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- Опубліковано 27 сер 2024
- नमस्कार जी .. हमारे चैनल "कुमाउँनी महिला होली" मै आपका हार्दिक स्वागत है 😍अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष 😂💃जीना है बेकार जिसके घर मे ना लुगाई😍अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष 😂💃जीना है बेकार जिसके घर मे ना लुगाई
बहुत ही मस्त मजाकिया गीत
कुमाउँनी परम्परा ,संस्कृति ,सभी प्रकार के सुन्दर भजन,गीत संगीत और कुमाउनी होली से जुड़े रहने के लिए हमें सबसक्राइब कर दीजिये, बेल आइकन को दबा दीजिये ताकि हमारी वीडीओ आप तक तुरन्त पहुँच जाय। अगर थोड़ा भी अच्छा लगे तो लाइक कर दीजिये।औऱ शेयर भी कर दीजिये धन्यवाद। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष 😂💃जीना है बेकार जिसके घर मे ना लुगाई
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Kumauni....
बहुत ही सुन्दर गाना एवं डांस
Nicely 😊
सुंदर मिठास गीत है बढिया,,,,, 🙏👍
🙏🌹🌹🌹🙏👌
👌👌👌👌
Bahut sundar
बहुत सुंदर प्रस्तुति मजा आ गया 😊😊😊
Bahut hi mast gana
Bahut badhiya gana hai
Bahut sunder geet
Bhut accha gana h
Bahut sunder
❤❤❤❤
मजे दार गाना ।।सुन्दर dance
Bhut bdya
Wahh bahut accha..
Bahut badhiya
Wah!! shandar mahila sangeet 👌
Nice
Bhaut badiya
Bahut badiya
Bahut sunder Bhajan
Atti sunder sunder
बहोत उम्दा
Happy womans day
Gajab bejjati hai yar
Bahut acha geet h
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
Gajab bahut majedar geet👌👌😀
बहुत सुन्दर🙏👌👌
Bahot khubsurat geet💓💓
👌👌👌👌👌👌
बहुत सुन्दर लोकगीत
Nice videi
Bahut sundar geet mja aagaya
नमस्ते भाई जी,बहन जी
*ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?*
सूर्य ऊष्मा सदा-सदा के लिए है ,
सूर्य जब तक ठंडा न हो जाए, तब तक.
अभी विज्ञानी ऐसा बताते हैं कि ५० करोड़ साल बाद सूर्य फैलने लगेगा
और फैलते-फैलते धरती को अपने में निगल लेगा.
ऐसी बेसिरपैर की बातें हम विज्ञानियों से सुनते रहते हैं.
हमारे अनुसार ऐसी भी कल्पना दी जा सकती है कि सूर्य कभी चारों अवस्थाओं के साथ समृद्ध था,
और वहां के विज्ञानी ही उसको आग का गोला बना कर ,
अब इस धरती पर आ गए हों!
अब वही काम इस धरती पर भी करने के लिए तैयार बैठे हैं.
ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?
हमारी इस कल्पना की हमारे पास गवाही तो है नहीं.
न विज्ञानियों के पास गवाही है कि सूर्य ५० करोड़ साल बाद धरती को निगल लेगा!
वो कल्पना कर सकते हैं तो हम भी कल्पना कर सकते हैं!
सूरज कभी ठंडा होगा क्या?
हाँ,ठंडा होगा!
आज जो सूरज है वह पहले से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश में ठंडा हुआ ही है.
ऐसा मैं कल्पना करता हूँ.
यह धीरे-धीरे हो कर के भारी परमाणु बनेंगे,
उसके बाद उसका धरती के स्वरूप में गठन होगा.
- श्रद्धेय नागराज जी ,रायपुर
मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्व वाद
धन्यवाद भाई जी, बहन जी।
Bahut achchha geet mja aa gya
अमेजिंग
बहुत सुंदर गीत
Bahut badhiya Bhajan
Super dupar song and dans.
Bahut mast geet hai
नमस्ते भाई जी,बहन जी
*ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?*
सूर्य ऊष्मा सदा-सदा के लिए है ,
सूर्य जब तक ठंडा न हो जाए, तब तक.
अभी विज्ञानी ऐसा बताते हैं कि ५० करोड़ साल बाद सूर्य फैलने लगेगा
और फैलते-फैलते धरती को अपने में निगल लेगा.
ऐसी बेसिरपैर की बातें हम विज्ञानियों से सुनते रहते हैं.
हमारे अनुसार ऐसी भी कल्पना दी जा सकती है कि सूर्य कभी चारों अवस्थाओं के साथ समृद्ध था,
और वहां के विज्ञानी ही उसको आग का गोला बना कर ,
अब इस धरती पर आ गए हों!
अब वही काम इस धरती पर भी करने के लिए तैयार बैठे हैं.
ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?
हमारी इस कल्पना की हमारे पास गवाही तो है नहीं.
न विज्ञानियों के पास गवाही है कि सूर्य ५० करोड़ साल बाद धरती को निगल लेगा!
वो कल्पना कर सकते हैं तो हम भी कल्पना कर सकते हैं!
सूरज कभी ठंडा होगा क्या?
हाँ,ठंडा होगा!
आज जो सूरज है वह पहले से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश में ठंडा हुआ ही है.
ऐसा मैं कल्पना करता हूँ.
यह धीरे-धीरे हो कर के भारी परमाणु बनेंगे,
उसके बाद उसका धरती के स्वरूप में गठन होगा.
- श्रद्धेय नागराज जी ,रायपुर
मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्व वाद
धन्यवाद भाई जी, बहन जी।
Nice song
Lovely bhut sunder dance or song
बहुत सुन्दर गीत हैं आप का
बहुत सुन्दर गाया
बहुत अच्छा है
Very good
bahut accha
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
Nice song 😉 👍
Very very nice
Very nice
Superb 👌
bahut maja Aaya😂😂😂🙏🙏👌👌👌👍
Sahi bat h
Dance very nice
very nice song
After twitter 👍👍👍
Bahut Sundar dance aur bahut Hi Pyara geet
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
very good....
Very nice 👌🏻👌🏻👌🏻
गजब होली जय हो बहुत शुभकामनाएँ
Dance gana ati sunder
Nice performance and nice गीत
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
bahut hi sundar didi 🤩🤩🤩☺️😘😘🥰🥰
Azure
V v nice ji
Best
Wah Maja a Gaya sunket nice
Gajab danse gajab song
💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
बहुत सुंदर
बहुत अच्छा मजा आ गया
Bhut bhut mast
Bahut hi mast dance aur gana hai
Bahut badhai
Indian classic
🙏🙏👍
नमस्ते भाई जी,बहन जी
*ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?*
सूर्य ऊष्मा सदा-सदा के लिए है ,
सूर्य जब तक ठंडा न हो जाए, तब तक.
अभी विज्ञानी ऐसा बताते हैं कि ५० करोड़ साल बाद सूर्य फैलने लगेगा
और फैलते-फैलते धरती को अपने में निगल लेगा.
ऐसी बेसिरपैर की बातें हम विज्ञानियों से सुनते रहते हैं.
हमारे अनुसार ऐसी भी कल्पना दी जा सकती है कि सूर्य कभी चारों अवस्थाओं के साथ समृद्ध था,
और वहां के विज्ञानी ही उसको आग का गोला बना कर ,
अब इस धरती पर आ गए हों!
अब वही काम इस धरती पर भी करने के लिए तैयार बैठे हैं.
ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?
हमारी इस कल्पना की हमारे पास गवाही तो है नहीं.
न विज्ञानियों के पास गवाही है कि सूर्य ५० करोड़ साल बाद धरती को निगल लेगा!
वो कल्पना कर सकते हैं तो हम भी कल्पना कर सकते हैं!
सूरज कभी ठंडा होगा क्या?
हाँ,ठंडा होगा!
आज जो सूरज है वह पहले से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश में ठंडा हुआ ही है.
ऐसा मैं कल्पना करता हूँ.
यह धीरे-धीरे हो कर के भारी परमाणु बनेंगे,
उसके बाद उसका धरती के स्वरूप में गठन होगा.
- श्रद्धेय नागराज जी ,रायपुर
मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्व वाद
धन्यवाद भाई जी, बहन जी।
Dance or geet dono bohat accha h mast
Good
Good song
नमस्ते भाई जी,बहन जी
*ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?*
सूर्य ऊष्मा सदा-सदा के लिए है ,
सूर्य जब तक ठंडा न हो जाए, तब तक.
अभी विज्ञानी ऐसा बताते हैं कि ५० करोड़ साल बाद सूर्य फैलने लगेगा
और फैलते-फैलते धरती को अपने में निगल लेगा.
ऐसी बेसिरपैर की बातें हम विज्ञानियों से सुनते रहते हैं.
हमारे अनुसार ऐसी भी कल्पना दी जा सकती है कि सूर्य कभी चारों अवस्थाओं के साथ समृद्ध था,
और वहां के विज्ञानी ही उसको आग का गोला बना कर ,
अब इस धरती पर आ गए हों!
अब वही काम इस धरती पर भी करने के लिए तैयार बैठे हैं.
ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?
हमारी इस कल्पना की हमारे पास गवाही तो है नहीं.
न विज्ञानियों के पास गवाही है कि सूर्य ५० करोड़ साल बाद धरती को निगल लेगा!
वो कल्पना कर सकते हैं तो हम भी कल्पना कर सकते हैं!
सूरज कभी ठंडा होगा क्या?
हाँ,ठंडा होगा!
आज जो सूरज है वह पहले से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश में ठंडा हुआ ही है.
ऐसा मैं कल्पना करता हूँ.
यह धीरे-धीरे हो कर के भारी परमाणु बनेंगे,
उसके बाद उसका धरती के स्वरूप में गठन होगा.
- श्रद्धेय नागराज जी ,रायपुर
मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्व वाद
धन्यवाद भाई जी, बहन जी।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😊😊😊😊😊😊😂
अभी सुना ,बहुत मस्त है, मज़ा आगया।
हा हां
sunder bana gaya madamji ne humri hai comedi hai super
Very funny song😂😂
Bhaut badiya song🥳🥳🥳🥳💕💕💕💕👏👏👏👏👏
Very nice sang
Its song 🙏🏻🙏🏻
Very nice Song
Wahhh wahhh😎😎
Maja aa gya
Very nice
😃😃😃😅👫
Nice song 😃
bahut badiya
बहुत ही सुन्दर 💕💕💕💕💕💕💕💕
Very nice song 👍👍👍👍👍👍👍
Lajwab dance gt8
अति उत्तम बहुत अच्छा लगा हमें बहुत-बहुत धन्यवाद🙏
Gana bhauth accha laga
Bahut hi payara gana banaya hai and dance ke sath gaya bhi bhi bahut hi Achchha hai gana sunker Aananad Aa gaya. 🙏🙏🙏👌👌👌❤❤❤😁😁😁
Beautiful dance and nice 👌 song
wah ji wah maja gaya isey sun ker thank u
👌👌