टैक्स सारा दो बदले में ठनठन

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  • Опубліковано 10 жов 2024
  • ‎P.D.KHAIRWAR से वीडियो
    //नारायणगंज बस स्टैंड यात्री प्रतीक्षालय में गर्मियों में भी पंखे नहीं,शौचालय में लटका रहता है ताला//
    जन सु्विधाओं का बिल्कुल भी परवाह नहीं जिम्मेदारों को
    मंडला।
    जहां पर जन सुविधाएं पर्याप्त होनी चाहिए वहां पर सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति मात्र करने में प्रशासन हमेशा आमदा रहता है। यात्रियों के कुछ क्षण विश्राम के लिए प्रतीक्षालय कहीं बनाये भी गये हैं तो उनमें कोई सुविधाओं का ध्यान नहीं। सार्वजनिक जन सुविधाघरों की स्वच्छता की तो उम्मीद करना ही बेमानी होगी।
    बता दें कुछ ऐसा ही हाल नारायणगंज विकासखंड मुख्यालय के बसस्टेंड का है। यहां पर यात्री प्रतीक्षालय रंग रोगन के साथ खड़ा तो कर दिया गया है,पर तेज गर्मियों के दिनों में भी यात्रियों को हवा देने के लिए पंखे का इंतजाम नहीं है।न ही प्रकाश के लिए बिजली कनेक्शन लगाया गया है‌। बैशाख ज्येष्ठ के दिनों गर्मी बेतरतीब बढ़ रही है।यात्रीगण बस के इंतजार में कुछ समय यात्री प्रतीक्षालय में बैठकर गर्मी से राहत पाने की इच्छा करते हैं।साथ में छोटे छोटे बच्चे भी होते हैं।वैसे भी शादी विवाह के चलते सड़कों पर बसों का भारी टोटा चल रहा है‌।जिसके कारण यात्रियों को ज्यादा समय तक प्रतीक्षालयों में बैठे रहने की मजबूरी रहती है।तब तक पंखा के बिना तेज तपिश के कारण पसीने से सराबोर होना पड़ता है।जिससे तबियत बिगड़ने का डर हमेशा छाया रहता है।इसी तरह यहां पर बने शौचालय में ताला लटकता रहता है‌। गर्मियों के दिनों में अक्सर आदमी को लूज मोशन की शिकायत बनना आम बात है।ऐसे में ताला लटकते शौचालय में शौच करें तो कैसे।आपात स्थिति में हमेशा बहुत खराब समय आ जाता है। वहीं पर पेशाबघर भी है‌। जहां पर पानी का कोई इंतजाम नहीं है। पेशाबघर में गंदगी इतनी फैली रहती है,कि नाक मुंह बंद करके पेवाबघर के अंदर जाना मजबूर होना पड़ता है। यहां का फर्श इतना गंदा का गंदा बना रहता है,कि पांव रखकर चलने में भी घृणा का अनुभव होता है।
    सभी जानते हैं नारायणगंज बस स्टैंड में सुबह से लेकर देर रात तक हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है। यहां से रोजाना सैकड़ों बड़ी बसों और छोटे वाहनों का गुजरना होता है। जिनमें हजारों यात्रीगण यात्रा करते हैं। जबलपुर की ओर से या मंडला की ओर से चलने वाली बसें रास्ते में कहीं पर नहीं ठहरतीं। यहीं पर पहुंचकर दो मिनट के लिए ठहरती हैं। तब तक यात्रियों को सुविधाघर के उपयोग की बड़ी जरूरत पड़ जाती है। स्थानीय व्यापारी वर्गों को भी इन सुविधाघरों की जरूरत पड़ती ही है। बावजूद जिम्मेदार जनपद पंचायत को इन सबसे कोई लेना-देना नहीं।जबकि इसी तरह की सुविधाओं के बदले जनता से टैक्स लिया जाता है।लिये गये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के बदले जनता को उचित सुविधाएं भी नहीं दी जाती हैं।जिससे लोगों को भारी असुविधाओं से गुजरना पड़ता है‌।जबकि इस तरह की सुविधाओं का लाभ लेना जनता का मौलिक अधिकार होता है। जिम्मेदारों से अपेक्षा की गई है,कि यात्री प्रतीक्षालय में बिजली कनेक्शन के साथ पंखा और बल्ब का इंतजाम समय पर किया जाए। शौचालय का ताला खोलकर उपयोगी बनाया जाये।पेशाबघर की गंदगी को दिन में कम से कम एक बार अवश्य साफ कराई जाए।

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