शिमला के हर कोने से दिखती है जाखू मंदिर में स्तिथ हनुमान जी की विशाल मूर्ती। 4K । दर्शन 🙏
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- Опубліковано 27 січ 2025
- भक्तों! सादर नमन, वंदन और अभिनन्दन भक्तों! आदि अनादि काल से हिमांचल प्रदेश देवी देवताओं की लीलास्थली रहा है संभवतः इसीलिए हिमाचल प्रदेश को देवभूमि की उपाधि प्राप्त हुई है। हिमाचल पूरी तरह से प्राकृतिक आकर्षणों से भरा हुआ है और इसका अपना समृद्ध पौराणिक अतीत है। यहाँ अनगिनत ऐसे मंदिर हैं जो अपने पौराणिक महत्व की वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं ऐसा ही एक मंदिर जाखू मंदिर.
मंदिर के बारे में:
भक्तों जाखू मंदिर हिमाचल प्रदेश के शिमला में समुद्र तल से 8048 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। वर्ष 2010 में राज्य सरकार ने यहां 108 फीट की हनुमान जी मूर्ति स्थापित की है। यह मूर्ति भारत की उत्ततम मूर्तियों में से एक है। इस मूर्ति को पूरे शिमला से देखा जा सकता है। यहां पैदल, निजी कार या रोपवे से पहुंचा जा सकता है। पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश द्वार के पास लकड़ी के डंडे का इंतजाम किया गया है। इस लकड़ी के डंडे का उपयोग चढ़ने और बंदरों को भगाने के लिए किया जाता है।
पौराणिक कथा:
भक्तों पौराणिक कथा के अनुसार- राम रावण युद्ध के दौरान, जब लक्ष्मण शक्तिबाण लगी तब वैद्य सुषेण ने रामभक्त हनुमान को संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरी पर्वत भेजा। आकाश मार्ग से जा रहे हनुमान जी की नजर पर्वत पर तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि पर पड़ी। मार्ग में विश्राम कर और संजीवनी बूटी का पता पूछने के लिए हनुमान जी इसी स्थान पर उतरे। यक्ष ऋषि से संजीवनी की जानकारी लेने के बाद हनुमान जी ने उनसे दोबारा मिलने का वादा किया।
कालनेमि नामक राक्षस के मायाजाल के कारण हनुमान जी को कुछ देर हो गई इसलिए वह एक छोटे मार्ग से लौट आए और अपने वचन के अनुसार यक्ष ऋषि से मुलाकात नहीं कर पाए। इस पर ऋषि व्याकुल हो उठे। उनकी व्याकुलता दूर करने के लिए अंततः हनुमान जी ने यक्ष ऋषि को दर्शन दिया। इसके बाद इस स्थान पर हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा प्रकट हुई। इसे लेकर यक्ष ऋषि ने हनुमान जी का यह मंदिर बनवा दिया। हनुमान जी की यह स्वयंभू प्रतिमा आज भी मंदिर के प्रांगण में स्थापित है।
प्राइड ऑफ शिमला:
भक्तों जाखू मंदिर में जब श्रद्धालुओं की संख्या बढ्ने लगी तब यहाँ राज्य सरकार द्वारा हनुमान जी की 108 फुट की विशालकाय प्रतिमा का निर्माण कराया गया।‘प्राइड ऑफ शिमला’ कही जाने वाली यह प्रतिमा विश्व की कुछ सबसे ऊँची प्रतिमाओं में से एक है। यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि लगभग शिमला के प्रत्येक कोने से देखी जा सकती है। हिमाचल प्रदेश की यात्रा में जाने वाले श्रद्धालु शिमला के इस हनुमान मंदिर की यात्रा अवश्य करते हैं
जाखू नाम का रहस्य:
भक्तों जिस पर्वत पर हनुमान जी यक्ष से मिले थे उस पर्वत का नाम, यक्ष के नाम पर ही शुरू में "यक्ष" नाम दिया गया था। लेकिन बाद में यह "यक्ष" का अपभ्रंश "याक", "याक" का अपभ्रंश "याखू" और "याखू" का अपभ्रंश "जाखू" हो गया था। जाखू में संगमरमर के पत्थरों पर अंकित हनुमान जी के पदचिन्ह और आज भी संरक्षित हैं
जाखू मंदिर खुलने का समय:
भक्तों जाखू मंदिर के दर्शन का समय सुबह 5 से दिन के 12 बजे तक और फिर शाम को 4 से रात के 9 बजे तक है। यात्री इस समय अवधि में कभी भी मंदिर पहुँचकर पूजा अर्चना कर सकते हैं।
सबसे अच्छा समय:
भक्तों जाखू मंदिर शिमला की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून के बीच गर्मी के महीनों में 20 डिग्री सेल्सियस का औसत तापमान रहता है। जुलाई के दौरान और उसके बाद बारिश का मौसम भारी बारिश के कारण यात्रा करना असुविधाजनक हो सकता है। लेकिन सितंबर से लेकर जनवरी तक सर्दियों के महीने सुखद और शांत होते हैं।
नजदीकी स्थल:
भक्तों, अगर आप शिमला के हाटू माता मंदिर की यात्रा पर जा रहे हैं तो कुल्लू में हाटू मंदिर का दर्शन अवश्य करें। इसके अलावा कुल्लू घाटी में देवी देवताओं के सैकड़ों मंदिर हैं उनका दर्शन भी अवश्य करें। यदि आप सैर सपाटे का शौक भी रखते हैं तो आप वॉटर और एडवेंचर स्पोर्ट, नग्गर, जगतसुख, देव टिब्बा, बंजार, मणिकर्ण और रुमसू आदि के पर्यटन का आनंद ले सकते हैं।
रोपवे यात्रा:
भक्तों जाखू मंदिर पहुँचने के लिए यहाँ रोपवे की सुविधा उपलब्ध है। अतः रोपवे से यात्रा करने के इच्छुक पर्यटक शिमला में "रिज" नामक स्थान से जाखू मंदिर तक पहुंच सकते हैं। रिज के अलावा शिमला के प्रसिद्ध माल रोड से भी जाखू मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्था की गई है। रोपवे केबल कार द्वारा हिमालय के खूबसूरत दृश्यों के साथ ब्रिटिश-युग की वास्तुकला को पहाड़ी के नीचे से ऊपर तक अच्छी तरह से देखा जा सकता है। जिसमें सिर्फ 5 से 6 मिनट लगते हैं।
भक्तों जाखू मंदिर के लिए रोपवे की सवारी सुबह सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक (यानी सूर्यास्त तक) खुली रहती है। अतः आप जब भी जाएँ तो समय का पूरा ध्यान रखें।
भक्तों रोपवे टिकट की कीमत उम्र के हिसाब से अलग-अलग हैं। 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निःशुल्क है, 3-12 साल के बच्चों के लिए 200 रूपये शुल्क है। तथा वयस्कों के लिए टिकट की लागत 250 रूपये है। यह सिर्फ एक तरफ का शुल्क है।
भक्तों! अगर आप भी जाखू मंदिर मन्दिर पहुँचकर पवनसुत हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो अविलंब जय श्रीराम का उद्घोष कीजिये और अपनी यात्रा का शुभारंभ कीजिये।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन।🙏
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जय श्री राम
Jai Shree Ram
जय सीताराम
जय श्री पूनरासर बाला जी महाराज कि जय हो हर हर महादेव देवो के देव महादेव शिव शंकर भोले नाथ केदार महाकाल कि जय हो
जय श्री राम
जय बजरंग बली
Jay Siri Ram
जय श्री सीताराम 🌹🌹🙏
Jai shree Ram
Jai shree sitaram bhagwan ki jai 🙏🙏🌻🌻 jai shree hanuman ji maharaj ki jai ho 🙏🙏🌻🌻🙏 jai shree ayodhya dham ki jai 🙏🙏🌻🌻🙏
जय श्री राम जय श्री राम के प्यारे सीता माता के दुलारे हनुमान जी महाराज जी की जय हो जय
Jai shree ram.Bhut achi Jankari hai.
Jai Hanuman jai Shri ram
Jai shree Ram 🚩🙏
Jai shree ram jai hnuman ji hmm ana chate hai
Pachi beet kiyo nahi karte kiyo
is par pachi deet kiyo nahi kar sakte
हनुमान जीकी जाई ua-cam.com/channels/dxQ_dauri3V66fvtBIUnIA.html
जय श्री राम