प्यारे सतगुरु बंदगी यह प्रवचन अनमोल है मौन जीवन की सबसे अनमोल संपदा है यह आपसे जाना गुरुवार , मौन हमें अपने दिल के करीब ला देता है और परमात्मा से रिश्ता जोड़ देता है इससे बड़ा जीवन का क्या तोहफा होगा । गुरुवार जो आपने हमें मौन से जोड़ दिया इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।
मां आपको सहस्र बंदगी.....मौन होने कl इतनl बड़l महत्व ....अनमोल है l हमारे पास मौन की इतनी बड़ी संपदा है की हमें अपने प्यारे की उपस्थिति का कितना गहरा अहसास होता है की क्या कहूं l आश्चर्य है की हमारे पास परमात्मा को पाने की इतनी अद्भुत कुंजी आप देना चाहती हैं, आपको कोटि कोटि धन्यवाद l ... अनायास ही ये दिल कह उठता है ....तुम जब भी याद आओगे .. ये दिल भर आएगा...ये आंख छलक जाएगी l🌹🌹🙏
Pyari Maa ko pyar bhara bandgi, bahut acha lga sun ke chup ke sath sath us prabhu ke yad me anshu apne aap aa jaye hai. Aapka bahut bahut dhanyabad Maa......
Pyare maa pyar bhara bandagi maa itna Sunder prawachan apka maa ap ne maun ke prati kitne ache baate batai hai maun hi hame parmatma se jodhta hai maa prawachan bahut bahut acha hai. Dhanewad maa ❤🙏🙏🙏 Write by sakshi 😊
Pyari maa ko mera sadar pranam 🙏 Pyari maa apne hi hume mon hona or parmatma ke liye Rona sikhaya h....unse miln ka saral rasta dikhaya h .....apko koti koti dhanyawad.....
Guru man ke Charanon Mein Bandagi Itna Sundar pravachan hai Ki Main Kya kahun Itna Chupa chup Hai yah Astitva ki Ishq Ki Chhupa se chup ho mile To Dil Khile chup hote hi chup ka najara mile chup hote hi Dil Yun Jhuke ki balihar jaaun MIT jaaun is Chuppi Jaise ant Sagar Se Mil liya Ho Dil Nath mastak Hota Ja Raha Hai Bus chup se shuru chup mein khatm Waheguru Waheguru Teri Karuna bahut bahut dhanyvad Prabhu❤❤
Pujyaniya Guru Maa Charan bandgi 🙏🏽🙏🏽❤️❤️🌹 Aaj aap ka Parmatma ka mobile no satsang Sun kar ❤️ gad gad ho gaya Prem aur Aanand se bhar gaya Maa Aap ne rho chup rahne mhon ranne ka mantra tho pahle hi de diya hai Aaj Aap ne Parmatma ka mob no bhi de diya Sarkar ji mohan Raha ker hi apne jivan ko utsav bana deta hai chup ho kar easa lagta hai ki jo Adrisya hai apne sath hi hai roha roha kanp jata hai itna Aanand aata hai uska kohi varen nahi hai Sarkar ji chupp rah ker buban ho ker Parmatma aur guru Apne hi sath ka anubhav hota hai Aaj aap ka 2 bar satsang suna man shant ho gaya Hamare liye guru he sab kuch hai easa lagta hai hamesha ki liye chup ha jai kahi bhi man nahi lagta hai bas Parmatma se Apne man ka chup kar ke uske sath rahu Sarkar ji bas Parmatma ko Dhanyawad deta rahta hu Dhanyawad 🙏🏽🙏🏽❤️ Charan bandgi 💐🌹❤️🙏🏽🙏🏽
गुरु मां के कमलवत चरणों में,मौन वंदगी। धन्य हो गुरुवार, धन्य हो गुरुवार। सचमुच मौन में अपार शक्ति है जो हमें परमात्मा से मिलन कराती है। मौन के बिना परमात्मा को जाना ही नहीं जा सकता है। मौन तो मौन है, गुरुवार जिसका वर्णन किया ही नहीं जा सकता है। मौन वंदगी, गुरुवार।
इसीलिए ऐसा है भी कि परमात्मा कण कण में है। मूर्ति के अंदर भी और मूर्ति के बाहर भी, पत्थर में भी और पत्थर के बाहर भी, मंदिर में भी और कूड़ाघर में भी। मौन की आंख हो तो वो दिखे भी।
अगर किसी ने पत्थर में खामोशी और चुप्पी न महसूस की होती तो फिर वह व्यक्ति पत्थर में जीवंतता न महसूस कर पाता और जब पत्थर उसे जीवंत नही लगता तो पत्थर में एक जीवित मनुष्य की आकृति और आकार की रेखा उसके दिल में कभी न बनती। खामोशी के कारण संवेदना जन्मी और संवेदना के कारण पत्थर जीवंत, पत्थर बोलता हुआ मालूम पड़ा जैसे रामकृष्ण परमहंस काली मां से बातें करते थें और इसी संवेदना ने, इसी चुप्पी ने एक पत्थर को भी जीवंत कर दिया, पत्थर को भी आकार दे दिया और उसकी पूजा शुरू हो गई। बात कहां से उठी थी और आज कहां पर आकर अटकी हुई है। शायद इसी जीवंतता के कारण ही लोग मूर्ति की पूजा करने लगे और फिर ये कहा भी जाने लगा कि मानो तो देव नहीं तो पत्थर।
सच कहूं तो ये प्रवचन शब्दों की आवाज से भरे होने, विचारों से भरे होने के बावजूद भी निःशब्द, निर्विचार, मौन की याद, अदृश्य और आपकी उपस्थिति और आपके आशीष से भरा पड़ा है। आपके पास हम लोगों को देने के लिए बस चुप्पी ही है। वास्तव में इस चुप्पी में कोई गहरा राज है। आपने कहा भी है.......'चुप्पी में प्यारे को पाया।'
आपके इन बातों से कि 'जब जब बहार आए और फूल मुस्कुराए... से ऐसा एहसास हो रहा है कि जब आप अपने शरीर में नही रहेंगी तब हम आपको इसी प्रकृति की चुप्पी में, इसी आकाश में, फूलों की चुप्पी और उनकी कोमलता में, समुद्र की लहरों में देखेंगे और जैसा कि अभी भी हम आपको महसूस कर भी रहे हैं।
पत्थर को महसूस करने के लिए, पत्थर से बात करने के लिए पागल होना, दीवाना होना पड़ेगा। दुनिया सोचेगी कि ये पगला गया है क्या दीवारों से लिपटा है और कहता है कि मैं दीवारों से बाते करता हूं। क्या कभी ऐसा हो सकता है? अब उसे कैसे समझाएं कि दीवारों के भी कान होते हैं😮और वो भी बात करते हैं। ये बहुत ही बेबूझ बात लगती है पर सत्य है।
प्यारे सतगुरु बंदगी यह प्रवचन अनमोल है मौन जीवन की सबसे अनमोल संपदा है यह आपसे जाना गुरुवार , मौन हमें अपने दिल के करीब ला देता है और परमात्मा से रिश्ता जोड़ देता है इससे बड़ा जीवन का क्या तोहफा होगा । गुरुवार जो आपने हमें मौन से जोड़ दिया इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।
बहुत सुन्दर ❤❤❤❤❤
मां आपको सहस्र बंदगी.....मौन होने कl इतनl बड़l महत्व ....अनमोल है l हमारे पास मौन की इतनी बड़ी संपदा है की हमें अपने प्यारे की उपस्थिति का कितना गहरा अहसास होता है की क्या कहूं l आश्चर्य है की हमारे पास परमात्मा को पाने की इतनी अद्भुत कुंजी आप देना चाहती हैं, आपको कोटि कोटि धन्यवाद l ... अनायास ही ये दिल कह उठता है ....तुम जब भी याद आओगे .. ये दिल भर आएगा...ये आंख छलक जाएगी l🌹🌹🙏
Sundar bahut Sundar hai maa
Pyari Maa ko pyar bhara bandgi, bahut acha lga sun ke chup ke sath sath us prabhu ke yad me anshu apne aap aa jaye hai. Aapka bahut bahut dhanyabad Maa......
Pyare maa pyar bhara bandagi maa itna Sunder prawachan apka maa ap ne maun ke prati kitne ache baate batai hai maun hi hame parmatma se jodhta hai maa prawachan bahut bahut acha hai.
Dhanewad maa ❤🙏🙏🙏
Write by sakshi 😊
Sundar Bahut Sundar. Laga.
Pyari maa ko mera sadar pranam 🙏
Pyari maa apne hi hume mon hona or parmatma ke liye Rona sikhaya h....unse miln ka saral rasta dikhaya h .....apko koti koti dhanyawad.....
Guru man ke Charanon Mein Bandagi Itna Sundar pravachan hai Ki Main Kya kahun Itna Chupa chup Hai yah Astitva ki Ishq Ki Chhupa se chup ho mile To Dil Khile chup hote hi chup ka najara mile chup hote hi Dil Yun Jhuke ki balihar jaaun MIT jaaun is Chuppi Jaise ant Sagar Se Mil liya Ho Dil Nath mastak Hota Ja Raha Hai Bus chup se shuru chup mein khatm Waheguru Waheguru Teri Karuna bahut bahut dhanyvad Prabhu❤❤
Sundarr❤..
Precious lines!🙏
'जुबां की क्या जरूरत, गुफ्तगू दिल से होती'
Adbhut lag raha hai aapki baten dhanyvad
Pyari guru Maa bandagi inta Sunder Pravachan suna kar Aisa laga ki Hum bhi Mona rahe,Aur apka pass bathe rahe!
chup Hote Hi Saari baat Ban Gayi mil Gaya Woh Jise Maine dhoond rahi thi Achcha laga
Dhanyawad maeri pyari guru maa ji aap nae mujhe chupi ki yaad dila diya 🙏🌹🌹💖
Pujyaniya Guru Maa
Charan bandgi 🙏🏽🙏🏽❤️❤️🌹
Aaj aap ka Parmatma ka mobile no satsang Sun kar ❤️ gad gad ho gaya Prem aur Aanand se bhar gaya
Maa Aap ne rho chup rahne mhon ranne ka mantra tho pahle hi de diya hai Aaj Aap ne Parmatma ka mob no bhi de diya
Sarkar ji mohan Raha ker hi apne jivan ko utsav bana deta hai chup ho kar easa lagta hai ki jo Adrisya hai apne sath hi hai roha roha kanp jata hai itna Aanand aata hai uska kohi varen nahi hai
Sarkar ji chupp rah ker buban ho ker Parmatma aur guru Apne hi sath ka anubhav hota hai
Aaj aap ka 2 bar satsang suna man shant ho gaya
Hamare liye guru he sab kuch hai easa lagta hai hamesha ki liye chup ha jai kahi bhi man nahi lagta hai bas Parmatma se Apne man ka chup kar ke uske sath rahu
Sarkar ji bas Parmatma ko Dhanyawad deta rahta hu
Dhanyawad 🙏🏽🙏🏽❤️
Charan bandgi 💐🌹❤️🙏🏽🙏🏽
गुरु मां के कमलवत चरणों में,मौन वंदगी। धन्य हो गुरुवार, धन्य हो गुरुवार। सचमुच मौन में अपार शक्ति है जो हमें परमात्मा से मिलन कराती है। मौन के बिना परमात्मा को जाना ही नहीं जा सकता है। मौन तो मौन है, गुरुवार जिसका वर्णन किया ही नहीं जा सकता है। मौन वंदगी, गुरुवार।
इसीलिए ऐसा है भी कि परमात्मा कण कण में है। मूर्ति के अंदर भी और मूर्ति के बाहर भी, पत्थर में भी और पत्थर के बाहर भी, मंदिर में भी और कूड़ाघर में भी। मौन की आंख हो तो वो दिखे भी।
अगर किसी ने पत्थर में खामोशी और चुप्पी न महसूस की होती तो फिर वह व्यक्ति पत्थर में जीवंतता न महसूस कर पाता और जब पत्थर उसे जीवंत नही लगता तो पत्थर में एक जीवित मनुष्य की आकृति और आकार की रेखा उसके दिल में कभी न बनती।
खामोशी के कारण संवेदना जन्मी और संवेदना के कारण पत्थर जीवंत, पत्थर बोलता हुआ मालूम पड़ा जैसे रामकृष्ण परमहंस काली मां से बातें करते थें और इसी संवेदना ने, इसी चुप्पी ने एक पत्थर को भी जीवंत कर दिया, पत्थर को भी आकार दे दिया और उसकी पूजा शुरू हो गई।
बात कहां से उठी थी और आज कहां पर आकर अटकी हुई है। शायद इसी जीवंतता के कारण ही लोग मूर्ति की पूजा करने लगे और फिर ये कहा भी जाने लगा कि मानो तो देव नहीं तो पत्थर।
सच कहूं तो ये प्रवचन शब्दों की आवाज से भरे होने, विचारों से भरे होने के बावजूद भी निःशब्द, निर्विचार, मौन की याद, अदृश्य और आपकी उपस्थिति और आपके आशीष से भरा पड़ा है। आपके पास हम लोगों को देने के लिए बस चुप्पी ही है। वास्तव में इस चुप्पी में कोई गहरा राज है।
आपने कहा भी है.......'चुप्पी में प्यारे को पाया।'
🙏🙏🌹🌹
आपके इन बातों से कि 'जब जब बहार आए और फूल मुस्कुराए... से ऐसा एहसास हो रहा है कि जब आप अपने शरीर में नही रहेंगी तब हम आपको इसी प्रकृति की चुप्पी में, इसी आकाश में, फूलों की चुप्पी और उनकी कोमलता में, समुद्र की लहरों में देखेंगे और जैसा कि अभी भी हम आपको महसूस कर भी रहे हैं।
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पत्थर को महसूस करने के लिए, पत्थर से बात करने के लिए पागल होना, दीवाना होना पड़ेगा। दुनिया सोचेगी कि ये पगला गया है क्या दीवारों से लिपटा है और कहता है कि मैं दीवारों से बाते करता हूं। क्या कभी ऐसा हो सकता है?
अब उसे कैसे समझाएं कि दीवारों के भी कान होते हैं😮और वो भी बात करते हैं। ये बहुत ही बेबूझ बात लगती है पर सत्य है।