राधास्वामी की जन्मकुंडली | Radhasoami Exposed | SATLOK ASHRAM
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- Опубліковано 20 сер 2024
- राधास्वामी की जन्मकुंडली | Radhasoami Exposed | SATLOK ASHRAM
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क्यों झूठ बोल रही है संत रामपाल तो संत है ही नहीं वह ढोंगी लग रहा है अपने को संत जो हाथ दे दे करके हल्ला मचा मचा करके अपने को संत सतगुरु कहते हैं असल में वही सच्चे ढोंगी होते हैं
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
सत्य जानकारी दी गईं है। यही जानकारी मैने स्वयं राधास्वामी पंथ की पुस्तक में पढ़ी है।
सच्चाई बताना आलोचना नहीं होता, बल्कि इस सच्चाई को देखकर हम अपना अनमोल मानव जीवन गलत साधना करके बचा सकते हैं।
क्या श्री कृष्ण से अन्य कोई परमेश्वर है?
गीता जी अध्याय 15 श्लोक 17 में है कि अविनाशी व सबका धारण-पोषण करने वाला व पुरूषोत्तम परमात्मा तो गीता ज्ञान देने वाले से अन्य ही बताया है।
हिन्दू समाज गीता को शिरोधार्य मानता है। और गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि उस एक परमेश्वर की शरण में जाओ।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Radha Swami Trust k Jo Sanchalak Hain, Abhi Tak Kisi Bhi Devi Devta , Dharm , Anya Kisi Guru ki Alochona Ya Unke Manne Walo ko Dukh ho Aisi Koi Bat Nahi Ki Hai , Sab Kuchh
Us Malik K Hukum Se Chal Raha Hain ,To O Apne Hi Hukim ki Alochana Kyo Karega , Jo Jiski Marji Se Nahi Chalta O
Hi To Alochana Karte Hain. Jiski Marji na Chal Sake O Kahe ka Purn Parmatma Ya Guru Huva, Malik ne Sabko Vivek Takat Di Us Vivek Ka istemal Kare.
Radha Swami Ji ❤
कौन सी पुस्तक मे आपने पढी की वे हठ योग करते थे जानकारी न हौ तो कृपया Comment मत किया करे
यह डिबेट बिलकुल सही है ऐसी ही डिबेट और होनी चाहिए। इस डिबेट से सही और गलत का पता चलता है।
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart48 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणpart49
शिव लिंग पूजा :- जो अपने धर्मगुरूओं द्वारा बताई गई धार्मिक साधना कर रहे हैं, वे पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं कि यह साधना सही है। इसलिए वे अंधविश्वास (Blind Faith) किए हुए हैं।
इस शिव लिंग पर प्रकाश डालते हुए मुझे अत्यंत दुःख व शर्म का एहसास हो रहा है। परंतु अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए प्रकाश डालना अनिवार्य तथा मजबूरी है। शिव लिंग (शिव जी की पेशाब इन्द्री) के चित्र में देखने से स्पष्ट होता है कि शिव का लिंग (Private Part) स्त्री की लिंगी (पेशाब इन्द्री यानि योनि) में प्रविष्ट है। इसकी पूजा हिन्दू श्रद्धालु कर रहे हैं।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
ये संसार समझदा नहीं कहदा, श्याम दूपहरेनू।
गरीबदास ये वकत जात है, रोवोगे ईस पहरेनू🌹
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
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गरीब, सेवक होकर उतरे, इस पृथ्वी के माही ।
जीव उधारण जगत गुरु, बार बार बलि जाहि ।।
ua-cam.com/video/SAxzDG5Hv2I/v-deo.htmlsi=znvaLYBo04vFOy8Qजब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
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बहुत ही अच्छा डिबेट चल रहा है इस डिबेट के माध्यम से पूरी दुनिया को पता चलेगा कि सच्चाकौन है हर सच्चा गण किसके पास है
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साचा शब्द कबीर का सुनते लागे आग ।
अग्यानी तो जल मरै ग्यानी जावै जाग
जब तलक सच्चे गुरु यानी सतगुरु की भक्ति नहीं मिलती तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए
ua-cam.com/video/9vyFxpXb-s8/v-deo.htmlsi=4Qto2H9rKOaf64agजब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
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तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
राधा स्वामी संत के प्रवर्तक स्वामी शिवदयालसिंह जी भूत बनकर बुक्की में बोलते हैं जो उनकी की शिष्य है राधास्वामी के पास शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति नहीं है अगर शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति होती तो वह भूत क्यों बनते शास्त्रों से प्रभावित भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास ही है और विश्व में किसी के पास भी नहीं है
@@RajuChandel-si2wf Radhaswami mat ke pass shastron se pramanik bhakti hai. Guru Nanak Dev ji bhi sansaar se jaane ke baad Guru Angad Saheb ko darshan detey aur hukm detey they,us hukm ke anusar Angad Saheb kaam kartey they. Sant is sansaar se jaane ke baad apne gehre shishya ko darshan detey hain aur hukm detey hain. Isse sansaar mein moksh ka kaam kartey hain. Radhaswami mat ke Guru Shivdayal Singh ji Maharaj ne bhi yehi kiya. Sab sahi hai.
Radha Swami Trust k Jo Sanchalak Hain, Abhi Tak Kisi Bhi Devi Devta , Dharm , Anya Kisi Guru ki Alochona Ya Unke Manne Walo ko Dukh ho Aisi Koi Bat Nahi Ki Hai , Sab Kuchh
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@@RajuChandel-si2wf क्या सोच है, कई महात्मा बंदी हैं वो भी अपनी-अपनी संगत मैं भूत बन सत्संग दे रहे है उनका फोटो ही सत्संग दे रहा है
सतगुरु मोहे भावै, जो नैनन अलख लखावै।। बोलत ढिगे ना बोलत बिसरे, सत उपदेश दृढ़ावै।।
आंख ना मूंदै कान ना रूदै ना अनहद उरझावै। प्राण पूंज क्रियाओं से न्यारा, सहज समाधि बतावे।।
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
राधास्वामी पंथ निगुरा पंथ है।ये शास्त्र विरूद्ध साधना बताता है। कबीर परमेश्वर ने अपनी अमृत वाणी में कहा है -गुरू बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन बिन दोनो निष्फल है, चाहे पुछो वेद, पुराण।।
राधा स्वामी पंचमी गुड़ा पथ है यह शास्त्र विरुद्ध साधना बताता है कबीर परमेश्वर ने अपनी अमृतवाणी में कहा है गुरु बिन माला फेरती गुरु बिन देते दान गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछोवेद पुराण और अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना चैनल पर शाम 7:30 से 8:30 तक
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@ageshwarisahu4165 Radhaswami mat mein Shivdayal ji ke parivaar ke Guru Sant Tulsi Saheb Hathras wale they. Unka satsang aur seva veh kartey they. Is prakar unhone bhi gurubhakti kari hai. Radhaswami panth ki sadhna shastra viruddh nahin hai.
जो सच्चे गुरु होते हैं वो नशा नही करते पर ये तो हुक्का पिया करते थे इनकी जीवनी मे ही लिखा है
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
कबीर,एक साधे सब सधे,सब साधे सब जाव ।
माली सिंचे मूल को,फलै फूलों अघाया।।Sant Rampal Ji Maharaj Ji शास्त्रों के अनुसार भक्ति बता रहे हैं
@@leenakumbhkar Soami Ji hukka nhi pite the aur agar pite bhi the vo hukka nashe wala nhi hota tha
Hatyaare rampal ki sangat sambhal jao
@@KuldeepYadav-yl1ki acha fir rampal jail kyu gya usse hatyara baba kyu kehte hain
@@hasumatimistry9025 narak bhi nhi milega tujhe
कबीर, जान बूझ साच्ची तजैं, करै झूठ से नेह।
ताकि संगत हे प्रभु, स्वपन में भी ना देय।।
~ जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
जो सच्चे गुरु होते हैं वह नशा नहीं करते पर यह तो काव्य करते हैं उनकी जीवनी में लिखा है
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
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उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब तक सच्चे गुरु (सतगुरू) की प्राप्ति नहीं होती है तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए।
जब तक गुरु मिले ना सांचा। तब तक करो गुरु दस पांचा।।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
कबीर परमेश्वर का जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ था, वे एकमात्र सर्वशक्तिमान व अविनाशी परमेश्वर हैं।
शिवदयाल का कोई गुरु नहीं था तो सोचों जीव का कल्याण कैसे होगा
राम कृष्ण से कौन बड़ा तिन्नो ने गुरु किनं।
तीन लोक के वे धनी गुरु आगे आधिन।।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
@@nagendrasahu7068 Shivdayal ji ke parivaar ke Guru Sant Tulsi Saheb Hathras wale they. Unka satsang aur seva veh kartey they. Unhone bhi gurubhakti kari hai.
अरे बहन क्यु निंदा कर रहे हों,,,, आपको राधा स्वामी पंथ की पूरी जानकारी नहीं है.......... जाओ details में जाकर पढ़ो
Sohit achrya iit ex guru ka vichar sun lena ek baar dhnybaad
Satsang m sirf bhle bhole logo ko lalach de k Fassa jata hai teda aadmi nahi fasta
Acha ek baat btao jb mout us malik k hath mai hai toh aapka baba gun booncer kyo le k chlta. Dusra esme bhai bhtija mama bhanja potra hi kyo. Dusra kyo nahi ab tk toh vans vaad . Chal raha kya enke pariwar n hi malik ko paya hua hai
क्या ये सही बात है कोई बतायेगा
ये कैसे मान ले
MaN ge chore😂😂
Yah Bhang Sant Ramdas Baba ki Cheli hongi
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रोक्त भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष संभव है।"
"कबीर साहेब कहते हैं:
कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुराण।।
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मंड का एक रति नहीं भार। सतगुरू पुरूष कबीर हैं कुल के सृजनहार।।
#SantRampalJiMaharaj
@@GumanaRamOsian जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
सत गुरु शरण आने से, आई तले बलाय |
जे मस्तक में सुली होए ,बा काटे में टाल जाए||
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
वेद पढ़े पर भेद न जाने, बांचे पुरान अठ्ठारह।
पत्थर की पूजा करें, भूल गये सृजनहारा।।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
*आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
Sant Rampal Ji Maharaj
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
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राधास्वामी पंथ में जो मंत्र दिए जाते हैं उन मंत्रों से मुक्ति कभी नहीं हो सकता क्योंकि यह शास्त्रों के विरुद्ध है
इस तरह की आध्यात्मिक डिबेट होती रहनी चाहिए ताकि समाज अपना निर्णय स्वयं ले सके, बड़े-बड़े टीवी न्यूज चैनलों को भी इस तरह की डिबेट आयोजित करनी चाहिए जिससे मानव समाज को सही दिशा मिल सके क्योंकि आज के समय में सिर्फ राजनैतिक डिबेट्स ही होती है इस अद्वितीय ज्ञान चर्चा के लिए SA न्यूज का बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🏻🙏🏻
श्री कृष्ण जी काल नहीं थे❓ तो फिर गीता बोलने वाला काल कौन है 🤔
जानने के लिए अवश्य पढ़े अनमोल पुस्तक "ज्ञान गंगा" |
पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी
संत रामपाल जी महाराज का सत्संग प्रतिदिन साधना चैनल पर 7:30 से एक बार अवश्य सुनेजी
संत रामपाल जी महाराज पुरे विश्व में एक मात्र तत्वदर्शी संत है ।
यूट्यूब पर अवश्य देखिए
Sant rampal ji maharaj you tube channel पर सभी सतग्रथों से प्रमाणित ज्ञान है
#सच्चा_सतगुरु_कौन
कबीर, दण्डवत् गोविन्द गुरू, बन्दू अविजन सोय।
पहले भये प्रणाम तिन, नमो जो आगे होय।।
Sant Rampal Ji Maharaj
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
राधा स्वामी तत्वदर्शी संत नहीं है तत्वदर्शी संत तो संत रामपाल महाराज है
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
जो संत शास्त्रों के अनुसार भक्ति साधना बताता है, वही पूर्ण संत होता है। इसके विषय में गीता अध्याय 4 श्लोक 34, गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4, और यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 10 में भी पूर्ण संत अर्थात तत्वदर्शी संत की ओर संकेत किया गया है।वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रोक्त भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष संभव है।
#सच्चा_सतगुरु_कौन
श्री नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी के पृष्ठ 946 पर कहा है:-
‘‘बिन सतगुरु भेंटे मुक्ति न कोई, बिन सतगुरु भेंटे महादुःख पाई।’’
Sant Rampal Ji Maharaj
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
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Radha Swami Trust k Jo Sanchalak Hain, Abhi Tak Kisi Bhi Devi Devta , Dharm , Anya Kisi Guru ki Alochona Ya Unke Manne Walo ko Dukh ho Aisi Koi Bat Nahi Ki Hai , Sab Kuchh
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Radha Swami Ji ❤
Jab Tak sache sant yani sache satguru nhi milte tab Tak guru badlte rhana chahiye sat saheb ji 🙏❣️
Maturity is when you realise
Totally wrong information given in this video 👎👎
मै अपने सतसंगी भाई बहिनो से विनती करना चहाउगा किऐसे वीडियो देख कर भ्रमित न हो राधा स्वामी जी
यहां पर भ्रमित होने की कोई बात नहीं है भाई साहब आप पढ़े लिखे हैं आप भी राधा स्वामी सत्संग का संग्रह सत्संग का संग्रह पुस्तक पढ़ कर देखें आप कोई पता लग जाएगा कि दूध का दूध और पानी का पानी क्या है
अगर यह वीडियो पूरी देख ली तो उस जीव के धन्य भाग हैं
घट रामायण में लिखा है के पांचों नाम काल के है और खुद राधा स्वामी जी की पुस्तक में लिखा है के ये पंथ बिना गुरु के शुरू हुआ पंथ है।m
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
❤❤❤❤ Radha Swami ji ❤❤❤❤ jo kar raha h usne karne do kable Apne se matlab rakho radha swami ji ❤❤❤❤❤
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
अगर हम कबीर सागर या वेद, शास्त्रो मे लिखी विधि अनुसार साधना नहीं करेंगे तो हमें कोई लाभ, मोक्ष नहीं मिलेगा, संत रामपाल जी इन सभी शास्त्रो से प्रमाणित ज्ञान बता रहे है, दो अक्षर सतनाम का भी भेद बता रहे हैं।
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राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
Sabhi bhagwaan ke bache hai sahi gyan hona jaroori hai taki sab uss parmatma ko jan sake
राधास्वामी पंथ आगरा व उससे जितने भी पंथ निकले हैं, वे सभी 5 नाम जप करने के लिए देते हैं जो इस प्रकार हैं:
ज्योति निरंजन, ओंकार, ररंकार, सतनाम, सोहं। परंतु घट रामायण में हाथरस के तुलसीदास साहिब जी ने प्रमाण दिया है कि;
“पांचों नाम काल के जानो, तब दानी मन शंका आनो”
इससे यह प्रमाणित हुआ कि पांचों नाम काल के हैं और पूरा राधास्वामी पंथ काल का पंथ है ना कि दयाल का और रही बात सतपुरुष, अकाल मूर्त, शब्द स्वरूपी राम जाप करने की, तो ये परमात्मा के पर्यायवाची नाम हैं, ना कि परमात्मा प्राप्ति के मंत्र।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
@@user-sk6xx5ec6y Radhaswami mat mein mukhya sumiran Radhaswami naam ka bataya jata hai. Radhaswami naam aur Satnam kal ke naam nahin hain. Anya naamon ki jaankari di jaati hai. Radhaswami mat Dayalbagh Agra mein Radhaswami mat ka mukhya kendra aur yahaan par Radhaswami mat ke pravartak niwas kartey they. Aap jaan jayenge ki 5 naam ki jaankari di jaati hai lekin mukhya sumiran Radhaswami naam ka bataya jata hai.
जब पूरा ज्ञान ना हो तो उसके बारे मे बात नही करते
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई
राधास्वामी पंथ का अज्ञान!
संतमत प्रकाश (भाग-4) पृष्ठ 240 पर लिखा है कि सतनाम अपने अंदर है जाओ और ले लो !
ऐसी बातें तो कोई सिर फिरा व्यक्ति ही लिख सकता है !
जानें हकीकत साधना टीवी पर हर शाम 7:30 बजे
Kabir Is God
#राधास्वामी_पंथ_की_सच्चाई
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक शिव दयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी पांच नाम "ररंकार, ओंकार, ज्योति निरंजन, सोहं तथा सतनाम" आदि काल के नामों को जपते थे, और अपने अनुयायियों को भी यहीं मंत्र प्रदान करते थे। जिससे वे स्वयं ना तो कोई सुख प्राप्त कर सके और न ही मोक्ष। मोक्ष प्राप्त नहीं होने से शिवदयाल जी अपनी ही शिष्या बुक्की जी में प्रेतवश प्रवेश होकर हुक्का पीते थे।
उन्ही की Book से प्रमाण है भाई
जी सन्त रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनना राधा स्वामी जी पर, राधा स्वामी पंथ की किताबो से ही सारे प्रमाण लिए गए हैं , आपको पूरी जानकारी नही है अभी कृपया पहले पूरी जांच पड़ताल करें तभी कुछ उंगली उठाए, इन्होंने परमात्मा को प्रकाश बताया है जबकि हमारे सद ग्रंथो में साफ साफ लिखा है परमात्मा साकार है सहशरीर हैं।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
मोक्ष स्थान कौन सा है?
सतलोक जाने के बाद आत्मा का पूर्ण मोक्ष हो जाता है जिससे आत्मा को 84 लाख योनियों का कष्ट नहीं उठाना पड़ता। जबकि स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक में जाने के बाद आत्मा को कर्मों के आधार पर स्वर्ग, नरक, 84 लाख योनियों का कष्ट भोगने के बाद पुनः पृथ्वी पर जन्म-मृत्यु के चक्र में आना पड़ता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Kabir saheb ke bad baba jai gurudev ùsi 05 nam ka namdan dene ke leye ujjain bale guru baba umakant tiwari ji ko nominate keya hai
कुछ कहना तो नहीं चाहता था लेकिन बड़े दुख की बात है कि लोग जब ग़लत अफ़वाहों को मेडीया पे फैलाते हैं उन्हें अपने करमो से डर नहीं लगता? राधा स्वामी
Very bad
मैं तुम्हें उस की उसतत में क्या कहूँ जिसके ऐक ईशारे पे यहाँ भी और वहाँ भी मर जानें को दिल चाहता है उसके एवज़ में कोई ग़लत बात कह दें तो बस सुनने या पड़ने से पहले ही मिटा ने का तो उस का हुक्म नहीं बस मिट जानें को दिल चाहता है ! राधा स्वामी
ऐ
😅
P9😊
जो लोग नहीं जानते कुछ भी
बोल दिया करते हैं
Jab jindgi yuhi hi gva di to
Please ek baar Radha soami dera beas jakar dekh le 🙏🙏🙏🙏🙏.
भक्ति के लिए धर्म ग्रंथों और सच्चे गुरू की जानकारी आवश्यक है। सच्चा गुरू एक समय एक ही होते हैं पूर्ण मोक्ष मंत्र देने वाले जो स्वयं परमेश्वर कबीर साहेब जी या उनके अवतार कृपा पात्र होते हैं जब वो आते हैं तो सभी नकली धर्म गुरूओं के अज्ञान को जनता के सामने बताते हैं और एक परमेश्वर एक सतभक्ति विधि बताते हैं जिससे लोगों के पाप नाश होकर सुख और मोक्ष भी मिलता है। जरूर देखें संतरामपालजी महाराज जी के सत्संग कुछ दिन 🙏🙏🙏
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946
बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई।
बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। बिन सतगुरु भेटे महा दुःख पाई।
बिन सतगुरु भेटे महा गरबि गुबारि। नानक बिन गुरु मुआ जन्म हारि।
जो गुरु शास्त्रों के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयायियों अर्थात शिष्यों को करवाता है, वही पूर्ण संत है। मोक्ष केवल पूर्ण गुरु के द्वारा बताई गई शास्त्रानुकूल भक्ति से होता है और इस कलियुग में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं, जो शास्त्रों के अनुसार सतभक्ति बताते हैं।
समझने वाली बात तो यही है कि हम पढ़े लिखे होकर भी हमारे शास्त्रों में लिखी हुई को ना समझते हैं राधास्वामी पंथ के श्री शिवदयाल जी ने हमारे धार्मिक शास्त्रों का अर्थो का अनर्थ कर रखा है जिस भक्ति करने से हमारे लाखों लोग बहुत ज्यादा परेशान है और अकाल मृत्यु भी मर रहे हैं
संत रामपाल जी महाराज जी सही अर्थ बता रहे हैं शास्त्रों का
आप सभी से अनुरोध है आप देखिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन
साधना टीवी चैनल पर शाम
7:30 से 8:30 तक
राधा स्वामी का ज्ञान कितना महान है इस बात को सचखंड की सडक ने सिद्ध कर दिया है
सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।
सतगुरु गरीबदास जी महाराज अपनी वाणी में पूर्ण संत की पहचान बता रहे हैं कि वह चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा।
✴️गुरुनानक वचन
👉सोई गुरु पूरा कहावै, जो दो अक्खर(सतनाम) का भेद बतावै।
एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर (साश्वत स्थान मोंक्ष) को पावै।
🙏तज पाखंड सतनाम लौ लावै, सो भवसागर से तरिया।🌾
🙏कहै कबीर मिलै गुरु पूरा स्यो परिवार उधरिया। 🌾
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।
@@rajkumaribunkar2057 mr. Intelligent pehle toh sbhi mahan sant
Kabir sahab ji
Guru nanak sahab aur 10 guru
Aur bhi mahan sant
Unhone 5 naam ka updesh diya hain
Shri matgeeta
Guru granth sahib ji maharaj
Kuran sharif
Bible
Aur bhi granth mien 5 naam ka updesh diya hain
Rampal galat Gyan de ra hain
Jb usse moksh nhi mila to uske chelo ko kaha se milega
जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का तत्व ज्ञान मानव समाज के लिए अमृत के समान है जो वेदों के अनु सार ज्ञान बता रहे हैं।
@@amolwalia7054अगर संत रामपाल जी महाराज गलत ज्ञान देते तो तुम्हारे गुरु ज्ञान चर्चा के लिए तैयार होते।
शास्त्र विरुद्ध साधना करके यानी मन माना आचरण करके हमें किसी भी प्रकार की भक्ति से कोई लाभ नहीं मिलता केवल शास्त्र अनुसार ही भक्ति करनी चाहिए तथा पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर सत भक्ति करके ही सभी कष्ट भी दूर होंगे तब मोक्ष की प्राप्ति भी होगी।सभी सदग्रंथो के अनुकूल एकमात्र प्रमाणित सत्संग। 🌸 🙏🏽🙇🏽साधना टीवी रात्रि 7:30 बजे
*★सतलोक में जन्म-मृत्यु नहीं होती, केवल सुख ही सुख है★*
@@LalitDewangan-gh4cn ye sahi hain ki sachkhand mien sbse zyada sukh hain,
Pr apne karmo ko koi bhi adjust ni kr skta
Karamo apo apni ke nede ke door
Sacha guru sirf mere satguru hain
Mere satguru hi vo rabb hain vo
Shabad swaroop hain jo sachkhand se utar kr hme lene aaye hain mukti dilane aaye hain
RADHASOAMI JI
कबीर परमात्मा की भक्ति पूर्ण गुरु के माध्यम से करने से चौरासी लाख योनियों के कष्ट से बचा सकता है।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है और वर्तमान में पूर्ण संत सच्चा सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी हैं
Ager krishan ji ki baate maante ho to unhone ye bhi kaha tha ki "mor bachan chahe pad jaaye feeka, sant bachan patthar ki leeka."
Krishna Ji said 'SANT'
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
श्री कृष्णा जी की स्वयं जन्म मृत्यु होती है यह तो स्वयं नाश्वान ह़ अरमान के लिए देखें देवी भागवत महापुराण
Aap pehle sant Rampal ji maharaj ke satsang suniye fir self decide kare ki kiska gyan sahi hai
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
परमात्मा को हर पल याद रखना ही परमात्मा की भक्ति है और जो उसे हर पल याद रखता है और सही रास्ते पर चलता है वही परमात्मा तक पहुंच सकता है । नामदान तो गुरु देते हैं लेकिन मरने के बाद परमात्मा खुद गुरु रूप में आता है ।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
जब तक सच्चे गुरु की प्राप्ति नहीं होती तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए।
जब तक गुरु मिले नां सांचा।
तब तक करो गुरु दस पांचा।।
जिसको बिछड़ना है बिछड़ जाए बेशक
अब मैं ऐसी कोई जिद भी नहीं करती,,,
मैने दरख्तों से फरेब खायें हैं
टहनियों से कोई उम्मीद भी नहीं करती... NOOR ✍️
दुनियां अजीब है जो दूसरे की निंदा करते है वो कहता है की मैं परमात्मा हूँ राधा स्वामी
Pandit bhee hote hain vidhan bhee hote lekin ravan jaisa vidhan kanha hoga panditai ab kam na aai pandit
भाई साहब यह तो विद प्रूफ दिखा रहे हैं हमने पहले यह पुस्तक राधा स्वामी में रहते हुए कभी नहीं पढ़ी और ना ही गुरविंदर सिंह जी ने पढ़ाई
@@hariprakash9589 वो कह्ते है ना सांच कहु तो जग ना माने....और झूठ कहीं ना जाइ हो...
संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बता रहे हैं जी
सत्य कहना निंदा नहीं होती आप जी से निवेदन है कुछ दिन संतरामपालजी महाराज जी के सत्संग कुछ दिन देखें खुद समझ जाएंगे।। 🙏🙏🙏
Radha Swami ji ❤❤❤❤❤❤ Radha Swami ji ❤❤❤❤ hmare satguru ne kisi ko ninda krni nhi sikhai ❤❤❤❤ jo khud bure hote h unhe dusre b bure hi dikhte 😂😂😂😂😂😂
कबीर, गुरू गोविंद दोनों खड़े, किसके लागूं पाय। बलिहारी गुरू आपणा, गोविन्द दियो बताय।।
बिन गुरू भजन दान बिरथ हैं, ज्यूं लूटा चोर। न मुक्ति न लाभ संसारी, कह समझाऊँ तोर।।
कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो बेद पुरान।।
सच्चाई बताना निंदा करना नही हैं
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
Sach to sach hi hota hai ye ninda nhi hai
Hamare Guru ji to proof aapki book se hi dikhate hai
Sach bataya hai koi ninda nhi ki hai chor ko chor kehna koi ninda nhi hai sach kadwa hota hai isliye abhi hajam nhi ho rha hai radha swami panth ko
यह वीडियो राधास्वामी और सतलोक आश्रम से संबंधित सच्चाई को उजागर करता है। ऐसे वीडियो देखने के बाद हमें सही और गलत का अंतर समझने में मदद मिलती है। SA News Channel को धन्यवाद, जो समाज के सामने इन मुद्दों को लेकर आ रहा है। यह बहुत ही साहसिक और सराहनीय प्रयास है।
सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती हैं और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बगैर किसी चिंता के जीवन जीता है।
जो अपने कुकर्मो का दंड जेल मे भोग रहा है ऐसे अपराधी को संत समझने वाला महा मुर्ख ही हो सकता है ऐसे अंधे समाज से क्या आशा की जा सकती है
जय श्री राम
जो पूर्ण सतगुरु होगा उसमें चार मुख्य गुण होते हैं:-
गुरू के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना (ज्ञाता)।
दूजे हरि भक्ति मन कर्म बानी, तीसरे समदृष्टि कर जानी।
चौथे वेद विधि सब कर्मा, यह चार गुरु गुण जानो मर्मा।
राम जी भी तो वनवास कृष्ण जी भी तो अपने मता पिता से दुर हुए थे हमारे साथ ग में तो साफ साफ लिखा है कि kabir is god
गुरू बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुष छड़े मूढ़ किसाना।
गुरू बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे न सार रहे अज्ञानी।
कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझै ना दूजी बार।।
तत्वदर्शी सन्त वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है वह वेद के जानने वाला कहा जाता है।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
ये रामपाल जी की टीम की कंप्यूटर हे जो लोगो को गलत जानकारी देती है और जो जेल में बंद हे तो क्यू बंद हे सच्चे गुरु जेल में नही रहते
तो बाहर वाले बैठे हैं उन संतों की पूरी हिस्ट्री सुना दी आपको अब आपको बातें करनी लग रही है आप ही पढ़ कर देख कर वतन जो बाहर घूम रहे हैं उन संतों की और जो गुरु गद्दी पर बैठे ककह नहीं इनके पास
यह तो राधा स्वामी की पुस्तकों से ही ज्ञान दिया जा रहा है इसमें निंदा कहां है मूर्ख तो हम स्वयं ही है जो बिना प्रूफ देख विश्वास कर बैठे थे
यह सच्चाई सभी के सामने आनी चाहिये।
और एक डिवेट करना चाहिए। जो प्रमाण सहित हो ।
#सच्चा_सतगुरु_कौन
Live on Guru Purnima
Incomplete Gurus tell devotional songs and mantras that are against the scriptures, which are useless according to Gita Chapter 16 Verse 23.
Whereas Purna Guru Sant Rampal Ji Maharaj
The devotion and mantras certified by the scriptures are given in the initiation due to which even the incurable disease of the seeker is cured and
#सच्चा_सतगुरु_कौन
It is said in Shrimad Bhagwat Geeta Chapter 15 Verse 1 - 4, 16, 17 that the saint who tells all the divisions of the tree hanging upside down in the form of this world is a complete Guru/true Sadguru.
Only Sant Rampal Ji Maharaj is telling this philosophy.
Sant Rampal Ji Maharaj
पूरे विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज की एकमात्र ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुकूल भक्ति बताते हैं
गुरुनानक जी की वाणी में लिखा है :-
"सोई गुरु पूरा कहावे जो दो अख्खर का भेद बताये। एक छुड़ावै, एक लखावै तो प्राणी निज घर को जावे।।"
और राधास्वामी पंथ में तो पाँच नाम दिए जाते हैं।
मेरे गुरु ने मना किया है लेकिन कहना पड़ रहा है कि आप शायद रामपाल जी कि शिष्या हो। क्योंकि आप साधना नहीं केवल किताबी कीड़ा हो।
जो समझदार है वो पढ़कर ही सही और गलत को पहचान पाते है।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
यदि ज्ञान किताबों से नहीं तो फिर आया कहां से बताइए।
हमें मनुष्य जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह तो किताबों या शास्त्रों से ही पता चलता है नकि किसी आदमी के मुख से
प्रत्येक व्यक्ति की बातें अलग अलग है उसका निर्णय कैसे करोगे बताइए
मोक्ष के लिए गुरु बनाना ही पड़ेगा।
1. गीता जी -उस ज्ञान को तू तत्वदर्शी ज्ञानियों के पास जाकर समझ । [आ 4 श्लोक 34 ] -
2. कुरान शरीफ - जिसने आसमानों और जमीन और जो कुछ उनके बीच में है (सबको) छः दिन में पैदा किया, फिर तख्त पर जा विराजा, उसकी खबर किसी बाखबर (तत्वदर्शी संत) से पूछ देखो। [सुरा-25 आयात-59]
3. गुरु ग्रंथ साहिब बिन सतगुरु सेवे जोग न होई। - बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई ।। [ गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ- 946]
4. गरीबदास जी :-
सतगुरु बिना सुरति नहीं पाटै, खेल मंड्या है सिर के साटै । सतगुरु भक्ति मुक्ति केदानी, सतगुरु बिना न छूटै खानी ।।
5. परमेश्वर कबीर - गुरु ते अधिक न कोई ठहरायी । मोक्षपंथ नहिं गुरु बिनु पाई ।।
6. पवित्र वेद - पूर्ण परमात्मा के विषय में यथार्थ जानकारी तत्वदर्शी संत से पूछे। [ अध्याय 40 श्लोक 10 - 13]
अधिक प्रमाणित आध्यात्मिक ज्ञान के लिए देखे साधना चैनल रात्रि 7:30 से और ईश्वर टीवी रात्रि 8:30 से
जब तक पूर्ण नहीं मिलता तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना स बसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण-सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है।
Sat sahib ji 🙏
*हमरे ही हुनियार हैं, हमारा सिरजनहार।*
*गरीबदास विधि भेद सुन, खुल्हें मुक्ति द्वार।।*
*यह सतगुरू उपदेश है, जो माने परतीत ।*
*करम भरम सब त्यागि के, चलै सो भव जल जीत ।।*
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
👑कबीर⭐नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझै ना दूजी बार।।
🏳️
पूर्ण गुरु
जो संत शास्त्रों के अनुसार भक्ति साधना बताता है, वही पूर्ण संत होता है। इसके विषय में गीता अध्याय 4 श्लोक 34, गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4, और यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 10 में भी पूर्ण संत (तत्त्वदर्शी संत) की ओर संकेत किया गया है।
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रोक्त भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष संभव है।
सतलोक में हमारा शरीर एक तत्वों से बना होता है जो कभी विनाश में नहीं आता ।
जबकि इस मृत्युलोक का शरीर पांच तत्वों से बना है जो नष्ट हो जाता है।
Juthi ninda krne se Radha swami panth ni mitega
जिस पंत के प्रवर्तक खुद हुक्का पीते हो तो उनके चेलो का क्या हाल होगा
जबकि संत rampal जी महाराज की सरन मे आने के हुका बीड़ी शराब से उनके शिष्य हाथ तक नहीं लगाते
कबीर सो नारी जारी करे सुरापान सो बार
एक हुक्का चिलम भरे वह डुबे कलीधार
परमात्मा कबीर ने एक हक्का चिलम भरने में इतना पाप बताया है तो आपके गुरु जी तो हुक्का पीते थे उनको कितना पाप लगता होगा तो फिर आप बताओ क्या ऐसे गुरु की भक्ति करने से आप पर हो जाओगे
हवा तो निकल गई है ज्यादातर अपना नाश करवा कर अब रो रो कर संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आ रहे हैं।।
Agar Gyan sahi hota to khud bukki ke andar bhoot bankar nhi bolte shivdayal ji
श्री नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी के पृष्ठ 1342 पर कहा है:-
‘‘गुरु सेवा बिन भक्ति ना होई, अनेक जतन करै जे कोई’’
जब तक सच्चे गुरु नहीं मिल जाते। तब तक गुरु बदलते रहना चाहिए।
जब तक गुरु मिले ना सांचा।
तब तक करो गुरु दस पांचा।।
Jo sachha parmatma sachha guru hota vo bas apne satsangi ko sachha rasta dikhate na ki dusre pant ko badnam karte he
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
#सच्चा_सतगुरु_कौन
श्री नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी के पृष्ठ 1342 पर कहा है:-
‘‘गुरु सेवा बिन भक्ति ना होई, अनेक जतन करै जे कोई’’
Sant Rampal Ji Maharaj
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
श्री नानक देव जी कहते हैं
सोई गुरुपुरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे एक छुड़ावे एक लखावे तो प्राणीनिज घर को पावे।
यही दो अक्षर का भेद संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल बता रहे हैं
श्री नानक देव जी कहते है
सोई गुरू पुरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे एक छुडावे एक लखावे तो प्राणीनिज घर को पावे।
यही दो अक्षर का भेद संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल बता रहे हें
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
जब लग सचे गूरू यानी सतगूरू की भक्ति नहीं मिलती तब तक गुरू बदलते रहना चाहिए
ये ज्ञान चर्चा बहुत ही अच्छी हुई हैं इससे सच और झूठ का पता चलता है आज तक हम सभी झूठी बाते ही सुनते आ रहे थे लेकिन अब सच्चा ज्ञान बताने वाले संत रामपाल जी महाराज जी बता रहे हैं जो कि शास्त्रों में लिखा हुआ है
Tabhi toh Rampal Ji jail mein baithe hai. Deshdroh ke aarop mein haan Ji 🙏
भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव तीनों दोषी थे अंग्रेजों की नजर में देश को आजाद करवाने के लिए उन्होंने इतना महान कार्य किया फिर भी वह अंग्रेजों की जेल में रही क्योंकि वह अंग्रेजों की नजर में दोसी थे
सिख धर्म के प्रवर्तक आदरणीय गुरु नानक देव जी बाबर की जेल में रहे उन्होंने भी परमात्मा की सतभक्ति पर जोर दिया था किंतु उस समय जिन धर्म के ठेकेदारों की दुकान बंद हो रही थी उनको यह बात रास नहीं आई और उन्होंने झूठे आरोप लगवा कर गुरु नानक देव जी को बावर की जेल में डलवा दिया था
लेकिन आज पूरा सिख समाज उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करता है और वो महान आत्मा सभी सिख समाज के लिए पूजनिए और आदरणीय है
संत रामपाल जी महाराज ने आज के टाइम में सभी धर्म ग्रंथो जैसे वेद गीता कुरान शरीफ पवित्र बाइबल पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब सभी का ज्ञान सभी लोगों के सामने रख दिया लेकिन दुर्भाग्य आज उन पर देश द्रोह का केस लगा हुआ है
लेकिन किसी भी गुरु की पहचान उसके ज्ञान से होती है
For your general information Sant Rampal Ji Maharaj Ji has been honorably acquitted in nearly 8 cases and rest of the cases are undertrial. No case has been proven against him.
Indeed anybody who dared to challenge the relegious establishment had to face strong backlash and even imprisonment , Lord Kabir Saheb Ji faced it, Guru Nanak Dev ji also had to face it ,what Sant Rampal Ji Maharaj Ji is facing today.
Truthness in Saint has to be checked by his knowledge, my request to all will be to kindly listen to spritual discourses of Tatavdarshi Sant Rampal Ji Maharaj Ji first completley and then decide.
संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठे आरोप लगाए हैं , पहले पूरी जांच पड़ताल किया करो मीडिया की तरह कुछ भी मत बोलो, सन्त रामपाल जी महाराज जी पर अभी तक कोई भी केस साबित नही हुआ है बल्कि, उनके नाम से नेपाल सहित आज पूरे देश 11 सतलोक आश्रम और पूरे विश्व में 500 से ज्यादा नामदान केंद्र हैं , क्या कोई साधारण मनुष्य जैल में होते हुए ये कर सकते हैं, और यहां बात आध्यात्मिकता की चल रही है जहा आपको राधास्वामी की सच्चाई बताई गई है आपको हजम नही हो रही तो आपकी गलती हैं , राधा स्वामि मरने के बाद भूत बने और अपनी शिष्या बुक्कि में बोलते थें इसका प्रमाण इन्ही की बुक में मिलता है , उन्ही की साधना से जब उन्ही का मोक्ष नहीं हुआ तो उनके अनुयाइयों का कैसे होगा ।
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
Sant Rampal ji maharaj par jo bhi case lagaye gaye the vo sab jhoote the kisi ka koi saboot aaj tak nhi mila
जो दूसरे मार्ग की आलोचना करता है वो सम्मान के लायक नहीं।
Satya baat karna koi aalochana nahin Hoti hai Apne sat granthon ko Dhyan se padho
@@rakeshsethi3557 dyry rahe 🙏🙏
ये कौन तय करेगा कि सत्य बात कौनसी है,आप भी गलत हो सकते हो
Whatever Saint Rampal Ji Maharaj Ji has been telling is TRUTH ,he is giving evidence of every single word.
Can u give a single piece of evidence to prove he's wrong
आलोचना और सच कहने में फर्क होता है।
श्रीकृष्ण जब बांसुरी बजाते थे तो उसको सुनकर गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी। संत मलूक दास जी ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरू कबीर जी ने जमुना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के व्यक्ति खींचे चले आए थे और जमुना (कालंद्री) का जल भी रूक गया था।
एक समय गुरू बंसी बजाई, कालंद्री के तीर।
सुर नर मुनिजन थकत भये, रूक गया जमना नीर।
जिस पंथ के प्रवर्तक नाचे में चूर हो वो कैसे किसी का उद्धार कर सकते है। संत रामपाल जी महाराज
Jis panth ke Guru apradh karkey jail mein band ho veh kaise kisi ka uddhar kar saktey hain?
राधास्वामी पांच को श्री शिवदयाल जी आगरा वालों ने शुरू किया था और इन्हीं की किताबों में श्री शिव दयाल जी के बारे में लिखा गया है कि उनका कोई गुरु नहीं था जबकि कबीर परमेश्वर अपनी वाणी में रहते हैं गुरु बिन माला फेरते , गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निष्फल है चाहे पूछो वेद पुराण।जब श्री शिवदयाल जी का ही कोई गुरु नहीं था तो यह पंथ आगे किसी को भी मोक्ष प्राप्त नहीं करवा सकता।राधा स्वामी पथ का यह मत है कि परमात्मा निराकार है जबकि चारों वेद पवित्र, कुरान, शरीफ , गुरु, ग्रंथ साहिब पवित्र गीता जीप्रमाणित करते हैं। परमात्मा साकार है और उसका नाम कबीर है।राधा स्वामी पंट अपनी पुस्तकों में प्रमाणित करते हैं कि, सो ही गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्षर का भेद बताएं। इसका प्रमाण गुरु ग्रंथ साहब से बताते हैं, जबकि खुद पांच अक्षर का नाम देते हैं जिससे यह भी सिद्ध है कि उनके पास वह मूल मंत्र ,वो ज्ञान नहीं है जिससे मोक्ष हो सकता है।
Very nice satsang
Jo sacche Guru hote hain vah samaj se buraiyon ko hatate Hain
राधास्वामी पंथ का मूल सिद्धांत है कि परमात्मा निराकार है, सतलोक में केवल प्रकाश ही प्रकाश है। जबकि सर्व शास्त्र सिद्ध करते हैं कि परमात्मा साकार है, सत्यलोक में राजा के समान सिंहासन पर विराजमान है। नानकदेवजी, धर्मदास जी, गरीबदास जी, दादू जी इत्यादि को परमात्मा सतलोक लेकर गये, इन संतों ने परमात्मा की सटीक महिमा बताई है।
आपने गलत बोला,,, राधा स्वामी ने कभी नहीं बोला,, कि SATLOK में केवल प्रकाश है....... परमात्मा नहीं.......
शायद आपने राधा स्वामी के ग्रंथो का अध्ययन ठीक तरह से नहीं किया 🙏🏻
Please …अगर आप को किसी बात की पुष्टि की नौलेज नहीं है तो किसी पते वाले लोगों की तालाश करने में कोई बदनामी नहीं है! सब संत जो पूरे हैं कहते है कि पूरे गुरू निराकार का साकार रूप है वे यहाँ भी और वहाँ भी है! राधा स्वामी
@@malkitmothuwal771आप सही हो भाई
अरे गरीब दास जी महाराज की वाणी में लिखा है। निर्गुण साहिब आप है सर्गुण संत विचार।
और निर्गुण को रामपाल जी ने ही निराकार बताया है।
@@new-hr4gs Radhaswami mat mein Satlok mein sakar rup bataya gaya hai. Satlok ke upar paramdham mein nirakar rup hai.
Radha sbami kal ka panth h
Great gyan
संत रामपाल जि महाराज जि ने पुरे शास्त्र से प्रमाणीत करके दिखाया कि कबिर साहेब हि पुर्ण प्ररमात्मा है और मोक्ष के लिए कबिर साहेब जि कि सत्भक्ती करनी चाहिए । मेरा दिल बहुत खुस हाेगया ।
संत रामपाल जी महाराज जी पूरे विश्व में एक मात्र ऐसा संत है जिसने सभी धर्म ग्रंथो को बारी बारी से सही सही बताया है
*क्या परमात्मा ने ये कहा की सभी गुरु ढोंगी है और रामपाल हि सच्चा गुरु है जब रामपाल सच्चा गुरु है तो काल के गाल मे क्यो अर्थात जेल मे क्यो सच्चा कौन और झूठा कौन एक रामपाल हि सब से बड़ा ढोंगी है उसे कभी परमात्मा की प्राप्ति नही होगी वह ससैव भटकाते रहेगा
वेद पढ़े पर भेद न जाने, बांचे पुरान अठ्ठारह। पत्थर की पूजा करें, भूल गये सृजनहारा।।
बी
जी परमात्म ने ये कहा h ki
12 panth hami ko dhave सचखंड का वो मर्म न जाने
12पंथ तक के लोग कल के लोक मे रहेंगे
Radh svami पंथ भी कल का पंथ ह भाई
रही बात डोंगी की तो आप भी जानते h ki ढोंगी बाबा ही भूत बनते ह जो शिवदयाल जी बन गए बुक्को मै चूरमा खा रहें हैं
ढोंगी बाबा ही शस्त्र विरूद्ध साधन बताता है जो शिवदयाल जी बताते है 2: 30सुबह 2: 30शाम को हट योग कोरिया जिसका कोई प्रमाण नहीं है
संतो के गुण आप के गुरु को नही पता तो आप जो को तो पता होना ही कहा से था भाई जी
सच्चे संत की सच्ची भक्ति से सभी लाभ शिष्यों को होते है और सच्चा संत की करनी पर आप जेसे लोगो के समझ में नही आयेगा भाई
संत रामपाल जी सच्चे सतगुरु है तो जेल में क्यों बैठे है।😂
जेल में तपस्या कर रहे है ।
72 हुरो के लिए ।
श्री देवी महापुराण के सातवें स्कंध पृष्ठ 562-563 पर प्रमाण है कि श्री देवी जी ने राजा हिमालय को उपदेश देते हुए कहा है कि हे राजन! अन्य सब बातों को छोड़कर मेरी भक्ति भी छोड़कर केवल एक ऊँ नाम का जाप कर
गुरू बिन काहू न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुष छड़े मूढ़ किसाना।
गुरू बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे न सार रहे अज्ञानी।
कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझै ना दूजी बार।।
कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि-
जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै।
या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।
कबीर साहेब अपने प्रिय शिष्य धर्मदास को इस वाणी में ये समझा रहे हैं कि जो मेरा संत सत भक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे। ये उसकी पहचान होगी।
Krishna ji jail mein kyu paida hue the?
Bhagat Singh aur Sukhdev bhi toh jail gaye the kya Aaj ka samaj unhe galat bolta hai?
Itihas gawah hai jab jab sach ko samne laane ki koshish ki jaati hai tab tab uske bohot virodhi hote hain.
Humare parmeshwar Kabir ji ke roop mein Satguru Rampal ji Maharaj aaye Hain humare toh bhagwan hain.
Sant Rampal ji Maharaj ji se naam diksha lene Matra se bhakto ko aise aise laabh mile hain jiski koi ginti nahi . Aam jagat ke guru kehte Hain ki kismat ko koi nhi badal sakta vo toh bhogna hi padta hai l lekin humare Guru ji Sant Rampal ji Maharaj kismat bhi badal dete hain.
"Andhe ko aankh det, kodhin ko kaya
Banjhan ko Putra det NIRDHAN ko maya" ye saari baatein sach Hui Hain ye sukh sirf sant Rampal ji Maharaj ke bhakto ko hi milte hain.
Sat Saheb Ji 🙏🏻
ਸਿੱਖੀ ਸਵਰੂਪ ਚ ਨਹੀਂ ____ ਤੇ ਸਿੱਖੀ ਤੋਂ ਟੁੱਟ ਕੇ ਨਹੀਂ_ ਸਿੱਖੀ ਸਰੂਪ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦਾ copyright ਆ
सभी नकली धर्मगुरु संतो को संत रामपाल जी महाराज जी गलत दिखाई देते हैं क्योंकि संत रामपाल जी महाराज जी सच्चे संत हैं जो की सच्चाई बताते हैं ऐसे ही यह पांच नाम वाले हैं जय गुरुदेव राधा स्वामी इत्यादि घट रामायण में बताया है पांचो नाम कल के जानो तब दानी मां संख्या आने पांच नाम जीव जब बांका छतवान नाम गुप्त कर रखा
💯राधास्वामी पंथ के नकली धर्मगुरु सतनाम को ही परिभाषित नहीं कर सके। इनको ये ही नहीं पता सतनाम भगवान है या स्थान है या मन्त्र का जाप है।
उनकी पुस्तक संतमत प्रकाश भाग-3 जिसके लेखक सावन सिंह जी हैं के पृष्ठ 76 पर लिखा है कि "सचखंड या सतनाम चौथा लोक है", तथा पृष्ठ 79 पर लिखा है कि "चौथा राम सतनाम है, यही असली राम है।"
Satlok mein Satnam anhad shabd hai. Radhaswami mat par galat aarop lagatey ho. Radhaswami mat ki anya pustakon mein Satlok mein hone wala anhad shabd Satnam bataya hai. Radhaswami mat bhi Kabir Saheb ko apna Guru maanta hai.
शिव जी ने तपस्या से खुश होकर भस्मासुर को भस्म कंडा दे दिया लेकिन फिर उनको अपनी जान भस्मासुर से ही बचानी भारी पड़ गई। तब कबीर परमेश्वर ने उनकी रक्षा मोहिनी रूप बनाकर की क्योंकि वास्तव में कबीर परमात्मा ही समर्थ हैं।
ज्यादा जानकारी के देखिए वीडियो "शिव की समर्थता - Part 1" Factful Debates यूट्यूब चैनल पर
@@chhamilalanuragi8826 Kabir Saheb ne likha hai ki 'Kabir dhara Agam ki satguru dai lakhay ulat tahi sumiran karo swami sang milay. 'Iska arth hai ki Agam lok se aaney wali dhara satguru ne dikha di. Us dhara ko ulat kar swami ke saath jodkar sumiran karo. Dhara ka ulta Radha hua aur swami ke saath jodkar Radhaswami hua, jiska sumiran karney ke liye Kabir Saheb ne farmaya. Radhaswami asli parmatma hain aur Radhaswami sachcha panth hai.
@@chhamilalanuragi8826 Kabir Saheb ne khud Radhaswami naam ke sumiran karney ki salah di hai. Kabir Saheb ka doha hai-Kabir dhara Agam ki satguru dai lakhay ulat tahi sumiran karo swami sang milay. Iska arth hai ki Agam lok ki dhara satguru ne dikha di. Is dhara ko ulat kar swami ke saath jodkar sumiran karo. Dhara ka ulta Radha hua aur Swami ke saath jodkar Radhaswami hua.
आपका मत सिद्धांत यही है कि दूसरे को नीचा दिखा कर आप ऊंचा होना चाहते हो यानी कि दूसरे को गलत साबित करो आप सही साबित होना चाहते हो
@@sahibmeramaharban
श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा की दरिद्रता को समाप्त कर उनका महल बना दिया था। जबकि कबीर जी ने तैमूरलंग की दरिद्रता को समाप्त कर सात पीढ़ी का राज्य प्रदान किया था। इतिहास साक्षी है कि तैमूरलंग से लेकर औरंगजेब तक उसकी सात पीढ़ी ने भारत पर शासन किया था।
@@truthknowledge9660 बिल्कुल गलत बात है संत महापुरुष कभी किसी को धन दौलत माया नहीं देते
किन्हीं को गलत साबित करके ऊंचा होने का कोई मकसद नहीं हमारा मकसद सिर्फ सच्चे भक्ति से है जिससे कि हमारी पूरी मुक्ति हो सकती है आप सभी शास्त्रों से अपनी भक्ति को मिला करके देखें वह क्या हमारे शास्त्रों से मिलती है या नहीं आपकी भक्ति शास्त्रों में कुल है या नहीं आपको मालूम हो जाएगा कौन सही है कौन गलत
Glt ko glt aur shi ko shi kahane me kon si man apman hai. Ydi dono ke lxn n btae jae to shi aur glt ki phchan kaise hogi.
सतगुरु देव जी की जय हो सभी भाइयों और बहनों से निवेदन है कि इस वीडियो कोपूरा देखें सत साहेब
🌟भौतिक सुविधाएं होने पर यदि कोई सत्य भक्ति नहीं करता तो वह व्यक्ति पूर्व जन्मों में की गयी भक्ति का ही फल भोग रहा है।
आज यदि सत्य भक्ति नहीं करते तो अगले जन्म में चौरासी में कष्ट उठाना पड़ेगा।
गीता जी अध्याय 8 श्लोक 16 के अनुसार पृथ्वी लोक से ब्रह्मलोक तक सभी लोक पुनरावृत्ति में हैं।
लेकिन सतलोक ही वह अमर स्थान है, जहां जाने के बाद साधक की जन्म-मृत्यु नहीं होती।
Radha swami ji
आब्रह्मभुवनाल्लोकाः पुनरावर्तिनोऽर्जुन ।
मामुपेत्य तु कौन्तेय पुनर्जन्म न विद्यते ॥ (१६)
और संस्कृत में आ का अर्थ इस होता है।भुवन का अर्थ संसार। होता है।
आप ब्रह्म भुवन लोक का मतलब इस संसार में आए सभी प्राणी पुनरावृत्ति में है।
गूगल पर सर्च कर लेना भुवन का अर्थ
गीता को ढंग से पढो गीता को
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho ❤❤❤❤❤
Dusre panth ko galat batana
Apne panth ko sahi sabit krne ki koshish h
Bhagwan to ek h
Maan ne ka tarika alag alag h
Aise vedeo logon k dikha k kya batana chahte ho aap
Jra socho
हम जिस परमात्मा की खोज में रहते थे दरसल हमे यह नहीं पता था कि वह कोन है और कैसा है बस मन माने आचरण से देवी देवताओं की भक्ती करते रहते थे हमने कभी आपने धर्म ग्रन्थों को नहीं पड़ा
SA news द्वारा की हुईं डीवेट से सत्य सामने आया और हमारे सदग्रंथों में किया लिखा हुआ है हमें यह पता चला और दूध का दूध पानी का पानी अलग हो गया राम राम सब जग बखाने आदि राम कोई बिरला जाने संत रामपाल जी महाराज ही वह संत हैं जिस का ज़िक्र श्री मद गीता जी में है संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर और उनके बताए हुए भक्ति साधना से ही मोक्ष प्राप्त हो सकता है
Spiritual Knowledge
🙏saty saheb ji
Yaar ek Baat samaj mein nahi aati Agar Baba Rampal Bhagwan hai toh jail mein kyon hai
Parmatma hai sat guru rampal ji
Yahi to baat hai ki har kisi ko samajh nahi yata
Sant rampal ji Maharaj ji ki lila
😊😊😊😊😊😊😅😅 ki
Kabhi bhar bhi nahi aane wale logo ko bhatka rahe hai
Jo Sach Bolta hai Puri Duniya Uske Khilaf ho Jati Hai
हमारे धर्म गुरु, कथावाचकों का कहना है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों एक ही हैं, जबकि हमारे धर्म शास्त्रों में साफ-साफ लिखा है कि ये तीनों देवता अलग-अलग हैं।
गुरु नानक जी ने भविष्यवाणी किया था कि मेरे जाने के पश्चात 100 वर्ष के बाद एक महान संत आएगा जो जाट जाति से होगा।
नौ मन सूत उलझिया,ये ऋषि रहे झक मार ।
सद्गुरु ऐसा सुलझा दे उलझे न दुजी बार ।।
Or le jay sida jehl diwar 😅😅😅😅😅
RADHA SWAMI JI
Kabir Is Supreme God 🙏🌹
इतनी बड़ी रहस्य आज परमात्मा की ही रजा से इस डिबेट से सारे संसार को पूर्ण परमात्मा मिल गया। अब कोई संशय ही नहीं रहा। बहुत-बहुत धन्यवाद मीडिया वालों को । जो संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान जन जन तक पोछाया 🙏🙏