Each time you post it , I offer a thousand notes of thanks for S.Soni sir , whoever you are , wherever you are . Perhaps ,like the flowers of memory you let these Ghazals go in the river of Time as a tribute to the man who put his heart piece by piece , word by word , breath by breath in his voice.
@JAYANT NOMAN Thank you It gives me immense pleasure in sharing my treasured collection with like minded friends like you. Thank you for enjoying them and for your feedback Hope you enjoy my future uploads
@@sachinhsoni " Guzoro jo baag se toh , dua maangte chalo . Jisme khile hain phool wo daali hari rahe" He sang those words of Nida . And I remember them whenever I walk through a grove , a garden , or even when I pass by a bush by the side of a solitary path . And I remember them whenever I come across a generous heart. Though I know every spring passes , however rich with flowers it be , nevertheless I wish that your treasure does last forever .
जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं लैला-ए-ज़िन्दगी को वो पहचानते नहीं (खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा = वफ़ा के रेगिस्तान की धूल), (लैला-ए-ज़िन्दगी = लैला रूपी ज़िन्दगी) जो लोग दिल की आग को पहचानते नहीं हम उनके तब्सिरों का बुरा मानते नहीं (तब्सिरा = आलोचना, समीक्षा, तन्कीद) ग़म किस तरह हो कम जो मिलें ऐसे ग़म-गुसार ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं (ग़म-गुसार = दुख-दर्द का बाँटने वाला, सहानुभूति प्रकट करने वाला) कितना बदल दिया है निगाहों को वक़्त ने एक दूसरे को जैसे कि हम जानते नहीं वाइज़ ख़ता मुआफ़ के रिंदान-ए-मैकदा दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं (रिंदान-ए-मैकदा = मैख़ाना/ मधुशाला/ मदिरालय के शराबी) ऐसे भी ज़िन्दगी में कई मेहरबाँ मिले पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं वो बुत जिन्हें दिया था हमी ने शऊर-ए-हुस्न मिलते हैं अब तो ऐसे कि पहचानते नहीं फ़न जज़्बा-ओ-ख़ुलूस-ओ-लताफ़त का नाम है फ़नकार दुश्मनी की कभी ठानते नहीं (फ़न = कला), (जज़्बा = भावना, उत्साहपरक भाव, कुछ कर गुज़रने का विचार; उमंग, जोश, हौसला), (ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठा), (लताफ़त = कोमलता, सुंदरता) , (फ़नकार = कलाकार) इतना तो जानते हैं के हम हैं शहीद-ए-नाज़ क़ातिल की पूछते हो तो हम जानते नहीं (शहीद-ए-नाज़ = प्रेमिका के नाज़ नख़रे पर प्राण न्यौछावर करने वाला) -नामालूम
Jagjit ji never fails to impress. Listening to this gazal for the first time and i have already started humming it!. He indeed was a naturally talented great artist..
Wa Soniji what a blissful silky shower of amazing words and composition. Nostalgic tour to the Golden days of Jagjitji. Trivaar abhar, abhar abhar.................
Sab kahan, kuchh lala o gul mein numaya ho gayin Khaaq mein kya suratein hongi ki pinha ho gayin Soni sahab, yeh insan aur fankar bhi azeem tha. Iske betahasha nageenon se rubaru karane ke liye behad shukriya.
Ek aur nayaab ghazal upload kar di hai aapne, Soni ji, anmol heera hi keh sakte hain...Hamein to lafz hi nahin mil rahe, tareef mein bayan karne ke liye...Itnii marm sparshi shaayari ko, utne hi mulayam swar mein gaaya hai, Chitra ji, aur Jagjitji ne, dil ki ghehrayion ko chuu leti hai, unki makhmali awaaz mein gaayi ye khubsurat ghazal... Jo log khaaq-e-dasht-e-wafa chaante naheen, Laila-e-zindagi ko wo pehchaante naheen...Laajavaab sher...Jo log dil ki aag ko pehchaante naheen, hum unke takhsaron ka bura maante nahin...Saare ash'aar hi dil ko chuu lene waale hain, itni gehraai hai ki seedha ruh ko hi chhu jaate hain...Behad khushi huyi ye itni bemisaal ghazal sunn kar... Iske liye aapka jitna bhi shukriya ada karen kam hi hoga...Itna chuu liya, Chitra ji aur Jagjitji ki ruhani aawaaz mein gaayi, ye ghazal ko sunn kar, ke khushi se aansu chhalak aaye ...Aaj to aapne bhaavuk kar diya itnee khoobsoorat ghazal sunvaakar...Tah e dil se dhanyavaad, khush rahiye... Sehatmand aur surakshit rahiye.! 👌👌👌unginit likes 👍🙏 🥰
Itnii piyaari ghazal hai ki baar baar sunne ka mann karta hai, jadu kar diya, Chitra ji aur Jagjitji ne, itna dil se gaaya dono ne, ke hamara dil bhi jeet liya..Wah wah hi kah sakte hain...Subhaan Allah.!....🙏 🤗
What a gem you have given to us, someone like me who is a mureed of Pundit Jagjit Singh ji. Bhav Ke Saath khayal gayaki. And to a lot of us , he is just hothon se choo lo tum and kagaz ki kashti. This is the real Mastero. WOW
Awesome Sachinji Kya kya gaaya hai boss ne. And you are so fortunate to witness such live performance in his struggling days….It’s indeed a gr8 favour to his millions of fans. Hope u are safe and healthy.
Wah ji wah.. Sachin bhai ji shukriya aapka. Kya khannak hai Awaz me. Jagjit ji ne sabse acha sher chitra ji ko gaane diya - "kitna badal diya hai nigaho ko waqt ne, ek dusre ko jaise hum jante nh" . True love ❤️
Thanks Mr. S Soni , you are a gem of the time, pls post more if you have of these rare classic Ghazals. Lakh Lakh Shukriya, Ek channel banaiye. share your mail ID Thanks.
Jo log khaq-e-dasht-e-wafaa jaante nahi/ जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं लैला-ए-ज़िन्दगी को वो पहचानते नहीं (खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा = वफ़ा के रेगिस्तान की धूल), (लैला-ए-ज़िन्दगी = लैला रूपी ज़िन्दगी) जो लोग दिल की आग को पहचानते नहीं हम उनके तब्सिरों का बुरा मानते नहीं (तब्सिरा = आलोचना, समीक्षा, तन्कीद) ग़म किस तरह हो कम जो मिलें ऐसे ग़म-गुसार ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं (ग़म-गुसार = दुख-दर्द का बाँटने वाला, सहानुभूति प्रकट करने वाला) कितना बदल दिया है निगाहों को वक़्त ने एक दूसरे को जैसे कि हम जानते नहीं वाइज़ ख़ता मुआफ़ के रिंदान-ए-मैकदा दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं (रिंदान-ए-मैकदा = मैख़ाना/ मधुशाला/ मदिरालय के शराबी) ऐसे भी ज़िन्दगी में कई मेहरबाँ मिले पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं वो बुत जिन्हें दिया था हमी ने शऊर-ए-हुस्न मिलते हैं अब तो ऐसे कि पहचानते नहीं फ़न जज़्बा-ओ-ख़ुलूस-ओ-लताफ़त का नाम है फ़नकार दुश्मनी की कभी ठानते नहीं (फ़न = कला), (जज़्बा = भावना, उत्साहपरक भाव, कुछ कर गुज़रने का विचार; उमंग, जोश, हौसला), (ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठा), (लताफ़त = कोमलता, सुंदरता) , (फ़नकार = कलाकार) इतना तो जानते हैं के हम हैं शहीद-ए-नाज़ क़ातिल की पूछते हो तो हम जानते नहीं (शहीद-ए-नाज़ = प्रेमिका के नाज़ नख़रे पर प्राण न्यौछावर करने वाला) -नामालूम
@SAMIR PATEL Thank you It gives me immense pleasure in sharing my treasured collection with like minded friends like you. Thank you for enjoying them and for your feedback Hope you enjoy my future uploads
Jo log khaq-e-dasht-e-wafaa jaante nahi/ जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं लैला-ए-ज़िन्दगी को वो पहचानते नहीं (खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा = वफ़ा के रेगिस्तान की धूल), (लैला-ए-ज़िन्दगी = लैला रूपी ज़िन्दगी) जो लोग दिल की आग को पहचानते नहीं हम उनके तब्सिरों का बुरा मानते नहीं (तब्सिरा = आलोचना, समीक्षा, तन्कीद) ग़म किस तरह हो कम जो मिलें ऐसे ग़म-गुसार ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं (ग़म-गुसार = दुख-दर्द का बाँटने वाला, सहानुभूति प्रकट करने वाला) कितना बदल दिया है निगाहों को वक़्त ने एक दूसरे को जैसे कि हम जानते नहीं वाइज़ ख़ता मुआफ़ के रिंदान-ए-मैकदा दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं (रिंदान-ए-मैकदा = मैख़ाना/ मधुशाला/ मदिरालय के शराबी) ऐसे भी ज़िन्दगी में कई मेहरबाँ मिले पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं वो बुत जिन्हें दिया था हमी ने शऊर-ए-हुस्न मिलते हैं अब तो ऐसे कि पहचानते नहीं फ़न जज़्बा-ओ-ख़ुलूस-ओ-लताफ़त का नाम है फ़नकार दुश्मनी की कभी ठानते नहीं (फ़न = कला), (जज़्बा = भावना, उत्साहपरक भाव, कुछ कर गुज़रने का विचार; उमंग, जोश, हौसला), (ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठा), (लताफ़त = कोमलता, सुंदरता) , (फ़नकार = कलाकार) इतना तो जानते हैं के हम हैं शहीद-ए-नाज़ क़ातिल की पूछते हो तो हम जानते नहीं (शहीद-ए-नाज़ = प्रेमिका के नाज़ नख़रे पर प्राण न्यौछावर करने वाला) -नामालूम
Each time you post it , I offer a thousand notes of thanks for S.Soni sir , whoever you are , wherever you are . Perhaps ,like the flowers of memory you let these Ghazals go in the river of Time as a tribute to the man who put his heart piece by piece , word by word , breath by breath in his voice.
Well said!
🌺🌺🌺🙏
@JAYANT NOMAN
Thank you It gives me immense pleasure in sharing my treasured collection with like minded friends like you. Thank you for enjoying them and for your feedback Hope you enjoy my future uploads
@@sachinhsoni " Guzoro jo baag se toh , dua maangte chalo . Jisme khile hain phool wo daali hari rahe" He sang those words of Nida . And I remember them whenever I walk through a grove , a garden , or even when I pass by a bush by the side of a solitary path . And I remember them whenever I come across a generous heart. Though I know every spring passes , however rich with flowers it be , nevertheless I wish that your treasure does last forever .
@@sachinhsoni 🙏💐💐💐
Nice Upload Dear.
जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं
लैला-ए-ज़िन्दगी को वो पहचानते नहीं
(खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा = वफ़ा के रेगिस्तान की धूल), (लैला-ए-ज़िन्दगी = लैला रूपी ज़िन्दगी)
जो लोग दिल की आग को पहचानते नहीं
हम उनके तब्सिरों का बुरा मानते नहीं
(तब्सिरा = आलोचना, समीक्षा, तन्कीद)
ग़म किस तरह हो कम जो मिलें ऐसे ग़म-गुसार
ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं
(ग़म-गुसार = दुख-दर्द का बाँटने वाला, सहानुभूति प्रकट करने वाला)
कितना बदल दिया है निगाहों को वक़्त ने
एक दूसरे को जैसे कि हम जानते नहीं
वाइज़ ख़ता मुआफ़ के रिंदान-ए-मैकदा
दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं
(रिंदान-ए-मैकदा = मैख़ाना/ मधुशाला/ मदिरालय के शराबी)
ऐसे भी ज़िन्दगी में कई मेहरबाँ मिले
पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं
वो बुत जिन्हें दिया था हमी ने शऊर-ए-हुस्न
मिलते हैं अब तो ऐसे कि पहचानते नहीं
फ़न जज़्बा-ओ-ख़ुलूस-ओ-लताफ़त का नाम है
फ़नकार दुश्मनी की कभी ठानते नहीं
(फ़न = कला), (जज़्बा = भावना, उत्साहपरक भाव, कुछ कर गुज़रने का विचार; उमंग, जोश, हौसला), (ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठा), (लताफ़त = कोमलता, सुंदरता) , (फ़नकार = कलाकार)
इतना तो जानते हैं के हम हैं शहीद-ए-नाज़
क़ातिल की पूछते हो तो हम जानते नहीं
(शहीद-ए-नाज़ = प्रेमिका के नाज़ नख़रे पर प्राण न्यौछावर करने वाला)
-नामालूम
Every time I come to this channel,I always scroll down to find your comment first, keep posting..... तह ए दिल से शुक्रिया
शुक्रिया। Yeoman service.
❤ ओह क्या काम किया है आपने सर ❤
Jaha jagjit Ji wahi milunga@@Yuvraj31579
@@apurvavasavada383🤗☺️
ग़म किस तरह हो कम, जो मिले ऐसे ग़म-गुसार
ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं
Absolutely fantastic, there is no substitute for legendary Jagjit Singhji music🙏🙏🙏
Sachin bhai Shandar👌👍
Jagjit SIngh was such unbelievable talent we had! Chitra SIngh perfectly blended with his style and voice. They always sounded great together.
Jagjit ji never fails to impress. Listening to this gazal for the first time and i have already started humming it!. He indeed was a naturally talented great artist..
Beautiful gzl, Beautiful singing 👍🌹🙏
Soniji, your sharing this treasure reveals your love for music and your generosity. Amazing clarity in the recording. Thank you much.
Wonderful ghazal .Both Jagjit ji and Chitra ji have sung it beautifully
Zabardast ! Aap se behtar mousikaar bhi hum Jannte nahi!
Jo log dil ki aag ko pahchante nahi...hum unke tapsron ka bura maante nahi...
Jagjit sir you are immortal ❤🌺
Who knows that behind the soulful facade of melody is a parental agony of an unspeakable loss of their only child.
Jai Jai Jagjit Singh Sahab ji 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Thank You Very Much Ji 🥰🥰
Soni sahab kya collection hai aapke. Salute sir....
Love.. just tons of love to you Soni ji!
Another masterpiece rendering by the Immortal Legend.
Unheard, unappreciated. Pure brilliance
Brilliant, masterpiece 🙏🙏Great Jagjit ji 🙏🙏
Love you for sharing these gems.
thanks for uploading classic unheard gazal (for me) please keep posting such gems as lived in south India heard only later about gazals
दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं - जगजीत साहब के चाहने वालों का यही हाल है
Wa Soniji what a blissful silky shower of amazing words and composition. Nostalgic tour to the Golden days of Jagjitji.
Trivaar abhar, abhar abhar.................
Wah wah... Very impressed... Thanks
Superb BHAI Anmol Nagina. Jagjit BHAI GOD'S VOICE. Chitraji good sangat
Sab kahan, kuchh lala o gul mein numaya ho gayin
Khaaq mein kya suratein hongi ki pinha ho gayin
Soni sahab, yeh insan aur fankar bhi azeem tha. Iske betahasha nageenon se rubaru karane ke liye behad shukriya.
Soniji aap ki taarif mei lafzay e bayan nahi.
सच में आप छुपे हुए खजाने से पहचान कराते हैं
Wah wah God bless his soul.
Rare gem..
Wah!! .Thanks for posting it on UA-cam
Same here
बल्कि मैं तो जगजीत साहब की दुर्लभ ग़ज़लें फ़राहम कराने के लिए हर बार अहसानमंद भी हुआ जाता हूँ आपका
आपका आभार किन शब्दों में व्यक्त करें, ये बेहतरीन पेशकश भेज के आपने बड़ा उपकार किया है अन्यथा हम लोग तो वंचित ही राह जाते। बहुत धन्यवाद जी।
Ek aur nayaab ghazal upload kar di hai aapne, Soni ji, anmol heera hi keh sakte hain...Hamein to lafz hi nahin mil rahe, tareef mein bayan karne ke liye...Itnii marm sparshi shaayari ko, utne hi mulayam swar mein gaaya hai, Chitra ji, aur Jagjitji ne, dil ki ghehrayion ko chuu leti hai, unki makhmali awaaz mein gaayi ye khubsurat ghazal...
Jo log khaaq-e-dasht-e-wafa chaante naheen, Laila-e-zindagi ko wo pehchaante naheen...Laajavaab sher...Jo log dil ki aag ko pehchaante naheen, hum unke takhsaron ka bura maante nahin...Saare ash'aar hi dil ko chuu lene waale hain, itni gehraai hai ki seedha ruh ko hi chhu jaate hain...Behad khushi huyi ye itni bemisaal ghazal sunn kar...
Iske liye aapka jitna bhi shukriya ada karen kam hi hoga...Itna chuu liya, Chitra ji aur Jagjitji ki ruhani aawaaz mein gaayi, ye ghazal ko sunn kar, ke khushi se aansu chhalak aaye ...Aaj to aapne bhaavuk kar diya itnee khoobsoorat ghazal sunvaakar...Tah e dil se dhanyavaad, khush rahiye... Sehatmand aur surakshit rahiye.! 👌👌👌unginit likes 👍🙏 🥰
Itnii piyaari ghazal hai ki baar baar sunne ka mann karta hai, jadu kar diya, Chitra ji aur Jagjitji ne, itna dil se gaaya dono ne, ke hamara dil bhi jeet liya..Wah wah hi kah sakte hain...Subhaan Allah.!....🙏 🤗
Sachin bhai, master piece.. amazing sound quality and 24 karat gold voice.. 🙏🙏
What a gem you have given to us, someone like me who is a mureed of Pundit Jagjit Singh ji. Bhav Ke Saath khayal gayaki. And to a lot of us , he is just hothon se choo lo tum and kagaz ki kashti. This is the real Mastero. WOW
Itni najakat bhari gazal sunane ke liye sukriyan soni sahab apne
Awesome Sachinji
Kya kya gaaya hai boss ne. And you are so fortunate to witness such live performance in his struggling days….It’s indeed a gr8 favour to his millions of fans. Hope u are safe and healthy.
So true !! these are such gems.
100 % agreed Sirji.
Zabardast ghazal🎯
Thank u v much ... Keep up loading 👍👍👍
Wah ji wah.. Sachin bhai ji shukriya aapka.
Kya khannak hai Awaz me.
Jagjit ji ne sabse acha sher chitra ji ko gaane diya - "kitna badal diya hai nigaho ko waqt ne, ek dusre ko jaise hum jante nh" . True love ❤️
Kya baat hai …. Kya baat hai …. Kya grace hai Kamal hai and …. Thanks a lot indeed for exposing us to these gems
Thank you so much Sachin bhai
We miss you😢
आहा ,,, क्या खूब 😊
क्या लाजवाब गजल है ,, शुक्रिया शुक्रिया और बहुत बहुत शुक्रिया ,,,,
सालगिरह मुबारक़💐
Thanks Mr. S Soni , you are a gem of the time, pls post more if you have of these rare classic Ghazals. Lakh Lakh Shukriya, Ek channel banaiye. share your mail ID Thanks.
SACHINBHAI, AAPKA SHUKRIYA BHAI. dil se.
Beautiful ghazal, really nice listening to it, thanks for sharing
Many many thanks
This is incredible 💕 love it 👌
Jo log khaq-e-dasht-e-wafaa jaante nahi/ जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं
जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं
लैला-ए-ज़िन्दगी को वो पहचानते नहीं
(खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा = वफ़ा के रेगिस्तान की धूल), (लैला-ए-ज़िन्दगी = लैला रूपी ज़िन्दगी)
जो लोग दिल की आग को पहचानते नहीं
हम उनके तब्सिरों का बुरा मानते नहीं
(तब्सिरा = आलोचना, समीक्षा, तन्कीद)
ग़म किस तरह हो कम जो मिलें ऐसे ग़म-गुसार
ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं
(ग़म-गुसार = दुख-दर्द का बाँटने वाला, सहानुभूति प्रकट करने वाला)
कितना बदल दिया है निगाहों को वक़्त ने
एक दूसरे को जैसे कि हम जानते नहीं
वाइज़ ख़ता मुआफ़ के रिंदान-ए-मैकदा
दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं
(रिंदान-ए-मैकदा = मैख़ाना/ मधुशाला/ मदिरालय के शराबी)
ऐसे भी ज़िन्दगी में कई मेहरबाँ मिले
पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं
वो बुत जिन्हें दिया था हमी ने शऊर-ए-हुस्न
मिलते हैं अब तो ऐसे कि पहचानते नहीं
फ़न जज़्बा-ओ-ख़ुलूस-ओ-लताफ़त का नाम है
फ़नकार दुश्मनी की कभी ठानते नहीं
(फ़न = कला), (जज़्बा = भावना, उत्साहपरक भाव, कुछ कर गुज़रने का विचार; उमंग, जोश, हौसला), (ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठा), (लताफ़त = कोमलता, सुंदरता) , (फ़नकार = कलाकार)
इतना तो जानते हैं के हम हैं शहीद-ए-नाज़
क़ातिल की पूछते हो तो हम जानते नहीं
(शहीद-ए-नाज़ = प्रेमिका के नाज़ नख़रे पर प्राण न्यौछावर करने वाला)
-नामालूम
Wow... It's so so beautiful.. I have no words to express my feelings right now... God bless u..
Marvellous !
Soni ji you are doing a great service to ghazal fans. Thank you very very much.
@SAMIR PATEL
Thank you It gives me immense pleasure in sharing my treasured collection with like minded friends like you. Thank you for enjoying them and for your feedback Hope you enjoy my future uploads
सोनीजी, वो जौहरी है जिन्होने ऐसे कई बेशकिमती नगीने, जगजीतजी के चाहनेवालोंपे लुटाकर ,दुवाओंसे अपना खजाना बढाया है. तहे दिल से शुक्रीया सचिनभाई.
Very nice 👌
Beautiful
क्या बात है। बहुत ख़ूब।।
Thanks a lot for the upload..
Badi mushkil se mili hai ye Khazana ...kahi copyright me na chala jaye ..
Soni Ji Please Please keep these alive at any cost.
Soni ji , another gem from your secret collection !!! . Greetings from
Durban . Keep them coming . Thank you from worshippers of jagjith ji .
Many thanks
Thank thank thank u so much sachin Bhai... Aap nahin jaantey ke aap bhakton ko kya de detey ho
वाह वाह
Superb sharing sachin bhai 👌😊
Wahhhhhh
Lajwab 🌹🌹Thanks for sharing 🙏🙏
Soo nice ❤️
👌👌
बेहतरीन। हिंदी अनुवाद मिल हिंदी अनुवाद मिले तो मजा आ जाए।
Jo log khaq-e-dasht-e-wafaa jaante nahi/ जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं
जो लोग खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा जानते नहीं
लैला-ए-ज़िन्दगी को वो पहचानते नहीं
(खाक़-ए-दश्त-ए-वफ़ा = वफ़ा के रेगिस्तान की धूल), (लैला-ए-ज़िन्दगी = लैला रूपी ज़िन्दगी)
जो लोग दिल की आग को पहचानते नहीं
हम उनके तब्सिरों का बुरा मानते नहीं
(तब्सिरा = आलोचना, समीक्षा, तन्कीद)
ग़म किस तरह हो कम जो मिलें ऐसे ग़म-गुसार
ग़म की नज़ाकतों को जो पहचानते नहीं
(ग़म-गुसार = दुख-दर्द का बाँटने वाला, सहानुभूति प्रकट करने वाला)
कितना बदल दिया है निगाहों को वक़्त ने
एक दूसरे को जैसे कि हम जानते नहीं
वाइज़ ख़ता मुआफ़ के रिंदान-ए-मैकदा
दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं
(रिंदान-ए-मैकदा = मैख़ाना/ मधुशाला/ मदिरालय के शराबी)
ऐसे भी ज़िन्दगी में कई मेहरबाँ मिले
पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं
वो बुत जिन्हें दिया था हमी ने शऊर-ए-हुस्न
मिलते हैं अब तो ऐसे कि पहचानते नहीं
फ़न जज़्बा-ओ-ख़ुलूस-ओ-लताफ़त का नाम है
फ़नकार दुश्मनी की कभी ठानते नहीं
(फ़न = कला), (जज़्बा = भावना, उत्साहपरक भाव, कुछ कर गुज़रने का विचार; उमंग, जोश, हौसला), (ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठा), (लताफ़त = कोमलता, सुंदरता) , (फ़नकार = कलाकार)
इतना तो जानते हैं के हम हैं शहीद-ए-नाज़
क़ातिल की पूछते हो तो हम जानते नहीं
(शहीद-ए-नाज़ = प्रेमिका के नाज़ नख़रे पर प्राण न्यौछावर करने वाला)
-नामालूम
What a poem who is the shaayar?
Kya baat hai sachin bhai...👌👌👌
Sheyr hain ya ki teer -jaise each word each line gehra zakhm kar gaya ho
🥺🤔😘👌👍🎶🎹JANGIT SINKH 🥺
❤
Can any one please tell me who was the poet of this wonderful ghazal?
Who is the poet of this master piece.
Who is the poet of this beautiful creation....please give Lyrics if anyone has
किसकी लिखी गजल है यह,कोई बता सकता है
Is this Yaman Kalyan?
kahi ye wo to nahi... same raaga.