बहुत अच्छे से, विधि विधान से किया गया है जी पूरा पाठ !बहुत बहुत धन्यवाद करता हुँ मै अमरदीप केसला सेक्टर 25 सतसंग मंडली की और से उन वीरो का जिन्होंने प्रभु जी द्वारा लिखित ये सम्पूर्ण पाठ यू टुब चैनल पर पस्तुत किया, इन्ही शब्दो ke साथ जय वाल्मीकि जी
बहुत-बहुत धन्यवाद जी | कृपया यह चैनल सब्सक्राइब करें और दूसरों से भी करवाएं | जिससे "भगवान वाल्मीकि जी" व "परम पूज्य प्रभु ऋषिनाथ रत्नाकर जी महाराज" की वाणी का प्रचार-प्रसार देश विदेश में हो सके | इन्ही शुभकामनाओं के साथ | " जय वाल्मीकि "
संत विश्रवा ऋषि जी एवं राकेश असुर जी दोनों का बहुत बहुत धन्यवाद । बहुत ही सुन्दर ढंग से आदि दैनिक नित्य नेम का पाठ करके समाज को समझाया है । दैनिक नित्य नेम आरंभ हुआ , वाल्मीकि भगवान । पढ़ने सुनने वालों का , आप करो कल्याण ।। धर्मज्ञ शीश पाल आदिवासी जी ।
♈🙏💛❤️💚🧡🙏♈ *आदि वाल्मीकये नमो नमः* ************************** *जो बोले सो निर्भय, भगवान वाल्मीकि जी महाराज की जय।* कुछ दिन पहले किसी तथाकथित प्रचारक एवं स्वयंभू संत दर्शन रत्न रावण जी ने फेसबुक द्वारा अपने विचारों में जो वाल्मीकि धर्म समाज के संस्थापक,प्रथम आदि धर्म गुरू,परम पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज को "बाबा" शब्द से सम्बोधित कर के उनका घोर अपमान किया है। जिस से समूचे वाल्मीकिन समाज में चर्चा छिड़ गई है । समाज में इस विषय को लेकर उपरोक्त स्वयंभू धर्मगुरू की घोर निन्दा हो रही है, कि धर्म समाज के जन्मदाता पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज ने 24 मई 1964 को लुधियाना की पावन धरती पर धर्म समाज की स्थापना उस समय के कुछ बुद्धिजीवियों को साथ लेकर की गई थी। उस समय उपरोक्त स्वयंभू धर्मगुरू 3 वर्ष के थे जिनका जन्म 1961में हुआ था। जब कि वह धर्म समाज के साथ 1981 में जुड़े और उसी साल मोमबत्ती पर हाथ रख कर पूज्य प्रभु जी महाराज से वचन दीक्षा ग्रहण की और विश्वास पात्र होने का वचन दिया परन्तु हमेशा विश्वासघात ही किया। तीन साल बाद ही 1984 में धर्म समाज में फूट डाल दी, और धर्म समाज के पहले दो टुकड़े कर दिए थे। प्रभु रत्नाकर जी महाराज द्वारा स्थापित वाल्मीकि मिशन एवं पावन दैनिक नित्यनेम के साथ बार बार छेड़ छाड़ कर उनके मिशन को अनेकों बार खण्डित किया है। अगर आप के पास इतना ज्ञान प्राप्त है, कि आप धर्म समाज के संस्थापक से भी बुद्धिमान हैं, तो आप को अपना ही दैनिक नित्यनेम तैयार करना चाहिए था। ना कि किसी के साहित्य (वाणी) को चुरा कर , उनकी छाप को मिटाना व अपनी छाप लगा लेना। ऐसे किस्म के व्यक्ति को साहित्यिक चोर ही कहा जाता है। इसलिए मैं आप से अनुरोध करता हुं, कि आप त्रिकालदर्शी, मोक्ष कर्ता, महाप्रभु भगवान वाल्मीकि जी महाराज एवं परम पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज और समस्त वाल्मीकिन समाज से अपनी गलती की माफ़ी मांगे । धन्यवाद। जय वाल्मीकि, जय रत्नाकर। जय भीम, जय भारत।। *पुरुषार्थी जसबीर लवण* लुधियाना पंजाब।।
ਜੈ ਜੈ ਭਗਵਾਨ ਵਾਲਮੀਕਿ ਜੀ ਹਰਿ ਹਰਿ ਭਗਵਾਨ ਵਾਲਮੀਕਿ ਜੀ ਧੰਨ ਧੰਨ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗਿਆਨ ਨਾਥ ਜੀ ਧੰਨ ਧੰਨ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਰਤਨਾਕਰ ਜੀ ਸਭ ਤੇ ਕਿਰਪਾ ਕਰੋ ਜੀ
बहुत अच्छा लगा पाठ। सुन कर जय वाल्मीकि जी महराज दानवाद
jai jai valmiki g
🙏जय वाल्मीकि जी 🙏
Jai Valmiki ji
Har Har Valmiki ji
Hey mere pyare bhagwan sri valmikiji maharaj aap ko mera namaskaar namaskaar namaskaar hai mere prabhu.
🙏Dhan prabhu valmik ji🙏
Jayvalmiki. Valmiki. Ki.jay❤
Jai Valmeki g 🙏🙏🙏🙏
Jai balmiki gg🙏🙏🙏
Jai valmiki bhgwan ki jai 💐🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹💐
Jai bhagwan valmiki Ji ki
Jai bhagwan vilmiki ji ke Jai ho
बहुत अच्छे से, विधि विधान से किया गया है जी पूरा पाठ !बहुत बहुत धन्यवाद करता हुँ मै अमरदीप केसला सेक्टर 25 सतसंग मंडली की और से उन वीरो का जिन्होंने प्रभु जी द्वारा लिखित ये सम्पूर्ण पाठ यू टुब चैनल पर पस्तुत किया, इन्ही शब्दो ke साथ जय वाल्मीकि जी
बहुत-बहुत धन्यवाद जी |
कृपया यह चैनल सब्सक्राइब करें और दूसरों से भी करवाएं | जिससे "भगवान वाल्मीकि जी" व "परम पूज्य प्रभु ऋषिनाथ रत्नाकर जी महाराज" की वाणी का प्रचार-प्रसार देश विदेश में हो सके |
इन्ही शुभकामनाओं के साथ |
" जय वाल्मीकि "
1q,cL
Jai Valmeki❤❤
Jia Jia valmiki g 🙏
Jai valmiki ji
Jai guru valmiki ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
संत विश्रवा ऋषि जी एवं राकेश असुर जी दोनों का बहुत बहुत धन्यवाद ।
बहुत ही सुन्दर ढंग से आदि दैनिक नित्य नेम का पाठ करके समाज को समझाया है ।
दैनिक नित्य नेम आरंभ हुआ , वाल्मीकि भगवान ।
पढ़ने सुनने वालों का , आप करो कल्याण ।।
धर्मज्ञ शीश पाल आदिवासी जी ।
धन्यवाद जी
👃👃bhot acha jay vlmike
जय वाल्मीकि जी.
Jay valmiki
Jai Valmeki jai
Atti hi uttam prastuti.
Dhanyawad.
Jai sri ram.
🙏Jai Bhagwan Valmeki Ji Jai Guru Gyan Nath Ji Jai Bheem Jai Bharat Jai Mool Niwasi Jai Savidhan 🙏
❤❤❤❤❤❤
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
🎉❤😊
Very very nice
🎉🎉🎉🎉
Jai valmiki ji 🙏
♈🙏💛❤️💚🧡🙏♈
*आदि वाल्मीकये नमो नमः*
**************************
*जो बोले सो निर्भय, भगवान वाल्मीकि जी महाराज की जय।*
कुछ दिन पहले किसी तथाकथित प्रचारक एवं स्वयंभू संत दर्शन रत्न रावण जी ने फेसबुक द्वारा अपने विचारों में जो वाल्मीकि धर्म समाज के संस्थापक,प्रथम आदि धर्म गुरू,परम पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज को "बाबा" शब्द से सम्बोधित कर के उनका घोर अपमान किया है। जिस से समूचे वाल्मीकिन समाज में चर्चा छिड़ गई है । समाज में इस विषय को लेकर उपरोक्त स्वयंभू धर्मगुरू की घोर निन्दा हो रही है, कि धर्म समाज के जन्मदाता पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज ने 24 मई 1964 को लुधियाना की पावन धरती पर धर्म समाज की स्थापना उस समय के कुछ बुद्धिजीवियों को साथ लेकर की गई थी।
उस समय उपरोक्त स्वयंभू धर्मगुरू 3 वर्ष के थे जिनका जन्म 1961में हुआ था। जब कि वह धर्म समाज के साथ 1981 में जुड़े और उसी साल मोमबत्ती पर हाथ रख कर पूज्य प्रभु जी महाराज से वचन दीक्षा ग्रहण की और विश्वास पात्र होने का वचन दिया परन्तु हमेशा विश्वासघात ही किया।
तीन साल बाद ही 1984 में धर्म समाज में फूट डाल दी, और धर्म समाज के पहले दो टुकड़े कर दिए थे।
प्रभु रत्नाकर जी महाराज द्वारा स्थापित वाल्मीकि मिशन एवं पावन दैनिक नित्यनेम के साथ बार बार छेड़ छाड़ कर उनके मिशन को अनेकों बार खण्डित किया है।
अगर आप के पास इतना ज्ञान प्राप्त है, कि आप धर्म समाज के संस्थापक से भी बुद्धिमान हैं, तो आप को अपना ही दैनिक नित्यनेम तैयार करना चाहिए था। ना कि किसी के साहित्य (वाणी) को चुरा कर , उनकी छाप को मिटाना व अपनी छाप लगा लेना।
ऐसे किस्म के व्यक्ति को साहित्यिक चोर ही कहा जाता है।
इसलिए मैं आप से अनुरोध करता हुं, कि आप त्रिकालदर्शी, मोक्ष कर्ता, महाप्रभु भगवान वाल्मीकि जी महाराज एवं परम पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज और समस्त वाल्मीकिन समाज से अपनी गलती की माफ़ी मांगे ।
धन्यवाद।
जय वाल्मीकि, जय रत्नाकर।
जय भीम, जय भारत।।
*पुरुषार्थी जसबीर लवण*
लुधियाना पंजाब।।
Jai valmiki ji
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai valmiki
Jai Valmiki ji