आज की कहानी में हम चौधरी छोटूराम, श्री राम शर्मा, प्रोफेसर शेर सिंह के साथ साथ भौगोलिक जानकारी जातियों के हिसाब से जाटों की बहुलता वाला क्षेत्र ओर खासकर चौधरी छोटूराम जी के विषय में बहुत कुछ जानने को मिला आपका बहुत बहुत धन्यवाद महोदय
चौ छोटू राम जी ने चौ चाँद राम को अपने गले लगाया जब वह लाहौर यूनिवर्सिटी में एम एम कर रहे थे जोकि उन्ही के गाँव के थे और उनको राजनीति में लेकर आये और1952 में उन्हें एम एल ए बनवाया। एसे थे sir chotu राम। 54:05
भाई साब राम राम बहुत डिटेल और तर्क के साथ आपने इस वीडियो पर कार्य किया और बड़ा अच्छा लगा कि आपने सारे एंगल कवर किय। छोटू राम का ही असर रहा कि हमारे यहां का किसान पढ़ लिख पाया।सरकारी नौकरी की संख्या भी इसका परिणाम है।
छाजू राम जी की जीवनी में आपने बताया लालचंद जी सहित पांच ओर वकील वकालत किया करते थे जब छोटूराम जी वकालत करने लगे थे धर्मेंद्र भाई दोनों जीवनी में बहुत अंतर आ गया आप खुद छाजू राम जी की जीवनी पर बनाए वीडियो देखो और इसको देखो दिन रात का अंतर दिखाई देगा आपको आपके द्वारा बताई गई बातो में
Sir,You are a great great historian for Jat history.Also.you are such a knowledge able person hardly you can find in Jatland.Jat are not united like other castes of the state.Had other any other caste.been there as single largest community they would have had minimum fifty percent of MLAs and MPs in the province.
हालांकि मैं अंग्रेजो के मित्र छोटूराम जी का आलोचक हूँ किन्तु आपने जिस, परिश्रम, ईमानदारी और निष्पक्षता से यह विडिओ बनाया है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है. मैंने कहीं सुना है कि DLF के संस्थापक ने भी भगत सिँह से गद्दारी की थी, इस पर थोड़ा प्रकाश डालें.
Aap b honesty se sab batayea ye b achi baat hi ab jaat ko bahiujan me ajana chahiye waise b wo shudar me atta akele jaat satta ne paa sakte ager brahmin wad todan hai toh mool nivasi ko ekatha hone padega Aaj samaj lo kal samaj lo nai toh time toh samja hi dega so bhayeo ekathe ho jao nai nA zameen rahegi nA kissan majdoor Example samne hai Aaj ka cm jaat ne hai
Ch.Chhotu Ram Ji As Minister Of Joint India Hamare Parosi Gaun Niraban Main Aaye Thae Tau Young Ch.Devi Lal Inter In Polticas And Reched To Nirban For Appose Ch. chhotu Ram And Began To Speak Against Ch. Sahab .The Police Men Jumped To Round Up Ch. Devi Lal But At That Time Ch. Chhotu Ram Ordered To Police This Young Boy Should Be Allowed Against Me Becouse One Day He Mighty Be A Voice Of Indian Farmer 🙏🏻🌹
Comments on Rahbar-e-Azam can be divided into two clear-cut categories. One lot calls him the Shadow of God while the other calls him casteist etc. This division is a reflection of fissures within the society which, instead of reducing, have become more acute over last 75 years. A failure of system in vogue since August 1947. On the other hand, Rahbar-e-Azam, as Revenue Minister and defacto Premier of Greater Punjab brought about fastest ever growth recorded till date. He was borne in a Jat family and as such understood that overwhelmingly agro based economy of then Punjab can only grow if the farmer grew! His policies and laws he piloted laid the foundation of present day prosperity. He was true ruler who implemented Sarv Jan Hitaye - Sarv Jan Sukhaye. In those days 40% of the population was engaged in agriculture and they were direct beneficiary of his work. Another 50% who lived in the farmer led villages drew indirect benefits as trickle down effect of prosperity of the farmer. The education institutions he started were open to all. In so far as collaboration with the British is concerned, let us not forget that Ambedkar, Jinnah, Periyar of Tamilnadu and many more, also collaborated with the British. All of them are hailed as heroes by their respective communities. No one calls Ambedkar a casteist despite his loud and clear atriculations against so-called Upper Castes and Hinduism. So what is the reason for this vehement hatred towards a man whose work directly benefited 40% and indirectly benefited another 50%? Reason is quite simple and that is the failure of the direct beneficiary to understand Rahbar-e-Azam and consequent inability to explain him to the rest.
aise logo ki baat karo jinhone Freedom struggle me kuch kiya...aise leaders ke baat Karo jinhone Hundreds of acre land ka offer reject karke Angrejo ke khilaf aandolan kiya
😊 Sar ji namaskar aap bata sakte hain ki Shahid Bhagat Singh ki fansi ki gavahi Dene Wale Haryana sanyukt Madhya Hua Karta Tha usmein kaun kaun Parivar Hai Is per kabhi aap video banaa sakte hain
Sir ; I am of the confirm opinion that not even a single personal might compete virtue in all aspects of humanity;so lack of humanity is natural; In view of above: I request your goodself to plz cited the things only in favour of society
😊 namaskar😅😅 aap Bhagat Singh ki fansi ki gavahi Dene Wale teen parivaron ka naam bilkul Bankar sacchai ke roop Mein video Banakar Ke Is Desh Mein prasarit kar sakte hain aapki yah kya raha hai aap Mein yah Himmat hai
Had Ch Chhotu Ram alive at the time of independence this country wouldn't.have been divided into two parts.Sir Sikandar Hayat Khan.was.also against partition however his son was in favour of the division.Sir Khijar Hayat.Khan was alive at the time of partition but.he was helpless.
Unke kiye kaam sabhi dharm k kisano or kameron k liye the. Lekin aaj ki yuva peedhi jise sab kuch paka pakaya mil gaya. Casteism ki ladai mein purane maha purusho k kaamo par thookti hai. Ye log us daur k logo ki halat ko nakar dete hain. Inhone gulaami nahi dekhi inhe sab kuch aaj jaisa lagta hai. Choturam n saahukaro ki loot band kar di thi. Ye saahukaar us waqt k bade jameendar, vyapari varg hota tha. Jo gareeb tamge ka soshan karta tha. Lekin ab har cheez casteism ka chasma pehn k dekhte hain log.
BHAI DHARMENDERJI DR PREM CHAUDHARY KE PITAJI MERE VC RAHEN H RESPCTED CHAUDHARY HARDWARI LAL JI BAHIN JI KE BARE DETAIL SE BATAIYE M BAHINJI SE MILNA CHAHTA HUN
प्रिय धर्मेंद्रजी आप द्वारा प्रस्तुति बहुत ही ज्ञान वर्धक है, देशवाली इलाके का इतिहास किसी ने संभाल कर नहीं लिखा जबकि जमनापार वालों के पास ये विस्तार पूर्वक सुरिक्षत है, आप द्वारा किया गया प्रयास बहुत ही सराहनीय है कितनी लग्न और मेहनत से काम किया है, आशा है आप चौधरी बंसीलाल के समय में श्री राम सिंह जाखड़ द्वारा लिखी जो बाद में प्रतिबंधित करदीगयी थी को ढूंढ कर जिसमे काफी कटु सत्य हैं उन्हें भी उजागर करेंगे। मेरी तरफ से आपके प्रयास को कोटि कोटि आशीर्वाद।
आप मुझे ये बताए नाई पर से कतरन का टैक्स हटाया था कुम्हार पर से भी लगान हटाया था और मजदूर दलित समुदाए को यूनाइटेड पंजाब में रिजर्वेशन दे दिया था सभी सरकारी भिभाग में और सैनी जाति के साथ साथ बाकी को जमीन का मालिकाना हक दे दिया था और मजदूर किसान की कोई भी चीज साहूकार कुर्क नही कर सकता था ये कौनून बनाया और उन्होंने किसी समाज का नुकसान नही किया साहूकार को छोड़कर अब ये बताए की जो मैने काम बताए ह ये कौनसे समाज से तालुक रखते हैं ये सभी काम नॉन जाट के लिए बहुत फायदेमंद थे पढ़ा ही कहा है तुम मुर्खो ने बल्कि तुम्हे ये पता होना चाहिए की अनपढ़ ये जाट कॉलेज और सोसायटी दिख रही है ये खुद जाट ने अपने पैसे से बनाई थी जो वर्ल्ड वार में फौजी थे उन्होंने पैसा इखाठा करके और बाकी की चौधरी छाजूराम लांबा ने बनाई थे वो उस समय भारत के सबसे बड़े बिजनेस मैन थे उसी ने बनाए थे चौधरी छाजूराम की कोठी रोहतक ने उसी ने बनाकर दी थी मूर्ख कही तुझे लगता हो की सर छोटूराम ने बना दी अबे अनपढ़ जाहिल आदमी कुछ पढलो आरक्षण से कही लग जाओ और ये गलत जानकारी हानिकारक होती है तो फिर अंबेडकर ने अकेले दलित के लिए क्यों किया ये बता ना फिर ये सब चीजे भी करना उसी के ऊपर था इसलिए उन्होंने किया और वोटर की धुरी भी यही लोग थे esliye उन्होंने किया उनके बनाए कानून का फायदा सभी जात ले गई और आज भी ले रही है हमने अपने पैसे से बनाए जाट संस्थाएं में सभी जात को पढ़ाया ह और आज भी पढ़ रहे है लेकिन तुम तो सांप निकले
आप मुझे ये बताए नाई पर से कतरन का टैक्स हटाया था कुम्हार पर से भी लगान हटाया था और मजदूर दलित समुदाए को यूनाइटेड पंजाब में रिजर्वेशन दे दिया था सभी सरकारी भिभाग में और सैनी जाति के साथ साथ बाकी को जमीन का मालिकाना हक दे दिया था और मजदूर किसान की कोई भी चीज साहूकार कुर्क नही कर सकता था ये कौनून बनाया और उन्होंने किसी समाज का नुकसान नही किया साहूकार को छोड़कर अब ये बताए की जो मैने काम बताए ह ये कौनसे समाज से तालुक रखते हैं ये सभी काम नॉन जाट के लिए बहुत फायदेमंद थे पढ़ा ही कहा है तुम मुर्खो ने बल्कि तुम्हे ये पता होना चाहिए की अनपढ़ ये जाट कॉलेज और सोसायटी दिख रही है ये खुद जाट ने अपने पैसे से बनाई थी जो वर्ल्ड वार में फौजी थे उन्होंने पैसा इखाठा करके और बाकी की चौधरी छाजूराम लांबा ने बनाई थे वो उस समय भारत के सबसे बड़े बिजनेस मैन थे उसी ने बनाए थे चौधरी छाजूराम की कोठी रोहतक ने उसी ने बनाकर दी थी मूर्ख कही तुझे लगता हो की सर छोटूराम ने बना दी अबे अनपढ़ जाहिल आदमी कुछ पढलो आरक्षण से कही लग जाओ और ये गलत जानकारी हानिकारक होती है तो फिर अंबेडकर ने अकेले दलित के लिए क्यों किया ये बता ना फिर ये सब चीजे भी करना उसी के ऊपर था इसलिए उन्होंने किया और वोटर की धुरी भी यही लोग थे esliye उन्होंने किया उनके बनाए कानून का फायदा सभी जात ले गई और आज भी ले रही है हमने अपने पैसे से बनाए जाट संस्थाएं में सभी जात को पढ़ाया ह और आज भी पढ़ रहे है लेकिन तुम तो सांप निकले
छोटूराम ने सिर्फ और सिर्फ जाटो के लिए किया।। वास्तव मे हरियाणा मे जाट वाद की नींव ही छोटूराम ने रखी।। आप जो मर्जी कहे लेकिन छोटूराम आमजन के नेता कतई नही थे।। उन्होंने जाट गजट .. जमीदार पार्टी आदि पर्माण है इस बात के कि छोटूराम मे सिर से लेकर पाँव तक जाट वाद कूट कूट कर भरा था
आपका इसमें कोई कसूर नहीं है खुंडिया जी। आपका अध्ययन बहुत कमजोर है, आपने हरियाणा को पढा लिखा है नहीं है सुनीं सुनाई बातें बहुत खतरनाक होती हैं। बेहतर होगा पहले आप डॉ भीमराम अंबेडकर जी को पहले पढें।
बहुत ही रोचक कथा सुनाई है आपने इसके लिए आपका ओर आपके चैनल को। जय मूलनिवासी, जय, संविधान। धन्यवाद।
बहुत शानदार भाई साहब❤
Great Analysis of Sir Chhotu Ram...
Very good presentation dhramender bhai. Thanks a lot !
अति उत्तम ।
आज की कहानी में हम चौधरी छोटूराम, श्री राम शर्मा, प्रोफेसर शेर सिंह के साथ साथ भौगोलिक जानकारी जातियों के हिसाब से जाटों की बहुलता वाला क्षेत्र ओर खासकर चौधरी छोटूराम जी के विषय में बहुत कुछ जानने को मिला आपका बहुत बहुत धन्यवाद महोदय
😅😅0
Very impressive sir ji
विस्तृत जानकारी के लिए शुक्रिया ।
जय दादा छोटूराम
मेरा राम चौधरी छोटुराम
Salute sir ji
चौ छोटू राम जी ने चौ चाँद राम को अपने गले लगाया जब वह लाहौर यूनिवर्सिटी में एम एम कर रहे थे जोकि उन्ही के गाँव के थे और उनको राजनीति में लेकर आये और1952 में उन्हें एम एल ए बनवाया। एसे थे sir chotu राम। 54:05
Badhiya Bhai
Dharmender ji aap ki bate sahi hein.
Maan Gaye Dharmendra Kanwari saheb. You are great .
गजब ओर स्टिक विश्लेषण धर्मेन्द्रजी सेल्युट म्हारा राम सर छोटू राम
Really, sir chhotu ram was a great leader politician.
भाई साब राम राम बहुत डिटेल और तर्क के साथ आपने इस वीडियो पर कार्य किया और बड़ा अच्छा लगा कि आपने सारे एंगल कवर किय। छोटू राम का ही असर रहा कि हमारे यहां का किसान पढ़ लिख पाया।सरकारी नौकरी की संख्या भी इसका परिणाम है।
It is almost impossible to have leader like ch. Chhotu Ram today
Lajwab vayktitav ke dhnee,sanghrsheel,virat vicharsheel ,kmere varg ki aawaz, Aap humesha dilon mein rahoge
excellent work by you......dr pawar
मेरा राम sir छोटूराम ❤️
बहुत बढ़िया प्रस्तुति भाई साहब
Shabash beta
Koti Koti nmn
मेरा राम सर छोटू राम
Thanks .
Mera ram sir chhotu ram
Great person great work thanks sir chootu ram sahib what link with PIR Mahal near chak 22 name also chak chootu ram?
छाजू राम जी की जीवनी में आपने बताया लालचंद जी सहित पांच ओर वकील वकालत किया करते थे जब छोटूराम जी वकालत करने लगे थे
धर्मेंद्र भाई दोनों जीवनी में बहुत अंतर आ गया आप खुद छाजू राम जी की जीवनी पर बनाए वीडियो देखो और इसको देखो दिन रात का अंतर दिखाई देगा आपको आपके द्वारा बताई गई बातो में
Sir,You are a great great historian for Jat history.Also.you are such a knowledge able person hardly you can find in Jatland.Jat are not united like other castes of the state.Had other any other caste.been there as single largest community they would have had minimum fifty percent of MLAs and MPs in the province.
Chaudhray Chhoturam Amar rahe
हालांकि मैं अंग्रेजो के मित्र छोटूराम जी का आलोचक हूँ किन्तु आपने जिस, परिश्रम, ईमानदारी और निष्पक्षता से यह विडिओ बनाया है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है.
मैंने कहीं सुना है कि DLF के संस्थापक ने भी भगत सिँह से गद्दारी की थी, इस पर थोड़ा प्रकाश डालें.
Aap b honesty se sab batayea ye b achi baat hi ab jaat ko bahiujan me ajana chahiye waise b wo shudar me atta akele jaat satta ne paa sakte ager brahmin wad todan hai toh mool nivasi ko ekatha hone padega Aaj samaj lo kal samaj lo nai toh time toh samja hi dega so bhayeo ekathe ho jao nai nA zameen rahegi nA kissan majdoor
Example samne hai Aaj ka cm jaat ne hai
Ram Ram bhai ji 🙏 bhahut achchhi January de 🙏
छाजू राम जी की जीवनी में तो ओर कुछ ही बताया था आपने छोटूराम जी के बारे मै परिवार, पढ़ाई से लेकर राजनीति तक
Sir Chaudhary Chotu Ram Hmesha hmari yaad me rhenge Chaudhary sabh Amar rhe
Ch chhotu Ram Great mean
Sat sat Naman
Ch.Chhotu Ram Ji As Minister Of Joint India Hamare Parosi Gaun Niraban Main Aaye Thae Tau Young Ch.Devi Lal Inter In Polticas And Reched To Nirban For Appose Ch. chhotu Ram And Began To Speak Against Ch. Sahab .The Police Men Jumped To Round Up Ch. Devi Lal But At That Time Ch. Chhotu Ram Ordered To Police This Young Boy Should Be Allowed Against Me Becouse One Day He Mighty Be A Voice Of Indian Farmer 🙏🏻🌹
Sat sat naman h
Mera ram chhotu ram
💪💪💪❤🎉💪
Nishabd Bhai saab
पं श्रीराम की जन्म तिथी अक्टूबर 1999 ? वीडियो के 29 मिनट पर । कृपा चैक करे । 😢
Sarah, Ji welcome eadyz I'm ram chander Doon
Sar chhoturam Simon Commission ke paksh Mein the vah sabse best faisla tha sar chhoturam ka Bheem namo buddhay
Jo sir ki upaadhi le le,,,,,,aashcharya hai
Comments on Rahbar-e-Azam can be divided into two clear-cut categories. One lot calls him the Shadow of God while the other calls him casteist etc. This division is a reflection of fissures within the society which, instead of reducing, have become more acute over last 75 years. A failure of system in vogue since August 1947.
On the other hand, Rahbar-e-Azam, as Revenue Minister and defacto Premier of Greater Punjab brought about fastest ever growth recorded till date. He was borne in a Jat family and as such understood that overwhelmingly agro based economy of then Punjab can only grow if the farmer grew! His policies and laws he piloted laid the foundation of present day prosperity. He was true ruler who implemented Sarv Jan Hitaye - Sarv Jan Sukhaye. In those days 40% of the population was engaged in agriculture and they were direct beneficiary of his work. Another 50% who lived in the farmer led villages drew indirect benefits as trickle down effect of prosperity of the farmer.
The education institutions he started were open to all.
In so far as collaboration with the British is concerned, let us not forget that Ambedkar, Jinnah, Periyar of Tamilnadu and many more, also collaborated with the British. All of them are hailed as heroes by their respective communities. No one calls Ambedkar a casteist despite his loud and clear atriculations against so-called Upper Castes and Hinduism.
So what is the reason for this vehement hatred towards a man whose work directly benefited 40% and indirectly benefited another 50%? Reason is quite simple and that is the failure of the direct beneficiary to understand Rahbar-e-Azam and consequent inability to explain him to the rest.
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
They were basically feaudalist landlords politicians
Sari Umar panjab ke liye acha Kam karte rahe chotoram ji aur ab unka birthday place be panjab nhi raha 😢😢😢
Ch choturam jindabhad
Choudhary chhotu RAM ji amar rahe tau devilal ji amar rahe
Sr apne panjab ka naam nhi liya panjab mai bhi bht mane wale hai mujhe lgta hai ki shahid regions ki wajah se
aise logo ki baat karo jinhone Freedom struggle me kuch kiya...aise leaders ke baat Karo jinhone Hundreds of acre land ka offer reject karke Angrejo ke khilaf aandolan kiya
Raja Rampal unke agra me llb me class fellow the.
बका की फिक्र कर ए नादान,,,,,, यह शब्द सर छोटू राम जी के थे
Ch chotoo ram was a god of farmers Ranbir coach
Sir chotturam was god for farmers community
😊 Sar ji namaskar aap bata sakte hain ki Shahid Bhagat Singh ki fansi ki gavahi Dene Wale Haryana sanyukt Madhya Hua Karta Tha usmein kaun kaun Parivar Hai Is per kabhi aap video banaa sakte hain
Un gavaahon mein Village Bhaloth wala shamil tha
Ch Chhotu Ram was born in Ohlyan Jat gotra.No caste in Haryana criticise their own great men except Jats.So did Jakhar.
Ushme jatizam tha.es liye vo bs ek jati ke neta ban ker reh gaye
Dekho kon jatiwadi hone ki bat kr rhA hai jinhone jatiwad k nam pr aaj tk desh ka beda garak kr rkha hai
Jinka ghr sishe ko ho vo dusro pr pathar nhi fenka krte
G.O.Chhuto Ram Sahb
Sir ; I am of the confirm opinion that not even a single personal might compete virtue in all aspects of humanity;so lack of humanity is natural; In view of above: I request your goodself to plz cited the things only in favour of society
Chaudhary Chhotu Ram ko itihaskaron ne najarandaj hi kiya jabki chatukaron ko naam va dusra labh diya Gaya.
Ha ha unko shok tha len den ka baki sab jo ye Kam Karter the vo mahajan baniye brhamin logo ka khun chuste the man gye pdhe likhe patrkar ko
Pakhandi Bamano ne grib kissno ka khub soshan kiya or desh ko barbad kiya
CH.Choto Ram Amar rhi
Dr prem choudhry ki tark se sayad hi koi sahmat ho.
😊 namaskar😅😅 aap Bhagat Singh ki fansi ki gavahi Dene Wale teen parivaron ka naam bilkul Bankar sacchai ke roop Mein video Banakar Ke Is Desh Mein prasarit kar sakte hain aapki yah kya raha hai aap Mein yah Himmat hai
Had Ch Chhotu Ram alive at the time of independence this country wouldn't.have been divided into two parts.Sir Sikandar Hayat Khan.was.also against partition however his son was in favour of the division.Sir Khijar Hayat.Khan was alive at the time of partition but.he was helpless.
Unke kiye kaam sabhi dharm k kisano or kameron k liye the. Lekin aaj ki yuva peedhi jise sab kuch paka pakaya mil gaya. Casteism ki ladai mein purane maha purusho k kaamo par thookti hai. Ye log us daur k logo ki halat ko nakar dete hain. Inhone gulaami nahi dekhi inhe sab kuch aaj jaisa lagta hai. Choturam n saahukaro ki loot band kar di thi. Ye saahukaar us waqt k bade jameendar, vyapari varg hota tha. Jo gareeb tamge ka soshan karta tha. Lekin ab har cheez casteism ka chasma pehn k dekhte hain log.
BHAI DHARMENDERJI DR PREM CHAUDHARY KE PITAJI MERE VC RAHEN H RESPCTED CHAUDHARY HARDWARI LAL JI BAHIN JI KE BARE DETAIL SE BATAIYE M BAHINJI SE MILNA CHAHTA HUN
प्रिय धर्मेंद्रजी आप द्वारा प्रस्तुति बहुत ही ज्ञान वर्धक है, देशवाली इलाके का इतिहास किसी ने संभाल कर नहीं लिखा जबकि जमनापार वालों के पास ये विस्तार पूर्वक सुरिक्षत है, आप द्वारा किया गया प्रयास बहुत ही सराहनीय है कितनी लग्न और मेहनत से काम किया है, आशा है आप चौधरी बंसीलाल के समय में श्री राम सिंह जाखड़ द्वारा लिखी जो बाद में प्रतिबंधित करदीगयी थी को ढूंढ कर जिसमे काफी कटु सत्य हैं उन्हें भी उजागर करेंगे। मेरी तरफ से आपके प्रयास को कोटि कोटि आशीर्वाद।
आप मुझे ये बताए नाई पर से कतरन का टैक्स हटाया था कुम्हार पर से भी लगान हटाया था और मजदूर दलित समुदाए को यूनाइटेड पंजाब में रिजर्वेशन दे दिया था सभी सरकारी भिभाग में और सैनी जाति के साथ साथ बाकी को जमीन का मालिकाना हक दे दिया था और मजदूर किसान की कोई भी चीज साहूकार कुर्क नही कर सकता था ये कौनून बनाया और उन्होंने किसी समाज का नुकसान नही किया साहूकार को छोड़कर अब ये बताए की जो मैने काम बताए ह ये कौनसे समाज से तालुक रखते हैं ये सभी काम नॉन जाट के लिए बहुत फायदेमंद थे पढ़ा ही कहा है तुम मुर्खो ने बल्कि तुम्हे ये पता होना चाहिए की अनपढ़ ये जाट कॉलेज और सोसायटी दिख रही है ये खुद जाट ने अपने पैसे से बनाई थी जो वर्ल्ड वार में फौजी थे उन्होंने पैसा इखाठा करके और बाकी की चौधरी छाजूराम लांबा ने बनाई थे वो उस समय भारत के सबसे बड़े बिजनेस मैन थे उसी ने बनाए थे चौधरी छाजूराम की कोठी रोहतक ने उसी ने बनाकर दी थी मूर्ख कही तुझे लगता हो की सर छोटूराम ने बना दी अबे अनपढ़ जाहिल आदमी कुछ पढलो आरक्षण से कही लग जाओ और ये गलत जानकारी हानिकारक होती है तो फिर अंबेडकर ने अकेले दलित के लिए क्यों किया ये बता ना फिर ये सब चीजे भी करना उसी के ऊपर था इसलिए उन्होंने किया और वोटर की धुरी भी यही लोग थे esliye उन्होंने किया उनके बनाए कानून का फायदा सभी जात ले गई और आज भी ले रही है हमने अपने पैसे से बनाए जाट संस्थाएं में सभी जात को पढ़ाया ह और आज भी पढ़ रहे है लेकिन तुम तो सांप निकले
Ek caste community ke leaders nahi national leaders ki baat karo...
Tu hi bata de bhai itna pada likha hah to
आप मुझे ये बताए नाई पर से कतरन का टैक्स हटाया था कुम्हार पर से भी लगान हटाया था और मजदूर दलित समुदाए को यूनाइटेड पंजाब में रिजर्वेशन दे दिया था सभी सरकारी भिभाग में और सैनी जाति के साथ साथ बाकी को जमीन का मालिकाना हक दे दिया था और मजदूर किसान की कोई भी चीज साहूकार कुर्क नही कर सकता था ये कौनून बनाया और उन्होंने किसी समाज का नुकसान नही किया साहूकार को छोड़कर अब ये बताए की जो मैने काम बताए ह ये कौनसे समाज से तालुक रखते हैं ये सभी काम नॉन जाट के लिए बहुत फायदेमंद थे पढ़ा ही कहा है तुम मुर्खो ने बल्कि तुम्हे ये पता होना चाहिए की अनपढ़ ये जाट कॉलेज और सोसायटी दिख रही है ये खुद जाट ने अपने पैसे से बनाई थी जो वर्ल्ड वार में फौजी थे उन्होंने पैसा इखाठा करके और बाकी की चौधरी छाजूराम लांबा ने बनाई थे वो उस समय भारत के सबसे बड़े बिजनेस मैन थे उसी ने बनाए थे चौधरी छाजूराम की कोठी रोहतक ने उसी ने बनाकर दी थी मूर्ख कही तुझे लगता हो की सर छोटूराम ने बना दी अबे अनपढ़ जाहिल आदमी कुछ पढलो आरक्षण से कही लग जाओ और ये गलत जानकारी हानिकारक होती है तो फिर अंबेडकर ने अकेले दलित के लिए क्यों किया ये बता ना फिर ये सब चीजे भी करना उसी के ऊपर था इसलिए उन्होंने किया और वोटर की धुरी भी यही लोग थे esliye उन्होंने किया उनके बनाए कानून का फायदा सभी जात ले गई और आज भी ले रही है हमने अपने पैसे से बनाए जाट संस्थाएं में सभी जात को पढ़ाया ह और आज भी पढ़ रहे है लेकिन तुम तो सांप निकले
Your mentality seems to be biased; meaning thereby trying to defame the great leader ; plz stop to explain such type of things
छोटूराम ने सिर्फ और सिर्फ जाटो के लिए किया।। वास्तव मे हरियाणा मे जाट वाद की नींव ही छोटूराम ने रखी।। आप जो मर्जी कहे लेकिन छोटूराम आमजन के नेता कतई नही थे।। उन्होंने जाट गजट .. जमीदार पार्टी आदि पर्माण है इस बात के कि छोटूराम मे सिर से लेकर पाँव तक जाट वाद कूट कूट कर भरा था
आपका इसमें कोई कसूर नहीं है खुंडिया जी। आपका अध्ययन बहुत कमजोर है, आपने हरियाणा को पढा लिखा है नहीं है सुनीं सुनाई बातें बहुत खतरनाक होती हैं। बेहतर होगा पहले आप डॉ भीमराम अंबेडकर जी को पहले पढें।
O anpad .. jato se jalna chord , aur 2-4 kitab pad le , thodi budhi aajegi tere mein nangad .. ghatiya mansikta aale jiv
@@rsindhu2469 किताबें पढ़ने के बाद ही इन बातों का पता चला है।। और हाँ जबान सम्भाल कर बोलना
@@haribhoomitv जी पढ़कर ही पता चला है ।। बाकी हर कौम को अपने अपने महापुरुष अच्छे लगते है
@@कृष्णखुडिया konsi kitaabe padhi hain. Kripya naam likh de taaki hum bhi unka adhyan kar le.
Om.dushant.abay .nena chotala destuction of movemnts of truth