आदमी ...हालातों क़ा शिकार @Man बांवरा
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- Опубліковано 20 вер 2024
- हेलो दोस्तों जय श्री कृष्णा
मैं रुचि
दोस्तों आज की कविता का विषय है हालातो का शिकार आदमी. .. .. .
दोस्तों एक पुरुष के साथ हमारी इतनी उम्मीदें बड़ी होती है जी हम चाहे अनचाहे उसे भगवान बन बैठे हैं और उसके भगवान बनने की प्रक्रिया में हम यह भूल जाते हैं कि वह भी एक आम इंसान ही है जिसे हमने अपनी गठरी भर उम्मीदें बांध रखी है और जब वह उम्मीदें पूरी नहीं होती तो हम पुरुष को दोषी मानने लगते हैं पर हम उसे समय यह भूल जाते हैं कि शायद वह हालातो का शिकार हो और वह हमारी उम्मीदों को पूरा करना चाहता है पर पूरा नहीं कर पा रहा है
तो बस इसी ख्याल में इस कविता को रचित किया है आशा करती हूं आपको यह ख्याल पसंद आएगा आपका प्यार और साथ देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया
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Bahut hi sundar ❤
Good consistency....
👍👍
ठीक बात कही शब्दों के माध्यम से....आदमी के दर्द के संदर्भ में..वाह वाह
धन्यवाद् बहना
Nice