सर मै बिहार से हूँ सरकारी जमीन पर लगभग 30 साल से मेरा घर है! और मेरे विपक्षी पार्टी मेरे को बहुत परेशान किया! 7 साल sdo कोर्ट मे 107 case चला!बाद मे मेरे विपक्षी ने जनता दरबार पटना से अतिक्रमण मेरे विरुद्ध आवेदन दिया! जांच मे ceo साहब आये to देखे मेरे विपक्षी ने फर्जी तरीका से (नदी वाला ) जमीन को पट्टा करा लिया था! और मेरे को परेशान किया! बाद मे मेरे विपक्षी का जो पट्टा वाला जमीन का जमाबंदी रद कर दिया ! Ceo साहब बोले अतिक्रमण खाली होगा तो सबका होगा! इसके लिए हमको मार्गदर्शन दीजिये sir फिर बाद मे मेरे विपक्षी मुझे परेशान न कर पाए हमें क्या करना चाहिए न्यायलय मे फैसला के लिए 🙏🙏
इसे हल करने के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं: 1. सरकारी रिकॉर्ड की जांच करें: अपने तहसील या जिले के राजस्व कार्यालय में जाकर गांव के पुराने रिकॉर्ड और भूमि दस्तावेज़ की जांच करें। वहाँ से जानकारी मिलेगी कि 1932 के बाद पट्टा क्यों जारी नहीं हुआ। 2. राजस्व विभाग में आवेदन करें: एक आवेदन पत्र तैयार करके अपने जिले के राजस्व विभाग को प्रस्तुत करें। आवेदन में गांव की स्थिति और पट्टे की मांग का उल्लेख करें। 3. ग्रामसभा की सहायता लें: ग्रामसभा की बैठक में यह मुद्दा उठाएं और सभी ग्रामीणों की सहमति से अधिकारियों तक इसे पहुंचाएं। 4. जिला प्रशासन से संपर्क करें: डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) या कलेक्टर से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी समस्या बताएं। आप ग्रामीणों के हस्ताक्षर के साथ एक सामूहिक आवेदन भी दे सकते हैं। 5. RTI का उपयोग करें: यदि सरकारी अधिकारी सही जवाब नहीं देते, तो आप RTI (सूचना का अधिकार) का उपयोग करके पुराने रिकॉर्ड की जानकारी मांग सकते हैं। 6. न्यायालय की सहायता लें: अगर आपकी समस्या का समाधान नहीं होता, तो कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर सकते हैं। Conclusion in Reply: "आपकी समस्या बहुत महत्वपूर्ण है। ऊपर दिए गए उपायों को आजमाएं, और अगर कोई सरकारी अधिकारी मदद नहीं कर रहे हैं, तो कोर्ट का सहारा लें।
ऐसे मामलों में आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए: 1. जांच करें कि जमीन का मालिकाना हक किसके पास है सरकारी जमीन पर कब्जा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता। यह जानना जरूरी है कि जमीन किस विभाग या संस्था के अधीन है। 2. राजस्व विभाग से संपर्क करें जमीन के रिकॉर्ड और नक्शे की जांच के लिए नजदीकी तहसील कार्यालय या राजस्व विभाग में जाएं। वहां से यह पता करें कि जमीन पर उनके अधिकार को लेकर क्या नियम लागू होते हैं। 3. लंबे समय के कब्जे का दावा (Adverse Possession) भारत में भूमि पर लंबे समय तक कब्जा करने का अधिकार कानूनी तौर पर साबित किया जा सकता है। इसके लिए, अदालत में यह सिद्ध करना होगा कि कब्जा बिना बाधा के 12 या उससे अधिक वर्षों तक रहा है। इसके तहत दस्तावेजी सबूत, जैसे बिजली बिल, पानी का बिल, या अन्य सरकारी रिकॉर्ड पेश करने होंगे। 4. नोटिस का जवाब दें अगर उन्हें हटाने के लिए कोई कानूनी नोटिस मिला है, तो इसका जवाब एक अच्छे वकील की सहायता से दें। कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी जा सकती है। 5. कानूनी सहायता लें अगर कोई उन्हें परेशान कर रहा है, तो वकील की मदद लें और अदालत में याचिका दायर करें। सरकारी जमीन से हटाने का मामला संभालने के लिए किसी विशेषज्ञ वकील से सलाह लें। 6. स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें जिला कलेक्टर या एसडीएम को एक लिखित आवेदन दें और अपनी समस्या बताएं। यह सुनिश्चित करें कि आप परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो प्रशासन आपकी सहायता करे। 7. आवासीय अधिकारों का दावा करें अगर उनकी स्थिति वंचित वर्ग (Economically Weaker Section) या अनुसूचित जाति/जनजाति की है, तो वे आवासीय अधिकार के तहत सरकारी योजनाओं का लाभ मांग सकते हैं। 8. अदालत में स्थगन आदेश (Stay Order) लें उन्हें हटाने के प्रयास को रोकने के लिए अदालत से स्थगन आदेश लेने की प्रक्रिया शुरू करें। इससे विवाद का हल निकलने तक उन्हें जमीन पर बने रहने का अधिकार मिल सकता है। उन्हें अपने क्षेत्र के किसी वकील से सलाह लेकर यह पता लगाना चाहिए कि उनके मामले में कौन-कौन से कानून और नियम लागू होते हैं।
सर मै बिहार से हूँ सरकारी जमीन पर लगभग 30 साल से मेरा घर है! और मेरे विपक्षी पार्टी मेरे को बहुत परेशान किया! 7 साल sdo कोर्ट मे 107 case चला!बाद मे मेरे विपक्षी ने जनता दरबार पटना से अतिक्रमण मेरे विरुद्ध आवेदन दिया! जांच मे ceo साहब आये to देखे मेरे विपक्षी ने फर्जी तरीका से (नदी वाला ) जमीन को पट्टा करा लिया था! और मेरे को परेशान किया! बाद मे मेरे विपक्षी का जो पट्टा वाला जमीन का जमाबंदी रद कर दिया ! Ceo साहब बोले अतिक्रमण खाली होगा तो सबका होगा!
इसके लिए हमको मार्गदर्शन दीजिये sir फिर बाद मे मेरे विपक्षी मुझे परेशान न कर पाए हमें क्या करना चाहिए न्यायलय मे फैसला के लिए 🙏🙏
हमारे गांव का पट्ट नहीं है जो की 1932 का बाशा गांव है उपाय बताए बहुत परेशानी हो रही है
इसे हल करने के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
1. सरकारी रिकॉर्ड की जांच करें:
अपने तहसील या जिले के राजस्व कार्यालय में जाकर गांव के पुराने रिकॉर्ड और भूमि दस्तावेज़ की जांच करें। वहाँ से जानकारी मिलेगी कि 1932 के बाद पट्टा क्यों जारी नहीं हुआ।
2. राजस्व विभाग में आवेदन करें:
एक आवेदन पत्र तैयार करके अपने जिले के राजस्व विभाग को प्रस्तुत करें। आवेदन में गांव की स्थिति और पट्टे की मांग का उल्लेख करें।
3. ग्रामसभा की सहायता लें:
ग्रामसभा की बैठक में यह मुद्दा उठाएं और सभी ग्रामीणों की सहमति से अधिकारियों तक इसे पहुंचाएं।
4. जिला प्रशासन से संपर्क करें:
डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) या कलेक्टर से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी समस्या बताएं। आप ग्रामीणों के हस्ताक्षर के साथ एक सामूहिक आवेदन भी दे सकते हैं।
5. RTI का उपयोग करें:
यदि सरकारी अधिकारी सही जवाब नहीं देते, तो आप RTI (सूचना का अधिकार) का उपयोग करके पुराने रिकॉर्ड की जानकारी मांग सकते हैं।
6. न्यायालय की सहायता लें:
अगर आपकी समस्या का समाधान नहीं होता, तो कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर सकते हैं।
Conclusion in Reply:
"आपकी समस्या बहुत महत्वपूर्ण है। ऊपर दिए गए उपायों को आजमाएं, और अगर कोई सरकारी अधिकारी मदद नहीं कर रहे हैं, तो कोर्ट का सहारा लें।
24वर्ष से। सरकारी जमीन पर रह रहे हैं कुछ लोग हमें परेशान/हटाने का प्रयास कर रहे हैं
क्या मार्गदर्शन हो सकता है मेरे लिए ।
ऐसे मामलों में आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
1. जांच करें कि जमीन का मालिकाना हक किसके पास है
सरकारी जमीन पर कब्जा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता।
यह जानना जरूरी है कि जमीन किस विभाग या संस्था के अधीन है।
2. राजस्व विभाग से संपर्क करें
जमीन के रिकॉर्ड और नक्शे की जांच के लिए नजदीकी तहसील कार्यालय या राजस्व विभाग में जाएं।
वहां से यह पता करें कि जमीन पर उनके अधिकार को लेकर क्या नियम लागू होते हैं।
3. लंबे समय के कब्जे का दावा (Adverse Possession)
भारत में भूमि पर लंबे समय तक कब्जा करने का अधिकार कानूनी तौर पर साबित किया जा सकता है।
इसके लिए, अदालत में यह सिद्ध करना होगा कि कब्जा बिना बाधा के 12 या उससे अधिक वर्षों तक रहा है।
इसके तहत दस्तावेजी सबूत, जैसे बिजली बिल, पानी का बिल, या अन्य सरकारी रिकॉर्ड पेश करने होंगे।
4. नोटिस का जवाब दें
अगर उन्हें हटाने के लिए कोई कानूनी नोटिस मिला है, तो इसका जवाब एक अच्छे वकील की सहायता से दें।
कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी जा सकती है।
5. कानूनी सहायता लें
अगर कोई उन्हें परेशान कर रहा है, तो वकील की मदद लें और अदालत में याचिका दायर करें।
सरकारी जमीन से हटाने का मामला संभालने के लिए किसी विशेषज्ञ वकील से सलाह लें।
6. स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें
जिला कलेक्टर या एसडीएम को एक लिखित आवेदन दें और अपनी समस्या बताएं।
यह सुनिश्चित करें कि आप परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो प्रशासन आपकी सहायता करे।
7. आवासीय अधिकारों का दावा करें
अगर उनकी स्थिति वंचित वर्ग (Economically Weaker Section) या अनुसूचित जाति/जनजाति की है, तो वे आवासीय अधिकार के तहत सरकारी योजनाओं का लाभ मांग सकते हैं।
8. अदालत में स्थगन आदेश (Stay Order) लें
उन्हें हटाने के प्रयास को रोकने के लिए अदालत से स्थगन आदेश लेने की प्रक्रिया शुरू करें।
इससे विवाद का हल निकलने तक उन्हें जमीन पर बने रहने का अधिकार मिल सकता है।
उन्हें अपने क्षेत्र के किसी वकील से सलाह लेकर यह पता लगाना चाहिए कि उनके मामले में कौन-कौन से कानून और नियम लागू होते हैं।