✝ क्रूस पर यीशु के अन्तिम सात वचन कौन से हैं ? 7 Last Words of Jesus from the Cross ✝

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 20 жов 2024
  • Content Disclaimer
    Catechism is a channel which contributes about the beliefs of the Christian Church through cover songs, lyrical songs, videos and sermons mostly in Hindi language.
    All of the videos of Cateshism channel are created by us primarily using the editing programs Adobe Premiere and Photoshop. We Produce original cover song of famous Hindi Christian Hymns, translate and create Hindi text, change backgrounds, overlay images to help create new content. Content
    #goodfriday
    #biblequote
    प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने की याद में शुक्रवार को मसीही समुदाय गमगीन माहौल में गुड फ्राइडे मनाएंगे। यीशु मसीह के कई चमत्कार देखकर कट्टरपंथी यहूदी ईष्र्या करने लगे।
    प्रभु के कंधों पर लकड़ी के क्रूस को रखकर पहाड़ी व कटीले रास्ते पर चलाया गया। सिर पर कांटों का ताज पहनाया गया। प्रभु के हाथों व पैरों में कीलों को ठोका गया। क्रूस पर 6 घंटे लटकाया गया। इस दौरान प्रभु यीशु ने 7 वचन दिये।
    पहला-हे पिता इन्हें क्षमाकर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं?
    दूसरा- मैं तुझसे सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
    तीसरा-हे नारी देख ये तेरा पुत्र है तब उस चेले से कहा यह तेरी माता है।
    चौथा-इलोई इलोई लमा शबक्तनी? हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?
    पांचवां-मैं प्यासा हूं।
    छठा-पूरा हुआ।
    सातवां- हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं।
    पास्टर एसपी सिंह ने गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु के बारे में विस्तार से बताया। प्रभु यीशु को शुक्रवार की सुबह 9 बजे क्रूस पर चढ़ाया गया और उसी दिन सूर्यास्त से पहले कब्र में रख दिया गया। उस समय प्रभु यीशु की आयु केवल 33 वर्ष की थी। जब प्रभु को क्रूस पर चढ़ाया गया तो उनके बांयी व दायीं ओर एक-एक डाकू भी क्रूस पर लटकाया गया और उनको भी मृत्युदंड दिया जा रहा था। एक डाकू ने कहा कि क्या तू मसीह नहीं? तो फिर तू अपने आप को और हमें बचा।
    (लूका 23:39) दूसरे डाकू ने कहा कि जब तू अपने राज्य में जाए तो मेरी भी सुधि लेना, क्रूस पर दोषपत्र लिखकर टांगा गया था क्योंकि इसी दोष के कारण प्रभु को मृत्युदंड दिया गया था। डाकू ने उसी समय अपने पापों का अंगीकार किया और कहा कि हम तो न्याय अनुसार दण्ड पा रहे हैं। उसने आग्रह किया कि हे यीशु जब तू अपने राज्य में आए तो मेरी भी सुधि लेना। उसने यह विश्वास कर लिया कि स्वर्ग में स्थान दिलाने का अधिकार यीशु के पास है। पास्टर एसपी सिंह ने आगे कहा कि क्रूस पर कहे गए आखिरी वचन-हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं (लूका 23:46) प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु न तो कोड़े लगने से न तो सताने से हुई थी बल्कि अपनी स्वेच्छा से अपनी आत्मा को पिता परमेश्वर के हाथों में सौंप दिया।
    बाइबिल के अनुसार प्रभु ने ईश्वर जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो उस पर विश्वास करे वह नाश न हो वरन् अनंत जीवन पाए।

КОМЕНТАРІ • 4