यह पत्रकार बहुत संकुचित विचारधारा के हैं यह सोचते हैं सब इन्हीं की तरह सोच हमारे वैदिक विचारधारा है वसुधैव कुटुंबकम सारी भूमि के लोग हमें हमारे परिवार की तरह है
Krsna koi india ki bhagwan nehi...wo all universe ka bhagwan hai.. sanatan dharm koi india ka dharm nehi..ye har jiv ka dharm hai... Hindu ka matalab hai kafir jo ki musalmano ne diya hai.hum sanatani hai ..koi hindu nehi.. Hindu rashtra nehi sanatan rastra hona chahiye wo bhi kebal Indian all world sanatan rastra hona chiye...
Bhai main dunga clear answer. Pehle ye btao proposal kya hai? Hindu rashtra mein hoga kya? Koi document bana hai Hindu rashtra pr? Bs naam ka chahiye? Ya Constitution ko fek kr uski jagah Manu smriti rakhni hai? Hindu ko koi special privilege doge? Baki religion ka kya kroge? Economically kya change aaige? Industries band? Gandhi wala self sufficient village model? Sanatan mein to democracy bhi nahi hai, modi ko Raja ghoshit krdein kya? International relations kese honge? Vedon mein to bahar sabko malechh kaha gya hai. Ye Jo hindu rashtra japte hai inke bachche convent mein jate hai ya gurukul mein? Bekar ki baatein hai, Hindu-Muslim politics hai aur kuchh nahi. Bhakti kro, hindu rashtra bhi chhodo, dharti bhi chhodo bhagwan ke dhaam raho jaake...
Bharat ka adhyatmikta ka kitna abanati ho gaya inlogoko dekhke pata chaltahe. Inlogoke pas jatehe jo wo log kitne ruchihin honge mujhe yahi samajh nehi ato.iskcon is a business organisation
Prabhu ji ISKCON me Prabhupad Ji ne kaha he ki ( No, This is not HINDUISM.Appears like Hindu. ) So Iskcon will never support HINDU RASHTRA by Heart in TRUE sense. ISKCON is only increasing its membership or devotees worldwide. ISKCON is intensely dividing HINDUS & HINDUISM and converting them to adopt ISKCON GRADUALLY . SOFTLY & tactfully Iskcon is brainwashing innocent and ignorant Hindu people's Mindset . ISKCON is not True to Sanatan Dharm Because HINDUISM is synonymous of SANATAN DHARM.
@@HINDUdnbhalla आदरणीय भाई जी पहले हिंदू शब्द का मतलब पता कीजिए एक बार, हिंदू नाम हमें मुसलमानों ने दिया था। उन्हें सिंधु बोलना नहीं आता था वह सिंधु को हिंदू हिंदू कहकर बोलते थे। हिंदू यानि कि जो सिंधु नदी के उसे पर रहते हैं। अगर आप अपने शस्त्र उठा कर पढ़ोगे तो वहां पर आपको हिंदू शब्द कहीं नहीं मिलेगा। तो हमारा जो धर्म है वह सनातन धर्म। यानी की वरना आश्रम धाम। जिसमें चार वर्ण और चार आश्रम होते हैं। यह हम अपनी तरफ से नहीं बोल रहे आप शास्त्रों से उठाकर पढ़ सकते हो। चार वर्ण है ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, क्षुद्र। चार आश्रम है ब्रह्मचारी, ग्रस्त, वानप्रस्थ, सन्यास। यही था हमारा इतिहास। ब्राह्मण को सर के समान बताया गया है यानी की बुद्धि जो कि इन तीनों आश्रमों को एक दिशा प्रदान करता। और यह सिर्फ दान यानी की चैरिटी पर जीवन यापन करते हैं। क्षत्रिय इन तीनों की रक्षा करते हैं तथा जीवन यापन के लिए टैक्स वसूल करते हैं यानी कि कर लेते हैं। वैश्य कृषि गोरक्ष वाणिज्य करते हैं। क्षत्रिय को भुज के रूप में बताया गया है और वैश्य को पेट के समान बताया गया। तथा शुद्ध भी इन तीनों आश्रमों को सपोर्ट करता है। कुछ लोगों को क्षुद्र शब्द से काफी दिक्कत। क्षुद्र का यह अर्थ नहीं कि वह व्यक्ति जन्म से ही क्षुद्र है। एक व्यक्ति को उसके गुना के आधार पर वर्ण डिसाइड किया जाता है। यानी कि जो बच्चा बुद्धिमान होगा उसको ब्राह्मण के कार्य सिखाए जाएंगे जिससे वह एक अच्छा ब्राह्मण बन पाए। जो बचा साहस वाले कार्य करेगा उसे क्षत्रिय बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसको धन अर्जन करने में रुचि है उसे वैश्य के कार्य सिखाए जाएंगे। और जो व्यक्ति मजदूरी यानी कि मजदूर करने में उसकी रुचि है उसको ज्यादा बुद्धि लगाने नहीं आती ना ही उसमें शौर्य है। उसे व्यक्ति को क्षुद्र वर्ण मिलेगा। इसका यह कोई अर्थ नहीं की कोई वर्ण ऊपर है अथवा कोई वर्णन नीचे। हर वर्ण की अपनी अपनी ब्यूटी है चारों ही समान है। शुद्ध भी अगर भगवान की सेवा में लगा हुआ है भगवान की भक्ति करता है तो वह भी एक वैष्णव जन है। इसी प्रकार वर्णाश्रम। 25 वर्ष तक ब्रह्मचर्य 25 वर्ष ग्रास 25 वर्ष वानप्रस्थ 25 वर्ष सन्यास। या फिर जिस भी बंधु को ग्रस्त आश्रम में नहीं जाना ब्रह्मचर्य रहना है तो 50 या 75 साल ब्रह्मचर्य उसके बाद संन्यास। यह है भारत का वर्णाश्रम धर्म। हिंदू धर्म मुस्लिम धर्म सिख धर्म क्रिश्चियन धर्म यह सब नकली धर्म है। Made by so-called humans . *नारायण* 🙏
Hare Krishn prabhu Iskcon ki jay Jay shree radhekrishna prabhu ki jay ho
HG Keshav anand Prabhu ji ki jai ho Koti koti Dandvat parnaam
Hare Krishna 🙏🙏🙏
परम पुज्य महाराज जी के श्री चरणों में कोटी कोटी प्रणाम🌷🌷🙏🙏🌷🌷
Hare Krishna Prabhuji 🙏🙏
Nice interview with Dr. Keshav Anand Prabhuji 🙏🙏
Hare Krishna dandvat pranam Prabhu ji 🙇🏻♀️ thanks for very knowledgeable answers
Hare Krishna Hari Bol ❤❤
❤ हरे कृष्ण हरे राम ❤
Perfect answers🌺🙇🏼🌼
🙏
Harekrishna
Jay Keshavananda prabhu ji.🙇🏼♀️🙇🏼♀️🙏🙏🌼🌼
Very simple, humble, attractive answers by our prabhuji but suspense what is prabhuji ,s,name before initiation 😂
Bhul gye😂
Very perfect answers
Hare Krishna prabhuji ❤❤❤
Hare Krishna prabhuji dandwat pranam 🙏🙏🙏🌹🌹🌼🌺🌿🌺🌼🌺🌿🌺🌿🌺🌼🌺🌼🌺
Bahut sundar answer
हरे कृष्णा🙏
Hari bol 🙇🏻♀️
Hare Krishna prabhuji dandwat pranam
HARE KRISHNA🙏
Hari bol
यह पत्रकार बहुत संकुचित विचारधारा के हैं यह सोचते हैं सब इन्हीं की तरह सोच हमारे वैदिक विचारधारा है वसुधैव कुटुंबकम सारी भूमि के लोग हमें हमारे परिवार की तरह है
Hare Krishna
Bhai tum pehle interview Lena sikhlo fir interview lena!!!
🙏🚩
Iskcon de Jalne walo ki jalgayi . 😂😂
Krsna koi india ki bhagwan nehi...wo all universe ka bhagwan hai.. sanatan dharm koi india ka dharm nehi..ye har jiv ka dharm hai... Hindu ka matalab hai kafir jo ki musalmano ne diya hai.hum sanatani hai ..koi hindu nehi..
Hindu rashtra nehi sanatan rastra hona chahiye wo bhi kebal Indian all world sanatan rastra hona chiye...
Bhai main dunga clear answer. Pehle ye btao proposal kya hai? Hindu rashtra mein hoga kya? Koi document bana hai Hindu rashtra pr? Bs naam ka chahiye? Ya Constitution ko fek kr uski jagah Manu smriti rakhni hai? Hindu ko koi special privilege doge? Baki religion ka kya kroge? Economically kya change aaige? Industries band? Gandhi wala self sufficient village model? Sanatan mein to democracy bhi nahi hai, modi ko Raja ghoshit krdein kya? International relations kese honge? Vedon mein to bahar sabko malechh kaha gya hai.
Ye Jo hindu rashtra japte hai inke bachche convent mein jate hai ya gurukul mein? Bekar ki baatein hai, Hindu-Muslim politics hai aur kuchh nahi. Bhakti kro, hindu rashtra bhi chhodo, dharti bhi chhodo bhagwan ke dhaam raho jaake...
Bharat ka adhyatmikta ka kitna abanati ho gaya inlogoko dekhke pata chaltahe. Inlogoke pas jatehe jo wo log kitne ruchihin honge mujhe yahi samajh nehi ato.iskcon is a business organisation
Hare Krishna aapko kusi vaishnav ka sang mile😂
Very bad organisation
kya bigada kisi ka
Gopal Thakur ji Thumbs up for you. Iskcon wale Hindu RASHTRA ke sawal per ghabra jate he. Ye aap ko clear nahi batayege apne dil ki baat.😂😂
Sir ji iskcon ne puri duniya me sachhe sanatani bnaye chahe koi bhi ho
Sachhe snatani karm se aur shastro ko follow karne wale
Prabhu ji ISKCON me Prabhupad Ji ne kaha he ki ( No, This is not HINDUISM.Appears like Hindu. ) So Iskcon will never support HINDU RASHTRA by Heart in TRUE sense. ISKCON is only increasing its membership or devotees worldwide. ISKCON is intensely dividing HINDUS & HINDUISM and converting them to adopt ISKCON GRADUALLY . SOFTLY & tactfully Iskcon is brainwashing innocent and ignorant Hindu people's
Mindset . ISKCON is not True to Sanatan Dharm Because HINDUISM is synonymous of SANATAN DHARM.
Tumne kitne jhande gaad diye, ab tak 😂😂
@@108_shivatum bhi kitne jhande gaade batao 😂 .
@@HINDUdnbhalla आदरणीय भाई जी
पहले हिंदू शब्द का मतलब पता कीजिए एक बार, हिंदू नाम हमें मुसलमानों ने दिया था। उन्हें सिंधु बोलना नहीं आता था वह सिंधु को हिंदू हिंदू कहकर बोलते थे। हिंदू यानि कि जो सिंधु नदी के उसे पर रहते हैं। अगर आप अपने शस्त्र उठा कर पढ़ोगे तो वहां पर आपको हिंदू शब्द कहीं नहीं मिलेगा। तो हमारा जो धर्म है वह सनातन धर्म। यानी की वरना आश्रम धाम। जिसमें चार वर्ण और चार आश्रम होते हैं। यह हम अपनी तरफ से नहीं बोल रहे आप शास्त्रों से उठाकर पढ़ सकते हो। चार वर्ण है ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, क्षुद्र। चार आश्रम है ब्रह्मचारी, ग्रस्त, वानप्रस्थ, सन्यास। यही था हमारा इतिहास। ब्राह्मण को सर के समान बताया गया है यानी की बुद्धि जो कि इन तीनों आश्रमों को एक दिशा प्रदान करता। और यह सिर्फ दान यानी की चैरिटी पर जीवन यापन करते हैं। क्षत्रिय इन तीनों की रक्षा करते हैं तथा जीवन यापन के लिए टैक्स वसूल करते हैं यानी कि कर लेते हैं। वैश्य कृषि गोरक्ष वाणिज्य करते हैं। क्षत्रिय को भुज के रूप में बताया गया है और वैश्य को पेट के समान बताया गया। तथा शुद्ध भी इन तीनों आश्रमों को सपोर्ट करता है। कुछ लोगों को क्षुद्र शब्द से काफी दिक्कत। क्षुद्र का यह अर्थ नहीं कि वह व्यक्ति जन्म से ही क्षुद्र है। एक व्यक्ति को उसके गुना के आधार पर वर्ण डिसाइड किया जाता है। यानी कि जो बच्चा बुद्धिमान होगा उसको ब्राह्मण के कार्य सिखाए जाएंगे जिससे वह एक अच्छा ब्राह्मण बन पाए। जो बचा साहस वाले कार्य करेगा उसे क्षत्रिय बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसको धन अर्जन करने में रुचि है उसे वैश्य के कार्य सिखाए जाएंगे। और जो व्यक्ति मजदूरी यानी कि मजदूर करने में उसकी रुचि है उसको ज्यादा बुद्धि लगाने नहीं आती ना ही उसमें शौर्य है। उसे व्यक्ति को क्षुद्र वर्ण मिलेगा। इसका यह कोई अर्थ नहीं की कोई वर्ण ऊपर है अथवा कोई वर्णन नीचे। हर वर्ण की अपनी अपनी ब्यूटी है चारों ही समान है। शुद्ध भी अगर भगवान की सेवा में लगा हुआ है भगवान की भक्ति करता है तो वह भी एक वैष्णव जन है। इसी प्रकार वर्णाश्रम। 25 वर्ष तक ब्रह्मचर्य 25 वर्ष ग्रास 25 वर्ष वानप्रस्थ 25 वर्ष सन्यास। या फिर जिस भी बंधु को ग्रस्त आश्रम में नहीं जाना ब्रह्मचर्य रहना है तो 50 या 75 साल ब्रह्मचर्य उसके बाद संन्यास। यह है भारत का वर्णाश्रम धर्म। हिंदू धर्म मुस्लिम धर्म सिख धर्म क्रिश्चियन धर्म यह सब नकली धर्म है। Made by so-called humans .
*नारायण* 🙏