चर्चा कार्यक्रम 03.01.2025
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- Опубліковано 1 лют 2025
- मंथन क्रमांक 304:
"चुनाव का अर्थ है-वर्तमान गुलाम संविधान के समर्थन की मुहर लगवाना, जो पूरी तरह लोकतांत्रिक तरीके से हमारे विरुद्ध षड्यंत्र है। यह कैसी स्वतंत्रता है जिसमें भारत का मतदाता संसद के अधिकारों की कोई सीमा कभी न तय कर सकता है, न ही उन अधिकारों में कभी भी किसी भी परिस्थिति में किसी भी तरीके से कोई कटौती कर सकता है, किन्तु संसद हमारे अधिकारों को कभी भी किसी भी सीमा तक किसी भी तरीके से सीमित कर सकती है, कटौती कर सकती है, शून्यवत् कर सकती हैं।" 2707