उषा कश्यप की कहानी-सहारा | Usha Kashyap ki kahani | Audio Story | हिन्दी कहानी
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- Опубліковано 7 лют 2025
- #उषाकश्यप की कहानी-सहारा
Usha Kashyap ki kahani
Audio Story
हिन्दी कहानी
साहित्यिक कहानी
#स्वर-सीमा-सिंह
@aajsuniye
लेखिका परिचय:
उषा कश्यप का जन्म 2 जनवरी 1956 को दिल्ली में हुआ। DSE से M.A.Economics किया।1977 में DU में लेक्चरर बनीं।फिर M.phil and PH.D की। 1989 में कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ। कुछ कहानियाँ दैनिक भास्कर, समांतर, आजकल, बेला,उत्तरा और अनेक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं। एक कहानी को सम्पादक सुरेन्द्र तिवारी जी ने बीसवीं सदी की महिला कथाकारों की कहानियां में सम्मिलित किया।
लेखिका के 6 Economics के लेक्चर दूरदर्शन पर UGC के तहत प्रसारित किए गए। Bloomberg Publication की पुस्तक में 2019 में उषा कश्यप का एक अध्याय प्रकाशित हुआ। US Journal में 2019 में इनका लेख प्रकाशित हुआ। इनकी कविताएं भी प्रकाशित हुई हैं।
बेटे मन्नत से मांगने की परम्परा है यहाँ पर वो बुढ़ापे का सहारा बनेगा निश्चित नहीं है । कहानी में बेटी को भी अति भावुक सहारा चित्रित किया है। वर्तमान में प्रासंगिक है जहां बेटे अमरीका आदि देशों में पलायन कर रहे हैं। सीमा जी का शब्दों और भावनाओं का मेल सहित पठन करना पुरस्कृत करने योग्य है धन्यवाद
उत्कृष्ट कहानी इस सच्चाई को लेखिका ने दर्शाया हैं कि केवल लड़का ही सहारा नहीं बेटी भी बन जाती हैं मज़बूत सहारा। सीमा जी की आवाज़ में निखरती कहानी 👌👌
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका ।❤
मन में आशा और निराशा का बहुत ही सुंदर चित्रण किया है ऊषा जी ने जो कि मन को छु गया और सीमा जी ने भी बहुत सुन्दर प्रस्तुति की है 👌👌
आप का बहुत-बहुत धन्यवाद अरुणा जी ।❤
बेटी भी सहारा बन ने में सक्षम हैं यह बात लोगों को समझ लेना चाहिये।इसी सच्चाई की भावपूर्ण अभिव्यक्ति ऊषा कश्यप जी ने की है। सुंदर रचना का सीमाजी द्वारा वाचन, मुग्ध कर दिया। शुभकामना और अभिनंदन दोनों को। 🙏🙏💐💐
प्रिय प्रेमा जी आप के सुंदर व प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपका का बहुत -बहुत धन्यवाद ।❤
एक सशक्त भावपूर्ण कहानी।
सीमा जी आरम्भ से ही आपको सुनती रही हूं।आपकी शैली में अनवरत आते निखार के लिए आप बधाई की पात्र हैं।
कहानी का आधार उलझी हुई भावनात्मक सोच है।
आप की महत्वपूर्ण समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद वीना जी । सीमा जी का कहानी के मार्मिक वाचन के लिए हार्दिक आभार ।🙏❤
एक भावनात्मक सुखांत कहानी यथार्थककी झलक के साथ पात्रोके अनुरूप आपकी आवाज एवं प्रस्तुति अत्यंत प्रभावशाली हमेशा की तरह सस्नेह वंदन❤
बहुत बहुत धन्यवाद लता जी ।❤
Bhut sunder kahani thi utna hi shaandar vachan laajbaab Seema ji 🙏 ❤🎉
Thanks Kiran ji.❤
Bahut hi bhavpurn kahani aur aapka vaachan utna hi utkrisht samvedanshil didi 🙏🏻
आप का बहुत-बहुत धन्यवाद दीदी ।❤
Beautiful story ❤❤
ऊषा जी ने बहुत ही सुन्दर और सहज शब्दों में मार्मिक पलों का चित्रण किया है और उतनी ही सहजता से सीमा जी ने उसे पढ़ा!आप दोनों कि लेखनी और वाणी को ईश्वर प्रशस्त करें ❤
प्रिय स्नेह जी आप का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।❤
Pasand aayee kahani aapki awaaz mein 🌷Aapki mehnat jaisay dharti ki haryaali, jo dharti ko mehkaati hai aur sapnon ko seenchti hain ❤In your every smile, there’s magic that remains ♥️You are an angel of sweetness ,bringing beauty like gentle rains 🌹
धन्यवाद प्रिय अंजु । निसंदेह सीमा जी के वाचन में जादू है ।❤
Nice story 👏
Nice story ❤
पीताजी के साइड से, वो बराबर हैं, maximum पिता, अपनी देश से हमेशा के लिये शिफ्ट होने से असहज महसुस करते हैं. नॅचरल है. सब आपनी जगह ठीक रहते हैं. एक दुसरे की भावना समझना जरुरी है. ❤
आपने बिलकुल सत्य कहा है ।बहुत बहुत धन्यवाद ।❤
Nice story 🎉