मनुस्मृति || आखिर क्यों जलानी पड़ी मनुस्मृति बाबा साहेब अम्बेडकर को || आर्य समाज

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  • Опубліковано 13 чер 2018
  • मनुस्मृति || आखिर क्यों जलानी पड़ी मनुस्मृति बाबा साहेब अम्बेडकर को || भारत की सबसे विवादित पुस्तक मनुस्मृति
    १, डॉ भीमराव अम्बेडकर जी विकृत मनुस्मृति के खिलाफ थे.
    2. जाति प्रथा को समाप्त करने के लिए एकमात्र तरीका मनुस्मृति है.
    3. मनुस्मृति का एक एक वाक्य वेद के अनुकूल है.
    4. आर्य समाज ने जातिप्रथा खत्म करने के लिए जाति सूचक शब्दों का त्याग किया.
    Arya Samaj || Aryasamaj
    आर्यसमाज || आर्य समाज

КОМЕНТАРІ • 810

  • @user-gk1xc1jl7v
    @user-gk1xc1jl7v 4 роки тому +14

    हमारे सभी sc के भाइयों को आर्यसमाज वाली मनुस्मृति खरीदकर पढ़नी चाहिए यदि सही लगे तो प्रचार करें अन्यथा अम्बेडकर जी की तरह जला दे और इस बुराई को खत्म करें

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk 3 роки тому +1

      Land par chade Manusmriti. Tumhe tumhara hindu dharm mubarak ho

    • @Haraex
      @Haraex 2 роки тому

      @@SANJEEVKUMAR-bu3yk manusmriti bina padhkr gaali dene vaale kitne dharmic log hai pata chal raha hai

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk 2 роки тому

      Tum hinduo ki kya garanti .
      Tum hinduo ko hi manusmriti pad kar fayda lena chahiye.
      Ham dalito ko koi jarurat nahi hai.

    • @Haraex
      @Haraex 2 роки тому

      @@SANJEEVKUMAR-bu3yk tum dalit ho hi nahi
      Aazadi ke baad bhi angrejo ke gulaam bane hue ho unke banaye caste system pe chal rahe ho

    • @rajeshjagtap2344
      @rajeshjagtap2344 2 роки тому

      @@Haraex लगता है तुम्हे भीमा कोरे गाव के बारे मे पता नहीं
      शायद तुम्हे पता चल जाएगा

  • @user-be1si9hu7x
    @user-be1si9hu7x 4 роки тому +16

    इस पर एक फ़िल्म बनाई जाए । तब बात समझ में आएगी

    • @pradeepGupta-pb1ev
      @pradeepGupta-pb1ev 3 роки тому

      फिल्म का नाम द पावर आफ अमबेडकर

  • @Saurabhkumar-iw2ll
    @Saurabhkumar-iw2ll 5 років тому +7

    मनुस्मृति पर कुछ टिप्पणी करने से पहले उसे पढ़ें। यह समझ लें कि इसका विरोध में कहीं कट्टरपंथियों का तो हाथ नहीं।

  • @lovestoriyan1792
    @lovestoriyan1792 2 роки тому +14

    विदेश मे पढ़ने वाला कभी भारतीय संस्कृति को समझ ही नहीं सकता है 🙏

  • @tiwarioraon7136
    @tiwarioraon7136 4 роки тому +11

    मैं विद्वान तो नहीं पर मेरा इतना तो सौभाग्या रहा कि मुझे आर्य समाज के सत्संग में जाने का 7--10वर्षों तक अवसर मिला।
    मैं खुद को आर्य ही मानता हूँ।मैं मजबूरी में ही st का जातिप्रमाण पत्र बनवाता हूँ ,पर मैंने आज तक आरक्षण का लाभ नहीं लिया है,न कोई अनुदान ( सरकारी) ही लेता हूँ।
    मैं यजुर्वेद के मंत्र -- स्वयं वाजिस्तन्वा - - - पर विश्वास करता हूँ।
    मनुशास्त्र बहुत अच्छा है। वास्तव में आंम्बेदकर जी ने एक प्रतिक्रिया दी है। ढोंगी पंडितों के दुर्व्यहार का ।यही बात गौतम बुद्ध और कर्ण पर भी लागू होता है।

  • @premshankernoorpuriya7737
    @premshankernoorpuriya7737 4 роки тому +13

    आपका यह कथन पूर्णतः गलत है कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी संस्कृत के ज्ञाता नहीं थे।
    बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी को भारत में संस्कृत नहीं पढ़ने दी तब उन्होंने विदेश में जर्मनी के विश्वविद्यालय में संस्कृत का अध्ययन किया।
    आप पूर्णतः गलत हो।

  • @user-fq5ky6pk4j
    @user-fq5ky6pk4j 3 роки тому +6

    ॐ ॐ ॐ मनुसमीरती विस्व की सबसे ज्ञान वर्धक पुस्तक है सबको पढ़नी चाहिए ॐ ॐ ॐ

    • @amitkumar-bi6zz
      @amitkumar-bi6zz 3 роки тому

      @R. A. CREATIONS मैं जात से भंगी हूं,मैंने एक पंडित की लड़की से प्यार किया वो भी प्यार करती थी, फिर एक दिन उसके घर वालो को पता चल गया , और उसने मेरी गाँड़ तोड़ दी , मेरी शादी करवाओ उस पंडित की लड़की से

  • @pooranmalprajapati7881
    @pooranmalprajapati7881 2 роки тому +4

    जय पूज्य स्वामी दयानन्द सरस्वती जी,जय आर्य समाज, जय वैदिक संस्कृति

  • @krishnashekhar9185
    @krishnashekhar9185 3 роки тому +10

    शुद्र अब शिक्षित हो गया है।अब उसको नहीं बहका सकते। शास्त्रों को रचने वाले ब्राह्मण है।उन्होंने शास्त्र ब्राह्मण हित में लिखे।आज जब लोग शिक्षित होकर समझ गए।तो आप कह रहे हैं कि शास्त्रों में मिलावट हो गई है। हमें अब शास्त्रों की जरूरत नहीं है।हमें सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चाहिए।जिसमें समता, स्वतंत्रता,बन्दुत्व,और न्याय की व्यवस्थता है। हिदू शास्त्रों में क्या है यह व्यवस्थता नहीं न तो शास्त्रों पर मक्खन न लगाओ।

    • @user-ie3pb5px2r
      @user-ie3pb5px2r 3 роки тому +3

      महर्षि बाल्मीकि, वेदव्यास, विश्वामित्र, सूरदास, तुलसीदास इत्यादि बहुत से ऐसे ऋषि थे जो आज के समय में दलित समाज से थे, वह जन्म से नहीं कर्म से महान बने

    • @LuckyYadav-mi1gl
      @LuckyYadav-mi1gl 3 роки тому +1

      Manusmriti ko kabhi pada hai

  • @user-uf7lx1vb8z
    @user-uf7lx1vb8z 4 роки тому +5

    भाईयों इसे अधिक से अधिक प्रचारित करें।

  • @mahaveersinghaarya6588
    @mahaveersinghaarya6588 4 роки тому +7

    बहुत सुंदर चर्चा मनु स्मृति पर की जा रही है धन्यवाद

  • @sudamanetam4197
    @sudamanetam4197 6 років тому +8

    आदरणीय सज्जनों , यथा योग्य अभिवादन । आप लोगो के अनुसार समस्त धर्म ग्रंथो में मिलावट की गई । सभी जानते इन ग्रंथों पर एकाधिकार अध्ययन एवम सुरक्षा की एक वर्ग विशेष का ही रहा है ।शुद्रो को तो ग्रंथ सुनने का अधिकार नही था , सुनना तो दूर की बात थी ।। जिस वर्ण के लोगो ने ग्रंथों में मिलावट की है उस वर्ण पर धर्मद्रोह का आरोप लगना चाहिए ।। धर्म की न्यायालय में सुनवाई हो , सजा भी तय हो । क्योंकि उनके मिलावट के कृत्य से समाज का ताना बाना तहस- नहस हो चुका है , जिनको सुलझाने का असफल प्रयास आर्य समाज द्वारा किया जा रहा है । मेरा ऐसा मानना है मिलावटखोर धर्मद्रोही वर्ण को धार्मिक सजा मिलने पीड़ित वर्ण धर्म की मुख्य धारा में जुड़ेंगे । एक बात विनम्रता पूर्वक पूछना चाहता हूँ , आज भारत लोकतंत्र , धर्मनिरपेक्ष , समाजवादी राष्ट्र है , जिसका एक सर्वमान्य संविधान है , जिसके अनुसार राष्ट्र विकास की पथ पर बहुत आगे निकल चुका है ।। इस संवैधानिक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र भारत मे मनुस्मृति की आवश्यकता महसूस नही होनी चाहिए । मनुस्मृति एक पवित्र धार्मिक ग्रंथ है उसकी पूजा प्रत्येक मानव को करनी चाहिए , परन्तु वर्तमान भारत में लागू करने का प्रयास आत्मघाती होगा ।

    • @sureshkumarsaisureshkumars9243
      @sureshkumarsaisureshkumars9243 6 років тому +1

      sanklap se sab ho sakata ha

    • @khubchand6388
      @khubchand6388 5 років тому +1

      मनुस्मृति को बाबा साहब ने सही जलाया गया क्योंकि तुम यहां बैठ कर वकवाश कर रहे हो क्या सारी बुधी तुम लोगों को ही मिली है बाकी सब शुद्र बुद्धि हीन है तुम लोगों ने मनुस्मृति में जो कानुन बनाये थे उस समय तुम विदेशी यो ने चामर के राजा को पेशवाओं से मरवा कर यहां राज्य स्थापित किया और तुम लोगों ने मनुस्मृति बनाई ओर उस में सबसे नीचे का अस्थान चामर वंश के लिए रखा जिसमें इन को पढ़ने के लिए दूर रखा ईन को घिरणा की तरह देखा जाता था सामने आने पर कोड़े मारे जाते थे तुम हारी मनुस्मृति में यदि कोई पढ़ना चाहता था उस की जीभ काट ली जाती थी कान में शिशा पिघलाकर डाला जाता था और 5 हजार वर्ष बाद भी तुम मनुस्मृति लाकर अत्याचार को फैलाना चाहते हो मगर ऐसा नहीं होने देंगे मक्कार लोमड़ियां बाबा साहब अम्बेडकर ने मनुस्मृति को जलाकर सही किया क्योंकि मनुस्मृति नीचता की बात दर्शाती है हीन भावना को दर्शाती हैं

    • @paraschauhan7514
      @paraschauhan7514 5 років тому +1

      @@khubchand6388 par Bhai ye sab bate Jo aap kah rahe ho wo to kuch bhi manusmriti me kahi bhi likha hi nahi hai kripaya ek bar pahale padh to lo use aur Jo log esa bolte hai saja unko milni chahiuye aap aur hm ko un logo ki khilafat karni chahiye galati logo me hai manusmriti me nahi

  • @praveenmavi8079
    @praveenmavi8079 4 роки тому +2

    सभी भाई राजीव दीक्षित जी को यूट्यूब पर ज्यादा से ज्यादा सुने भारत की संस्कृति को बचाने के लिए स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए आदि सारी समस्याओं के लिए भाई राजीव दीक्षित जी को आप यूट्यूब पर सुने ज्यादा से ज्यादा और सभी को सुनाएं जय हिंद वंदे मातरम

  • @suchasinghdeswal512
    @suchasinghdeswal512 5 років тому +5

    विनय जी आपने सभी बातों को बहुत अच्छी तरह बताया है🙏

  • @kanhaiyalaljat1778
    @kanhaiyalaljat1778 4 роки тому +6

    आपने इस संवाद में अम्बेडकरवादीयो को सामिल नहीं किया। एकतरफा संवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता।

  • @RajanKumar-hl2uc
    @RajanKumar-hl2uc 6 років тому +18

    *मनुस्मृति* से ही,
    राष्ट्र मे शांति व खुशहाल आ सकती है, अन्य कोई विकल्प नही है

    • @greatkaafir7881
      @greatkaafir7881 5 років тому +2

      Kalyugi Bharat
      फिर हम लोगो को दूसरे देशों के धरम और संबिधान को क्यों आत्म सार कर रहे है वो तो विदेशियों का है
      श्री मनुस्मृति हम हिन्दू भाइयो का है

    • @kamartaj3010
      @kamartaj3010 5 років тому +3

      Sanatan Darshan सनातन दर्शन fir log convert hone lagenge. Desh me christainity aa jayegi agar evil manusmriti aayi. Tumne nayi wali manusmriti edit karke baati hai. Asli wali mootne layak h. Brahman bharose layak nahi

    • @nishantverma943
      @nishantverma943 5 років тому +2

      @@kamartaj3010 teri yhi aukat v hai... kyuonki padhne likhne or samjhne ki Teri buddhi na hai

    • @v.d.chandanshive4492
      @v.d.chandanshive4492 5 років тому

      Saaf zoot!

  • @user-ie3pb5px2r
    @user-ie3pb5px2r 3 роки тому +5

    जो बाबा साहब का संविधान था हम संविधान संशोधन कर दिया गया है किया वह उनका नहीं रहा।
    वैसे ही वास्तविक मनुस्मृति कुछ और जब अंग्रेज इंडिया में तो उन्होंने हिंदू धर्म ग्रंथों में बहुत सारा उलटफेर करके छुआछूत का भेदभाव डाला

  • @krishnashekhar9185
    @krishnashekhar9185 3 роки тому +8

    आज तो बाबा साहेब का संविधान देस में चल रहा है। इसे ही पूर्णरूप से चलने दे ।मनुस्मृति को बहते पानी में बहा दो। आज भेदभाव कौन लोग कर रहे हैं।मनुवादी लोग कर रहे हैं।कहीं दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने दिया जाता। कहीं बाबा साहेब की प्रतिमा को तोड़ा जाता है।

  • @v.d.chandanshive4492
    @v.d.chandanshive4492 5 років тому +3

    वैदिक धर्म की नजर में ‘नारी’।
    ​⚫”यज्ञ के समय नारी, कुत्ते व शूद्र को नहीं देखना चाहिए ।
    : ऐतरेय ब्राह्मण (3/24/27) “
    ⚫ वही नारी उत्तम है जो पुत्र को जन्म दे। (35/5/2/47)
    ⚫पत्नी एक से अधिक पति ग्रहण नहीं कर सकती, लेकिन पति चाहे कितनी भी पत्नियां रखे।
    :आपस्तब (1/10/51/52) बोधयान धर्म सूत्र (2/4/6) शतपथ ब्राह्मण (5/2/3/14)
    ⚫ जो नारी अपुत्रा है, उसे त्याग देना चाहिए।
    : तैत्तिरीय संहिता (6/6/4/3)
    ⚫पत्नी आजादी की हकदार नहीं है।
    : शतपथ ब्राह्मण (9/6)
    ⚫ केवल सुन्दर पत्नी ही अपने पति का प्रेम पाने की अधिकारिणी है।
    :बृहदारण्यक उपनिषद् (6/4/7)
    ⚫ यदि पत्नी सम्भोग के लिए तैयार न हो तो उसे खुश करने का प्रयास करो। यदि फिर भी न माने तो उसे मार -पीट कर वश में करो।
    : मैत्रायणी संहिता (3/8/3)
    ⚫ नारी अशुभ है। यज्ञ के समय नारी, कुत्ते व शूद्र को नहीं देखना चाहिए। अर्थात् नारी और शूद्र कुत्ते के समान हैं। (1/10/11)
    ⚫ नारी तो एक पात्र (बरतन) समान है। महाभारत (12/40/1)
    ⚫ नारी से बढ़कर अशुभ कुछ नहीं है। इनके प्रति मन में कोई ममता नहीं होनी चाहिए। (6/33/32)
    ⚫ पिछले जन्मों के पाप से नारी का जन्म होता है ।
    : मनुस्मृति (100)
    ⚫ पृथ्वी पर जो भी कुछ है वह ‘ब्राह्मण’ का है।
    : मनुस्मृति (101)
    ⚫ दूसरे लोग ब्राह्मणों की दया के कारण सब पदार्थों का भोग करते हैं।
    : मनुस्मृति (11-11-127)
    ⚫ मनु ने ब्राह्मण को संपत्ति प्राप्त करने के लिए विशेष अधिकार दिया है। वह तीनों वर्णों से बलपूर्वक धन छीन सकता है अथवा चोरी कर सकता है।

  • @shrininayak4062
    @shrininayak4062 3 роки тому +5

    Very good job by Arya samaj 🙏🙏🙏 only people with patience can understand this concept.

  • @gajanan108
    @gajanan108 4 роки тому +2

    मनु के अनुसार, "वर्ण" जन्म लेनेवाले मानव की श्रेणी है। जन्म का समय और स्थान ज्योतिषशास्त्र में उसका "वर्ण" तय करते है। इसका जाती से कोई भी लेना-देना नहीं है। और इसी तरह मानव जन्म से "ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या शूद्र" बन जाता है, और ज्योतिषशास्त्र में जन्मकुंडली ग्रहीय स्थितीपर आधारित होती है, इसी कारण ज्योतिषशास्त्रनुसार ग्रहों का हमपर प्रभाव होता है, जिस कारण मनुष्य का स्वभाव या प्रकुती का विवरण होता है। मनुस्मुतीनुसार मनुष्य अपने कर्मोंसे स्वभाव में परिवर्तन कर "वर्ण" बदलता है।
    उदाहरण के लिए, आप अपनी जन्म पत्रिका देख लिजीए, पहले पन्नेपर आपका वर्ण का उल्लेख होगा।
    हम सभी वैदिक ज्ञान को भूल गए हैं और यह भ्रम पैदा हो गया है।

  • @anshugupta6102
    @anshugupta6102 4 роки тому +2

    mai na brahaman hu na rajput me obc bc2 hoo lakin mai janta hoo manusmiriti bahut aachi pustak hai..sabhi se anurod hai ek baar padhe pir tum khud janjoge

  • @manoharprasad7207
    @manoharprasad7207 5 років тому +4

    जाति प्रथा को ही समाप्त करने का उपाय करें।

  • @ravi-gx2qc2qz4r
    @ravi-gx2qc2qz4r 4 роки тому +2

    मनुस्मृति की ग़लत अवधारणा को ख़त्म करना है तो मनुस्मृति का नाम बदल कर वैदिक स्मृति कर दो सभी ग़लत अवधारणा खत्म कर दो।

  • @user-uf7lx1vb8z
    @user-uf7lx1vb8z 3 роки тому +11

    जय ऋषि मनु जी जय महान् मनुस्मृति जी जय ऋषि दयानन्द जी जय आर्य्यावर्त्त जय आर्य्यसमाज।

    • @luckystatusvidiocreator4083
      @luckystatusvidiocreator4083 3 роки тому +1

      jai bheem only 🇮🇳🇮🇳 ye desh aj baba saheb ki wajah se chal rha he

    • @crforfun3041
      @crforfun3041 3 роки тому +2

      @@luckystatusvidiocreator4083 I only want know some question
      1 why mayavati and many supporter of dalit didn't speak anything when dalit attack by Muslim ex Bangalore riots
      2 why bhim army support anti caa movement
      3 the reversvation is last for 50 year and also Congress then why u are suffer

    • @amitkumar-bi6zz
      @amitkumar-bi6zz 3 роки тому

      जय भीम नमो बुद्धाय , बहुत ही जल्द इस देश को बुद्धिस्तान बनाएंगे

  • @triveniyatharth8866
    @triveniyatharth8866 5 років тому +4

    बहन जी बिशुद्ध मनुस्मृति तो श्रीमद भागवद गीता है जो भगवान ने स्वयं अपने मुख से कहा है. जब तक गीता को धर्म शास्त्र भारत देश का घोषित नहीं किया जायेगा तब तक जाति, पाती,मजहब संप्रदाय नहीं ख़त्म होगा. क्यों कि गीता किसी विशेष व्यक्ति, जाति वर्ग, पंथ, देश काल या किसी रूढिग़्रस्त, संप्रदाय का ग्रन्थ नहीं है बल्कि यह सार्वलौकिक, सार्वकालिक, प्रत्येक देश प्रत्येक जाति, प्रत्येक स्त्री प्रत्येक पुरुष सबके लिये है

  • @jwalanthindutva
    @jwalanthindutva 3 роки тому +3

    जय महारमराठा जय स्रीपूजक व गरीब शूद्र ऊद्धारक मनू जय श्रीराम अवतार बूद्ध अंग्रेजोके दल्ले भीमटे मूर्दाबाद
    जातीयो मे झगडा लगानेवाला, समाजको आरक्षन से बाटनेवाला,समाजमे भेदभाव,जातीद्वेश,ऊचनीचता,फैलानेवाला समाजमे एट्रासीटी की दहशतवाद फैलानेवाला, भीक्षाके आड मे लुटवादी,हींदूवीरोधी भेदी सडावीधान मूर्दाबाद
    जनता को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन करके ईस फुटिरवादी सडेवीधान को बरखास्त करना चाहिए और ने समातापर आधारीत संवीधान का नीर्मान कराना चाहिए

  • @awaraladka1732
    @awaraladka1732 2 роки тому +5

    BHokte rho tum log 🤣
    Saram aani chahiye tum logo umer badh rhi hai or gyan chode ja rhe ho

    • @manusharma-ht1bw
      @manusharma-ht1bw 2 роки тому

      kmse kmm teri trh reservation ki bheek se nhi jee rhe

  • @skumarji7337
    @skumarji7337 4 роки тому +1

    मनुस्मृति के सम्बंध में जैसा विद्वानों ने बताया यदि सचमुच ऐसा ही है तब तो वह स्वीकार्य है, नहीं तो जलाने योग्य है ।

  • @alokkumarbiswas4634
    @alokkumarbiswas4634 5 років тому +5

    You are trying to introduce manusmriti after changing /removing all the inequality laws. So that name of Dr.Ambedkar can be removed by replacing the present constitution by the modified manusmriti which will promote casteism.

    • @brahmanarya238
      @brahmanarya238 5 років тому +3

      OBC have so many caste categories in itself
      Manusmiriti state only 4 caste
      Where as in each category of
      OBC
      SC
      ST
      NT
      There are number of sub categories classfied in above categories
      So tell me who is spreading casteism
      If all casteism is removed from manusmiriti then what is your problem ?
      You should be happy that all discriminations were are removed

  • @shirweshwarle2232
    @shirweshwarle2232 4 роки тому +3

    1950 संविधान लागू हुआ। महोदय उसके पहले संविधान नही था तो कितने शुद्र लोगों को ब्राह्मण बनाया गया।

  • @user-gk1xc1jl7v
    @user-gk1xc1jl7v 4 роки тому +2

    यदि विशुद्ध मनुस्मृति है तो अन्य मनुस्मृतियों का कोई अस्तित्व नही होना चाहिए तभी मनुस्मृति को लोग मानेंगे

    • @LuckyYadav-mi1gl
      @LuckyYadav-mi1gl 3 роки тому +1

      Bhai aray samaj se jodo vo to ponga pandit hi chapte hai

  • @akshaybasutkar5428
    @akshaybasutkar5428 4 роки тому +2

    सही कहा है इस विडिओ मे उनहोणे जो मनुस्मृती पढी होगी वो अंगरेजी मे पढी है और वो अंगरेजी की ट्रान्सलशन मॅक्समुलर ने किया था जो की ब्रिटिश था और ब्रिटिश फूट डालो और राज्य करो ये नीती अपनाते थे

  • @arunkumarmaurya6157
    @arunkumarmaurya6157 4 роки тому +5

    आरक्षण के लिये भी अम्बेडकर जी ने खत्म करने के प्रावधान दिये हैं..... आप संविधान पढिये सुरेश जी.....

    • @arunkumarmaurya6157
      @arunkumarmaurya6157 4 роки тому

      आर्थिक समीक्षा का प्रावधान हैं

    • @rockatp5253
      @rockatp5253 4 роки тому +1

      कौन सा आर्टिकल बताता है जरा मुझे बताना एक तरफ तो आरक्षण है दूसरी तरफ समानता है यह विरोधी हैं

  • @deepaksonteke667
    @deepaksonteke667 4 роки тому +3

    Aap logo ko ambedkar ke bare Me Janna chahiye

  • @v.d.chandanshive4492
    @v.d.chandanshive4492 5 років тому +1

    स्त्री गुलामगिरी : पती सेवा हि धर्म: भाग-२
    १) अध्याय ५, श्लोक १५४
    २) ५, १५५
    ३) ५, १५६
    स्त्री गुलामगिरी : विधवा विवाह को विरोध : भाग-३
    १) अध्याय ५, श्लोक १५७-१५८
    २) ५, १६०
    ३) ९, ६५-६८
    स्त्री-पुरुष विषमता: जन्मजात, धार्मिक, शैक्षणिक, विवाह के विषय में : भाग-४
    १) अध्याय ९, श्लोक १३७-१३८
    २) २, ६६
    ३) ९, १८
    ४) २, ६७
    ५) ५, १६२-१६३
    ६) ५, १६७-१६८
    ७) ९, ९४
    ८) ३, १२-१३
    ९) १०, ६७

  • @bhartiyaom5389
    @bhartiyaom5389 4 роки тому +3

    Manusmriti mai kisi bi page par Dalit word hai hi Nahi Ya Dalit word Laft, vampantio na diya

  • @v.d.chandanshive4492
    @v.d.chandanshive4492 5 років тому +1

    मनू तथा स्त्री निंदा: भाग-१
    १) अध्याय २, श्लोक २१३
    २) २, २३८
    ३) २, २४०
    ४) ७, १४९-१५०
    ५) ८, ७७
    ६) ९, १७
    ७) ९, ७८
    ८) ५, १४७
    ९) ५, १४८
    १०) ५, ४९
    ११) ५, १५१
    १२) ७, ९६
    १३) ८, ४१६
    १४) ९, २
    १५) ९, ३
    १६) ९, ११
    १७) ९, ४६
    १८) ९, १९९
    १९) ११, १७६

  • @novatlal8864
    @novatlal8864 3 роки тому +1

    जैसे विश्वामित्र , बाल्मीकि ऋषि आदि। मिलावटी ग्रंथों के कैसे नष्ट किया जाये। शुद्ध स्वरुप को कैसे कोन सामने लेकर आए। यह चिंता का विषय है।

  • @rajanpundhir3612
    @rajanpundhir3612 3 роки тому +4

    संविधान जलाने की बात भी अम्बेडकर ने 1953 में राज्य सभा मे की थी,संविधान ही जाति-पिछड़ेपन का प्रमाणपत्र देता है बड़ी ही हास्यास्पद बात है।

    • @bpp827
      @bpp827 3 роки тому

      Aadha satya janke murkh log nachne lagte hai . unhone kyu esa kaha..wo bhi tuje pata hai.

    • @rajanpundhir3612
      @rajanpundhir3612 3 роки тому +1

      एक सत्य यह भी है कि अम्बेडकर कोई भी डिग्री प्रथम श्रेणी में पास नही किये

    • @bpp827
      @bpp827 3 роки тому

      @@rajanpundhir3612 phle unke bare mai padh tab pata chalega ki wo first class mai pass hui the ya nai..lagta hai tum log ke dimag dalit ke prati abhi bhii wahi mansikta bani hui hai.. swarn swarn tumhai purvjo ne yehi..tum hai sikhaya hai. .

    • @rajanpundhir3612
      @rajanpundhir3612 3 роки тому +1

      @@bpp827 सुन आरक्षण के मरीज जितना में पढ़ा हु तू पढ़ नही सकता ,आजादी की लड़ाई में योगदान देख क्या था, रही संविधान की बात तो समझने की आवश्यक्ता है 1952 में कोड बिल पर अम्बेडकर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया क्योकी वो संसद से पास नही हुआ तो ये समझता है संविधान अम्वेदकर ने बनाया,प्रारूप समिति जिसमे अयंगर और km मुंशी जैसे परम् विद्वान थे वो 22अगस्त 1947 को बनी और संविधान का मूल प्रारूप जिसमे 243 अनुच्छेद थे उसे सर वी एन राव ने तैयार कर अक्टूबर 1947 में पेश किया उसी मूल प्रारूप पर प्रारूप समिति ने काम किया न कि अकेले अम्वेदकर ने ।
      अम्बेडकर तो 53 साल की उम्र तक पढ़े थे उनकी dsc की डिग्री उन्हें 16 साल में 53 साल की उम्र में मिली थी ।
      सुन, डिबेट करने में दलित विरोध नही होता बल्कि सच जो है वो सामने आना चाहिए।
      में पूछता हूं अगर अम्बेडकर दलितों के मशीहा थे ,कांग्रेस के घोर विरोधी थे तो फिर 1956 में उनकी मृत्यु के बाद दलित वोट एकमुश्त कांग्रेस को क्यो मिलते रहे जिस कांग्रेस ने उन्हें भारत रत्न भी नही दिया 1980 के दशक में उभरने वाली छेत्रिय पार्टियो में मांग की बाबा साहब को भारत रत्न दो तब वोट बैंक की राजनीति से अटल जी के प्रयास से भारत रत्न मिला ,सच पढ़ो और समझने का प्रयास करो आज के जितने दलित नेता है उन्होंने अपना घर भरने के अलावा दलितों का उद्धार नही किया लेकिन दलित सीट पर वंशानुगत बैठे है दलित आज भी भेड़ की तरह उनका अनुयायी वोटर है।

    • @bpp827
      @bpp827 3 роки тому +1

      @@rajanpundhir3612 Abe chutiye hindu code Bill virodh bhi tum harami pando ne hi kiya tha..usmai women aajadi thi jake madhbuddhi padh lena

  • @mahendrkumar4506
    @mahendrkumar4506 4 роки тому +3

    Bahut achha kiya dr. Bhimraov ambedkar ji ne manumiristti

  • @skclipx7183
    @skclipx7183 5 років тому +6

    जय संविधान

  • @v.d.chandanshive4492
    @v.d.chandanshive4492 5 років тому +2

    स्त्री मनुस्मृति में.............
    यह देखिये-
    १- पुत्री,पत्नी,माता या कन्या,युवा,व्रुद्धा किसी भी स्वरुप में नारी स्वतंत्र नही होनी चाहिए. -मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-२ से ६ तक.
    २- पति पत्नी को छोड सकता हैं, सुद(गिरवी) पर रख सकता हैं, बेच सकता हैं, लेकिन स्त्री को इस प्रकार के अधिकार नही हैं. किसी भी स्थिती में, विवाह के बाद, पत्नी सदैव पत्नी ही रहती हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-४५
    ३- संपति और मिलकियत के अधिकार और दावो के लिए, शूद्र की स्त्रिया भी "दास" हैं, स्त्री को संपति रखने का अधिकार नही हैं, स्त्री की संपति का मलिक उसका पति,पूत्र, या पिता हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-८ श्लोक-४१६.
    ४- ढोर, गंवार, शूद्र और नारी, ये सब ताडन के अधिकारी हैं, यानी नारी को ढोर की तरह मार सकते हैं....तुलसी दास पर भी इसका प्रभाव दिखने को मिलता हैं, वह लिखते हैं-"ढोर,चमार और नारी, ताडन के अधिकारी."
    - मनुस्मुर्तिःअध्याय-८ श्लोक-२९९
    ५- असत्य जिस तरह अपवित्र हैं, उसी भांति स्त्रियां भी अपवित्र हैं, यानी पढने का, पढाने का, वेद-मंत्र बोलने का या उपनयन का स्त्रियो को अधिकार नही हैं.- मनुस्मुर्तिःअध्याय-२ श्लोक-६६ और अध्याय-९ श्लोक-१८.
    ६- स्त्रियां नर्कगामीनी होने के कारण वह यग्यकार्य या दैनिक अग्निहोत्र भी नही कर सकती.(इसी लिए कहा जाता है-"नारी नर्क का द्वार") - मनुस्मुर्तिःअध्याय-११ श्लोक-३६ और ३७ .
    ७- यग्यकार्य करने वाली या वेद मंत्र बोलने वाली स्त्रियो से किसी ब्राह्मण भी ने भोजन नही लेना चाहिए, स्त्रियो ने किए हुए सभी यग्य कार्य अशुभ होने से देवो को स्वीकार्य नही हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-४ श्लोक-२०५ और २०६ .
    ८- - मनुस्मुर्ति के मुताबिक तो , स्त्री पुरुष को मोहित करने वाली - अध्याय-२ श्लोक-२१४ .
    ९ - स्त्री पुरुष को दास बनाकर पदभ्रष्ट करने वाली हैं. अध्याय-२ श्लोक-२१४
    १० - स्त्री एकांत का दुरुप्योग करने वाली. अध्याय-२ श्लोक-२१५.
    ११. - स्त्री संभोग के लिए उमर या कुरुपताको नही देखती. अध्याय-९ श्लोक-११४.
    १२- स्त्री चंचल और हदयहीन,पति की ओर निष्ठारहित होती हैं. अध्याय-२ श्लोक-११५.
    १३.- केवल शैया, आभुषण और वस्त्रो को ही प्रेम करने वाली, वासनायुक्त, बेईमान, इर्षाखोर,दुराचारी हैं . अध्याय-९ श्लोक-१७.
    १४.- सुखी संसार के लिए स्त्रीओ को कैसे रहना चाहिए? इस प्रश्न के उतर में मनु कहते हैं-
    (१). स्त्रीओ को जीवन भर पति की आग्या का पालन करना चाहिए. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-५ श्लोक-११५.
    (२). पति सदाचारहीन हो,अन्य स्त्रीओ में आसक्त हो, दुर्गुणो से भरा हुआ हो, नंपुसंक हो, जैसा भी हो फ़िर भी स्त्री को पतिव्रता बनकर उसे देव की तरह पूजना चाहिए.- मनुस्मुर्तिःअध्याय-५ श्लोक-१५४.
    जो इस प्रकार के उपर के ये प्रावधान वाले पाशविक रीति-नीति के विधान वाले पोस्टर क्यो नही छपवाये?
    (१) वर्णानुसार करने के कार्यः -
    - महातेजस्वी ब्रह्मा ने स्रुष्टी की रचना के लिए ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र को भिन्न-भिन्न कर्म करने को तै किया हैं -
    - पढ्ना,पढाना,यग्य करना-कराना,दान लेना यह सब ब्राह्मण को कर्म करना हैं. अध्यायः१:श्लोक:८७
    - प्रजा रक्षण , दान देना, यग्य करना, पढ्ना...यह सब क्षत्रिय को करने के कर्म हैं. - अध्यायः१:श्लोक:८९
    - पशु-पालन , दान देना,यग्य करना, पढ्ना,सुद(ब्याज) लेना यह वैश्य को करने का कर्म हैं. - अध्यायः१:श्लोक:९०.
    - द्वेष-भावना रहित, आंनदित होकर उपर्युक्त तीनो-वर्गो की नि:स्वार्थ सेवा करना, यह शूद्र का कर्म हैं. - अध्यायः१:श्लोक:९१.
    (२) प्रत्येक वर्ण की व्यक्तिओके नाम कैसे हो?:-
    - ब्राह्मण का नाम मंगलसूचक - उदा. शर्मा या शंकर
    - क्षत्रिय का नाम शक्ति सूचक - उदा. सिंह
    - वैश्य का नाम धनवाचक पुष्टियुक्त - उदा. शाह
    - शूद्र का नाम निंदित या दास शब्द युक्त - उदा. मणिदास,देवीदास
    - अध्यायः२:श्लोक:३१-३२.

  • @alkashrivastava1467
    @alkashrivastava1467 Рік тому +1

    'इज़ाज़त','हाज़िर'आदि शब्दों के स्थान पर 'अनुमति ', 'प्रस्तुत'आदि का प्रयोग श्रेयस्कर होगा। वैसे कार्यक्रम अति सुन्दर रहा।

  • @ShivKumar-bm9gv
    @ShivKumar-bm9gv 5 років тому +3

    दयानंद सरस्वती नसेरी था अधिक जानकारी के लिए देखये साधना tv 740pm परमान के साथ

    • @ratnakarchandekar474
      @ratnakarchandekar474 4 роки тому

      Aja kabhi bhi shastrartha krle kbhi dankeki chot pe 😎😎😎

  • @user-ve8yg1jt5g
    @user-ve8yg1jt5g 4 роки тому +2

    आपसभी ने बहुत ही अच्छी तरह से समझाया धन्यवाद आपका

  • @sushilthakuri9790
    @sushilthakuri9790 Рік тому

    मनुस्मृती मे ऐसा विचार और सोच कैसा आगया य सोचकर मै हो हैरान रहजाता था क्यु कि हमारे ऋषिमनिषी ने जो कुछ भी प्राणीके भलाई लिय किया तो ऐसी बात आना नही चाहिय था । जब आपलोगो का मनुस्मृती के अनुसार सुस्पष्ट विचार सुना तो मै सभी संदेह से मुक्त हो गया हु । और आप लोगोका इस महत्वपूर्ण बातको मै तहेदिल से आभार प्रकट करता हु । जय गोरखनाथ ।

  • @akhilgamergamer8789
    @akhilgamergamer8789 4 роки тому +9

    मेरा प्रश्न है अगर मनुस्मृति सही थी ,डा.अंबेडकर ने जो पुस्तक जलाई वो फर्जी थी तो ब्राहमण अपने को आज भी श्रेष्ठ कयों माने हुए हैं ,वे गैर ब्राहमणों को तुचछ कयों समझते हैं ? ब्राहमणों ने अपने आचरण से समानता,बंधुता, का संदेश कयों नही दिया । इसका मतलब है मनुस्रृति का पूरा पूरा ब्राहमणों पर प्रभाव है । आप लोग एक अमानवीय पुस्तक को महिमामंडित न करे । लोग सब समझ रहे है वे आज इतने मूर्ख नही है ।

    • @manojkumar-by4yt
      @manojkumar-by4yt 4 роки тому

      क्योंकि वे सब स्वध्यायशील नहीं हैं। पढ़ते तो जरूर मानते।

    • @manojkumar-by4yt
      @manojkumar-by4yt 4 роки тому

      आप की कल्पना कर लेने से झूठ सच नहीं हो जाएगा। ऋषि मुनियों की निन्दा माता पिता के समान समझनी चाहिए।

    • @rkworld7870
      @rkworld7870 4 роки тому

      @@manojkumar-by4yt 😝😝😝😝

    • @bhanujaipur
      @bhanujaipur 4 роки тому

      बुराई तो इंसान में है वो काम क्रोध लोभ मोह अहंकार से पीड़ित है चाहे ब्राह्मण हो या कोई और , रही बात खुद को श्रेष्ठ मानने की वो तो सब खुद को मानते हैं और भाईचारा प्रेम बढ़ाने की तो मुझे बताओ कि कोनसी जाती आज भाईचारे की बात कर रही है, तो जब बुराई इंसान में है तो जाती विशेष की बात क्यों कर रहे हो , और हां मानता हूं कि कुछ लोगो के साथ इतिहास में बहुत अन्याय हुआ है जाती के नाम पर लेकिन अब धीरे धीरे खत्म हो रहा है जो अच्छी बात है लेकिन आरक्षण भीख के बराबर है। जिन पोंगे पंडितो ने अपने फायदे के लिए मनुस्मृति में मिलावट करी वो माफी योग्य नही है वे सही मायने में चांडाल हैं

  • @santoshbagul7635
    @santoshbagul7635 3 роки тому

    Sir ji thumhi sagitale tech khare kase manu ammhi tumhi he sagitale ka shudtani chukun manusmuruti che vachan kele tar tuanchi jibh chatali jat hoti kanane jar te manusmurtiche vaykya aikleyar kanat garam tel takayche mahila natr fakat ani fakat sambhoga sathi suvaran lok vapar karat hote he kon sagel

  • @Monster_h
    @Monster_h 3 роки тому +3

    ambedkar jine sanskrut jarmany main sanskrut ki padhai ki hain aur sanskrut ke gyata the we kabhi bhi bina sabut ke koi bat nahi karte the jai bhim

    • @underratedsanatani1ne387
      @underratedsanatani1ne387 3 роки тому +1

      Unke pustak riddle of hinduism me khud saabit kiye unko khudko sanskrit nahi aati.

  • @v.d.chandanshive4492
    @v.d.chandanshive4492 5 років тому +1

    क्या है मनुस्मृति ?
    अग्निवायुरविभ्यस्तु त्र्यं ब्रह्म सनातनम। दुदोह यज्ञसिध्यर्थमृगयु: समलक्षणम्।।
    (मनुस्मृति 1/13)
    "जिस परमात्मा ने आदि सृष्टि में मनुष्यों को उत्पन्न कर अग्नि आदि चारों ऋषियों द्वारा चारों वेद ब्रह्मा को प्राप्त कराए उस ब्रह्मा ने अग्नि, वायु, आदित्य और (तू अर्थात) अंगिरा से ऋग, यजु, साम और अथर्ववेद का ग्रहण किया।" वेदों के बाद मनुस्मृति को हिन्दुओं का प्रमुख ग्रंथ माना गया है। मनुस्मृति में वेदसम्मत वाणी का खुलासा किया गया है। वेद को कोई अच्छे से समझता या समझाता है तो वह है मनुस्मृति। यह मनुस्मृति पुस्तक महाभारत और रामायण से भी प्राचीन है , महाभारत और रामायण में ऐसे कुछ श्लोक हैं, जो मनुस्मृति से ज्यों के त्यों लिए गए हैं। इससे सिद्ध होता है कि "महर्षि मनु" श्रीकृष्ण और राम से पहले हुए थे और उनकी मनुस्मृति उन्हीं के काल में लिखी गई थी। तब कितनी पुरानी है मनुस्मृति ? मनु वादियों के जो तथ्य दिये जाते हैं उसके अनुसार लगभग 10000 वर्ष पूर्व "मनु" द्वारा 12 भागों की यह पुस्तक लिखी गई जो पूरी तरह ब्राम्हणवाद के व्यवस्था को पैदा करती थी । खुद देखिए कुछ उदाहरण ।
    ☆विवाह :-
    मनुस्मृति में आठ प्रकार के विवाह बताए गए हैं जिन्हें विभिन्न स्वभाव वाले लोगों के लिए अनिवार्य बताया गया है। ये 8 प्रकार के विवाह है: ब्रहम, दैव, आर्ष, प्रजापत्य, असुर, गंधर्व, राक्षस , पिचास ।
    इनमें ब्रहम विवाह को सर्वोत्तम माना जाता है जबकि राक्षस और पिचास विवाह को निम्नतम माना जाता है। मनुस्मृति में ही लिखा है कि ब्राहमण के लिए विवाह के शुरू के छह प्रकार यथा ब्रहम, दैव, आर्ष, प्रजापत्य, असुर, गंधर्व उपयुक्त माने गए हैं तो क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र के लिए आर्ष, प्रजापत्य, असुर तथा गंधर्व विवाह उचित बताए गए हैं।
    ☆आतिथ्य व्यवस्था :-
    ●ब्राह्मण के घर केवल ब्राह्मण ही अतिथि माने जाएंगे। (और वर्ण की व्यक्ति नही)
    ●क्षत्रिय के घर ब्राह्मण और क्षत्रिय ही ऐसे दो ही अतिथि माने जाएंगे.
    ●वैश्य के घर ब्राह्मण,क्षत्रिय और वैश्य तीनो द्विज अतिथि हो सकते हैं, लेकिन ...
    ●शूद्र के घर केवल शूद्र ही अतिथि हो सकता है ।(अध्यायः३:श्लोक:११०) और कोई वर्ण व्यक्ति शुद्र के घर आ नही सकता...।

  • @pramodagrawal7112
    @pramodagrawal7112 Рік тому +1

    एक नाम के १० जने होंगे तब उन्हें चिन्हित कैसे करेंगे

  • @v.d.chandanshive4492
    @v.d.chandanshive4492 5 років тому +2

    मनुस्मृति (भृगुस्मृति-असल में उसका लेखक ब्राह्मण ऋषि भृगु था) को अक्सर दुनिया के कायदा-कानून के नियमों का सबसे पुराना ग्रंथ समझकर सम्मानित किया जाता है। इसे सम्मानित करते समय ऐतिहासिक प्रक्रियाओं को आम तौर पर ध्यान में नहीं रखा जाता है। वास्तव में, आपको इस संभावना को स्वीकार करना होगा कि ग्रंथ जितना पुराना होगा उतने ही त्रुटियों से भरा पड़ा रहेगा। समय के अनुसार, अगले ग्रंथों को अच्छी तरह से विकसित और परिपूर्ण समझना पडेगा। लेकिन मनुस्मृति को आद्य ग्रंथ समझने वालों की भूमिका ऐसी नहीं रहती। एक तरफ उनको मनुस्मृतिको आद्य ग्रंथ के रूप में पेश करने के साथ ही सर्वश्रेष्ठ समझकर तारीफ़ भी करनी होती हैं। ऐसी चीजों की निर्मिति किसी ईश्वर या देवता तक पहुंचाने से उसकी अनमोलता और श्रेष्ठता दोनों गुणों को संलग्न करने में वो लोग कोई विरोधाभास महसूस नहीं करते हैं। दरअसल, इन दोनों चीजें एकसाथ मिलाई नहीं जा सकती है। .... मनुस्मृति कानून का आद्य ग्रंथ (ग्रंथ कि निर्मिती ईसापूर्व १५० से इसापूर्व १७५ सालों के बीच मी हुई है) भी नहीं हैं, बल्कि इसे आदर्श और सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ भी नहीं समझा जा सकता है।
    कायदे-कानून का ग्रंथ कैसा नहीं होना चाहिए इसका सर्वोत्तम उदाहरण मनुस्मृति-भृगुस्मृति है।

    • @saritanandeshwar8373
      @saritanandeshwar8373 4 роки тому +1

      ब्राम्हण हि बुद्धिमान है ये मनु को कैसे पता था.

    • @v.d.chandanshive4492
      @v.d.chandanshive4492 4 роки тому +1

      @@saritanandeshwar8373 ब्राह्मण बुद्धिमान नहीं निर्बुद्ध होते है। मनु का और मनुस्मृति का बिल्कुल कोई सम्बन्ध नहीं है। वो तो भृगु नाम के ब्राह्मण ने लिखी हुई भृगुस्मृति है। ब्राह्मणों ने अपना वर्ण व्यवस्था में का श्रेष्ठ स्थान अबाधित रखने के लिए लिखी गई गंधी चोपड़ी है। श्रम किये बिना, पसीना निकले बिना जीने का सीधा साधा उतना ही अन्य वर्णों के लिए खतरनाक कानून की सबसे ख़राब और पक्षपाती चोपड़ी है।

  • @pooranmalprajapati7881
    @pooranmalprajapati7881 2 роки тому +3

    सुन्दर / सराहनीय

  • @vcguptakusum2163
    @vcguptakusum2163 4 роки тому

    Sarthi organisation, iam thankfull to you all for to his intelligent discussion. I appeal to you tobring all the important sprituall books in simple hindi so common people can understand these sacred books. Thanks

  • @amitavabarua5648
    @amitavabarua5648 5 років тому +2

    BRAHMIN BRAHMA SEE MUKH SE KHATRIYA KANDHA SE BAISYA NAVI SE SUDRA PA SEE NIKALA HUA HAI YEAH HAI MANUSMRITI HAI

  • @swamipainterchik-baraik3893
    @swamipainterchik-baraik3893 5 років тому +2

    बिलकुल ऐसा ही हुआ था होगा ।
    मिलावट वाली बात

  • @rajendrajagtap2436
    @rajendrajagtap2436 4 роки тому +5

    बहुतही अच्छा विश्लेषण समाज को ये बाते माननीय पडेगी👍👏⛳

  • @rishalirishali6412
    @rishalirishali6412 4 роки тому

    To kya ye kabhi declare hoga hum jo kast jin logon se saha hai wo swikar karega ki wo dosi the kya hame haq milega jo jati ke naam pe kho chuke hain

  • @sushilpandey3178
    @sushilpandey3178 3 роки тому +2

    बहुत ही सुन्दर जानकारी दी मनुस्मृति के बारे में

  • @santanram2450
    @santanram2450 4 роки тому +3

    जब वेदों में मिलावट हुआ है जैसे आप लोग बोल रहे हैं तो वह दुषित हो गया। वेदों से मोह करना मूर्खता है।

    • @manojkumar-by4yt
      @manojkumar-by4yt 4 роки тому +1

      आप लोग पुरुषार्थ से डरते हैं हम नहीं।ना हम मिलावटी हैं और ना मिलावट वालों को सहन करते हैं।

    • @__vaidic__purush_
      @__vaidic__purush_ 3 роки тому +1

      Ved me milwat nai ho sakti..
      Ved ke galat bhashya kiye gae .......

  • @yuganp1442
    @yuganp1442 5 років тому

    ua-cam.com/video/76T-X9jao1s/v-deo.html
    DR. RAJENDRA KUMBHAR, M.Sc., Ph.D (PHYSICAL CHEMISTRY), M.A. (MARATHI), SANSKRIT AND URDU SCHOLOR, PRINCIPAL JAYSINGPUR COLLEGE, JAYSINGPUR, DISTT. KOLHAPUR (MAHARASHTRA) INTERVIEW BY DR. RAVINDRA SRAWASTI:

  • @anamikadubey8158
    @anamikadubey8158 4 роки тому +4

    Kabhi kuraan ke bhram bhi door kar lo to aatankbaad khatam ho jaaye

    • @amitkumar-bi6zz
      @amitkumar-bi6zz 3 роки тому

      @R. A. CREATIONS मैं जात से भंगी हूं,मैंने एक पंडित की लड़की से प्यार किया वो भी प्यार करती थी, फिर एक दिन उसके घर वालो को पता चल गया , और उसने मेरी गाँड़ तोड़ दी , मेरी शादी करवाओ उस पंडित की लड़की से

  • @manojvajpeyi8938
    @manojvajpeyi8938 4 роки тому +2

    Main Ek Pandit aur chamar Banke Ek Pandit ke ghar Gaya to usne 4 pipe Humko Baithe nahin diya abhi bhi vahi sthiti hai Kai Gaon Mein Hai

    • @friendship113
      @friendship113 4 роки тому

      Ase log bhul jate hai ki ram ne bhi shabri k jhute ber khaye kevT ko gale lagaya

  • @v.d.chandanshive4492
    @v.d.chandanshive4492 5 років тому +1

    (३) आचमन के लिए लेनेवाला जल:-
    - ब्राह्मण को ह्रदय तक पहुचे उतना.
    - क्षत्रिय को कंठ तक पहुचे उतना.
    - वैश्य को मुहं में फ़ैले उतना.
    - शूद्र को होठ भीग जाये उतना, आचमन लेना चाहिए.
    - अध्यायः२:श्लोक:६२.
    (४) व्यक्ति सामने मिले तो क्या पूछे?:-
    - ब्राह्मण को कुशल विषयक पूछे.
    - क्षत्रिय को स्वाश्थ्य विषयक पूछे.
    - वैश्य को क्षेम विषयक पूछे.
    - शूद्र को आरोग्य विषयक पूछे.
    - अध्यायः२:श्लोक:१२७.
    (५) वर्ण की श्रेष्ठा का अंकन :-
    - ब्राह्मण को विद्या से.
    - क्षत्रिय को बल से.
    - वैश्य को धन से.
    - शूद्र को जन्म से ही श्रेष्ठ मानना.(यानी वह जन्म से ही शूद्र हैं)
    - अध्यायः२:श्लोक:१५५.
    (६) विवाह के लिए कन्या का चयन:-
    - ब्राह्मण सभी चार वर्ण की कन्याये पंसद कर सकता हैं.
    - क्षत्रिय - ब्राह्मण कन्या को छोडकर सभी तीनो वर्ण की कन्याये पंसद कर सकता हैं.
    - वैश्य - वैश्य की और शूद्र की ऎसे दो वर्ण की कन्याये पंसद कर सकता हैं.
    - शूद्र को शूद्र वर्ण की ही कन्याये विवाह के लिए पंसद कर सकता हैं.- (अध्यायः३:श्लोक:१३) यानी शूद्र को ही वर्ण से बाहर अन्य वर्ण की कन्या से विवाह नही कर सकता.
    (७) अतिथि विषयक:-
    - ब्राह्मण के घर केवल ब्राह्मण ही अतिथि गीना जाता हैं,(और वर्ण की व्यक्ति नही)
    - क्षत्रिय के घर ब्राह्मण और क्षत्रिय ही ऎसे दो ही अतिथि गीने जाते थे.
    - वैश्य के घर ब्राह्मण,क्षत्रिय और वैश्य तीनो द्विज अतिथि हो सकते हैं, लेकिन ...
    - शूद्र के घर केवल शूद्र ही अतिथि कहेलवाता हैं - (अध्यायः३:श्लोक:११०) और कोइ वर्ण का आ नही सकता...
    (८) पके हुए अन्न का स्वरुप:-
    - ब्राह्मण के घर का अन्न अम्रुतमय.
    - क्षत्रिय के घर का अन्न पय(दुग्ध) रुप.
    - वैश्य के घर का अन्न जो है यानी अन्नरुप में.
    - शूद्र के घर का अन्न रक्तस्वरुप हैं यानी वह खाने योग्य ही नही हैं.
    (अध्यायः४:श्लोक:१४)
    (९) शब को कौन से द्वार से ले जाए? :-
    - ब्राह्मण के शव को नगर के पूर्व द्वार से ले जाए.
    - क्षत्रिय के शव को नगर के उतर द्वार से ले जाए.
    - वैश्य के शव को पश्र्चिम द्वार से ले जाए.
    - शूद्र के शव को दक्षिण द्वार से ले जाए.
    (अध्यायः५:श्लोक:९२)
    (१०) किस के सौगंध लेने चाहिए?:-
    - ब्राह्मण को सत्य के.
    - क्षत्रिय वाहन के.
    - वैश्य को गाय, व्यापार या सुवर्ण के.
    - शूद्र को अपने पापो के सोगन्ध दिलवाने चाहिए.
    (अध्यायः८:श्लोक:११३)

  • @surajpal8424
    @surajpal8424 2 роки тому +1

    Is pr film banni chahiye taki logo ko britishers ki planning ke baare mai pata chala aur jo isme milawat kri hai use theek kre

  • @shirweshwarle2232
    @shirweshwarle2232 4 роки тому +2

    आर्य समाज चलाने वाले लोगो को आज तक ओरिजनल मनुस्मृति नही मिली क्या। सब मिलावटी ही है। तो ओरिजनल लाईये समाज मे दिखाइये

    • @jitenderarya1663
      @jitenderarya1663 4 роки тому

      आप आर्य समाज में जाये वहाँ आपको सब पता चल जायेगा

    • @Life_tales
      @Life_tales 3 роки тому

      @@jitenderarya1663 vedrishi. Com se mngwa le na bhai

  • @manishbns2794
    @manishbns2794 4 роки тому +2

    Achha manipulate kar rhe ho logo ko........ Apne apne tariko se aalag alag explanation..kar ke ... Tum dharm ke thekedaro ne logo ko confused🙄🙄 kar daala

  • @alokkumarbiswas4634
    @alokkumarbiswas4634 5 років тому +1

    Arya samaj was formed by Dayanand Saraswati just to weaken or dilute the Satya Sodhak samaj activities . He was a Gujrati Brahmin he could have formed his Arya Samaj in gujrat But he wanted to weaken the satya sodhak samaj activities that's why he went to Mahatma Phule's Puna and did all mischiefs in favour of saving brahminism. Today they are again trying to save their brahminism by saving manusmriti and criticising Babasaheb Ambedkar.

    • @siddharthkr.pandey7401
      @siddharthkr.pandey7401 5 років тому

      Its your own views because your consciousness is full of only hate prejudiced thoughts. Jyotiba sahab was great but it doesn't mean that any person of prejudiced mind can ignore Maharishi Dayananda, Shraddha Nanda, Lajpat Rai, & Sir Gangaram's work regarding women education, achhutoddhar, Bal vivah and other evils of that times society and everyone accept.

  • @sureshbhopi4020
    @sureshbhopi4020 4 роки тому +3

    बहुत अच्छी चर्चा

  • @yogendramohan2809
    @yogendramohan2809 3 роки тому

    मनुस्मृति में कहा गया है कि अहिंसा परमो धर्म और यंत्र नारयसतु पूज्यंते रमंते तंत्र देवता,तो भी जबरदस्ती कहते हैं कि मांस खाने को कहा है और महिलाओं पर अत्याचार किए,सब झूठ भरवा दिया लेकिन उस झूठ की काट भी उसी में है लोग ढूंढना नहीं चाहते

  • @lostboy1586
    @lostboy1586 4 роки тому +3

    Yaha bithaye Gaye sabhi expert manusmruti ke samarthak he 🤣😂

  • @rameshprasadmandal1197
    @rameshprasadmandal1197 5 років тому +3

    मनुस्मृति आखिर है क्या ?
    मानव समाज को इससे फायदा क्या है? शायद मनुस्मृति से केवल धूर्तों और ठगों को ही फायदा होता है।

    • @greatkaafir7881
      @greatkaafir7881 5 років тому +1

      ये बोल कर बौद्ध धर्म के दल्ले ही दलित भाइयो को बहका रहे है जिससे वो सिर्फ श्री मनुस्मृति से नफरत करे ना की उसे पढ़े

    • @v.d.chandanshive4492
      @v.d.chandanshive4492 5 років тому

      @@greatkaafir7881 Arya, bamman gadhe teri jivit rahane ki aukat hi nahi hai!

  • @asmitababy1150
    @asmitababy1150 4 роки тому +4

    Manu smriti ka badai kar rahe ho
    Sisame lady ko pair ka juti kaha hai
    Lady ko koi adhikar nahi na padhi na bolane ka
    Yaha par baith kar bol rahi ho
    Us Mahamanav ka sukragujar Karo
    Jisane yah adhikar diya 🙏Parmpujay Baba Saheb hi👏👏
    Na ki manu ne diya understand.
    Manu ne society me aag laga di thi
    Mai bhi study kiya hu
    I don't accept manusmriti.

    • @manojkumar-by4yt
      @manojkumar-by4yt 4 роки тому

      तुलसी दास ने यह बात कही है न कि मनुस्मृति में।पता कुछ नहीं सिर्फ इल्जाम लगाना जानते हो। धन्य हो भाई।

    • @manojkumar-by4yt
      @manojkumar-by4yt 4 роки тому

      @Braj kishore Balendu moorkhanam updesham krodhay na tu shantay

    • @__vaidic__purush_
      @__vaidic__purush_ 3 роки тому

      Are murkh kabhi Gargi, vidhyotma, sulbha inka naam nai suna? Ye rishikae hui hai aur stree purush me kabhi bhed ho hi nai sakta. Apne guru ghantalo ka sun kar bak bak mat kar...

  • @VijayRaj-fr4gq
    @VijayRaj-fr4gq 2 роки тому +1

    Jati suchak sabad khatam kar dena chahiye, or bata do brahman ka ladka anpad hoga to bhi brahman hi kahlayega ,aapne galat bola hai ki sudar pad kar brahman ban sakta hai

  • @shashigandhi9933
    @shashigandhi9933 4 роки тому +1

    Namaste jee

  • @MotiLal-qv5lo
    @MotiLal-qv5lo 4 роки тому

    Bharatiya sambhidhan k pahale kitnne shudr Brahmin hue ya nahi bataya original manusmrrit kyonnahi late

  • @Gsforupexams
    @Gsforupexams 5 років тому +5

    जय हो दादा मनु

    • @rajendraumale6417
      @rajendraumale6417 4 роки тому

      Aap zut bool rahe,aab anpad zeci bate karna mat,budha ne sare ved regishan Jesse hai

  • @gopalbhuia9528
    @gopalbhuia9528 4 роки тому +2

    Hame ish bichar ko sunke achcha laga jai bhim

    • @ankitjaiswal6717
      @ankitjaiswal6717 3 роки тому +1

      ये विचार नही ये सत्य है भाई जी।मनुस्मृति में गुरुकल व्यवस्था थी सभी बच्चे पढ़ने जाते थे जब उनका पढ़ाई समाप्त हो जाता था,तब जा के उन बच्चो का वर्ण गुरु बताते थे,जो पढ़ने में सबसे तेज वो ब्राह्मण जो शस्त्र अच्छे से आये वो क्षत्रिय,जिसको खेती/ व्यापारिक आता हो वो वैश्य,जो पढ़ने न गया हो या सबसे कमजोर हो वो शुद्र, फिर अगर शुद्र का बच्चा भी पढ़ने जाए अगर वो पढ़ने में सबसे तेज हो तो वो ब्राह्मण बन सकता है,इसी तरह वैश्य का बच्चा भी गुण कर्म स्वभाव से ब्राह्मण क्षत्रिय बन सकता है,और ब्राह्मण का बेटा भी शुद्र बन सकता है। सतयुग,त्रेता, द्वापर में तो यही चला लेकिन कलयुग में महाभारत युद्ध मे अनेक धर्मावलम्बी ज्ञानी मारे गए धार्मिक ज्ञान जन जन तक पहुचना दूभर हो गया, कलयुग के कुछ समय बीत जाने पर पुत्रमोह में ये पाखंडी ब्राह्मण ने मनुस्मृति के श्लोकों का अर्थ गलत करके जन्मना वर्ण तय कर दिए जो ब्राह्मण के घर जन्म लिया वो ब्राह्मण ही होगा,उनका अयोग्य बालक हमेशा इज्जत पाता रहेगा,कुछ समय बीतने पर इन्ही पाखंडियो ने पुराण बनाये और वेद(ईश्वरीय ज्ञान) से हमे दूर किया।

  • @mrshankar374
    @mrshankar374 5 років тому +4

    शूद्र नाम तुम्हारी मनुस्मृति ने दिया। संविधान में जो दलित है उनको सम्मान मिला। जातिव्यवस्था मनु ने बनाई।

    • @manishverma4883
      @manishverma4883 5 років тому +2

      कुछ पढ़ लिया करो लिखने से पहले

    • @mrshankar374
      @mrshankar374 5 років тому

      @@manishverma4883मैंने सब कुछ पढ़ लिया है।

    • @paraschauhan7514
      @paraschauhan7514 5 років тому

      Bhai sanvidhan me dalit shabd hai hi kaha

    • @v.d.chandanshive4492
      @v.d.chandanshive4492 5 років тому +1

      @@manishverma4883 Tu hi anapadh gawar hai!!!

    • @v.d.chandanshive4492
      @v.d.chandanshive4492 5 років тому +1

      @@paraschauhan7514 Murkh, shudr logon ko hi dalit kaha jata hai. OBC+SC+ST+NT= DALIT. Sanvidhan me dalit ke badale OBC, SC, ST, NT Shabd ka istemal hai.

  • @pandurangakrishna
    @pandurangakrishna 4 роки тому +4

    These are twisting the matter.Anyway I don’t believe you guys.

  • @mrstranger9332
    @mrstranger9332 3 роки тому +9

    Manusmiriti jindabad hai or rahegi

  • @shivkumartiwari1259
    @shivkumartiwari1259 3 роки тому +1

    Without wife no yagna,it's truth,I seen Ramayana,but मिलावट की gayi hai,,it's clear,

  • @rahulsahasrabudhe854
    @rahulsahasrabudhe854 3 роки тому

    Those are against Manusmruti are reading Chinese version😂😂😂😂

  • @njoshi756
    @njoshi756 5 років тому +1

    Yhi to sabko samjhane ki aavsyakta he ✌️✌️✌️✌️✌️✌️👍👍👍👍👍👍

  • @islamicworld2421
    @islamicworld2421 3 роки тому +12

    बाबा साहेब ने मिलावटी मनुस्मृति जलाई थी असली मनुस्मृति पढ़लो सबको बराबर का अधिकार देती है

    • @infoindia1838
      @infoindia1838 3 роки тому +2

      Manusmriti jala ke sahi kiya baba Sahab Ambedkar ji ne...
      Manusmriti logo ko batne ka kaam krti hai... Mahilao ko gulam ki trah rehna chahiye. Dalit ko adhikar nahi hona chahiye . Equality ke against hai manusmriti...

    • @islamicworld2421
      @islamicworld2421 3 роки тому +1

      @@infoindia1838 उस समय अंग्रेजो का राज था अंग्रेजो से पूछो कि दलितों को पढ़ने का अधिकार क्यों नहीं था

    • @infoindia1838
      @infoindia1838 3 роки тому +2

      @@islamicworld2421 angrejo ke laat padi wo gye... Jo is manusmriti mante hai wo bhi jaayenge .... Hum hindu hai apne dhram grantho ka saman krte hai... Lekin koi humare adhikar humse chinega ye bilkul bardashat nhi kiya jayega... Chahe koi bhi bhi apne adhikaro ke liye ladte aye hai aage bhi ladte rahenge... 🙏

    • @justchill1161
      @justchill1161 3 роки тому +1

      @@islamicworld2421 to Bhai AJ BHI chamar chamar kyu mane Jate hai o

    • @arjittiwarivlogs3679
      @arjittiwarivlogs3679 3 роки тому

      Snbhidhan me brabr ka adikar nhi h bat krte h

  • @Ankit9575
    @Ankit9575 5 років тому +2

    *जय आर्यव्रत*

  • @mukundshamlalshamlal5959
    @mukundshamlalshamlal5959 4 роки тому

    Praise to the vidwaan logos for their efforts however, I believe that, in the effort of cleaning up our books and culture we have to get rid of the terminology. Why don't we refer to a BRAHMAN AS A VIDWAN INSTEAD OF BRAHMAN., JAN RAKSHAK instead of Chatri etc.
    we hsve to change the old vocabulary which has been tainted by the enemy of our Dharma and Sampradayi.
    our Sanskrit is so versatile, we have so many words to describe situations

  • @sanmath0010
    @sanmath0010 4 роки тому +2

    आर्य समाज ने मनुस्मृति के कई श्लोकों को हटा कर प्रकाशन किया.

    • @underratedsanatani1ne387
      @underratedsanatani1ne387 3 роки тому

      Jis slok ka purva sloka se prasang na banta ho jisme vyakaran me adla badli ho bhasan ki shaili badal gayi ho usko kyu na hatay jo manu ke purv batay aadesh ka virodh karta ho . Jo adulterated ho.

    • @underratedsanatani1ne387
      @underratedsanatani1ne387 3 роки тому

      Aapne padhi hai kyu hatayi gayi usme likha gaya hai.

  • @pranshulrajvaidya
    @pranshulrajvaidya 3 роки тому +6

    Sanatan Dharma ki jai
    Arya Samaj ki jai

  • @manjukumari-di6qz
    @manjukumari-di6qz 5 років тому

    Kripya Ispast kijiye ki milawat kisne ki

    • @greatkaafir7881
      @greatkaafir7881 5 років тому

      इसके लिए मुस्लमान और ब्रिटिश लेखक जिम्मेदार थे

  • @shekharjoshi7292
    @shekharjoshi7292 3 роки тому

    Presently all the thinkers are disciples of previous European scholars.
    The journalists and anchors are also not exceptions.
    They have, that is why, still prejudiced about Manusmriti, about Constitution and about thousands of scriptures written by Maharshis.

  • @sandhyaoswal7426
    @sandhyaoswal7426 3 роки тому +6

    Brahmn or brahmnwad or unki nich jativadi soch n e es desh ko brbad kr diya ..

  • @bhojpurisongscentral7637
    @bhojpurisongscentral7637 3 роки тому +1

    baba saheb sanskrit ke bhi gyata the sayad apko ambedkar ke bare me padhna chahiye ap to manusmitri padh kar aye ho

  • @MaulanaMohammadGODI1234
    @MaulanaMohammadGODI1234 Рік тому +1

    Jai Manusmriti most pavitra granth.

  • @karansharma9096
    @karansharma9096 5 років тому +5

    Manusmirti is great

  • @abhishekchaudhary5172
    @abhishekchaudhary5172 4 роки тому +1

    agar manusmriti itni hi achi hoti to na to usko jalaya jata na hi aj savidhan hota...the end...no point for discussion .

    • @amanmishra6324
      @amanmishra6324 4 роки тому +1

      Arre bhai ambedkar ji ne vikratt manusmriti jalai thi

  • @Historyfact1
    @Historyfact1 3 роки тому +2

    पुस्तक में मिलावट है त पुस्तक जलाना ही चाहिए

    • @demonbotff3008
      @demonbotff3008 3 роки тому +4

      To fir teri quran bhi jala de.
      Uski to ek bhi baat sacchi nahi h.
      (😆dharti flate hai😆)

  • @mrrishiraj88
    @mrrishiraj88 3 роки тому +3

    महाराष्ट्र में surname और जाति पूछे बिना मराठी बोर्ड (महाराष्ट्र बोर्ड) के स्कूलों में दाखिला ही नहीं दिया जाता।
    मतलब स्पष्ट है दो बिंदुओं में:
    १. Surname नहीं, तो पढ़ने का हक़ नहीं।
    २. Surname जब तक नहीं बताओगे, तब तक दाखिल नहीं करेंगे।
    जब तक तुम जातिवाद के सामने झुकोगे नहीं, तब तक तुम्हें शिक्षण के अधिकार से वंचित रखा जाएगा।

    • @poeticcorner0505
      @poeticcorner0505 3 роки тому +1

      Yes surname hatana chahiye sirf scool mai hi nhi balki sarkari daftaro mai bhi fir aarakshan bhi nhi milegi .