बदन शीशे का लेकर पत्थरो के साथ बैठी हूँ। आपको क्या बताऊँ कि किन उलझनों के साथ बैठी हूँ। गुजारिश है ये कि महफ़िल जरा और चलने दो, बड़े दिनों के बाद मै दिल जलो के साथ बैठी हूँ। Fallow 👉 शायरी के दिवाने
बदन शीशे का लेकर पत्थरो के साथ बैठी हूँ। आपको क्या बताऊँ कि किन उलझनों के साथ बैठी हूँ। गुजारिश है ये कि महफ़िल जरा और चलने दो, बड़े दिनों के बाद मै दिल जलो के साथ बैठी हूँ। Fallow 👉 शायरी के दिवाने
बदन शीशे का लेकर पत्थरो के साथ बैठी हूँ।
आपको क्या बताऊँ कि किन उलझनों के साथ बैठी हूँ।
गुजारिश है ये कि महफ़िल जरा और चलने दो,
बड़े दिनों के बाद मै दिल जलो के साथ बैठी हूँ।
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खुशबू जी तुम्हारा आईडी नहीं मिल रहा मेरा आईडी ले लो
Ok@@AmitKumar-v1x5w
बदन शीशे का लेकर पत्थरो के साथ बैठी हूँ।
आपको क्या बताऊँ कि किन उलझनों के साथ बैठी हूँ।
गुजारिश है ये कि महफ़िल जरा और चलने दो,
बड़े दिनों के बाद मै दिल जलो के साथ बैठी हूँ।
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