सेउ की कटी गर्दन को जोड़ा कबीर साहेब ने | Kabir Saheb 2D Animation | Sant Rampal Ji Maharaj

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  • Опубліковано 3 жов 2024
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    24. सम्मन ने सोचा कि राजा जरूर सुबह गुरुजी को दंड देगा। सम्मन दुःखी मन से एक छुर्रा लेकर चल पड़ा।
    25. सेठ ने सोचा कि चल बात करने के लिए तो ढीला कर देता हूँ। सेठ ने सेउ को गर्दन बाहर निकालने जितना ढीला कर दिया। सेउ ने गर्दन बाहर निकाली।
    26. ऐसा कहने पर सम्मन ने एक दम से हिम्मत की ओर एक झटके में बच्चे की गर्दन काट दी।
    सम्मन गर्दन को उठाकर ले आया।
    27. उधर सेठ ने देखा कि ये तो बहुत बुरा हुआ और सुबह इसके गुरु से पहले तुम्हे फाँसी पर लटकना पड़ेगा।
    28. सेठ ने बच्चे के धड़ को उठाया और दूर जंगल मे एक बड़े खड्डे में पटक आया, और रातोरात सुराख को ठीक कर लिया जैसे कुछ हुआ ही नही हो। सेठ जी आराम से सो गया।
    सम्मन सिर लेकर घर पहुंचा।
    29. सम्मन गया और जिधर रक्त के छीटे ओर सेठ के पदचिह्न थे उनसे खोजता हुआ गड्ढे तक पहुंचा और धड़ को उठा लाया।
    सिर और धड़ को झोपड़ी में एक तरफ रख कर पुराने कपड़ो से ढक दिया।
    सुबह जल्दी ही नेकी खाना बनाने लगी।
    30. सम्मन ने तीन पात्रो मे भोजन रख दिया।
    31. सम्मन ओर नेकी धर्मसंकट में फंस गए। ओर सोच कि अब अगर सच्चाई बतादेंगे तो गुरुजी भोजन नही करेंगे। सम्मन ने भोजन पांच पात्रो में कर दिया ।
    32. उन्होंने आखिर एक ओर बढ़ा दी और छः पात्रो में भोजन को बांट दिया, और सोचा की अगर गुरुजी पूछेंगे तो कह देंगे कि बच्चा तो खेलने गया होगा।
    33. सेऊ के धड़ पर शीश चढ़ा, आ बैठा पंगत माह ।
    नही निशाना गर्दन पर, ये वही सेऊ या नाह।।
    सेऊ की गर्दन तथा शरीर में कम्पन हुआ और अपने आप जुड़ गए। सेउ जीवित और बिल्कुल स्वस्थ हो गया और दौड़कर बाहर आया।
    माता पिता देख रहे है की बेटे की गर्दन पर तो कोई निसान टीके नही है।
    अंदर जाकर देखा तो वहां केवल खून के छीटें थे।
    दोनो रोते हुए परमात्मा के चरणों में गिर गए।
    34. उसके कुछ ही दिनों बाद सम्मन उस नगर में सबसे धनवान और इज्जत दार सेठ बना और पूरा परिवार परमात्मा की सत भक्ति भी करता था।

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