श्री बीतक साहेब चर्चा - दिवस 23 -उदयपुर की बीतक । आचार्य अशोक जी -

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  • Опубліковано 13 вер 2024
  • बीतक से शिक्षा-
    श्री बीतक साहेब चर्चा - दिवस 23
    प्रसंग - उदयपुर की बीतक
    औरंगजेब मुग़ल साम्राज्य का छठा शासक था और उसकी क्रूरता के लिए जाना जाता है। उसने सत्ता के लिए अपने भाइयों की हत्या कर दी और अपने पिता शाहजहां को कैद कर दिया। उसने हिंदुओं पर जज़िया कर लगाया और कई मंदिरों को नष्ट किया। धार्मिक असहिष्णुता और सख्त प्रशासनिक नीतियों के कारण उसकी छवि अत्याचारी शासक की बनी। औरंगजेब की क्रूरता ने मुग़ल साम्राज्य के पतन की नींव रखी।
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    1. परिकरमा + सागर + सिनगार + खिलवत टीका
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    आत्मिक दृष्टि से परमधाम, युगल स्वरुप तथा अपनी परआत्म को देखना ही चितवनि (ध्यान) है। चितवनि के बिना आत्म जागृति संभव नहीं है। संसार की अब तक की प्रचलित सभी ध्यान पद्धतियाँ निराकार-बेहद से आगे नहीं जाती हैं। तारतम ज्ञान के प्रकाश में मात्र निजानन्द योग ही परमधाम ले जा सकता है।
    प्रियतम अक्षरातीत की चितवनि में इतना आनन्द है कि उसके सामने संसार के सभी सुख मिलकर भी कहीं नहीं ठहरते। यही कारण है कि ध्यान का आनन्द पाने के लिये ही राजकुमार सिद्धार्थ, महावीर, भर्तृहरि आदि ने अपने राज-पाट को छोड़ दिया और वनों में ध्यानमग्न रहे।
    बेहद मण्डल - इस प्राकृतिक जगत् से परे वह बेहद मण्डल है, जिसे योगमाया का ब्रह्माण्ड कहते हैं। चारों वेदों में इसे चतुष्पाद विभूति के रूप में वर्णित किया गया है। इस मण्डल में अक्षर ब्रह्म के चारों अन्तःकरण (मन, चित, बुद्धि तथा अहंकार) की लीला होती है, जिन्हें क्रमशः अव्याकृत, सबलिक, केवल और सत्स्वरूप कहते हैं।
    परमधाम - बेहद मण्डल से परे वह स्वलीला अद्वैत परमधाम है, जिसके कण-कण में सच्चिदानन्द परब्रह्म की लीला होती है। यह अनादि है, अनन्त है और सच्चिदानन्दमय है। जिस प्रकार सागर अपनी लहरों से तथा चन्द्रमा अपनी किरणों लीला करता है, उसी प्रकार अक्षरातीत भी अपनी अभिन्न स्वरूपा अंगरूपा आत्माओं के साथ अद्वैत लीला करते हैं, जो अनादि है और इसमें कभी अलगाव नहीं होता है।
    वेदों ने इसी परमधाम के सम्बन्ध में “त्रिपादुर्ध्व उदैत्पुरुष” अर्थात् परब्रह्म योगमाया से परे है, कहकर मौन धारण कर लिया। मुण्डकोपनिषद् ने भी 'दिव्य ब्रह्मपुर' शब्द का प्रयोग तो किया, किन्तु उसे बेहद मण्डल (केवल ब्रह्म) में मान लिया। कुरआन में मेयराज के वर्णन के द्वारा संकेत किये जाने पर भी मुस्लिम जगत अभी इसकी वास्तविकता से बहुत दूर है।
    श्री प्राणनाथजी की अलौकिक तारतम वाणी में इस परमधाम की शोभा, लीला एवं आनन्द का विशद रूप में वर्णन किया गया है, जिसका सुख किसी सौभाग्यशाली को ही प्राप्त होता है।

КОМЕНТАРІ • 18

  • @virubhatt9327
    @virubhatt9327 27 днів тому +2

    Koti koti pranam 🙏🌺🙏💐🙏🌹

  • @PrajwalBaral-gn6vm
    @PrajwalBaral-gn6vm 27 днів тому +3

    Pranamji❤❤❤

  • @jackpatel480
    @jackpatel480 27 днів тому +2

    Pranamji

  • @shaileshdarbar3983
    @shaileshdarbar3983 27 днів тому +2

    Pranamji 🌷 🙏 🌷 🙏 🌷

  • @mansukhbhaibhanderi3477
    @mansukhbhaibhanderi3477 27 днів тому +4

    🙏 પ્રેમ પ્રણામ જી 🙏

  • @Desivloger-420
    @Desivloger-420 26 днів тому +1

    ❤parnam ji❤

  • @dhirajkumarramsinhroz279
    @dhirajkumarramsinhroz279 26 днів тому +1

    સુંદરસાથજી આપના ચરણોમાં કોટી કોટી પ્રેમ પ્રણામજી 🙏🙏

  • @jamunabasnet8230
    @jamunabasnet8230 27 днів тому +4

    Shree prannath pyare ki jay. Aap sabhi sundar saath ji ko charan kamal me kotan kot prem pranam ji .

  • @tarathapa9126
    @tarathapa9126 26 днів тому

    प्रेम प्रणाम जी आचार्य अशोक जी बहुत भावुक प्रवचन कार्यक्रम सुनेर मन प्रसन्न भयो प्रणाम ❤❤

  • @user-ex6yr5lf8e
    @user-ex6yr5lf8e 17 днів тому

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @skmattushorts
    @skmattushorts 22 дні тому

    Prnam ji ❤❤

  • @anilgohil9487
    @anilgohil9487 27 днів тому +1

    प्रेम प्रणाम जी 🙏❤️❤️❤️❤️

  • @user-ww1do7sy3p
    @user-ww1do7sy3p 27 днів тому +1

    प्रेम प्रणाम जी

  • @santoshverma4652
    @santoshverma4652 27 днів тому +1

    सप्रेम प्रणाम जी।

  • @sanjaybhagat817
    @sanjaybhagat817 27 днів тому +3

    Pranam Ji 🙏🙏💐💐

  • @mathurmohaniya7696
    @mathurmohaniya7696 26 днів тому

    Pranamji

  • @satyajitsinh21
    @satyajitsinh21 9 днів тому

    Pranamji ❤️

  • @deenanathverma5568
    @deenanathverma5568 27 днів тому +1

    प्रेम प्रणाम जी