आम्ही सर्व कुणबी, आम्ही सर्व मरहट्ट, आम्ही सर्व नागवंशी, आम्ही सर्व खत्तिय 👉👉 कुणबी, मराठा, महार, माळी, धनगर, भिल, इ.💪💪नमो बुद्धाय, जय जोहार, जय शिवराय, जय ज्योति, जय भीम, जय मूलनिवासी 💪💪
बहुत बहुत धन्यवाद, राजेश चंद्रा सर जी आपने बुद्ध धम्म अपनानेका पुरे देश विदेश में प्रचार प्रसार करने का बहुत बडा अच्छा प्रेरणादायी संकल्प किया है इस लिये आपको फिर से बहुत बहुत धन्यवाद. जय भीम नमो बुद्धाय. 🌷🌷🌷🙏🌷🌷🌷
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
आचार्य श्री राजेन्द्र चंद्रा जी आपने भाषा विज्ञान की चर्चा की पाली भाषा ही सभी भाषाओं की जननी है । हिन्दु पंडित कहते हैं संस्कृत सब भाषाओं की जननी है । संस्कृत यानी संस्कारित जो पाली भाषा से संस्कारित है । धन्यवाद आचार्य श्री राजेंद्र चंद्रा जी पाली भाषा और त्रिपिटक पर विस्तृत जानकारी दि ।सही कहा थाईलैण्ड के भंते जी ने भारत में बुद्ध धम्म आज फिर से ज़िंदा जागृत है वह बोधिसत्व डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर जी के कारण ही है । श्री राजेंद्र चंद्रा जी कोबहुत बहुत साधुवाद बहुत अच्छी जानकारी । नमोबुद्धाय जयभीम । बहुत साधुवाद
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@milindmachale7645 beti khod Periyar ka najayaj put sun yah 28 barahaman kshatriya buddh tohar mai ka boyfriend hai Tohar mai ka () yah 28 barahaman kshatriya buddh ko free 🤣🤣
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बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
सरजी.. आपने सही कहा है, की हर घर मे पाली भाषा का ज्ञात होना जरुरी है.. आपने बहुत ही सुंदर तरीके से विश्लेषण किया है.. आपको मेरा सप्रेम जय भीम 🙏 नमो बुद्धाय, जय भारत जय संविधान.. 🙏🙏🌼🙏🙏🌼🙏🙏🌼
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6te Videshi. Tere Dharm ka naam tak Mughals ne aa ke diya. Abhi Tak tere kalpanik Bhagawan ko sabit nahi kar paya. 😂😂 Abe Gobar putra Jati Linddu dharm me hoti hai. Buddhism me nahi. Gaumutra kam pee. 😂😂😂🤣
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण -- मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी। और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे। जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप । जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे । जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है। बौद्ध ग्रंथो मे अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है । इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो । मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है। अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है। नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है। विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है। दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है। बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है। सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है। सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है। बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है। बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है। जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे । अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे । मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है। बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है। बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है। वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है। तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है। जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है। कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है। बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है। आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे। नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है। शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है। धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की। बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है। बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई। भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण -- मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी। और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे। जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप । जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे । जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है। बौद्ध ग्रंथो मे अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है । इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो । मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है। अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है। नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है। विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है। दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है। बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है। सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है। सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है। बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है। बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है। जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे । अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे । मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है। बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है। बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है। वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है। तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है। जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है। कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है। बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है। आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे। नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है। शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है। धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की। बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है। बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई। भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
Excellent, impactful and informative speech by respected Achyarya Rajesh Chandra Sahab. Pali Language and teachings of Tthagata Buddha is our greatest treasure which is recognised and practised globally. Acharya Rajesh Chandra Sahab gave beautiful information about Pali words and how they travelled from one country to another and also about the global chanting phenomenon of Tripitaka. Salutes and Jaibhim to Acharya Rajesh Chandra sahab and to his great work of spreading Buddhism. Thanks Awaz India TV for uploading this very usefull speech. Jai Bhim, Namo Buddhay Bhavatu Sabb Mangalam 👍🌹🙏.
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
जिस दिन भारत का वास्तविक इतिहास शोधो के आधार पर ज्ञात होगा,उस दिन जनता को पता चल जायेगा की सुकती बौद्ध धर्म के संस्थापक प्रथम बुद्ध(वास्तव में प्रबुद्ध) नही थे,बल्कि सरणांकर(जिनको महायानी बौद्ध ब्राह्मणों ने शंकर कहा)थे।इनके मूल विचारों के धर्म का पालन का आज भी आदिवासी समाज करता है,जिसे सरना धर्म कहा जाता है।पहले जैन धर्म प्रवर्तक (जिन)ऋषभदेव थे,जो शंभु ही थे।प्रथम नाथ गुरू पशुपतिनाथ(शंभु)थे,जिनके धर्म को आज भी सारे इतिहासकार प्राकृत धर्म मानते है,उसकी भाषा को प्राकृत कहते है।प्राकृत भाषा ही भारत की मूल भाषा है।इसके कयी रूप है,दक्खिनी प्राकृत(शुद्ध गोंडी/तमिल परिवार) पाली पुर्वी प्राकृत(मागधी प्राकृत) है,जिसमें मिलावट है।पशुपतिनाथ और बुद्ध के काल और संबंधों पर शोध करने की जरूरत है।आप एकदम सत्य कह रहे हो।संस्कृत पाली से निकली है बुद्ध के समकालीन कन्फ्यूसियस,जरथरूष्ट,अरस्तु,थे।चीन में इससे पुर्व ताओ हुआ था,इसके बहुत फालोवर थे,जब चीन में कन्फ्युसियस वाद फैला तो ताओ के फालोवर भागे भारत की ओर (शायद ब्रह्मपुत्र के रास्ते),यही सिथियन प्रजाति तिब्बत से लेकर नेपाल की तराई तक फैला ।इन सिथियन को ही शक ( संभवत शाक्य)कहा गया है ,इतिहासकार।वैसे एक बात बड़ी मजेदार है आज जिस ब्राह्मण धर्म(तथाकथित हिंदू)का तुम विरोध करते हो,वो भी भगवा और ओम ,सनातन आर्य की बात करते है,तुम भी करते हो।इस तरह से तो तुम और ब्राह्मण धर्मी दोनों आर्य हो।आर्यों के शत्रु दास दस्यु नाग है।फिर तो तुम और तुम्हारे बुद्ध आर्य ही सिद्ध हुए।हकीकत में तुम लोग और ब्राह्मण एक ही हो।तुम सबने हमारी महान सैंधव सभ्यता की संस्कृति को चुराकर खुद को श्रेष्ठ होने का झुठ फैला रहे हो।हमारा भारत सिर्फ बुद्ध का देश नहीं है,गुरूओं का देश है।हजारों गुरू गोंडियन सभ्यता (शंभु) से लेकर सिंधु सभ्यता वर्तमान(ओशो) तक हुए है।अब तो लगने लगा है कि शाक्य ही शक हैं।ताओ संस्कृति को लेकर नेपाल की तराई में बसे,जब अपने श्रेष्ठतावादी सोच को फैलाने लगे तो उनके ही बीच एक महामानव हुआ ,जिसने दुनिया को नयी दिशा दी।
आप बिलकुल सही जवाब दिए। हमारा भारत वीरों,महापुरुषों,युगप्रवर्तकों का,समाज सुधारकों का देश रहा है। कोई छोटा बड़ा नही। हम सभी का आदर करते हैं। जैसे एक वृक्ष की अनेक शाखा प्रशाखा होती है वैसे ही मत विचार संप्रदाय फैले । भारत की सभ्यता कोई हजार साल पुरानी नही यह अनादि है लाख साल भी पुरानी हो सकती है। लोग दो या चार हजार साल के इतिहास से इसको सिद्ध करते हैं। हजारों सालों में कौन विचार या धर्म आगे आया कौन पीछे इसका क्या मतलब। हम सब भारतीय हैं और अपना अपना मत विचार मानने को स्वतंत्र हैं। पर स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि हम किसी को पीड़ित करें।
Akdam Satya hai mahar shabd se hi Maharashtra bana hai akdam saf saf dikh raha hai isame na jaisi koi bat nahi maharo ko mukhar hokar isaka jor shor se prachar aur prasar kare
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
सर जी, आपको हमेशा में अपने सघायन में सुनतीं हूँ ,जो पाली भाषा का प्रचार प्रसार डॉ प्रफुल गड़पाल सर जी और टीम अटोजित करते है .हमे बहुत अच्छा लगता है ,आप की वाणी में बहुत मिठास है,हम ज़ल्दीही आपसे लखनों में मिलेंगे.
आम्ही सर्व कुणबी, आम्ही सर्व मरहट्ट, आम्ही सर्व नागवंशी, आम्ही सर्व खत्तिय 👉👉 कुणबी, मराठा, महार, माळी, धनगर, भिल, इ.💪💪नमो बुद्धाय, जय जोहार, जय शिवराय, जय ज्योति, जय भीम, जय मूलनिवासी 💪💪
BHAVATU SABBA MANGALAM 🙏
Barobar bhau apan sagale maharatth
Sir aapko bahut bahut sadhuwad
Namo Buddhay 🌷 jay 🐍 vanshi jay buddha dhamma science 🌷 jay mulniwasi 🇮🇳 only mulniwasi buddha dhamma science 🌷🙏🇮🇳
सत्य कटू आहे सहन होत नसेल बामसेफी ला 😂
बहुत बहुत धन्यवाद, राजेश चंद्रा सर जी
आपने बुद्ध धम्म अपनानेका पुरे देश विदेश में प्रचार प्रसार करने का बहुत बडा अच्छा प्रेरणादायी संकल्प किया है इस लिये आपको फिर से बहुत बहुत धन्यवाद.
जय भीम नमो बुद्धाय.
🌷🌷🌷🙏🌷🌷🌷
आचार्य राजेंद्र चंद्रा जी को हृदय से सलाम, साधुवाद। आप महान ज्ञानी हैं। Jai Bhim jay Bharat Jai Samvidhan.
भारत भूमि ही बौद्ध भूमि है । जय भीम नमो बुद्धाय ढेरों शुभकामनाएं जी
बहुत बहुत अभिनंदन
You are great person sir
Excellent narration of Baudh Dhamma.Namo Budhai.🎉🎉🎉🎉🎉
गौरवशाली इतिहास जानकर आप लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।जय भारत नमो बुद्धाय जय भीम जय विज्ञान जय संविधान जय मूलनिवासी।
पालि भाषा की यात्रा की सर्व श्रेष्ठ बिचार प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत साधुवाद ज्ञापित करता हूँ।
बहुत ही ज्ञान वर्धक और इंटएलएक्चउअल जानकारी आप द्वारा दी ग ई धन्यवाद नमो बुदधाय जयभीम जय संविधान
बुद्धं धम्मं संघं नमामि
Aachhary. Rajesh chandrajit ko dil se Jai. Bhim namo budhay Jai savidhan
Is video se bahot sara knowledge mila .....jay bhim nmo budhay👍👏
पहली बार आपको सुना. आपका ज्ञान और प्रस्तुतीकरण अद्भुत है सर❤❤❤❤
Jay Bheem namo buddhay
Jai Bhim Namo Bhudhay.
नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत जय विज्ञान जय संविधान बहुत अच्छी जानकारी है सर जी हम आप के साथ है अशोक कुशवाहा कन्नौज उत्तर प्रदेश
Nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh bhudhay nmoh
जय भीम नमो बुद्धाय जय संविधान
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6teफफपफपपंपळष,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
@@vk-vd6te Us samay jati nhi thi. Tribes, dalits and Bahujans are already Shraman and Dhamma Margi.
@@vk-vd6te tum baman ho kya. Janeudhari
सर पाली भाषा का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए युद्ध स्तर पर पूरे देश में ये वुद्ध की धरती है सिर्फ वुद्ध धम्म की है ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Pali, Prakrit aam jan ki bhasha thi.
Sanskrit Bamano ki. Jise shudra mahilaye nhi sun sakte the.
बहुत ही सुंदर वक्तव्य व्यक्त कीमा है आपने सर जेब तक ज्ञान ओर इतिहास पता नहीं तब तक इंसान गुंगा ओर अंधा है
❤❤❤❤❤❤❤🎉
वाह क्या बात है बहुत खूब
Namo budhay
Jay bhim nmoh bhudhay Jay mulnivasi Jay mulnivasi jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
Jay Bhim Namo Buddhism
आप एक महान कार्य कर रहे हो , आप जैसे विद्वान समाजिक चिंतकों को दिल से सम्मान
Sir excellent knowledge from you Jay Bheem namo buddhay.
Jay Bhim Jay saveedhan
नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी जय भारत जय संविधान जय जवान जय किसान जय विज्ञान
We must proud of you sir, Namo Buddhay Jay Bhim Jay Savidhan.
जय भीम 🙏🙏🙏🙏🙏 नमोः बुद्धाय
आचार्य श्री राजेन्द्र चंद्रा जी आपने भाषा विज्ञान
की चर्चा की पाली भाषा ही सभी भाषाओं की जननी है । हिन्दु पंडित कहते हैं संस्कृत सब भाषाओं की जननी है । संस्कृत यानी संस्कारित जो पाली भाषा से संस्कारित है । धन्यवाद आचार्य श्री राजेंद्र चंद्रा जी पाली भाषा और त्रिपिटक पर विस्तृत जानकारी दि ।सही कहा थाईलैण्ड के भंते जी ने भारत में बुद्ध धम्म आज फिर से ज़िंदा जागृत है वह बोधिसत्व डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर जी के कारण ही है । श्री राजेंद्र चंद्रा जी कोबहुत बहुत साधुवाद बहुत अच्छी जानकारी । नमोबुद्धाय जयभीम । बहुत साधुवाद
जय भीम नमो बुद्धाय
Jai bhim. namo budhay 🙏
साधु साधु साधु
Thanks jaybhim bhut achc khbar
Namo budhay Jai bhim Jai sanvidhan
Jai Bheem Namo budhay
Jay bhim adarniy sir ji great spicj S.j.sir ka bhi risarch bhi yahi kahate hay❤❤❤❤ mamo budday
.
Bahut sundar 🌹🌹👏👏
Jay bhim
Jay bhim namo budday
Jay Bhim, salute sir
साधु साधु साधु 🙏☸️🙏🌷
Excellent explanation Sir ji❤❤❤
Dhanyavad sir Jay bhim nmobudhday bahut badhiya
Jay bheem
In these uncertain times, the Teachings of Buddha are more relevant and more important than ever before.
Thanks you sir
Jay Bhim NamoBudhhay
🙏Jay Bhim 🙏Namo Budthay 🙏
👍 good
Namo Buddhay
JAY BHIM NAMO BUDDHAY❤❤❤
Very nice
🎉 Jay bhim evm band 🎉
🙏 जयभीम नमो बुद्धाय जय संविधान ✍️
जय मानवता जय विज्ञान जय प्रबुद्ध भारत
💙💙💙💙💙🔥🔥🔥🔥🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Jay bhim jay bharat namo budhay
Jaybheemnmobudhay jaibhart
Jay bhim namo buddhay jay samvidhan ❤❤❤❤❤❤
आपको कोटि कोटि साधुवाद सर,,!
जयभीम नमोबुद्धाय जयसंविधान जयविज्ञान जयभीमशेर जयभारत जयसंविधान 🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🌹🙏☸️🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
Aacharya chendra ji god bless you jai bhim namo bhudhay pali bhash ka pchar hona chahiye❤❤❤❤❤❤
Very nice reference and Explain narration of Baudh Dhamma ,I listen and see you .
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6teवराहके वंशज हो तूम
@@milindmachale7645 Tohar mai ka khudai yah 28 barahaman kshatriya buddh ne kiya tha
@@milindmachale7645 Tohar mai ka khudai yah 28 barahaman kshatriya buddh ne Kiya tha bhul gaya
@@milindmachale7645 beti khod Periyar ka najayaj put sun yah 28 barahaman kshatriya buddh tohar mai ka boyfriend hai Tohar mai ka () yah 28 barahaman kshatriya buddh ko free 🤣🤣
SHADR ,NAMOH BUDHAY, JAY BHIM 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉.
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
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12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
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बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
🌼🌼🌼🌼🌼🙏🙏🙏 साधू साधू साधू.🌼🌼🌼🌼🌼
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
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18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
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23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
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बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
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त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
सरजी.. आपने सही कहा है, की हर घर मे पाली भाषा का ज्ञात होना जरुरी है.. आपने बहुत ही सुंदर तरीके से विश्लेषण किया है.. आपको मेरा सप्रेम जय भीम 🙏 नमो बुद्धाय, जय भारत जय संविधान.. 🙏🙏🌼🙏🙏🌼🙏🙏🌼
सादर नमो बुद्धय जय भीम
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
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6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
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28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6te Videshi. Tere Dharm ka naam tak Mughals ne aa ke diya. Abhi Tak tere kalpanik Bhagawan ko sabit nahi kar paya. 😂😂
Abe Gobar putra Jati Linddu dharm me hoti hai. Buddhism me nahi.
Gaumutra kam pee.
😂😂😂🤣
@@vk-vd6teतो आज सारे ब्राह्मण और क्षत्रिय बुद्धिस्ट होने चाहिए थे कितने ब्राह्मण और क्षत्रिय बुद्धिस्ट है यही भी बताओ
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण --
मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी।
और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे।
जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप ।
जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे ।
जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है।
बौद्ध ग्रंथो मे
अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है ।
इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो ।
मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है।
अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है।
नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है।
विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है।
दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है।
बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है।
सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है।
सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है।
बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है।
बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है।
जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे ।
अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे ।
मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है।
बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है।
बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है।
वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है।
तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है।
जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है।
कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है।
बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है।
आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे।
नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है।
शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है।
धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की।
बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है।
बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई।
भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
@@rajendrasorate563 बुद्ध और ब्राह्मण --
मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी।
और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे।
जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप ।
जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे ।
जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है।
बौद्ध ग्रंथो मे
अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है ।
इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो ।
मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है।
अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है।
नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है।
विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है।
दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है।
बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है।
सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है।
सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है।
बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है।
बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है।
जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे ।
अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे ।
मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है।
बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है।
बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है।
वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है।
तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है।
जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है।
कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है।
बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है।
आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे।
नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है।
शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है।
धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की।
बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है।
बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई।
भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
Namo buddhay Jay Bheem Jay sanvidhan 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹❤
बहुत ही अच्छा विश्लेषण किया है ❤
JAY bhim🌲💪🌲🌼🌼🌼🌼🌼
NAMO Buddhay 🌲👌🌲🌼🌼🌼🌼🌼
Saheb ji 🙏
Bharat Desh ko Buddh Mai banana he ...... Hum saath hai aur saath rahenge.....
JAY Bhim 🦁🌲🇮🇳🌲🌼
Namoh Budhay ❤ Jai Bhim ❤ Jai Bharat ❤ Jai Samvidhan ❤
Very good information for jaybhim namobudhay nice pray for you true world of the proud of you are the most important thing is correct
जय भीम नमो बुध्दाय
Great knowledge namaste
❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Excellent superb Jai Bhim namo buddhay V 🙏
Excellent, impactful and informative speech by respected Achyarya Rajesh Chandra Sahab. Pali Language and teachings of Tthagata Buddha is our greatest treasure which is recognised and practised globally. Acharya Rajesh Chandra Sahab gave beautiful information about Pali words and how they travelled from one country to another and also about the global chanting phenomenon of Tripitaka. Salutes and Jaibhim to Acharya Rajesh Chandra sahab and to his great work of spreading Buddhism. Thanks Awaz India TV for uploading this very usefull speech. Jai Bhim, Namo Buddhay Bhavatu Sabb Mangalam 👍🌹🙏.
Good namo budda
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vishvajeetyadav1428 Karuna Yadav ka balat kari Neela siyar bhimda Yadav ka najayaj put ban kar gumta hai gajab
@@vishvajeetyadav1428Karuna Yadav ka balat kari गय बीम आंडाबेचकर 😂
@@vishvajeetyadav1428 pahle yah bata Tohar Mai Yadav ka Ghar din mein gai thi ya raat mein
@@vishvajeetyadav1428 pahle yah bata Tohar mai Yadav ka Ghar din mein gai thi ya raat mein
Right
Unbelievable Science journey, Rational world, Hamara Ateet, Realist azad, Bodhi satva like channels on utube
बहुत.अच्ये.बाते.सूधार.हौनी.चाहिये.जय.भुम.नमो.बुद्धाय.
Aapko sadhuwad
Namo Buddhay Jay Bhim Jay Samvidhan
पाली भाषा मिशन एवं बुध्द संगीनी के लिये हैं कुछ सहभाग दैना चाहता ,मुझे सहभाग राशी कसा दैवी होगी इसका नाम,पता दिजीए
Sangiti apne bhart me bhi honi chahiye sir ji dan ke liye mai bhi taiyar hun jai Bhim namo Buddhay 🎉🎉
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
@@vk-vd6teवराहके वंशज को क्या पता बुध्द के बारेमे।
@@milindmachale7645 yah 28 barahaman kshatriya buddh Tohar mai ka boyfriend hai tohra mai ka () yah 28 barahaman kshatriya buddh ko free
@@milindmachale7645 yah 28 barahaman kshatriya buddh Tohar mai ka boyfriend hai vampanthi tohar mai ka () yah 28 barahaman kshatriya buddh ko free
🎉 jay Bhim namo Buddhay sir
जिस दिन भारत का वास्तविक इतिहास शोधो के आधार पर ज्ञात होगा,उस दिन जनता को पता चल जायेगा की सुकती बौद्ध धर्म के संस्थापक प्रथम बुद्ध(वास्तव में प्रबुद्ध) नही थे,बल्कि सरणांकर(जिनको महायानी बौद्ध ब्राह्मणों ने शंकर कहा)थे।इनके मूल विचारों के धर्म का पालन का आज भी आदिवासी समाज करता है,जिसे सरना धर्म कहा जाता है।पहले जैन धर्म प्रवर्तक (जिन)ऋषभदेव थे,जो शंभु ही थे।प्रथम नाथ गुरू पशुपतिनाथ(शंभु)थे,जिनके धर्म को आज भी सारे इतिहासकार प्राकृत धर्म मानते है,उसकी भाषा को प्राकृत कहते है।प्राकृत भाषा ही भारत की मूल भाषा है।इसके कयी रूप है,दक्खिनी प्राकृत(शुद्ध गोंडी/तमिल परिवार) पाली पुर्वी प्राकृत(मागधी प्राकृत) है,जिसमें मिलावट है।पशुपतिनाथ और बुद्ध के काल और संबंधों पर शोध करने की जरूरत है।आप एकदम सत्य कह रहे हो।संस्कृत पाली से निकली है बुद्ध के समकालीन कन्फ्यूसियस,जरथरूष्ट,अरस्तु,थे।चीन में इससे पुर्व ताओ हुआ था,इसके बहुत फालोवर थे,जब चीन में कन्फ्युसियस वाद फैला तो ताओ के फालोवर भागे भारत की ओर (शायद ब्रह्मपुत्र के रास्ते),यही सिथियन प्रजाति तिब्बत से लेकर नेपाल की तराई तक फैला ।इन सिथियन को ही शक ( संभवत शाक्य)कहा गया है ,इतिहासकार।वैसे एक बात बड़ी मजेदार है आज जिस ब्राह्मण धर्म(तथाकथित हिंदू)का तुम विरोध करते हो,वो भी भगवा और ओम ,सनातन आर्य की बात करते है,तुम भी करते हो।इस तरह से तो तुम और ब्राह्मण धर्मी दोनों आर्य हो।आर्यों के शत्रु दास दस्यु नाग है।फिर तो तुम और तुम्हारे बुद्ध आर्य ही सिद्ध हुए।हकीकत में तुम लोग और ब्राह्मण एक ही हो।तुम सबने हमारी महान सैंधव सभ्यता की संस्कृति को चुराकर खुद को श्रेष्ठ होने का झुठ फैला रहे हो।हमारा भारत सिर्फ बुद्ध का देश नहीं है,गुरूओं का देश है।हजारों गुरू गोंडियन सभ्यता (शंभु) से लेकर सिंधु सभ्यता वर्तमान(ओशो) तक हुए है।अब तो लगने लगा है कि शाक्य ही शक हैं।ताओ संस्कृति को लेकर नेपाल की तराई में बसे,जब अपने श्रेष्ठतावादी सोच को फैलाने लगे तो उनके ही बीच एक महामानव हुआ ,जिसने दुनिया को नयी दिशा दी।
आप बिलकुल सही जवाब दिए। हमारा भारत वीरों,महापुरुषों,युगप्रवर्तकों का,समाज सुधारकों का देश रहा है। कोई छोटा बड़ा नही। हम सभी का आदर करते हैं। जैसे एक वृक्ष की अनेक शाखा प्रशाखा होती है वैसे ही मत विचार संप्रदाय फैले । भारत की सभ्यता कोई हजार साल पुरानी नही यह अनादि है लाख साल भी पुरानी हो सकती है। लोग दो या चार हजार साल के इतिहास से इसको सिद्ध करते हैं। हजारों सालों में कौन विचार या धर्म आगे आया कौन पीछे इसका क्या मतलब। हम सब भारतीय हैं और अपना अपना मत विचार मानने को स्वतंत्र हैं। पर स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि हम किसी को पीड़ित करें।
Nmobudhy nmodhamay 😅Jiybhim। jiybhart Bspjidabad ms
Akdam Satya hai mahar shabd se hi Maharashtra bana hai akdam saf saf dikh raha hai isame na jaisi koi bat nahi maharo ko mukhar hokar isaka jor shor se prachar aur prasar kare
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है-
आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते-
महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:-
1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय
2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय
3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण
4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण
5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय
6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण
7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय
8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण
9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय
10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण
11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय
12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय
13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय
14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय
15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय
16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण
17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय
18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय
19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण
20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय
21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय
22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय
23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय
24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय
25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण
26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण
27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण
28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय
29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण
आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है--
बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ”
- ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇👇👇👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु 🔔🔔👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo pakhandi 🤣 🤣**हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇
सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध
त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22 🤣🤣
Are bhaai Maharashtra 1962 me naam mila ...pehele Mumbai tha .baad me Maharashtra or gujrat state hue....ye bakwaas kar rahaa he...
Agar aesa he to Hindustan sirf hindu o ka ho jaayega puraa ka puraa samjheee
बहुत शानदार ज्ञानवर्धन जानकारी और उद्बोधन दिया है सरजी आपने हमें यह एकदम नई जानकारी दी है आपने, आपको सलाम करता हूँ, जय भीम, नमो बुद्धाय❤❤❤👌👌👌💐💐💐
Jaibhim Namo Buddhay Jay Samvidhan Jay Bharat
Sirji Anek Aashirwad
जय भीम जय भारत जय संविधान जय मुलनिवासी जय बौद्ध जय सतनाम
सर जी, आपको हमेशा में अपने सघायन में सुनतीं हूँ ,जो पाली भाषा का प्रचार प्रसार डॉ प्रफुल गड़पाल सर जी और टीम अटोजित करते है .हमे बहुत अच्छा लगता है ,आप की वाणी में बहुत मिठास है,हम ज़ल्दीही आपसे लखनों में मिलेंगे.
🌹🌼🌷🌻🌷🌼🌹🙏👍👌👏
नमो बुद्धाय 🙏
जय भीम 🙏🙏🙏
Jai bhim Chandraji..salute .
बहुत सुंदर प्रस्तुती🎉🎉❤🎉🎉
🙏जयभीम🌹💙🌹नमोबुद्धाय🌹🧡🌹जयसंविधान📚
🙏 Jay bhim namo buddhye 🙏
जयभीम साहब
चौथी संगिती सम्राट कनिष्कके कालमे इस७८ मे हुई थी।वहाँसे महायान जगभर फैला।आपने श्रीलंकाका संदर्भ दिया!
No doubt, total Indian continent was originally Buddhists land
From the same Saman or Samyak culture of Mahaveer and Budha
Chandergupta and Asoka
Chandra sir is my one of the other personality great ideal person for Budhism I salute you 👍
Nomo bhuddhay Jay bhim 💙🙏