टी.वी. सिरियल वाले कभी नहीं बताते | Mahabharat ke rahasya in hindi | Mahabharat yuddha | rahasyamayi
Вставка
- Опубліковано 17 жов 2022
- टी.वी. सिरियल में कभी नहीं दिखाया गया | महाभारत के 18 दिन का वृत्तांत | Mahabharat ke rahasya | 2022
दोस्तों , महाभारत के 18 दिन चले युद्ध में कौन से दिन क्या हुआ था । कौन-कौन से यौद्धाओं ने किस -किस की तरफ से युद्व किया था । और कौरवौं में तीन यौद्धा तो ऐसे थे , जब यह लड़ रहे थे तो ऐसा लग रहा था , मानो एक दिन में ही पांडव सेना का खात्मा कर डालेंगे। हलांकि पांडव सेना में बहुत महायौद्धा उपस्थित थे । और बहुत से गुमनाम यौद्धा , जिनकी चर्चा भलेही कम की जाती है , लेकिन रण भूमि में इन्होने जीत झंडे गाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी । मेरा दाबा है कि महाभारत युद्ध का इतना विस्तार के साथ विडियो युट्युब पर दूसरा कहीं नहीं मिलेगा । युद्ध में ऐसे ऐसे यौद्धाओं के बारे में बताउंगा जिनके पराक्रम के आगे ,एक पल के लिये भगवान भी सोच में पढ़ गये थे । कुछ कौरव यौद्धाओं ने भगवान कृष्ण को भी घायल कर दिया । दुनिया के इतिहास में महाभारत जैसा युद्ध ना तो कभी हुआ है और न शायद कभी होगा । तो चलिये दोस्तों बिना टाइम को बेस्ट किये महाभारत युद्ध के इस रोमांचक विडियो को स्टार्ट करते हैं ।
पहले दिन के युद्ध में दोनों पक्षों की सेनाये हाथी , घोड़ों , पैदल सैनिकों का साथ में रण भूमि में एक दूसरे सामने खड़ी हो जाती हैं । तथा सभी महारथी यौद्धा भी अपने-अपने अस्त्रों-शस्त्रों के साथ मैदान में पहुंच जाते हैं । इस महायुद्ध को देखने के लिये देवता , गन्धर्व , पितर , ऋषि-मुनि आदि वहां पर उपस्थित हुये । सबसे पहले युधिष्ठिर अपने कवच को खोलकर और अस्त्रों को जमीन पर डालकर हाथ जोड़कर पितामाह भिष्म की ओर जाते हैं तब सभी लोग घबरा जाते हैं कि यह क्या कर रहें हैं तब उनके साथ उनके भाई भी चलने लगते हैं । कौरव सैनिक सोचने लगते हैं कि अरे यार रह पांडव तो अभी से डर गये इसलिये शायद युधिष्ठीर , पितामाह भीष्म के पास अपने प्राणों की भीख मांगने आ रहे हैं । सब सोचने लगे की पता नहीं जब यह भीष्म के पास जायेंगे तो क्या होगा ? लेकिन युधिष्ठीर जैसे है भीष्म के पास पहुंचते हैं तो सबसे पहले पितामाह भीष्म के पैर दबाते हैं और उनसे बोलते हैं कि पितामाह में आपसे युद्ध करना चाहता हूं कृप्या करके मुझे आपसे युद्ध करने की आज्ञा और आशीर्वाद प्रदान करें यह देखकर पितामाह भीष्म बहुत प्रसन्न होते हैं और कहते हैं कि यदि तुम मेरे पास नहीं आते तो में तुम्हें युद्ध में पराजित होने का शाप दे देता । लेकिन में बहुत प्रसन्न हुं और तुम्हें युद्ध करने की आज्ञा देता हूं । इसके अलावा जो कुछ तुम मांगना चाहो मांग सकते हो । तब युधिष्ठीर बोलते हैं कि आपको पराजित कर सके ऐसा तो कोई यौद्धा मुझे रण भूमि में दूसरा कोई दिख नहीं रहा है । यदि स्वंय इन्द्र देवताओं के साथ आकर भी आपसे आकर युद्ध करेंगे तब भी आपको हराना असंभव है । तो कृप्या करके आपकी मृत्यु कैसे होगी यह राज आप मुझे बतायें । तब भीष्म कहते हैं कि अभी मेरा मृत्युकाल नहीं आया है इसलिये इस प्रशन्न के उत्तर के लिये तुम फिर कभी बाद में आना । मैं तुम्हारी तरफ से युद्ध तो नहीं कर सकता लेकिन तुम मार्गदर्शन के लिये मेरे पास कभी भी आ सकते हो । इसके बाद युधिष्ठीर दूसरे कौरव यौद्धा एवं कौरव और पांडवों के गुरू , गुरू द्रोण के पास में जाकर उन्हे प्रणाम करके उनकी परिक्रमा की और गुरु द्रोण से अपने हित की बात पूछते हुये बोलते हैं कि मैं आपसे किस प्रकार युद्ध करूं की मुझे किसी भी प्रकार का अपराध ना लगे और शत्रुओं में किस प्रकार विजय प्राप्त करूं । तब गुरु द्रोण कहते हैं कि यदि युद्ध का निश्चय कर लेने पर भी तुम मेरे पास नहीं आते तो निश्चय ही में तुम्हैं पराजय का वर देता , लेकिन तुम मेरे पास आये इससे मुझे बहुत प्रसन्नता हुयी । मैं तुम्हैं युद्व करने की आज्ञा देता हूं , जाओ शत्रुओं पर विजय प्राप्त करो । तुम्हारी जीत निश्चित है , क्योंकि जिसके साथ स्वंय भगवान श्री कृष्ण हो भला उसे कौन हरा सकता है । तब युधिष्ठीर पूंछते हैं कि हम आप पर कैसे विजय प्राप्त कर सकते हैं ? और कृप्या करके आपकी मृत्यु का उपाय भी बतायें । तब गुरु द्रोण कहते हैं कि जब तक में रण भूमि में रहुंगा तब तक तुम्हारी जीत नहीं हो सकती इसलिये तुम सभी भाई लोग मिलकर कुछ ऐसा उपाय करो जिससे मेरी शीघ्र मृत्यु हो जाये , जब तक युद्ध भूमि में टिका रहुंगा , कोई भी मुझे हरा नहीं पायेगा । जब तक मेरे हाथ में हथियार हैं और रथ पर सवार हुं तब तक मुझे हराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है । लेकिन जब में हथियार डालकर , अचैत सा होकर , आमरण अनसन पर बैठ जाउं उस समय यदि कोई श्रेष्ठ यौद्धा मेरे ऊपर वाण चलाये तो मेरी मृत्यु हो सकती है ।
Copyright Disclaimer under Section 107 of the copyright act 1976, allowance is made for fair use for purposes such as criticism, comment, news reporting, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non - profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use.
Photos with the videos remain the property of their respectfully owners. If any of photos is featured in my videos if want to remove or want credit than kindly contact me through mail which is given in my channel about section
Disclaimer : Our objective is not to promote any kind of damned story and superstitious. This video is for your entertainment only. The information given in the video is according to the information received on the Internet. We do not confirm its truth in any way. This video is for entertainment only and only. And our motive is not to hurt anyone's feelings.
#rahasyaduniyahindi #mahabharat #mahabharata #mahabharatham #krishna #shrikrishna #janmashtami #2022
बहुत सुंदर वीडियो बनाया है आपने यही ओरिजनल महाभारत महाकाव्य में उल्लेखित है।🚩🙏
Mahaveer Karan wale like
jay mahabharat ki 🙏🙏
esa lag rha hain jese main apni ankho se dekh rha hu Mahabharat. Bhout sunder explain kiya hain apne Sir. Jai Shree Ram, Jai Shree Krishna!
Katha sunane ke liye bahut bahut dhanyabad
Karn ke sath kisne chal Kiya hai ye kon batayega
Sister hmare ko btao…hmara ohkkk krr dia..?🙏
Mahabharat ka agla video kob ayega
Super duper video bhai please or long video banao mahabharat ki mujhe puri history janni h mahabharat ki
ye bhishmapitah wala dialogue to parshuram ne bhishmapitamah ko kaha tha
Bhaiya aap bhi vo youth me the shri Krishna banakar
🚩🇮🇳🚩🇮🇳🚩🇮🇳🚩
Jai shri Krishna 🐚🌷👏
Bahut bahut thanks bahut
1-10 din ka yudh 1 hour 25 or 11-18 sirf 20 min main
सनातन धर्म को बचाने में श्रीकृष्ण जी को कितना बड़ा युद्ध करना पड़ा लेकिन आज की पिडी को सनातन धर्म का इतना भी ज्ञान नहीं है
very excellent study history of Mahabharat .
Mahabharat 🙏❤❤
Thanks❤
very nice video 😊