गगन मैं थाल (ਗਗਨ ਮੈ ਥਾਲੁ) gagan men thal ब्रह्मांड की आरती Gurdwara langenthal Switzerland

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 25 лют 2024
  • धन श्री गुरु नानक देव साहेब जी ने जगन्नाथ पुरी में धनासरी राग में उस आरती का उच्चारण किया जो प्रकृति अपने आप कर रही है महान कवि और भारत के राष्ट्र गान के रचयिता रवींद्र नाथ टैगोर जी ने इस आरती को विश्व गान कैसे कहा जरूर सुनिए इस शब्द को सुनने और गाने से सभ इच्छाएं पूरी होती हैं ।

КОМЕНТАРІ • 8