केवल कवासी लखमा जी का नार्को टेस्ट करने से ही सबकुछ सामने आ जाएगा, कांग्रेस की सरकार है नार्को टेस्ट करा लिजिए , घटना के समय एक बात सामने आई थी कि रुट को कवासी लखमा जी के कहने पर ही बदलाव किया गया था।
जो हुआ वह दुखद था पर नेताओ को शहीद का दर्जा कैसे दिया जा सकता है 76 जवान शहीद हुए थे उन जवानों को कोई याद नही करता उनके परिवार को कोई नही पूछता पर नेताओ के मारे जाने पर हर जगह इनको याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है थू है ऐसी सरकार और नेतागिरी पर
उसी इलाके में ,उसी समय ,76 जवान शहीद हुए थे ,उनको कोई याद नही करते ,,न ही इतनी बडी घटना का कोई जांच नहीं, ,,अगर नेताओं की जिंदगी जरूरी है तो, ,फोर्स को लेकर क्यू चलती है, ,बिना फोर्स के जहा जाना है जाए न ,,शहीद का दर्जा जवानो को न देकर इन नेताओं को दिया जा रहा है, ,,,,,,
वाकई में सर बहुत ही अद्भुत संयोग है , स्टेट की सरकार जॉच में सहयोग नही देने से जॉच हो नही सका । खुद की सरकार आ गई तो NIA के लोग जॉच में सहयोग ही नहीं दे रहे , बड़ा ही विस्मयादि बोधक वाक्या है , जब NIA जॉच में कुछ किया ही नहीं है तो स्टेट गवर्नमेंट किस रिपोर्ट का वेट कर रही है, कुछ भी हो नंदकुमार पटेल, विद्याचार शुक्ल,महेद्र कर्मा जैसे नेताओं को खोने का दुख हमे आज भी होता है । और उस समय के केंद्रीय नेताओं को भी दाद देता हु जिनकी पार्टी में लोगो के साथ इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी एनआईए के रिपोर्ट की जेरॉक्स कॉपी भी नहीं रख सकी।
केवल कवासी लखमा जी का नार्को टेस्ट करने से ही सबकुछ सामने आ जाएगा, कांग्रेस की सरकार है नार्को टेस्ट करा लिजिए , घटना के समय एक बात सामने आई थी कि रुट को कवासी लखमा जी के कहने पर ही बदलाव किया गया था।
जो हुआ वह दुखद था पर नेताओ को शहीद का दर्जा कैसे दिया जा सकता है 76 जवान शहीद हुए थे उन जवानों को कोई याद नही करता उनके परिवार को कोई नही पूछता पर नेताओ के मारे जाने पर हर जगह इनको याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है थू है ऐसी सरकार और नेतागिरी पर
बहुत ही दुर्भाग्य है जो अभी तक दोषियों को सजा नहीं दे पाया
उसी इलाके में ,उसी समय ,76 जवान शहीद हुए थे ,उनको कोई याद नही करते ,,न ही इतनी बडी घटना का कोई जांच नहीं, ,,अगर नेताओं की जिंदगी जरूरी है तो, ,फोर्स को लेकर क्यू चलती है, ,बिना फोर्स के जहा जाना है जाए न ,,शहीद का दर्जा जवानो को न देकर इन नेताओं को दिया जा रहा है, ,,,,,,
सही बात है क्वाशि लखमा का नार्को टेस्ट होना चाहिए ।
2014 तक तो केंद्र में कांग्रेस थी 🤔 तब nia ने इंसाफ क्यों नहीं किया 🤦🏻♂️ सब गलतियां बीजेपी पर मत डालो 🙋🏻♂️
वाकई में सर बहुत ही अद्भुत संयोग है , स्टेट की सरकार जॉच में सहयोग नही देने से जॉच हो नही सका । खुद की सरकार आ गई तो NIA के लोग जॉच में सहयोग ही नहीं दे रहे , बड़ा ही विस्मयादि बोधक वाक्या है , जब NIA जॉच में कुछ किया ही नहीं है तो स्टेट गवर्नमेंट किस रिपोर्ट का वेट कर रही है, कुछ भी हो नंदकुमार पटेल, विद्याचार शुक्ल,महेद्र कर्मा जैसे नेताओं को खोने का दुख हमे आज भी होता है । और उस समय के केंद्रीय नेताओं को भी दाद देता हु जिनकी पार्टी में लोगो के साथ इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी एनआईए के रिपोर्ट की जेरॉक्स कॉपी भी नहीं रख सकी।
होना चाहिए कवासी लखमा उस समय घटनास्थल पर मौजूद थे सबसे पहले होनी का होना चाहिए
10 साल में एनआईए,sit और ऊपर से जांच समिति फिर भी जड़ तक नही पहुंच पाए,ये है हमारे देश की न्याय व्यवस्था, ओहो कथो गा
भूपेश बघेल काँग्रेस का है अभी 5 साल होने वाले हैं. क्या हुआ. सब आपके लोगों का चाल है मैं बड़े नेता बनूँगा करके
बहुत सही कह रहे हैं भैया जी नार्को टेस्ट होना चाहिए
आदरणीय श्री महेन्द्र कर्मा जी ( बस्तर टाइगर) को विनर्म श्रद्धांजलि 💐💐🌷😂😂😂
जितने पुराने नेता थे वह शहीद हों गए और नए नेता का चेहरा सामने आ गए और एक न्यू कांग्रेस पार्टी बन गई छत्तीसगढ़ में
कांग्रेस बीजेपी दोनों पार्टी के नेता मिले हुए है तो सच्चाई सामने कहां आएगी !
सही बोल रहा है जितने भी नेता थे वहा सबका नार्को टेस्ट होना चाहिए!!!
एक नार्को टेस्ट तो इनके ऊपर भी होना चाहिए.. .. .. सलवा जुडूम के नाम पर जो अत्याचार किया था उसके लिए
नक्सली हमले मे मारे गये नेताओ के बच्चे भी सरकार से नक्सली खात्मे के लिए आवाज नही उठाते
सलवा-जुडुम में भी कईयों निदोष मूलवासियों के साथ अत्याचारकिया गया इसकी जांच हो यहाँ के लोगों के साथ उस समय एक रणनीति के तहत अत्याचार किया गया
कांग्रेस के सभी नेताओं को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और शत् शत् नमन,,,
इंसानियत तो मरचुका है बस नेतागिरी जिन्दा है