प्रकाश डालते हुए मुझे अत्यंत दुःख व शर्म का एहसास हो रहा है। परंतु अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए प्रकाश डालना अनिवार्य तथा मजबूरी है। शिव लिंग (शिव जी की पेशाब इन्द्री) के चित्र में देखने से स्पष्ट होता है कि शिव का लिंग (Private Part) स्त्री की लिंगी (पेशाब इन्द्री यानि योनि) में प्रविष्ट है। इसकी पूजा हिन्दू श्रद्धालु कर रहे हैं।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
इतनी बड़ी रहस्य आज परमात्मा की ही रजा से इस डिबेट से सारे संसार को पूर्ण परमात्मा मिल गया। अब कोई संशय ही नहीं रहा। बहुत-बहुत धन्यवाद मीडिया वालों को। जो संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान जन जन तक पोछाया
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
गीता जी अध्याय 8 श्लोक 16 के अनुसार पृथ्वी लोक से ब्रह्मलोक तक सभी लोक पुनरावृत्ति में हैं। लेकिन सतलोक ही वह अमर स्थान है, जहां जाने के बाद साधक की जन्म-मृत्यु नहीं होती।
और संस्कृत में आ का अर्थ इस होता है।भुवन का अर्थ संसार। होता है। आप ब्रह्म भुवन लोक का मतलब इस संसार में आए सभी प्राणी पुनरावृत्ति में है। गूगल पर सर्च कर लेना भुवन का अर्थ गीता को ढंग से पढो गीता को
✴️गुरुनानक वचन 👉सोई गुरु पूरा कहावै, जो दो अक्खर(सतनाम) का भेद बतावै। एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर (साश्वत स्थान मोंक्ष) को पावै। 🙏तज पाखंड सतनाम लौ लावै, सो भवसागर से तरिया।🌾 🙏कहै कबीर मिलै गुरु पूरा स्यो परिवार उधरिया। 🌾
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया। ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। कबीर परमेश्वर का जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ था, वे एकमात्र सर्वशक्तिमान व अविनाशी परमेश्वर हैं।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
❤😂🎉 satguru shibdaya swami ji satguru jaimal singh jisatguru sawan singh ji satguru jagat singh ji satguru charan singh ji satguru babagurender singh ji satguru hazur jasdeepsingh ji radha soami ji saadh sangat ji radha soami ji ❤😂🎉
#GodMorningWednesday 🌺__... परम शांति...__🌺 परम शांति उसे कहते हैं जब जीव का जन्म मरण का चक्र समाप्त हो जाता है। उसका पुनः जन्म नहीं होता। 🙇 🙇 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
💯राधास्वामी पंथ के नकली धर्मगुरु सतनाम को ही परिभाषित नहीं कर सके। इनको ये ही नहीं पता सतनाम भगवान है या स्थान है या मन्त्र का जाप है। उनकी पुस्तक संतमत प्रकाश भाग-3 जिसके लेखक सावन सिंह जी हैं के पृष्ठ 76 पर लिखा है कि "सचखंड या सतनाम चौथा लोक है", तथा पृष्ठ 79 पर लिखा है कि "चौथा राम सतनाम है, यही असली राम है।"
@chhamilalanuragi8826 Kabir Saheb ne likha hai ki 'Kabir dhara Agam ki satguru dai lakhay ulat tahi sumiran karo swami sang milay. 'Iska arth hai ki Agam lok se aaney wali dhara satguru ne dikha di. Us dhara ko ulat kar swami ke saath jodkar sumiran karo. Dhara ka ulta Radha hua aur swami ke saath jodkar Radhaswami hua, jiska sumiran karney ke liye Kabir Saheb ne farmaya. Radhaswami asli parmatma hain aur Radhaswami sachcha panth hai.
@chhamilalanuragi8826 Kabir Saheb ne khud Radhaswami naam ke sumiran karney ki salah di hai. Kabir Saheb ka doha hai-Kabir dhara Agam ki satguru dai lakhay ulat tahi sumiran karo swami sang milay. Iska arth hai ki Agam lok ki dhara satguru ne dikha di. Is dhara ko ulat kar swami ke saath jodkar sumiran karo. Dhara ka ulta Radha hua aur Swami ke saath jodkar Radhaswami hua.
राधास्वामी पंथ का मूल सिद्धांत है कि परमात्मा निराकार है, सतलोक में केवल प्रकाश ही प्रकाश है। जबकि सर्व शास्त्र सिद्ध करते हैं कि परमात्मा साकार है, सत्यलोक में राजा के समान सिंहासन पर विराजमान है। नानकदेवजी, धर्मदास जी, गरीबदास जी, दादू जी इत्यादि को परमात्मा सतलोक लेकर गये, इन संतों ने परमात्मा की सटीक महिमा बताई है।
आपने गलत बोला,,, राधा स्वामी ने कभी नहीं बोला,, कि SATLOK में केवल प्रकाश है....... परमात्मा नहीं....... शायद आपने राधा स्वामी के ग्रंथो का अध्ययन ठीक तरह से नहीं किया 🙏🏻
Please …अगर आप को किसी बात की पुष्टि की नौलेज नहीं है तो किसी पते वाले लोगों की तालाश करने में कोई बदनामी नहीं है! सब संत जो पूरे हैं कहते है कि पूरे गुरू निराकार का साकार रूप है वे यहाँ भी और वहाँ भी है! राधा स्वामी
@@malkitmothuwal771आप सही हो भाई अरे गरीब दास जी महाराज की वाणी में लिखा है। निर्गुण साहिब आप है सर्गुण संत विचार। और निर्गुण को रामपाल जी ने ही निराकार बताया है।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
हमें मनुष्य जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह तो किताबों या शास्त्रों से ही पता चलता है नकि किसी आदमी के मुख से प्रत्येक व्यक्ति की बातें अलग अलग है उसका निर्णय कैसे करोगे बताइए
राधास्वामी पंथ आगरा व उससे जितने भी पंथ निकले हैं, वे सभी 5 नाम जप करने के लिए देते हैं जो इस प्रकार हैं: ज्योति निरंजन, ओंकार, ररंकार, सतनाम, सोहं। परंतु घट रामायण में हाथरस के तुलसीदास साहिब जी ने प्रमाण दिया है कि; “पांचों नाम काल के जानो, तब दानी मन शंका आनो” इससे यह प्रमाणित हुआ कि पांचों नाम काल के हैं और पूरा राधास्वामी पंथ काल का पंथ है ना कि दयाल का और रही बात सतपुरुष, अकाल मूर्त, शब्द स्वरूपी राम जाप करने की, तो ये परमात्मा के पर्यायवाची नाम हैं, ना कि परमात्मा प्राप्ति के मंत्र।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@सत्यज्ञान-छ3ढ Radhaswami mat mein mukhya sumiran Radhaswami naam ka bataya jata hai. Radhaswami naam aur Satnam kal ke naam nahin hain. Anya naamon ki jaankari di jaati hai. Radhaswami mat Dayalbagh Agra mein Radhaswami mat ka mukhya kendra aur yahaan par Radhaswami mat ke pravartak niwas kartey they. Aap jaan jayenge ki 5 naam ki jaankari di jaati hai lekin mukhya sumiran Radhaswami naam ka bataya jata hai.
*हमरे ही हुनियार हैं, हमारा सिरजनहार।* *गरीबदास विधि भेद सुन, खुल्हें मुक्ति द्वार।।* *यह सतगुरू उपदेश है, जो माने परतीत ।* *करम भरम सब त्यागि के, चलै सो भव जल जीत ।।*
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
अगर हम कबीर सागर या वेद, शास्त्रो मे लिखी विधि अनुसार साधना नहीं करेंगे तो हमें कोई लाभ, मोक्ष नहीं मिलेगा, संत रामपाल जी इन सभी शास्त्रो से प्रमाणित ज्ञान बता रहे है, दो अक्षर सतनाम का भी भेद बता रहे हैं। Satlok Ashram youtube channel
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
बहुत अच्छी डिबेट है SA न्यूज़ चैनल वालों का धन्यवाद करना चाहेंगे ऐसे महान संत के ज्ञान को ऊपर लाने की पहल की है जो विश्व कल्याण हेतु ज्ञान दे रहें है और वो ज्ञान हमारे सभी सद्ग्रंथो से प्रमाणित है ऐसे मह... Read more
तो बाहर वाले बैठे हैं उन संतों की पूरी हिस्ट्री सुना दी आपको अब आपको बातें करनी लग रही है आप ही पढ़ कर देख कर वतन जो बाहर घूम रहे हैं उन संतों की और जो गुरु गद्दी पर बैठे ककह नहीं इनके पास
#सच्चा_सतगुरु_कौन Live on Guru Purnima Incomplete Gurus tell devotional songs and mantras that are against the scriptures, which are useless according to Gita Chapter 16 Verse 23. Whereas Purna Guru Sant Rampal Ji Maharaj The devotion and mantras certified by the scriptures are given in the initiation due to which even the incurable disease of the seeker is cured and
#सच्चा_सतगुरु_कौन It is said in Shrimad Bhagwat Geeta Chapter 15 Verse 1 - 4, 16, 17 that the saint who tells all the divisions of the tree hanging upside down in the form of this world is a complete Guru/true Sadguru. Only Sant Rampal Ji Maharaj is telling this philosophy. Sant Rampal Ji Maharaj
राधास्वामी पंथ निगुरा पंथ है।ये शास्त्र विरूद्ध साधना बताता है। कबीर परमेश्वर ने अपनी अमृत वाणी में कहा है -गुरू बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान। गुरु बिन बिन दोनो निष्फल है, चाहे पुछो वेद, पुराण।।
राधा स्वामी पंचमी गुड़ा पथ है यह शास्त्र विरुद्ध साधना बताता है कबीर परमेश्वर ने अपनी अमृतवाणी में कहा है गुरु बिन माला फेरती गुरु बिन देते दान गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछोवेद पुराण और अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना चैनल पर शाम 7:30 से 8:30 तक
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@ageshwarisahu4165 Radhaswami mat mein Shivdayal ji ke parivaar ke Guru Sant Tulsi Saheb Hathras wale they. Unka satsang aur seva veh kartey they. Is prakar unhone bhi gurubhakti kari hai. Radhaswami panth ki sadhna shastra viruddh nahin hai.
श्री देवी महापुराण के सातवें स्कंध पृष्ठ 562-563 पर प्रमाण है कि श्री देवी जी ने राजा हिमालय को उपदेश देते हुए कहा है कि हे राजन! अन्य सब बातों को छोड़कर मेरी भक्ति भी छोड़कर केवल एक ऊँ नाम का जाप कर
गुरू बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुष छड़े मूढ़ किसाना। गुरू बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे न सार रहे अज्ञानी। कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार। सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझै ना दूजी बार।।
कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि- जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै। या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।। कबीर साहेब अपने प्रिय शिष्य धर्मदास को इस वाणी में ये समझा रहे हैं कि जो मेरा संत सत भक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे। ये उसकी पहचान होगी।
Krishna ji jail mein kyu paida hue the? Bhagat Singh aur Sukhdev bhi toh jail gaye the kya Aaj ka samaj unhe galat bolta hai? Itihas gawah hai jab jab sach ko samne laane ki koshish ki jaati hai tab tab uske bohot virodhi hote hain. Humare parmeshwar Kabir ji ke roop mein Satguru Rampal ji Maharaj aaye Hain humare toh bhagwan hain. Sant Rampal ji Maharaj ji se naam diksha lene Matra se bhakto ko aise aise laabh mile hain jiski koi ginti nahi . Aam jagat ke guru kehte Hain ki kismat ko koi nhi badal sakta vo toh bhogna hi padta hai l lekin humare Guru ji Sant Rampal ji Maharaj kismat bhi badal dete hain. "Andhe ko aankh det, kodhin ko kaya Banjhan ko Putra det NIRDHAN ko maya" ye saari baatein sach Hui Hain ye sukh sirf sant Rampal ji Maharaj ke bhakto ko hi milte hain. Sat Saheb Ji 🙏🏻
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
#सच्चा_सतगुरु_कौन 🍀 आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है। #SantRampalJiMaharaj #SatGuru #Guru #TrueGuru #गुरु #गुरुपूर्णिमा #GuruPurnima
True Spiritual Leader Sant Rampal Ji Maharaj सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
परम् संतों ने (बीडी हुक्का तुंबाखू) को कितना पाप बताया है 👇 💠 सद्गुरू कबीर साहिब वाणी 📖 भांग तमाखू छूतरा, आफू और शराब । कौन करेगा बंदगी, ये तो करे खराब ।। अमल आहारी आत्मा, कबहुं ना पावै पार । कहैं कबीर पुकार के, त्यागो ताहि विचार ।। हरिजन को सोहै नहीं, हुक्का हाथ के मांहि । कहैं कबीरा राम जन, हुक्का पीवै नांहि ।। हुक्का तो सोहै नहीं, हरि दासन के हाथ । कहैं कबीर हुक्का गहै, ताको छोड़ो साथ ।। 💠 श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी (अंग 726) 📖 पान सुपारी खातीआ, मुखि बीड़ीआ लाईआ । हरि हरि कदे न चेतिओ, जमि पकड़ चलाईआ ।। जो जीव पान-सुपारी आदि खाते हैं, मुँह में बीड़ी लगाए फिरते हैं, और जिन्होंने प्रभु का नाम कभी नहीं स्मरण किया, उनको जम दूतों ने पकड़ के आगे ले लिया ।। 💠 सद्गुरू गरीबदास साहिब वाणी 📖 सौ नारी जारी करें, सुरापांन सौ बार । एक चिल्म हुक्का भरें, डूबे काली धार ।। हुक्का हर दम पीवहीं, लाल मिलावै धूर । इसमें शांसा है नहीं, थे जन्म पीछले सूर ।।
श्री नानक देव जी कहते हैं सोई गुरुपुरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे एक छुड़ावे एक लखावे तो प्राणीनिज घर को पावे। यही दो अक्षर का भेद संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल बता रहे हैं
श्री नानक देव जी कहते है सोई गुरू पुरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे एक छुडावे एक लखावे तो प्राणीनिज घर को पावे। यही दो अक्षर का भेद संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल बता रहे हें
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
#सच्चा_सतगुरु_कौन श्री नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी के पृष्ठ 1342 पर कहा है:- ‘‘गुरु सेवा बिन भक्ति ना होई, अनेक जतन करै जे कोई’’ Sant Rampal Ji Maharaj
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
True Spiritual Leader Sant Rampal Ji Maharaj The saint who tells about devotion according to the scriptures is the complete saint. In this regard, Gita chapter 4 verse 34, Gita chapter 15 verse 1-4, and Yajurveda chapter 40 verse 10 also point towards the complete saint i.e. Tatvdarshi saint. At present, Saint Rampal ji
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रोक्त भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष संभव है।" "कबीर साहेब कहते हैं: कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान। गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुराण।।
@@GumanaRamOsian जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है। उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
🙏🌷🌺🌹🍁 Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj Keei Jai Ho🙏Sat Saheb Ji 🙏🌷🌺🌹🍁.. 🙏🌷🌺🌹🍁परमात्मा केचरणों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏क्या लिखूँ मैं सतगुरु की शान में, सब कुछ तो लिख दिया"खुदा"ने"गीता, वेद, पुराण और कुरान में। कबीर- ज्ञानी हो तो हदय लगाई । मूर्ख हो तो गम न पाई..
🌟भौतिक सुविधाएं होने पर यदि कोई सत्य भक्ति नहीं करता तो वह व्यक्ति पूर्व जन्मों में की गयी भक्ति का ही फल भोग रहा है। आज यदि सत्य भक्ति नहीं करते तो अगले जन्म में चौरासी में कष्ट उठाना पड़ेगा।
हमारे धर्म गुरु, कथावाचकों का कहना है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों एक ही हैं, जबकि हमारे धर्म शास्त्रों में साफ-साफ लिखा है कि ये तीनों देवता अलग-अलग हैं👍👍💯💯💯
Whatever Saint Rampal Ji Maharaj Ji has been telling is TRUTH ,he is giving evidence of every single word. Can u give a single piece of evidence to prove he's wrong
राधा स्वामी संत के प्रवर्तक स्वामी शिवदयालसिंह जी भूत बनकर बुक्की में बोलते हैं जो उनकी की शिष्य है राधास्वामी के पास शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति नहीं है अगर शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति होती तो वह भूत क्यों बनते शास्त्रों से प्रभावित भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास ही है और विश्व में किसी के पास भी नहीं है
@@RajuChandel-si2wf Radhaswami mat ke pass shastron se pramanik bhakti hai. Guru Nanak Dev ji bhi sansaar se jaane ke baad Guru Angad Saheb ko darshan detey aur hukm detey they,us hukm ke anusar Angad Saheb kaam kartey they. Sant is sansaar se jaane ke baad apne gehre shishya ko darshan detey hain aur hukm detey hain. Isse sansaar mein moksh ka kaam kartey hain. Radhaswami mat ke Guru Shivdayal Singh ji Maharaj ne bhi yehi kiya. Sab sahi hai.
Radha Swami Trust k Jo Sanchalak Hain, Abhi Tak Kisi Bhi Devi Devta , Dharm , Anya Kisi Guru ki Alochona Ya Unke Manne Walo ko Dukh ho Aisi Koi Bat Nahi Ki Hai , Sab Kuchh Us Malik K Hukum Se Chal Raha Hain ,To O Apne Hi Hukim ki Alochana Kyo Karega , Jo Jiski Marji Se Nahi Chalta O Hi To Alochana Karte Hain. Jiski Marji na Chal Sake O Kahe ka Purn Parmatma Ya Guru Huva, Malik ne Sabko Vivek Takat Di Us Vivek Ka istemal Kare. Radha Swami Ji ❤
जिस पंत के प्रवर्तक खुद हुक्का पीते हो तो उनके चेलो का क्या हाल होगा जबकि संत rampal जी महाराज की सरन मे आने के हुका बीड़ी शराब से उनके शिष्य हाथ तक नहीं लगाते कबीर सो नारी जारी करे सुरापान सो बार एक हुक्का चिलम भरे वह डुबे कलीधार परमात्मा कबीर ने एक हक्का चिलम भरने में इतना पाप बताया है तो आपके गुरु जी तो हुक्का पीते थे उनको कितना पाप लगता होगा तो फिर आप बताओ क्या ऐसे गुरु की भक्ति करने से आप पर हो जाओगे
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
@@pankajdas5655 Guru Nanak Dev ji sansaar se jaaney ke baad Guru Angad Saheb ko darshan detey they. Us hukm ke anusar Guru Angad Saheb sikhon ka margdarshan kartey they. Sant apne mukhya shishya ke dwara sansaar se jaane ke baad moksh ka kaam kartey hain. Shivdayal Saheb ne keval Satnam aur Radhaswami naam japa. Baaki naam keval jaankari ke liye Radhaswami mat mein bataye jaatey hain. Mukhya Radhaswami naam ka sumiran karney ke liye kaha jata hai. Satnam aur Radhaswami naam kal ke naam nahin hain.
पूरे विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज का ही ज्ञान शास्त्र अनुकूल है जबकि अन्य सभी धर्म गुरुओं का ज्ञान शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण हैं जिससे भगत समाज को कोई लाभ नहीं मिलता है संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताई गई भक्ति साधना करने से मानव समाज का कल्याण होगा 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
💫सभी धर्मों की पवित्र पुस्तकें इस तथ्य का प्रचार करती हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने सभी जीवों को भोजन के रूप में पौधे, जड़ी-बूटियाँ और झाड़ियाँ खाने का निर्देश दिया है। उसने कभी किसी जीव को दूसरे जीव को अपना भोजन बनाने का आदेश नहीं दिया। 🙏🏻🙏🏻
#सच्चा_सतगुरु_कौन जब तक सच्चे गुरु (सतगुरू) की प्राप्ति नहीं होती है तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए। जब तक गुरु मिले ना सांचा। तब तक करो गुरु दस पांचा।। Sant Rampal Ji Maharaj
बर्थमान समय में सत गुरु रामपाल जी महाराज एक मात्र सतगुरु है। सत गुरु रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर सत भक्ति करनेसे मानव को बहुत सारी लाभ और सुख मिलता है। सत साहेब जी 🙏🙏🙏
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946 बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई। बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। बिन सतगुरु भेटे महा दुःख पाई। बिन सतगुरु भेटे महा गरबि गुबारि। नानक बिन गुरु मुआ जन्म हारि।
Sat saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹 संत रामपाल जी महराज जी पर प्रशन उठाने से पहले उनके द्वारा लिखे गए पुस्तक ज्ञान गंगा,, जीने की राह,, को अवश्य पढ़े।🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️❤️
#सच्चा_सतगुरु_कौन श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946 बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई। बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। बिन सतगुरु भेटे महा दुःख पाई। बिन सतगुरु भेटे महा गरबि गुबारि। नानक बिन गुरु मुआ जन्म हारि। Sant Rampal Ji Maharaj
❤माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
सूचना: अगर आपको वीडियो पसंद आई, तो Like 👍 और चैनल को Subscribe 🔔 जरुर करें! आपके Support से हम और भी शानदार Videos लाएंगे! धन्यवाद! 🙏✨
ऐसी ही एक और विडिओ देखने के लिए क्लिक करें |👇👇👇👇
ua-cam.com/video/baZh9l0M2-o/v-deo.html
क्यों झूठ बोल रही है संत रामपाल तो संत है ही नहीं वह ढोंगी लग रहा है अपने को संत जो हाथ दे दे करके हल्ला मचा मचा करके अपने को संत सतगुरु कहते हैं असल में वही सच्चे ढोंगी होते हैं
@@SatlokAshramNewsChannel Yeh Rampal pakhandi hain. Radhaswami mat ka adhoora gyan prapt karkey galat aarop laga rahey hain.Radhasoami mat ki Keval ek pustak padhkar aur galat samajhkar galat aarop lagaye hain.
@@SatlokAshramNewsChannel Radhaswami mat ki ek pustak padhkar aur galat samajhkar galat aarop lagaye hain. Rampal khud pakhandi aur nindak hai.
@VishambharDayal-q7c करे भी क्या बिचारी, उसे इन महात्मा को संत साबित करने की सुपारी जो मिली है 😂🤣😂
Ye to kesri movie wala sipahi hai
आपको राधास्वामी सतसंग के बारे मेँ अधूरा ज्ञान है । स्वामी महाराज कुल मालिक के अवतार थे जो जीवों का उद्धार करने लिए गुरू रूप में आये । उन्होंने कभी हट योग नहीं किया । उन्होंने सुरत शब्द योग का अभ्यास किया । स्वामी जी महाराज के चोला छोड़ने के बाद हुजूर महाराज राय बहादुर सालेगराम दुसरे गुरू हुए । राधास्वामी सतसंग 1861 में शुरू हुआ जिसको मानने वाले दुनिया के सभी देशों में है । यदि राधास्वामी सतसंग मन मत होता तो यह अभी तक बंद हो जाता तथा इसके गुरू जेल में बैठे होते । राधास्वामी सतसंग संतमत है गुरू मत है। करोड़ों जीवो को काल के जाल से निकाला है । खान पान शुद्ध करवाया है । लोगों को गुरू भक्ति में लगाया है । राधास्वामी दोऊ कर जान
सतलोक होय एक ठिकान ।
राधास्वामी प्रेम का मत है सामाजिक मत है ।
सप्रेम राधास्वामी ।
Ra dha sva a mi
Radha Soami ji 🙏🙏🙏🙏
@@laxminarainnaharwal4563 very nice
Radha swami
@@laxminarainnaharwal4563 Ra Dha Sva Aa MI 💖 💓 ♥️
Ra dha swa aa mi
अरे बहन क्यु निंदा कर रहे हों,,,, आपको राधा स्वामी पंथ की पूरी जानकारी नहीं है.......... जाओ details में जाकर पढ़ो
Sohit achrya iit ex guru ka vichar sun lena ek baar dhnybaad
Satsang m sirf bhle bhole logo ko lalach de k Fassa jata hai teda aadmi nahi fasta
Acha ek baat btao jb mout us malik k hath mai hai toh aapka baba gun booncer kyo le k chlta. Dusra esme bhai bhtija mama bhanja potra hi kyo. Dusra kyo nahi ab tk toh vans vaad . Chal raha kya enke pariwar n hi malik ko paya hua hai
क्या ये सही बात है कोई बतायेगा
ये कैसे मान ले
MaN ge chore😂😂
Yah Bhang Sant Ramdas Baba ki Cheli hongi
मोक्ष के लिए गुरु बनाना ही पड़ेगा।
1. गीता जी -उस ज्ञान को तू तत्वदर्शी ज्ञानियों के पास जाकर समझ । [आ 4 श्लोक 34 ] -
2. कुरान शरीफ - जिसने आसमानों और जमीन और जो कुछ उनके बीच में है (सबको) छः दिन में पैदा किया, फिर तख्त पर जा विराजा, उसकी खबर किसी बाखबर (तत्वदर्शी संत) से पूछ देखो। [सुरा-25 आयात-59]
3. गुरु ग्रंथ साहिब बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। - बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई ।। [ गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ- 946]
4. गरीबदास जी :-
सतगुरु बिना सुरति नहीं पाटै, खेल मंड्या है सिर के साटै । सतगुरु भक्ति मुक्ति केदानी, सतगुरु बिना न छूटै खानी ।।
5. परमेश्वर कबीर - गुरु ते अधिक न कोई ठहरायी । मोक्षपंथ नहिं गुरु बिनु पाई ।।
6. पवित्र वेद - पूर्ण परमात्मा के विषय में यथार्थ जानकारी तत्वदर्शी संत से पूछे। [ अध्याय 40 श्लोक 10 - 13]
अधिक प्रमाणित आध्यात्मिक ज्ञान के लिए देखे साधना चैनल रात्रि 7:30 से और ईश्वर टीवी रात्रि 8:30 से
तुम तो रामपाल की चेली हो जबकि वह जेल मे है 😄
@@DelhiKanjhawala--DL-BrahmaKuma bilkul shi kha
@@DelhiKanjhawala--DL-BrahmaKuma सत्य के खिलाफ झूठों की फौज खड़ी है। संत रामपाल जी महाराज 11 में से 8 केसों में बरी हो चुके हैं। क्या आपको यह खुश खबर का पता है। चाहे वे जेल में भी है। इतनी कठनाइयों के बाद भी अपने उद्देश से नहीं हटे। यही बाते उन्हें विश्व में सबसे महान बनाती हैं। इतने विरोध के बाद भी अकेले सत्य की राह पर खड़े हैं। जेल की बात भी वो लोक करते हैं। जो श्री राम श्री कृष्ण, के साथ आखरी सांस तक अज्ञानी लोगों ने जितना हो सका कष्ट दिया। माता सीता जी जो राक्षस रावण की कैद में 12 वर्ष रही सीता माता का क्या कसूर था। श्री राम, श्री कृष्ण माता सीता इन्हीं के नाम से ये लोग रोज़ी रोटी कमा रहे हैं।
राधा स्वामी दयाल की दया राधा स्वामी जी सहाय
Tabhi toh Rampal Ji jail mein baithe hai. Deshdroh ke aarop mein haan Ji 🙏
भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव तीनों दोषी थे अंग्रेजों की नजर में देश को आजाद करवाने के लिए उन्होंने इतना महान कार्य किया फिर भी वह अंग्रेजों की जेल में रही क्योंकि वह अंग्रेजों की नजर में दोसी थे
सिख धर्म के प्रवर्तक आदरणीय गुरु नानक देव जी बाबर की जेल में रहे उन्होंने भी परमात्मा की सतभक्ति पर जोर दिया था किंतु उस समय जिन धर्म के ठेकेदारों की दुकान बंद हो रही थी उनको यह बात रास नहीं आई और उन्होंने झूठे आरोप लगवा कर गुरु नानक देव जी को बावर की जेल में डलवा दिया था
लेकिन आज पूरा सिख समाज उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करता है और वो महान आत्मा सभी सिख समाज के लिए पूजनिए और आदरणीय है
संत रामपाल जी महाराज ने आज के टाइम में सभी धर्म ग्रंथो जैसे वेद गीता कुरान शरीफ पवित्र बाइबल पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब सभी का ज्ञान सभी लोगों के सामने रख दिया लेकिन दुर्भाग्य आज उन पर देश द्रोह का केस लगा हुआ है
लेकिन किसी भी गुरु की पहचान उसके ज्ञान से होती है
For your general information Sant Rampal Ji Maharaj Ji has been honorably acquitted in nearly 8 cases and rest of the cases are undertrial. No case has been proven against him.
Indeed anybody who dared to challenge the relegious establishment had to face strong backlash and even imprisonment , Lord Kabir Saheb Ji faced it, Guru Nanak Dev ji also had to face it ,what Sant Rampal Ji Maharaj Ji is facing today.
Truthness in Saint has to be checked by his knowledge, my request to all will be to kindly listen to spritual discourses of Tatavdarshi Sant Rampal Ji Maharaj Ji first completley and then decide.
संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठे आरोप लगाए हैं , पहले पूरी जांच पड़ताल किया करो मीडिया की तरह कुछ भी मत बोलो, सन्त रामपाल जी महाराज जी पर अभी तक कोई भी केस साबित नही हुआ है बल्कि, उनके नाम से नेपाल सहित आज पूरे देश 11 सतलोक आश्रम और पूरे विश्व में 500 से ज्यादा नामदान केंद्र हैं , क्या कोई साधारण मनुष्य जैल में होते हुए ये कर सकते हैं, और यहां बात आध्यात्मिकता की चल रही है जहा आपको राधास्वामी की सच्चाई बताई गई है आपको हजम नही हो रही तो आपकी गलती हैं , राधा स्वामि मरने के बाद भूत बने और अपनी शिष्या बुक्कि में बोलते थें इसका प्रमाण इन्ही की बुक में मिलता है , उन्ही की साधना से जब उन्ही का मोक्ष नहीं हुआ तो उनके अनुयाइयों का कैसे होगा ।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
Sant Rampal ji maharaj par jo bhi case lagaye gaye the vo sab jhoote the kisi ka koi saboot aaj tak nhi mila
सतलोक में हमारा शरीर एक तत्वों से बना होता है जो कभी विनाश में नहीं आता ।
जबकि इस मृत्युलोक का शरीर पांच तत्वों से बना है जो नष्ट हो जाता है।
Radha Swami ji ❤❤❤❤❤❤ Radha Swami ji ❤❤❤❤ hmare satguru ne kisi ko ninda krni nhi sikhai ❤❤❤❤ jo khud bure hote h unhe dusre b bure hi dikhte 😂😂😂😂😂😂
कबीर, गुरू गोविंद दोनों खड़े, किसके लागूं पाय। बलिहारी गुरू आपणा, गोविन्द दियो बताय।।
बिन गुरू भजन दान बिरथ हैं, ज्यूं लूटा चोर। न मुक्ति न लाभ संसारी, कह समझाऊँ तोर।।
कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो बेद पुरान।।
सच्चाई बताना निंदा करना नही हैं
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
Sach to sach hi hota hai ye ninda nhi hai
Hamare Guru ji to proof aapki book se hi dikhate hai
Sach bataya hai koi ninda nhi ki hai chor ko chor kehna koi ninda nhi hai sach kadwa hota hai isliye abhi hajam nhi ho rha hai radha swami panth ko
Puri jankari na ho to Gyan nhi dena chahiye
Radhaswami ji
Sat sahib ji 🙏
मै अपने सतसंगी भाई बहिनो से विनती करना चहाउगा किऐसे वीडियो देख कर भ्रमित न हो राधा स्वामी जी
यहां पर भ्रमित होने की कोई बात नहीं है भाई साहब आप पढ़े लिखे हैं आप भी राधा स्वामी सत्संग का संग्रह सत्संग का संग्रह पुस्तक पढ़ कर देखें आप कोई पता लग जाएगा कि दूध का दूध और पानी का पानी क्या है
अगर यह वीडियो पूरी देख ली तो उस जीव के धन्य भाग हैं
घट रामायण में लिखा है के पांचों नाम काल के है और खुद राधा स्वामी जी की पुस्तक में लिखा है के ये पंथ बिना गुरु के शुरू हुआ पंथ है।m
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
आपने राधा साओमी में जाने पहले क्या हिंदू धर्म का अध्ययन किया? क्या राधासोमी मत बिना ब्राह्मण की बुराई किए आगे नहीं बढ़ सकता था?
अंग्रेजों ने hindu का दमन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी , वो यहाँ cheistianity और इस्लाम स्थापित करना चाहते थे फिर उन्होंने radhasaomi को क्यों बढ़ावा दिया?
क्यूकी इसके माध्यम से हिंदू एक मार्गी बनेगा और हथियारों का त्याग करेगा , समाज में अलग अलग cult के आजाने से हिंदू आपस में मेल जाल नहीं रखेगा और फिर आसानी से बाहरी ताक़तों का शिकार बन जाएगा । आपको कोई मोक्ष नहीं मिलने वाला है , लिख के ले लो
Great gyan
Waheguru ji Dhan dhan shri guru granth sahib ji
Thank you so much for your detailed video. People like you are true gems to society, serving as a guiding light for those in need. You help uplift struggling souls by showing them the true path, embodying the essence of a real Guru.
Jay Jagannath ❤
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
@@nimbaram5652 रामचरितमानस में गोस्वामी जी महाराज ने लिखा है सत पुराण बहू काहे उपाय छूट ना और और उलझाया किताबी ज्ञान को जो उपदेश देते हैं वह सतगुरु नहीं हो सकते सतगुरु का अपना निजी ज्ञान रसायन होता है
दुनियां अजीब है जो दूसरे की निंदा करते है वो कहता है की मैं परमात्मा हूँ राधा स्वामी
Pandit bhee hote hain vidhan bhee hote lekin ravan jaisa vidhan kanha hoga panditai ab kam na aai pandit
भाई साहब यह तो विद प्रूफ दिखा रहे हैं हमने पहले यह पुस्तक राधा स्वामी में रहते हुए कभी नहीं पढ़ी और ना ही गुरविंदर सिंह जी ने पढ़ाई
@@hariprakash9589 वो कह्ते है ना सांच कहु तो जग ना माने....और झूठ कहीं ना जाइ हो...
संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बता रहे हैं जी
सत्य कहना निंदा नहीं होती आप जी से निवेदन है कुछ दिन संतरामपालजी महाराज जी के सत्संग कुछ दिन देखें खुद समझ जाएंगे।। 🙏🙏🙏
ये संसार समझदा नहीं कहदा, श्याम दूपहरेनू।
गरीबदास ये वकत जात है, रोवोगे ईस पहरेनू🌹
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@AJAYKUSHWAH001 brhma ji ne ved padhe ye kahani brahmno ne gadhi. Garibdas ke samne kabir pargat hue ye kahani Garibdas ne gadhi. Rampaal ke saamne kabir pargat hue ye kahani Rampaal ne gadhi. Grubdas or Rampaal ne jo kahani gadhi vo brahmno ke hi anusaar hai. Murkh jeev in ke jhanse me pad kar apne aap ko bhagya shali samjhta hai.
Rajpal ji Maharaj ko chahiye ki Santo ki Satsang me jaye
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना स बसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
*आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
Sant Rampal Ji Maharaj
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब तलक सच्चे गुरु यानी सतगुरु की भक्ति नहीं मिलती तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए
ua-cam.com/video/9vyFxpXb-s8/v-deo.htmlsi=4Qto2H9rKOaf64agजब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Radha Swami Trust k Jo Sanchalak Hain, Abhi Tak Kisi Bhi Devi Devta , Dharm , Anya Kisi Guru ki Alochona Ya Unke Manne Walo ko Dukh ho Aisi Koi Bat Nahi Ki Hai , Sab Kuchh
Us Malik K Hukum Se Chal Raha Hain ,To O Apne Hi Hukim ki Alochana Kyo Karega , Jo Jiski Marji Se Nahi Chalta O
Hi To Alochana Karte Hain. Jiski Marji na Chal Sake O Kahe ka Purn Parmatma Ya Guru Huva, Malik ne Sabko Vivek Takat Di Us Vivek Ka istemal Kare.
Radha Swami Ji ❤
Jab jindgi yuhi hi gva di to
Please ek baar Radha soami dera beas jakar dekh le 🙏🙏🙏🙏🙏.
भक्ति के लिए धर्म ग्रंथों और सच्चे गुरू की जानकारी आवश्यक है। सच्चा गुरू एक समय एक ही होते हैं पूर्ण मोक्ष मंत्र देने वाले जो स्वयं परमेश्वर कबीर साहेब जी या उनके अवतार कृपा पात्र होते हैं जब वो आते हैं तो सभी नकली धर्म गुरूओं के अज्ञान को जनता के सामने बताते हैं और एक परमेश्वर एक सतभक्ति विधि बताते हैं जिससे लोगों के पाप नाश होकर सुख और मोक्ष भी मिलता है। जरूर देखें संतरामपालजी महाराज जी के सत्संग कुछ दिन 🙏🙏🙏
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946
बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई।
बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। बिन सतगुरु भेटे महा दुःख पाई।
बिन सतगुरु भेटे महा गरबि गुबारि। नानक बिन गुरु मुआ जन्म हारि।
जो गुरु शास्त्रों के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयायियों अर्थात शिष्यों को करवाता है, वही पूर्ण संत है। मोक्ष केवल पूर्ण गुरु के द्वारा बताई गई शास्त्रानुकूल भक्ति से होता है और इस कलियुग में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं, जो शास्त्रों के अनुसार सतभक्ति बताते हैं।
समझने वाली बात तो यही है कि हम पढ़े लिखे होकर भी हमारे शास्त्रों में लिखी हुई को ना समझते हैं राधास्वामी पंथ के श्री शिवदयाल जी ने हमारे धार्मिक शास्त्रों का अर्थो का अनर्थ कर रखा है जिस भक्ति करने से हमारे लाखों लोग बहुत ज्यादा परेशान है और अकाल मृत्यु भी मर रहे हैं
संत रामपाल जी महाराज जी सही अर्थ बता रहे हैं शास्त्रों का
आप सभी से अनुरोध है आप देखिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन
साधना टीवी चैनल पर शाम
7:30 से 8:30 तक
राधा स्वामी का ज्ञान कितना महान है इस बात को सचखंड की सडक ने सिद्ध कर दिया है
बहुत ही अच्छी डिबेट है इस डिबेट से ही हमें असली और नक़ली धार्मिक गुरु महामंडलेश्वर कथावाचकों की ज्ञान की पहचान हुई है। शास्त्रों का सत्य और प्रमाणित ज्ञान मिला है।
Radha Soami baba ji ❤❤❤❤
जब पूरा ज्ञान ना हो तो उसके बारे मे बात नही करते
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई
राधास्वामी पंथ का अज्ञान!
संतमत प्रकाश (भाग-4) पृष्ठ 240 पर लिखा है कि सतनाम अपने अंदर है जाओ और ले लो !
ऐसी बातें तो कोई सिर फिरा व्यक्ति ही लिख सकता है !
जानें हकीकत साधना टीवी पर हर शाम 7:30 बजे
Kabir Is God
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
उन्ही की Book से प्रमाण है भाई
जी सन्त रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनना राधा स्वामी जी पर, राधा स्वामी पंथ की किताबो से ही सारे प्रमाण लिए गए हैं , आपको पूरी जानकारी नही है अभी कृपया पहले पूरी जांच पड़ताल करें तभी कुछ उंगली उठाए, इन्होंने परमात्मा को प्रकाश बताया है जबकि हमारे सद ग्रंथो में साफ साफ लिखा है परमात्मा साकार है सहशरीर हैं।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
शिवदयाल का कोई गुरु नहीं था तो सोचों जीव का कल्याण कैसे होगा
राम कृष्ण से कौन बड़ा तिन्नो ने गुरु किनं।
तीन लोक के वे धनी गुरु आगे आधिन।।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
@@nagendrasahu7068 Shivdayal ji ke parivaar ke Guru Sant Tulsi Saheb Hathras wale they. Unka satsang aur seva veh kartey they. Unhone bhi gurubhakti kari hai.
वेद पढ़े पर भेद न जाने, बांचे पुरान अठ्ठारह।
पत्थर की पूजा करें, भूल गये सृजनहारा।।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती हैं और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बगैर किसी चिंता के जीवन जीता है।
सतगुरु मोहे भावै, जो नैनन अलख लखावै।। बोलत ढिगे ना बोलत बिसरे, सत उपदेश दृढ़ावै।।
आंख ना मूंदै कान ना रूदै ना अनहद उरझावै। प्राण पूंज क्रियाओं से न्यारा, सहज समाधि बतावे।।
जो अपने कुकर्मो का दंड जेल मे भोग रहा है ऐसे अपराधी को संत समझने वाला महा मुर्ख ही हो सकता है ऐसे अंधे समाज से क्या आशा की जा सकती है
जय श्री राम
जो पूर्ण सतगुरु होगा उसमें चार मुख्य गुण होते हैं:-
गुरू के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना (ज्ञाता)।
दूजे हरि भक्ति मन कर्म बानी, तीसरे समदृष्टि कर जानी।
चौथे वेद विधि सब कर्मा, यह चार गुरु गुण जानो मर्मा।
राम जी भी तो वनवास कृष्ण जी भी तो अपने मता पिता से दुर हुए थे हमारे साथ ग में तो साफ साफ लिखा है कि kabir is god
गुरू बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुष छड़े मूढ़ किसाना।
गुरू बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे न सार रहे अज्ञानी।
कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझै ना दूजी बार।।
तत्वदर्शी सन्त वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है वह वेद के जानने वाला कहा जाता है।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
गरीब, सेवक होकर उतरे, इस पृथ्वी के माही ।
जीव उधारण जगत गुरु, बार बार बलि जाहि ।।
ua-cam.com/video/SAxzDG5Hv2I/v-deo.htmlsi=znvaLYBo04vFOy8Qजब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Very nice satsang
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Ager krishan ji ki baate maante ho to unhone ye bhi kaha tha ki "mor bachan chahe pad jaaye feeka, sant bachan patthar ki leeka."
Krishna Ji said 'SANT'
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
श्री कृष्णा जी की स्वयं जन्म मृत्यु होती है यह तो स्वयं नाश्वान ह़ अरमान के लिए देखें देवी भागवत महापुराण
Aap pehle sant Rampal ji maharaj ke satsang suniye fir self decide kare ki kiska gyan sahi hai
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Radha Swami ji Meher Karo Baba Ji
इस तरह की आध्यात्मिक डिबेट होती रहनी चाहिए ताकि समाज अपना निर्णय स्वयं ले सके, बड़े-बड़े टीवी न्यूज चैनलों को भी इस तरह की डिबेट आयोजित करनी चाहिए जिससे मानव समाज को सही दिशा मिल सके क्योंकि आज के समय में सिर्फ राजनैतिक डिबेट्स ही होती है इस अद्वितीय ज्ञान चर्चा के लिए SA न्यूज का बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🏻🙏🏻
कबीर, जान बूझ साच्ची तजैं, करै झूठ से नेह।
ताकि संगत हे प्रभु, स्वपन में भी ना देय।।
~ जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
यह डिबेट बिलकुल सही है ऐसी ही डिबेट और होनी चाहिए। इस डिबेट से सही और गलत का पता चलता है।
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart48 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणpart49
शिव लिंग पूजा :- जो अपने धर्मगुरूओं द्वारा बताई गई धार्मिक साधना कर रहे हैं, वे पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं कि यह साधना सही है। इसलिए वे अंधविश्वास (Blind Faith) किए हुए हैं।
इस शिव लिंग पर प्रकाश डालते हुए मुझे अत्यंत दुःख व शर्म का एहसास हो रहा है। परंतु अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए प्रकाश डालना अनिवार्य तथा मजबूरी है। शिव लिंग (शिव जी की पेशाब इन्द्री) के चित्र में देखने से स्पष्ट होता है कि शिव का लिंग (Private Part) स्त्री की लिंगी (पेशाब इन्द्री यानि योनि) में प्रविष्ट है। इसकी पूजा हिन्दू श्रद्धालु कर रहे हैं।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जिस पंथ के प्रवर्तक नाचे में चूर हो वो कैसे किसी का उद्धार कर सकते है। संत रामपाल जी महाराज
Jis panth ke Guru apradh karkey jail mein band ho veh kaise kisi ka uddhar kar saktey hain?
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
इतनी बड़ी रहस्य आज परमात्मा की ही रजा से इस डिबेट से सारे संसार को पूर्ण परमात्मा मिल गया। अब कोई संशय ही नहीं रहा। बहुत-बहुत धन्यवाद मीडिया वालों को। जो संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान जन जन तक पोछाया
सत गुरु शरण आने से, आई तले बलाय |
जे मस्तक में सुली होए ,बा काटे में टाल जाए||
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जो सच्चे गुरु होते हैं वह नशा नहीं करते पर यह तो काव्य करते हैं उनकी जीवनी में लिखा है
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@PapuRamGrasiya-qz6jb Shiv ji bhaang khatey hain toh kya Shiv devta nahin hain?
गीता जी अध्याय 8 श्लोक 16 के अनुसार पृथ्वी लोक से ब्रह्मलोक तक सभी लोक पुनरावृत्ति में हैं।
लेकिन सतलोक ही वह अमर स्थान है, जहां जाने के बाद साधक की जन्म-मृत्यु नहीं होती।
Radha swami ji
आब्रह्मभुवनाल्लोकाः पुनरावर्तिनोऽर्जुन ।
मामुपेत्य तु कौन्तेय पुनर्जन्म न विद्यते ॥ (१६)
और संस्कृत में आ का अर्थ इस होता है।भुवन का अर्थ संसार। होता है।
आप ब्रह्म भुवन लोक का मतलब इस संसार में आए सभी प्राणी पुनरावृत्ति में है।
गूगल पर सर्च कर लेना भुवन का अर्थ
गीता को ढंग से पढो गीता को
✴️गुरुनानक वचन
👉सोई गुरु पूरा कहावै, जो दो अक्खर(सतनाम) का भेद बतावै।
एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर (साश्वत स्थान मोंक्ष) को पावै।
🙏तज पाखंड सतनाम लौ लावै, सो भवसागर से तरिया।🌾
🙏कहै कबीर मिलै गुरु पूरा स्यो परिवार उधरिया। 🌾
ये संसार समझदा नहीं कहदा, श्याम दोपहरनू।गरीबदास ये वक्त जाता है ,रोवोगे इस पहरेनू🌺
Kabir Is Supreme God 🙏🌹
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
कबीर परमेश्वर का जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ था, वे एकमात्र सर्वशक्तिमान व अविनाशी परमेश्वर हैं।
श्री कृष्ण जी काल नहीं थे❓ तो फिर गीता बोलने वाला काल कौन है 🤔
जानने के लिए अवश्य पढ़े अनमोल पुस्तक "ज्ञान गंगा" |
पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी
संत रामपाल जी महाराज का सत्संग प्रतिदिन साधना चैनल पर 7:30 से एक बार अवश्य सुनेजी
संत रामपाल जी महाराज पुरे विश्व में एक मात्र तत्वदर्शी संत है ।
यूट्यूब पर अवश्य देखिए
Sant rampal ji maharaj you tube channel पर सभी सतग्रथों से प्रमाणित ज्ञान है
#सच्चा_सतगुरु_कौन
कबीर, दण्डवत् गोविन्द गुरू, बन्दू अविजन सोय।
पहले भये प्रणाम तिन, नमो जो आगे होय।।
Sant Rampal Ji Maharaj
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
❤😂🎉 satguru shibdaya swami ji satguru jaimal singh jisatguru sawan singh ji satguru jagat singh ji satguru charan singh ji satguru babagurender singh ji satguru hazur jasdeepsingh ji radha soami ji saadh sangat ji radha soami ji ❤😂🎉
#GodMorningWednesday
🌺__... परम शांति...__🌺
परम शांति उसे कहते हैं जब जीव का जन्म मरण का चक्र समाप्त हो जाता है। उसका पुनः जन्म नहीं होता।
🙇 🙇
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
💯राधास्वामी पंथ के नकली धर्मगुरु सतनाम को ही परिभाषित नहीं कर सके। इनको ये ही नहीं पता सतनाम भगवान है या स्थान है या मन्त्र का जाप है।
उनकी पुस्तक संतमत प्रकाश भाग-3 जिसके लेखक सावन सिंह जी हैं के पृष्ठ 76 पर लिखा है कि "सचखंड या सतनाम चौथा लोक है", तथा पृष्ठ 79 पर लिखा है कि "चौथा राम सतनाम है, यही असली राम है।"
Satlok mein Satnam anhad shabd hai. Radhaswami mat par galat aarop lagatey ho. Radhaswami mat ki anya pustakon mein Satlok mein hone wala anhad shabd Satnam bataya hai. Radhaswami mat bhi Kabir Saheb ko apna Guru maanta hai.
@chhamilalanuragi8826 Kabir Saheb ne likha hai ki 'Kabir dhara Agam ki satguru dai lakhay ulat tahi sumiran karo swami sang milay. 'Iska arth hai ki Agam lok se aaney wali dhara satguru ne dikha di. Us dhara ko ulat kar swami ke saath jodkar sumiran karo. Dhara ka ulta Radha hua aur swami ke saath jodkar Radhaswami hua, jiska sumiran karney ke liye Kabir Saheb ne farmaya. Radhaswami asli parmatma hain aur Radhaswami sachcha panth hai.
@chhamilalanuragi8826 Kabir Saheb ne khud Radhaswami naam ke sumiran karney ki salah di hai. Kabir Saheb ka doha hai-Kabir dhara Agam ki satguru dai lakhay ulat tahi sumiran karo swami sang milay. Iska arth hai ki Agam lok ki dhara satguru ne dikha di. Is dhara ko ulat kar swami ke saath jodkar sumiran karo. Dhara ka ulta Radha hua aur Swami ke saath jodkar Radhaswami hua.
राधास्वामी पंथ का मूल सिद्धांत है कि परमात्मा निराकार है, सतलोक में केवल प्रकाश ही प्रकाश है। जबकि सर्व शास्त्र सिद्ध करते हैं कि परमात्मा साकार है, सत्यलोक में राजा के समान सिंहासन पर विराजमान है। नानकदेवजी, धर्मदास जी, गरीबदास जी, दादू जी इत्यादि को परमात्मा सतलोक लेकर गये, इन संतों ने परमात्मा की सटीक महिमा बताई है।
आपने गलत बोला,,, राधा स्वामी ने कभी नहीं बोला,, कि SATLOK में केवल प्रकाश है....... परमात्मा नहीं.......
शायद आपने राधा स्वामी के ग्रंथो का अध्ययन ठीक तरह से नहीं किया 🙏🏻
Please …अगर आप को किसी बात की पुष्टि की नौलेज नहीं है तो किसी पते वाले लोगों की तालाश करने में कोई बदनामी नहीं है! सब संत जो पूरे हैं कहते है कि पूरे गुरू निराकार का साकार रूप है वे यहाँ भी और वहाँ भी है! राधा स्वामी
@@malkitmothuwal771आप सही हो भाई
अरे गरीब दास जी महाराज की वाणी में लिखा है। निर्गुण साहिब आप है सर्गुण संत विचार।
और निर्गुण को रामपाल जी ने ही निराकार बताया है।
@@new-hr4gs Radhaswami mat mein Satlok mein sakar rup bataya gaya hai. Satlok ke upar paramdham mein nirakar rup hai.
Radha sbami kal ka panth h
मेरे गुरु ने मना किया है लेकिन कहना पड़ रहा है कि आप शायद रामपाल जी कि शिष्या हो। क्योंकि आप साधना नहीं केवल किताबी कीड़ा हो।
जो समझदार है वो पढ़कर ही सही और गलत को पहचान पाते है।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
यदि ज्ञान किताबों से नहीं तो फिर आया कहां से बताइए।
हमें मनुष्य जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह तो किताबों या शास्त्रों से ही पता चलता है नकि किसी आदमी के मुख से
प्रत्येक व्यक्ति की बातें अलग अलग है उसका निर्णय कैसे करोगे बताइए
Jai Radha Soamiji ki Always Forever ♥️🌹🌹🌺🙏👏🙏👏🙏👏🙏🙏👏🙏👏🙏👏🙏👏
राधास्वामी पंथ आगरा व उससे जितने भी पंथ निकले हैं, वे सभी 5 नाम जप करने के लिए देते हैं जो इस प्रकार हैं:
ज्योति निरंजन, ओंकार, ररंकार, सतनाम, सोहं। परंतु घट रामायण में हाथरस के तुलसीदास साहिब जी ने प्रमाण दिया है कि;
“पांचों नाम काल के जानो, तब दानी मन शंका आनो”
इससे यह प्रमाणित हुआ कि पांचों नाम काल के हैं और पूरा राधास्वामी पंथ काल का पंथ है ना कि दयाल का और रही बात सतपुरुष, अकाल मूर्त, शब्द स्वरूपी राम जाप करने की, तो ये परमात्मा के पर्यायवाची नाम हैं, ना कि परमात्मा प्राप्ति के मंत्र।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@सत्यज्ञान-छ3ढ Radhaswami mat mein mukhya sumiran Radhaswami naam ka bataya jata hai. Radhaswami naam aur Satnam kal ke naam nahin hain. Anya naamon ki jaankari di jaati hai. Radhaswami mat Dayalbagh Agra mein Radhaswami mat ka mukhya kendra aur yahaan par Radhaswami mat ke pravartak niwas kartey they. Aap jaan jayenge ki 5 naam ki jaankari di jaati hai lekin mukhya sumiran Radhaswami naam ka bataya jata hai.
*हमरे ही हुनियार हैं, हमारा सिरजनहार।*
*गरीबदास विधि भेद सुन, खुल्हें मुक्ति द्वार।।*
*यह सतगुरू उपदेश है, जो माने परतीत ।*
*करम भरम सब त्यागि के, चलै सो भव जल जीत ।।*
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
❤❤❤❤ Radha Swami ji ❤❤❤❤ jo kar raha h usne karne do kable Apne se matlab rakho radha swami ji ❤❤❤❤❤
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
अगर हम कबीर सागर या वेद, शास्त्रो मे लिखी विधि अनुसार साधना नहीं करेंगे तो हमें कोई लाभ, मोक्ष नहीं मिलेगा, संत रामपाल जी इन सभी शास्त्रो से प्रमाणित ज्ञान बता रहे है, दो अक्षर सतनाम का भी भेद बता रहे हैं।
Satlok Ashram youtube channel
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
Sabhi bhagwaan ke bache hai sahi gyan hona jaroori hai taki sab uss parmatma ko jan sake
बहुत अच्छी डिबेट है SA न्यूज़ चैनल वालों का धन्यवाद करना चाहेंगे ऐसे महान संत के ज्ञान को ऊपर लाने की पहल की है जो विश्व कल्याण हेतु ज्ञान दे रहें है और वो ज्ञान हमारे सभी सद्ग्रंथो से प्रमाणित है ऐसे मह... Read more
ये रामपाल जी की टीम की कंप्यूटर हे जो लोगो को गलत जानकारी देती है और जो जेल में बंद हे तो क्यू बंद हे सच्चे गुरु जेल में नही रहते
तो बाहर वाले बैठे हैं उन संतों की पूरी हिस्ट्री सुना दी आपको अब आपको बातें करनी लग रही है आप ही पढ़ कर देख कर वतन जो बाहर घूम रहे हैं उन संतों की और जो गुरु गद्दी पर बैठे ककह नहीं इनके पास
यह तो राधा स्वामी की पुस्तकों से ही ज्ञान दिया जा रहा है इसमें निंदा कहां है मूर्ख तो हम स्वयं ही है जो बिना प्रूफ देख विश्वास कर बैठे थे
यह सच्चाई सभी के सामने आनी चाहिये।
और एक डिवेट करना चाहिए। जो प्रमाण सहित हो ।
#सच्चा_सतगुरु_कौन
Live on Guru Purnima
Incomplete Gurus tell devotional songs and mantras that are against the scriptures, which are useless according to Gita Chapter 16 Verse 23.
Whereas Purna Guru Sant Rampal Ji Maharaj
The devotion and mantras certified by the scriptures are given in the initiation due to which even the incurable disease of the seeker is cured and
#सच्चा_सतगुरु_कौन
It is said in Shrimad Bhagwat Geeta Chapter 15 Verse 1 - 4, 16, 17 that the saint who tells all the divisions of the tree hanging upside down in the form of this world is a complete Guru/true Sadguru.
Only Sant Rampal Ji Maharaj is telling this philosophy.
Sant Rampal Ji Maharaj
राधास्वामी पंथ निगुरा पंथ है।ये शास्त्र विरूद्ध साधना बताता है। कबीर परमेश्वर ने अपनी अमृत वाणी में कहा है -गुरू बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन बिन दोनो निष्फल है, चाहे पुछो वेद, पुराण।।
राधा स्वामी पंचमी गुड़ा पथ है यह शास्त्र विरुद्ध साधना बताता है कबीर परमेश्वर ने अपनी अमृतवाणी में कहा है गुरु बिन माला फेरती गुरु बिन देते दान गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछोवेद पुराण और अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना चैनल पर शाम 7:30 से 8:30 तक
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@ageshwarisahu4165 Radhaswami mat mein Shivdayal ji ke parivaar ke Guru Sant Tulsi Saheb Hathras wale they. Unka satsang aur seva veh kartey they. Is prakar unhone bhi gurubhakti kari hai. Radhaswami panth ki sadhna shastra viruddh nahin hai.
Kabir Saheb ke Guru ke koi Guru nahin they. Is tarah Kabir panth bhi nigura panth hai.
संत रामपाल जी सच्चे सतगुरु है तो जेल में क्यों बैठे है।😂
जेल में तपस्या कर रहे है ।
72 हुरो के लिए ।
श्री देवी महापुराण के सातवें स्कंध पृष्ठ 562-563 पर प्रमाण है कि श्री देवी जी ने राजा हिमालय को उपदेश देते हुए कहा है कि हे राजन! अन्य सब बातों को छोड़कर मेरी भक्ति भी छोड़कर केवल एक ऊँ नाम का जाप कर
गुरू बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुष छड़े मूढ़ किसाना।
गुरू बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे न सार रहे अज्ञानी।
कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझै ना दूजी बार।।
कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि-
जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै।
या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।
कबीर साहेब अपने प्रिय शिष्य धर्मदास को इस वाणी में ये समझा रहे हैं कि जो मेरा संत सत भक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे। ये उसकी पहचान होगी।
Krishna ji jail mein kyu paida hue the?
Bhagat Singh aur Sukhdev bhi toh jail gaye the kya Aaj ka samaj unhe galat bolta hai?
Itihas gawah hai jab jab sach ko samne laane ki koshish ki jaati hai tab tab uske bohot virodhi hote hain.
Humare parmeshwar Kabir ji ke roop mein Satguru Rampal ji Maharaj aaye Hain humare toh bhagwan hain.
Sant Rampal ji Maharaj ji se naam diksha lene Matra se bhakto ko aise aise laabh mile hain jiski koi ginti nahi . Aam jagat ke guru kehte Hain ki kismat ko koi nhi badal sakta vo toh bhogna hi padta hai l lekin humare Guru ji Sant Rampal ji Maharaj kismat bhi badal dete hain.
"Andhe ko aankh det, kodhin ko kaya
Banjhan ko Putra det NIRDHAN ko maya" ye saari baatein sach Hui Hain ye sukh sirf sant Rampal ji Maharaj ke bhakto ko hi milte hain.
Sat Saheb Ji 🙏🏻
जब तक सच्चे गुरु (सतगुरू) की प्राप्ति नहीं होती है तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए।
जब तक गुरु मिले ना सांचा।
तब तक करो गुरु दस पांचा।।
यह डिबेट बिलकुल सही है ऐसी ही डिबेट और होनी चाहिए। इस डिबेट से सही और गलत का पता चलता है।❤❤
नौ मन सूत उलझिया,ये ऋषि रहे झक मार ।
सद्गुरु ऐसा सुलझा दे उलझे न दुजी बार ।।
Or le jay sida jehl diwar 😅😅😅😅😅
RADHA SWAMI JI
Only True Sadhguru Saint Rampal Ji Maharaj
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
#सच्चा_सतगुरु_कौन 🍀
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
#SantRampalJiMaharaj
#SatGuru #Guru #TrueGuru #गुरु #गुरुपूर्णिमा
#GuruPurnima
True Spiritual Leader Sant Rampal Ji Maharaj
सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
- ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
परम् संतों ने (बीडी हुक्का तुंबाखू) को कितना पाप बताया है 👇
💠 सद्गुरू कबीर साहिब वाणी 📖
भांग तमाखू छूतरा, आफू और शराब ।
कौन करेगा बंदगी, ये तो करे खराब ।।
अमल आहारी आत्मा, कबहुं ना पावै पार ।
कहैं कबीर पुकार के, त्यागो ताहि विचार ।।
हरिजन को सोहै नहीं, हुक्का हाथ के मांहि ।
कहैं कबीरा राम जन, हुक्का पीवै नांहि ।।
हुक्का तो सोहै नहीं, हरि दासन के हाथ ।
कहैं कबीर हुक्का गहै, ताको छोड़ो साथ ।।
💠 श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी (अंग 726) 📖
पान सुपारी खातीआ, मुखि बीड़ीआ लाईआ ।
हरि हरि कदे न चेतिओ, जमि पकड़ चलाईआ ।।
जो जीव पान-सुपारी आदि खाते हैं, मुँह में बीड़ी लगाए फिरते हैं, और जिन्होंने प्रभु का नाम कभी नहीं स्मरण किया, उनको जम दूतों ने पकड़ के आगे ले लिया ।।
💠 सद्गुरू गरीबदास साहिब वाणी 📖
सौ नारी जारी करें, सुरापांन सौ बार ।
एक चिल्म हुक्का भरें, डूबे काली धार ।।
हुक्का हर दम पीवहीं, लाल मिलावै धूर ।
इसमें शांसा है नहीं, थे जन्म पीछले सूर ।।
Radha Soami EK MAT HA NA KI PANTH, AUR BIDI SIGRATE KI BANNED HA IS MAT ME, AUR SACHE SIKH KADE BIDI SIGRATE NAI PITE.RADHA SOAMI JI
श्री नानक देव जी कहते हैं
सोई गुरुपुरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे एक छुड़ावे एक लखावे तो प्राणीनिज घर को पावे।
यही दो अक्षर का भेद संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल बता रहे हैं
श्री नानक देव जी कहते है
सोई गुरू पुरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे एक छुडावे एक लखावे तो प्राणीनिज घर को पावे।
यही दो अक्षर का भेद संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल बता रहे हें
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Jo sachha parmatma sachha guru hota vo bas apne satsangi ko sachha rasta dikhate na ki dusre pant ko badnam karte he
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
#सच्चा_सतगुरु_कौन
श्री नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी के पृष्ठ 1342 पर कहा है:-
‘‘गुरु सेवा बिन भक्ति ना होई, अनेक जतन करै जे कोई’’
Sant Rampal Ji Maharaj
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
True Spiritual Leader Sant Rampal Ji Maharaj
The saint who tells about devotion according to the scriptures is the complete saint. In this regard, Gita chapter 4 verse 34, Gita chapter 15 verse 1-4, and Yajurveda chapter 40 verse 10 also point towards the complete saint i.e. Tatvdarshi saint.
At present, Saint Rampal ji
Radha Swami satsang hi sabse bada hai❤❤
I am sorry to say that your channel is not showing the real truth. You may explore the proper things then show on you channel.
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रोक्त भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष संभव है।"
"कबीर साहेब कहते हैं:
कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुराण।।
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मंड का एक रति नहीं भार। सतगुरू पुरूष कबीर हैं कुल के सृजनहार।।
#SantRampalJiMaharaj
@@GumanaRamOsian जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
🙏🌷🌺🌹🍁 Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj Keei Jai Ho🙏Sat Saheb Ji 🙏🌷🌺🌹🍁.. 🙏🌷🌺🌹🍁परमात्मा केचरणों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏क्या लिखूँ मैं सतगुरु की शान में, सब कुछ तो लिख दिया"खुदा"ने"गीता, वेद, पुराण और कुरान में। कबीर- ज्ञानी हो तो हदय लगाई । मूर्ख हो तो गम न पाई..
🌟भौतिक सुविधाएं होने पर यदि कोई सत्य भक्ति नहीं करता तो वह व्यक्ति पूर्व जन्मों में की गयी भक्ति का ही फल भोग रहा है।
आज यदि सत्य भक्ति नहीं करते तो अगले जन्म में चौरासी में कष्ट उठाना पड़ेगा।
हमारे धर्म गुरु, कथावाचकों का कहना है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों एक ही हैं, जबकि हमारे धर्म शास्त्रों में साफ-साफ लिखा है कि ये तीनों देवता अलग-अलग हैं👍👍💯💯💯
जो दूसरे मार्ग की आलोचना करता है वो सम्मान के लायक नहीं।
@@rakeshsethi3557 dyry rahe 🙏🙏
ये कौन तय करेगा कि सत्य बात कौनसी है,आप भी गलत हो सकते हो
Whatever Saint Rampal Ji Maharaj Ji has been telling is TRUTH ,he is giving evidence of every single word.
Can u give a single piece of evidence to prove he's wrong
आलोचना और सच कहने में फर्क होता है।
बड़े भाई सच्चाई को आलोचना कह रहे हो आलोचना को क्या बोलोगे आप ही की किताबों में तो लिखा है यह सब
राधा स्वामी संत के प्रवर्तक स्वामी शिवदयालसिंह जी भूत बनकर बुक्की में बोलते हैं जो उनकी की शिष्य है राधास्वामी के पास शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति नहीं है अगर शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति होती तो वह भूत क्यों बनते शास्त्रों से प्रभावित भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास ही है और विश्व में किसी के पास भी नहीं है
@@RajuChandel-si2wf Radhaswami mat ke pass shastron se pramanik bhakti hai. Guru Nanak Dev ji bhi sansaar se jaane ke baad Guru Angad Saheb ko darshan detey aur hukm detey they,us hukm ke anusar Angad Saheb kaam kartey they. Sant is sansaar se jaane ke baad apne gehre shishya ko darshan detey hain aur hukm detey hain. Isse sansaar mein moksh ka kaam kartey hain. Radhaswami mat ke Guru Shivdayal Singh ji Maharaj ne bhi yehi kiya. Sab sahi hai.
Radha Swami Trust k Jo Sanchalak Hain, Abhi Tak Kisi Bhi Devi Devta , Dharm , Anya Kisi Guru ki Alochona Ya Unke Manne Walo ko Dukh ho Aisi Koi Bat Nahi Ki Hai , Sab Kuchh
Us Malik K Hukum Se Chal Raha Hain ,To O Apne Hi Hukim ki Alochana Kyo Karega , Jo Jiski Marji Se Nahi Chalta O
Hi To Alochana Karte Hain. Jiski Marji na Chal Sake O Kahe ka Purn Parmatma Ya Guru Huva, Malik ne Sabko Vivek Takat Di Us Vivek Ka istemal Kare.
Radha Swami Ji ❤
@@RajuChandel-si2wf क्या सोच है, कई महात्मा बंदी हैं वो भी अपनी-अपनी संगत मैं भूत बन सत्संग दे रहे है उनका फोटो ही सत्संग दे रहा है
Juthi ninda krne se Radha swami panth ni mitega
जिस पंत के प्रवर्तक खुद हुक्का पीते हो तो उनके चेलो का क्या हाल होगा
जबकि संत rampal जी महाराज की सरन मे आने के हुका बीड़ी शराब से उनके शिष्य हाथ तक नहीं लगाते
कबीर सो नारी जारी करे सुरापान सो बार
एक हुक्का चिलम भरे वह डुबे कलीधार
परमात्मा कबीर ने एक हक्का चिलम भरने में इतना पाप बताया है तो आपके गुरु जी तो हुक्का पीते थे उनको कितना पाप लगता होगा तो फिर आप बताओ क्या ऐसे गुरु की भक्ति करने से आप पर हो जाओगे
हवा तो निकल गई है ज्यादातर अपना नाश करवा कर अब रो रो कर संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आ रहे हैं।।
Agar Gyan sahi hota to khud bukki ke andar bhoot bankar nhi bolte shivdayal ji
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
आप का परमार्थ का इतना गहरा ज्ञान देखकर हम आनंदमय होगए आप ने हमारी तीसरी आँख खोल दी। धन्यवाद। जी डी चोधरी।
सत्पुरुष अैसी आत्मा को शांति प्रदान करें क्योंकि इन को पता ही नहीं कि यह क्या मामला है और यह क्या कह रहे हैं! राधा स्वामी
@@pankajdas5655 Guru Nanak Dev ji sansaar se jaaney ke baad Guru Angad Saheb ko darshan detey they. Us hukm ke anusar Guru Angad Saheb sikhon ka margdarshan kartey they. Sant apne mukhya shishya ke dwara sansaar se jaane ke baad moksh ka kaam kartey hain. Shivdayal Saheb ne keval Satnam aur Radhaswami naam japa. Baaki naam keval jaankari ke liye Radhaswami mat mein bataye jaatey hain. Mukhya Radhaswami naam ka sumiran karney ke liye kaha jata hai. Satnam aur Radhaswami naam kal ke naam nahin hain.
Khan khan se chale ate hai poora gian hota nahi bakwas video 👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎
Radha Swami asali Guru hai mere baba
Haa Ji Jo Bhut Bankar Apni Shishya Bikki me Aa Rahe Hai Or Unse Hukka Maang Rahe Hain
पूरे विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज का ही ज्ञान शास्त्र अनुकूल है जबकि अन्य सभी धर्म गुरुओं का ज्ञान शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण हैं जिससे भगत समाज को कोई लाभ नहीं मिलता है संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताई गई भक्ति साधना करने से मानव समाज का कल्याण होगा 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
जेल जाये बिना कोई भी सच्चा गुरु नहीं बन सकता 🤣
Radha Sowmi ji
💫सभी धर्मों की पवित्र पुस्तकें इस तथ्य का प्रचार करती हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने सभी जीवों को भोजन के रूप में पौधे, जड़ी-बूटियाँ और झाड़ियाँ खाने का निर्देश दिया है। उसने कभी किसी जीव को दूसरे जीव को अपना भोजन बनाने का आदेश नहीं दिया। 🙏🏻🙏🏻
सच्चा_सतगुरु_कौन
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मंड का एक रति नहीं भार। सतगुरू पुरूष कबीर हैं कुल के सृजनहार।।
Sant Rampal Ji Maharaj
#सच्चा_सतगुरु_कौन
जब तक सच्चे गुरु (सतगुरू) की प्राप्ति नहीं होती है तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए।
जब तक गुरु मिले ना सांचा। तब तक करो गुरु दस पांचा।।
Sant Rampal Ji Maharaj
Radha. Swami. Ji.
Jo sant dusro mai Kami nikale ninda chugli kare wo kabhi sant nahi ho sakta wo moh jal mai fasa hua h dusro ko kya niklega
Radha Soami Ji 😊🙏🙏🙏
Simply criticizing a particular path doesn't make you look good. On the contrary, it shows your insecurity.
Radhasoami ji 🙏
बर्थमान समय में सत गुरु रामपाल जी महाराज एक मात्र सतगुरु है। सत गुरु रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर सत भक्ति करनेसे मानव को बहुत सारी लाभ और सुख मिलता है।
सत साहेब जी 🙏🙏🙏
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946
बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई।
बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। बिन सतगुरु भेटे महा दुःख पाई।
बिन सतगुरु भेटे महा गरबि गुबारि। नानक बिन गुरु मुआ जन्म हारि।
Sat saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹 संत रामपाल जी महराज जी पर प्रशन उठाने से पहले उनके द्वारा लिखे गए पुस्तक ज्ञान गंगा,, जीने की राह,, को अवश्य पढ़े।🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️❤️
#सच्चा_सतगुरु_कौन
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946
बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई।
बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। बिन सतगुरु भेटे महा दुःख पाई।
बिन सतगुरु भेटे महा गरबि गुबारि। नानक बिन गुरु मुआ जन्म हारि।
Sant Rampal Ji Maharaj
सतभक्ति करने से मानव जीवन सफल हो जाता है। परिवार में किसी प्रकार की बुराई नहीं रहती। परमात्मा की कृपा सदा बनी रहती है।
❤माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।