Hare Krishna 😢! So kind and merciful, HH spoke so patiently and explains so well, we need to listen patiently as well!Very important topic! Our Pradhana Gunas influence our thoughts and actions the corresponding Demi Gods influence is seen! So there needs to be an elevation of Gunas and these Puranas give one that information.
🙏 नारायण नारायण गुरुवर "व्यास " एक पद है, जिन पर विराजमान विद्वत प्रतिभाशाली संतो ने हमारे समाज को दिशा निर्देश देने का अद्भुत कार्य किए हैं। आज कल के व्यास (कथावाचक) इतने बड़े ज्ञानी हैं कि एक शुद्ध तत्समक शब्द नहीं बोल पाते और उर्दू के शब्द पर निर्भर हो गए हैं।
त्तव तो एक ही वो एक से अनेक है अनेक से भी एक ही है कृष्ण शिव मानते है और शिव कृष्ण को वैसै सब एक ही है शाक्ति तो एक ही जी चीटी से लेकर सारी सिष्टि मे उसी की शाक्ति से चल रही है जी भगवान बेद ब्यास जी सब पुराणा मे सार तो यही है बह्मा एक ही वह अनेक भी कृष्ण ने अर्जुन को बिराट स्वरूप दिखाए कि सब मै ही तो हू भेदभाव नहीं करना चाहिये जी इस्कोन वालो को हरि ऊं जी
Bhai...mai bahut prayas kiya.....mai seva Kiya bahut din tk mahraj ji ka...but mujhe dixa nahi mila .....kyoki... mahrj ji dixa Dena band kr diye hai....
With respect maharaji, app ki bat se sahamat nahi he, or maharaji shib bhakt to bhagbat puran ko tamho guni bolte। Por vedvyas ji hi in sob problem ki jimmeder lagtahe or kya bolu bahut hi confution he in puranomo me, or job kohi baisnob samaz or bhagbat pathak job apki jaisi uttor dete sach bol raha hu bahut hi dukh or takleef hoti he। Maharaji app logo se hi bahut confution bar raha he or takleef bhi। Por ap ki charano me koti koti pranam, kripa koriye 🙏🙏
🕉देवी भागवत महापुराण,🔥 स्कंद 9, 🔥अध्याय 33, 🔥श्लोक 8 से 10 मे लिखा है कि ✅️जो अधम मनुष्य मूलप्रकृति भगवती जगदम्बाकी निन्दा करता है, जो वेद-शास्त्र तथा पुराणोंकी निन्दा करता है, जो ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओंकी निन्दामें संलग्न रहता है और जो मनुष्य गौरी- सरस्वती आदि देवियोंकी निन्दामें तत्पर रहता है- वे सब उस भयानक नरककुण्डमें जाते हैं, जिससे बढ़कर दुःखदायी दूसरा कोई कुण्ड नहीं होता। उस कुण्डमें अनेक कल्पोंतक वास करके वह मनुष्य सर्पयोनिको प्राप्त होता है। भगवतीकी निन्दाके अपराधका कोई प्रायश्चित्त ही नहीं है॥✅️
@@RaviKumar-y5h6u नहीं...वेद का सिद्धांत समझो पहले...✅️.एको देवः सर्वभूतेषु गूढः सर्वव्यापी सर्वभूतान्तरात्मा। ✨️ अगर सभी मे अपने इष्ट देव को देखोगे भेद रहित होकर तो ठीक है चाहे कोई भी रूप मानो क्युकी भगवान के अनन्त रूप हैं..✅️([यजुर्वेद✨️]अजायमानो बहुधा वीजायती)✅️अजन्मा बहुत रूप में प्रकट होता है 🔥अगर दूसरों को अपने ईस्ट से भिन्न मानोगे तो तुलना करोगे और वहीं से अपराध बन जाएगा.. 🚩🚩🚩🚩🚩कभी भी किसी रूप की निंदा तुलना नहीं करना... क्युकी ऐक ही तत्व के सभी रूप हैं.. जैसे बर्फ पानी और भाप.....h2o🕉
@@RaviKumar-y5h6u ऐसा कभी भूल कर भी मत कहना... क्युकी भगवत महापुरुष की निंदा और टीका टिप्पणी के अपराध को भगवान भी क्षमा नहीं करते....✅️ दुर्वासा ऋषि और भक्त अंबरीश का प्रसंग सुनना......🕉
1972 me Prabhu pad dwara English me likhi hui orginal bhagwat Geeta ko ab ki iskon. Walon ki Bhagwat Geeta me badlav Kiya Gaya matlab parbhu pad ki Bhagwat Geeta ni hai
Padma puran mei likha hai ki jo tamoguni puran padhte hai vo nark jate hai kya sach mei aisa hota hai? Agar haa toh fir vo log apne aapko baaki guno mei uplift kaise karenge
@@vijaykrishndasvkd5853 tu padh le brainwashed kahi ke ...sharam nahi aati? 100 sal pahle kisi ne ISCKON nam ka dhanda khol kar geeta ka translation badal kar tum logo ko gumrah bna raha hai ...are muze kya puchh raha khud pata kar le bevkoof insan
Ek shuddh bhakt mahaan Vaishnava ki iss prakar ninda karke aapne bhi apne prachur gyan ka bohot sundar udaharan diya hai..... sirf ritualistic knowledge se itna proud na ho jaaiye ki Bhagwan ke param bhakt ko nicha dikhaa de.... Man hi man Maharaj ki charan kamal mein kshama maang lijiye, warna Vaishnava apradh ka bhayankar bojh aap par aayega
Hare Krsna .. Jaise srila prabhupada ji ne direct Param bhagwan sri Krsna ko introduce kiya western countries me... Waise he vedvyas ji ne kyu ni kiya? 😅
Aur to aur unko direct nitya siddha srila Prabhupada ka sang Mila unke dwara prachar hua par yah har kisike liye sambhav nahi ki Srila Prabhupada jaise suddh bhakt ka sang mein Krishna ko samjhe
To mahraj ji hum prachar karne jaate hai to hume adhikansh log tamoguni milte hain,to hume logo ko shivpuran baatni chahiye,phir hum vagwad gita kyu kahte hai lene ke liye
@@AshishMahto-n2u क्योंकि इससे सब पता चल जाता, इसिको पढ़के महात्मा गांधी राजनीति किए, अल्बर्ट आइंस्टीन भी science में use किए कृष्ण भक्ति करने वाले कृष्ण भक्ति करते है
फिर विदेशों में तमोगुणी गौ मांस भक्षियों को कृष्ण का उपदेश क्यों दिया गया? शिव जी का देना था, इस्कॉन के हिसाब से तमोगुणी भक्त शिव जी का उपासक बनेगा ना की, कृष्ण का। ईसाई इस्लाम इस्कॉन एक ही हैं।
अगर इस्कॉन न होता तो आज सनातन धर्म बहुत पिछड़ गया होता क्योंकी तथाकथित पंडितों ने तो मंदिर में घंटियां बजाने को और अपना पेट भरने को ही धर्म माना है। सिर्फ इस्कॉन ही सनातन धर्म का प्रचार कर रहा है। पर तुम जैसे लोग कभी नहीं समझेंगे। गीता पढ़ो तब पता चलेगा
@@SrilaPrabhupadaMission अभी आपके गुरु वीडियो में बता रहे हैं, को तमोगुणी को सत्वगुणी बनाने के लिए पहले शिव की भक्ति सिखाते हैं, फिर वैष्णव भक्ति। प्रश्न फिर भी टस है कि गौरमांस भक्षियों को बिना शिव आराधना के कैसे वैष्णव बना दिया गया?
@@KALKIKALIYUGkabhi kripa ke bareme suna hai?? Narad muni ek pakshiyo ko marnevale ko sidha vishnu bhakti dete hai bhagvat puran me aata hai to kya unko pehle us pakshiyo ko marne vale ko shiv bhakti dena chahiye???
@@SrilaPrabhupadaMission प्रोसेस बताएं?😂😂😂😂😂 आप लोगों ने ज्ञान अधिक ले लिया है बस, बकैती करना अच्छा लगता है, कृपा क्या है? यह देह शिव की कृपा है, इसमें आत्म नारायण की एवं समूल तंत्र इसके भीतर ब्रह्मा द्वारा स्थापित। क्या आपको ज्ञात है श्री राम चंद्र जी त्रेता में कृष्ण के विषय में क्या कह गए? आपके सोच से अधिक बड़ा है सनातन। प्रत्येक मनुष्य में तीनों गुणों के अंश है, ब्रह्मा द्वारा निर्धारित नियति के अधीन आपके कर्म होते हैं, जिनका सृजन नारायण एवं उद्धार शिव करते हैं। मायासुर परम शैवाक्त कृष्ण के भक्त पाडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का निर्माण करते हैं।
Shiv hi nirakar brahma hai पूरे ब्रह्मांड में केवल शिव की ही निराकार रूप में पूजा होती है उनकी पूजा राम कृष्ण दोनो ने की और। वेदों में शिव को ही परम ब्रह्मा बता है और महाभारत खत्म होने के बाद जब दुबारा अर्जुन को गीता ज्ञान सुनने की इक्षा हुई तो भगवान कृष्ण ने कहा था की वो गीता ज्ञान अब में ज्यो का त्यों भिबकेह सकता वो ज्ञान माने परब्रह्म से योग लगा कर बोला था अब में वो ज्ञान दुबारा नही दे सकता। इसका मतलब वो ज्ञान कृष्ण ने नही शिव ने बोला था।
Agar Tamo guni ke liye tamoguni devta hai...toh syvam srila Prabhupada jab West me gaye toh waha bhi toh sab tamoguni the....phir jaise woh Krishn ke bhagwati me lag sakte the toh baaki anaye q nahi,toh maharaj ji ye tark ko toh svyam Prabhupada ne hi fail kar diya
Baat sahi hai aapki par sab Sri Krishna ki hi bhakti nahi kar sakta jo vishesh buddhiman hai jinke upar vishesh kripa ho keval ohi bhakti kar sakta hai
Aur sabse upar, HDG Śrīla Prabhupāda Ji svayam shuddh bhakta hai, saare guno ke pare. We beg you, Kindly don't think anything nonsense about HDG Śrīla Prabhupāda or His Divine Grace's disciples. 🙏 If His Divine Grace (or His Disciples) blesses anyone, it doesn't matter whoever he maybe, however degraded he maybe, he will attain pure devotional service undoubtedly.
@@Kumarproductions10 हमें क्षमा करें पर जिस तरह से किया गया है केवल नास्तिको ओर मायावादियों के दृष्टि लिखा कि ओ भी सूने कभी कभी प्रचार में अभक्तो कि level से समझना परता है 🙏🙏Hare Krishna
Vedo k anusar shiv hi parm brahma hai. Geeta gyaan jab krishna ne diya uske baad arjun ne dubara bo geeta gyan sunne k liye kaha to krishna bhagvan ne kaha ab mein uss geeta gyan ko nahi keh sakta vo gyan mane parmatma k sath yog laga kar kaha tha isse sabit hota h geeta gyan parbrhma ne diya jo kaal rupi sadashiv hai vedo mein unhi ko vishvdhari batya hai shiv k alawa koi nhi nhi isliye unko raam krishna vishnu sabne unko pooja unke naam se mandir banvaye bhagvan shiv ne kisi k liye mandir nhi banvaye
भगवान की त्रिगुण माया से कोई भी अछूता नहीं है जी सारी सिष्टि उ त्रिगणी माया का बिकार है जी मा भगवती ही सबसे श्रेष्ठ है बाह्म बिष्णु महेश सब उसी का ध्यान करते हैजी कृष्ण अवतार भी मा काली कारूप है जी हरि ऊं जी सब मे बह्मा एक ही है 😊
Shri Krishna sirf ek roop hai us Parmatma ka. Lekin in vaishnavo nai Krishn ko Allah bana diya hai aur unko Supreme mante hai. Isse badi bakwas aur kuch nahi hai.
Adi Shankaracharya, Ved Vyaas and many other acharyas will refute your nonsensical claim by quoting: Bhaja Govindaṁ bhaja Govindaṁ Govindaṁ bhaja mūḍhamate saṁprāpte sannihite kāle nahi nahi rakṣati ḍuñkṛn-karaṇe O fool! Deluded by illusion! Chant the Holy Names of Govinda, sing the Holy Names of Govinda, serve Govinda. At the time of your death, your so-called knowledge won't help you. ~ Ādi Śaṅkarācārya, Bhaja Govindaṁ ekaṁ śāstraṁ devakī-putra-gītam eko devo devakī-putra eva eko mantras tasya nāmāni yāni karmāpy ekaṁ tasya devasya sevā Let there be one scripture only, one common scripture for the whole world - Bhagavad-Gītā. Let there be only one God - Śri Kṛṣṇa. Let there be only one hymn, one mantra, one prayer - the chanting of His name: Hare Kṛṣṇa, Hare Kṛṣṇa, Kṛṣṇa Kṛṣṇa, Hare Hare/ Hare Rāma, Hare Rāma, Rāma Rāma, Hare Hare. Let there be one work only - devotional service unto that Supreme Personality of Godhead, Śrī Kṛṣṇa. vede rāmāyaṇe caiva purāṇe bhārate tathā ādāv ante ca madhye ca Hariḥ sarvatra gīyate In all the Vedas, Rāmāyaṇa, Purāṇas, Mahābhārata, only Lord Hari's glories are sung everywhere, in the beginning, the middle, and also in the end. sarvopaniṣado gāvo dogdhā gopālanandana:। pārtho vatsa: sudhīrbhoktā dugdhaṃ gītāmṛtaṃ mahat॥ Meaning: All the Upanishads, (the essence of the Vedas) are the cows, the one who milked them being the son of a cowherd, Kṛṣṇa, the calf is Pārtha (Arjuna) and the milk, Gītā-Amṛta and the consumers of the milk were the people with right thinking, who seek the wisdom of the scriptures. Arjuna was the calf to induce the cow to give the milk.
महाराज जी को पता होना चाहिए कि शिव दुर्गा गणेश इश्वर कोटि के दैवता है वो जीव नहीं है शिव दुर्गा गणेश सामान्य दैवता नहीं है वो इश्वर ही है। कृष्ण शिव दुर्गा गणेश मे भेद करना अज्ञानता का परिचय देना है
क्या वेदों में श्रीकृष्ण जी को सुप्रीम बताया गया है...... ऋग्वेद के नासदिय सुक्त में विराट पुरुष को ही परमात्मा बताया गया है नाम नहीं बताया गया है लेकिन भी इस्कॉन वाले परेशान हैं 👉👉👉👉 यजुर्वेद 40/ 8 में बताया गया है कि वो परमात्मा नस नाड़ी घाव जन्म से रहित है यानी जन्म नहीं लेता 👈👉 लेकिन भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम का जन्म हुआ था 👈 इसलिए वो विराट पुरुष परमात्मा सर्व व्यापक है वेद स्वयं में ही प्रमाण है ❤❤
Bahunam janmanam ante Gyanvaan mam prapadayte Vasudevah sarvam iti Sa mahatma su durlabhah Bhagwaan Krishna ko supreme manne me karodon janm lag jaate hain. Or ye by mercy hota hai. Aap Bhagwadgeeta ka ye shloka padh sakte hain brief me.
Kyunki sabhi vedon ka saar Shrimad Bhagwadgeeta ya Shrimad Bhagwatam hai. Or ye Unhin Vedvyaas ji dwara Diya gaya hai. Jinhone ye saare ved diye gaye hain jinki aap baat kar rahe hain.
और यह परम पुरुष और कोई नहीं बल्कि स्वयं पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण हैं। बेचारे आर्य समाज वाले बहुत जलते हैं श्रीकृष्ण की सर्वोच्च भगवत्ता से। स्वयं आदिशंकराचार्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि सारे वेद, पुराण और उपनिषद श्रीकृष्ण की अतुल्य भगवत्ता का ही गुणगान करते हैं। सर्वोपनिषदो गावो दोग्धा गोपालनन्दनः । पार्थो वत्सः सुधिभोक्ता दुग्धं गीतामृतं महत् ।। “यह गीतोपनीषद (श्रीकृष्ण द्वारा) भगवद्गीता, जो समस्त उपनिषदों का सार है, गाय के तुल्य है और ग्वालबाल के रूप में विख्यात भगवान् श्रीकृष्ण इस गाय को दुह रहे है । अर्जुन बछड़े के समान है, और सारे विद्वान् तथा शुद्ध भक्त भगवद्गीताके अमृतमय दूध का पान करने वाले हैं ।” (गीता महात्म्य ६) एकं शास्त्रं देवकीपुत्रगीतम् । एको देवो देवकीपुत्र एव ।। एको मन्त्रस्तस्य नामानि यानि। कर्माप्येकं तस्य देवस्य सेवा ।। “आज के युग में लोग एक शास्त्र, एक ईश्र्वर, एक धर्म तथा एक वृति के लिए अत्यन्त उत्सुक हैं। अतएव सारे विश्व के लिए केवल एक शास्त्र भगवद्गीता हो। सारे विश्व के लिए एक ईश्वर हो - देवकीपुत्र श्रीकृष्ण । एक मन्त्र, एक प्रार्थना हो - उनके नाम का कीर्तन, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे। हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे। केवल एक ही कार्य हो - उन परम पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की सेवा।” (गीता महात्म्य ७) पर यह तथाकथित आर्य समाज वाले जली हुई बुद्धि के कारण श्रीकृष्ण से ईर्ष्या करते हैं। *परम पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण का कभी जन्म नहीं होता* : अजोSपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्र्वरोSपि सन्| प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय सम्भवाम्यात्ममायया ।।४.६ ।। यद्यपि मैं (श्रीकृष्ण) अजन्मा तथा अविनाशी हूँ और यद्यपि मैं समस्त जीवों का स्वामी हूँ, तो भी प्रत्येक युग में मैं अपने आदि दिव्य रूप में प्रकट होता हूँ | अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धयः | परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम् || BG ७.२४ || बुद्धिहीन मनुष्य मुझको ठीक से न जानने के कारण सोचते हैं कि मैं (भगवान् कृष्ण) पहले निराकार था और अब मैंने इस (मानव) स्वरूप को धारण किया है | वे अपने अल्पज्ञान के कारण मेरी अविनाशी तथा सर्वोच्च प्रकृति को नहीं जान पाते | *श्रीकृष्ण ही स्वयं सर्वव्यापक पूर्ण परमात्मा है जिनका सभी वेदों में गुणगान हुआ है* : उत्तमः पुरुषस्त्वन्यः परमात्मेत्युदाह्रितः | यो लोकत्रयमाविश्य बिभर्त्यव्यय ईश्र्वरः || १५.१७ || इन दोनों (क्षर और अक्षर) के अतिरिक्त एक परम पुरुष परमात्मा है जो साक्षात् अविनाशी है और जो तीनों लोकों में प्रवेश करके उनका पालन कर रहा है । यस्मात्क्षरमतीतोSहमक्षरादपि चोत्तमः | अतोSस्मि लोके वेदे च प्रथितः पुरुषोत्तमः || १५.१८ || चूँकि मैं (भगवान श्रीकृष्ण) क्षर तथा अक्षर दोनों के परे हूँ और चूँकि मैं सर्वश्रेष्ठ हूँ, अतएव मैं इस जगत् में तथा वेदों में परम पुरुष के रूप में विख्यात हूँ |
इस्कॉन वाले इब्राहिम आइडियोलॉजी पर चल रहे हैं... सुप्रीम कौन है इसके लिए लड़ रहे हैं...... गीता में शिव विष्णु में कोई भी भेद नहीं बताया गया है लेकिन....... इस्कॉन वाले इसी में लड़ रहे हैं कौन हैं सुप्रीम 😢😢😢
@@SrilaPrabhupadaMission केवल रावण के तमोगुणी( मांस) खाने बाला आदि आप सिद्ध कर सकते हो। सहस्रवाहू तो विष्णु भगवान के दत्तात्रेय अवतार का उपासक था। वृकासुर के तमोगुणी होने का कोई प्रमाण दो!
जय प्रभुपाद जय गुरुदेव जय गोविन्द हरे कृष्ण
Hare krishna . Dandvat pranam Maharajji
Dandvat Pranam Maharaj 🙌
Hare Krishna 😢! So kind and merciful, HH spoke so patiently and explains so well, we need to listen patiently as well!Very important topic! Our Pradhana Gunas influence our thoughts and actions the corresponding Demi Gods influence is seen! So there needs to be an elevation of Gunas and these Puranas give one that information.
❤ से दण्डवत प्रणाम हरे कृष्णा 🎉
Hare Krishna to all respected devotees
दण्डवत चरणों में कोटि कोटि प्रणाम ❤❤❤
हरे कृष्ण जय श्रील गुरु महाराज जी सादर प्रणाम 🙏🏻🌷🌿🌷🙏🏻
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
ईश्वरः परम कृष्ण सतचीदानंद विग्रह अनादिरआदिर गोविन्द सर्व कारण कारणम
Dandwat maharaj ji aapne gyan ka pat kohl diya dhanybad
🙏 नारायण नारायण गुरुवर
"व्यास " एक पद है, जिन पर विराजमान विद्वत प्रतिभाशाली संतो ने हमारे समाज को दिशा निर्देश देने का अद्भुत कार्य किए हैं।
आज कल के व्यास (कथावाचक) इतने बड़े ज्ञानी हैं कि एक शुद्ध तत्समक शब्द नहीं बोल पाते और उर्दू के शब्द पर निर्भर हो गए हैं।
व्यास कोई पद नहीं एक जीव है जिसका कर्म पुराणों के ज्ञान का प्रतिपादन करना है।
Hare Krsna Hare Krsna Krsna Krsna Hare Hare , Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare .🙏🙏🙏Srila Prabhupad Ji Ki Jai 🙏🙏🙏Guru Maharaj Ki Jai 🙏🙏🙏🙏🙏
Dandvat pranam Maharaj ji Jai Shril prabhupada
जगद्गुरु श्रील प्रभुपाद की जय परमपूज्य महाराज जी की जय आपके श्री चरणों में सादर दंडवत प्रणाम
Hare Krishna sant sadgurudev ke sadar charan kamlo me dandwat pranam
Jay Srila Guru Maharaj
HH RADHA GOVIND MAHARAJ KI JAI
HDG SRILA PRABHUPADA JI KI JAI 🙏 ❤
Jay shrila guru dev dandavat pranam 🙏🙏🙏🙏
Hare Krishna
Hare Krishna Guru maharaj ji dandwat pranam
Dandabat pranam guru moharaj ji ki Charan kamalame, sril guru moharaj ji ki jay, sril pravu pada ki jay
Hare Krishna
Dandvat pranam guru Maharaj ji
Hare Krishna Dandvat Pranam Pamho Maharaj ji ❣️🙏🏼
Very beautifully Explained Maharaj ji. Thanks for this wonderful Video. Hari Bol ❣️🙏🏼🚩
Radha Krishna 🙏
Hare Krishna please accept my humble obeisance unto Maharaj's lotus feet
त्तव तो एक ही वो एक से अनेक है अनेक से भी एक ही है कृष्ण शिव मानते है और शिव कृष्ण को वैसै सब एक ही है शाक्ति तो एक ही जी चीटी से लेकर सारी सिष्टि मे उसी की शाक्ति से चल रही है जी भगवान बेद ब्यास जी सब पुराणा मे सार तो यही है बह्मा एक ही वह अनेक भी कृष्ण ने अर्जुन को बिराट स्वरूप दिखाए कि सब मै ही तो हू भेदभाव नहीं करना चाहिये जी इस्कोन वालो को हरि ऊं जी
Hare Krishna 🙌 🙌 🙌 🎉🎉
DANDWAT MAHARAJ JI 🙏 🙏🙏🙏🙏🙏
Hare Krishna 🙏🙏
Hare Krishna Hare Rama 🙏🌷🥀🌹🌹🌺🪴🪴🥀🌺🌹🌹
हरि बोल धन्यवाद🙏💕
Hrekrishna
Param pujay Radha govind goswami guru maharaj ki jai
Hare Krishna 🙏 Guru Maharaj ji Dandwat Pranam 🙏🙏 , Hame Mahraj ji se Diksha lena hai kya karna parega hamko Please Bataye 🙏🙏
Hare Krishna ji guru maharaj ji ki charno me koti koti pranam..... contact to nearest iskcon preaching centre or iskcon temple or iskcon vrindavan
Bhai...mai bahut prayas kiya.....mai seva Kiya bahut din tk mahraj ji ka...but mujhe dixa nahi mila .....kyoki... mahrj ji dixa Dena band kr diye hai....
@@mediathought2108 😭😭😭😭😭🙏🙏
@@mediathought2108 koi nahi at least seva ka to mauka mila
With respect maharaji, app ki bat se sahamat nahi he, or maharaji shib bhakt to bhagbat puran ko tamho guni bolte। Por vedvyas ji hi in sob problem ki jimmeder lagtahe or kya bolu bahut hi confution he in puranomo me, or job kohi baisnob samaz or bhagbat pathak job apki jaisi uttor dete sach bol raha hu bahut hi dukh or takleef hoti he। Maharaji app logo se hi bahut confution bar raha he or takleef bhi। Por ap ki charano me koti koti pranam, kripa koriye 🙏🙏
Jai srila Prabhupada 🧿🧿
Question ka lvl thoda univercity wala hai
Answer thoda school lvl ho gaya
🕉देवी भागवत महापुराण,🔥 स्कंद 9, 🔥अध्याय 33, 🔥श्लोक 8 से 10 मे लिखा है कि
✅️जो अधम मनुष्य मूलप्रकृति भगवती जगदम्बाकी निन्दा करता है, जो वेद-शास्त्र तथा पुराणोंकी निन्दा करता है, जो ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओंकी निन्दामें संलग्न रहता है और जो मनुष्य गौरी- सरस्वती आदि देवियोंकी निन्दामें तत्पर रहता है- वे सब उस भयानक नरककुण्डमें जाते हैं, जिससे बढ़कर दुःखदायी दूसरा कोई कुण्ड नहीं होता। उस कुण्डमें अनेक कल्पोंतक वास करके वह मनुष्य सर्पयोनिको प्राप्त होता है। भगवतीकी निन्दाके अपराधका कोई प्रायश्चित्त ही नहीं है॥✅️
Bhai fir to prahlad Maharaj or Meera jaise. Bhagat galat hai
@@RaviKumar-y5h6u नहीं...वेद का सिद्धांत समझो पहले...✅️.एको देवः सर्वभूतेषु गूढः सर्वव्यापी सर्वभूतान्तरात्मा। ✨️
अगर सभी मे अपने इष्ट देव को देखोगे भेद रहित होकर तो ठीक है चाहे कोई भी रूप मानो क्युकी भगवान के अनन्त रूप हैं..✅️([यजुर्वेद✨️]अजायमानो बहुधा वीजायती)✅️अजन्मा बहुत रूप में प्रकट होता है
🔥अगर दूसरों को अपने ईस्ट से भिन्न मानोगे तो तुलना करोगे और वहीं से अपराध बन जाएगा..
🚩🚩🚩🚩🚩कभी भी किसी रूप की निंदा तुलना नहीं करना... क्युकी ऐक ही तत्व के सभी रूप हैं..
जैसे बर्फ पानी और भाप.....h2o🕉
@@RaviKumar-y5h6u ऐसा कभी भूल कर भी मत कहना... क्युकी भगवत महापुरुष की निंदा और टीका टिप्पणी के अपराध को भगवान भी क्षमा नहीं करते....✅️ दुर्वासा ऋषि और भक्त अंबरीश का प्रसंग सुनना......🕉
Shiv ji bhi param purushottam se he hein
1972 me Prabhu pad dwara English me likhi hui orginal bhagwat Geeta ko ab ki iskon. Walon ki Bhagwat Geeta me badlav Kiya Gaya matlab parbhu pad ki Bhagwat Geeta ni hai
कोई श्लोक संख्या घटा-बढा दी।
हर श्लोक अपने निश्चित अध्याय व संख्या पर है।
Padma puran mei likha hai ki jo tamoguni puran padhte hai vo nark jate hai kya sach mei aisa hota hai? Agar haa toh fir vo log apne aapko baaki guno mei uplift kaise karenge
Ved ki rachna vyas ne ki wah kya joke h😂😂 prashn karta bhi agyani aur uttar dena wala bhi maha agyani agyani hai
Aap bta do prbhu ji kisne ki
@@vijaykrishndasvkd5853 tu padh le brainwashed kahi ke ...sharam nahi aati? 100 sal pahle kisi ne ISCKON nam ka dhanda khol kar geeta ka translation badal kar tum logo ko gumrah bna raha hai ...are muze kya puchh raha khud pata kar le bevkoof insan
Ek shuddh bhakt mahaan Vaishnava ki iss prakar ninda karke aapne bhi apne prachur gyan ka bohot sundar udaharan diya hai..... sirf ritualistic knowledge se itna proud na ho jaaiye ki Bhagwan ke param bhakt ko nicha dikhaa de.... Man hi man Maharaj ki charan kamal mein kshama maang lijiye, warna Vaishnava apradh ka bhayankar bojh aap par aayega
शिव पुराण तमोगुणी लोगों के लिये है ऐसा किस शास्त्र से प्रमाणित होता है?
Adhiktar log jo maans bhakshi hote hai Shiv ji ki puja krte huve krte h jabki ye sb Bhagwad Gita me Krsna Bhakti me allow nahi h
1998sitaram क्या आप इंस्टाग्राम पर मिल सकते हो?
Hare Krsna .. Jaise srila prabhupada ji ne direct Param bhagwan sri Krsna ko introduce kiya western countries me... Waise he vedvyas ji ne kyu ni kiya? 😅
Kyu ki unhe har admi ke liye likha tha. Rakhyaso se lekar devtaon tak. Isiliye itna inconsistent hai .
Aur to aur unko direct nitya siddha srila Prabhupada ka sang Mila unke dwara prachar hua par yah har kisike liye sambhav nahi ki Srila Prabhupada jaise suddh bhakt ka sang mein Krishna ko samjhe
Woh bhi Ram Ram kehte kehte dhyan mein rehte hein
To mahraj ji hum prachar karne jaate hai to hume adhikansh log tamoguni milte hain,to hume logo ko shivpuran baatni chahiye,phir hum vagwad gita kyu kahte hai lene ke liye
@@AshishMahto-n2u क्योंकि इससे सब पता चल जाता, इसिको पढ़के महात्मा गांधी राजनीति किए, अल्बर्ट आइंस्टीन भी science में use किए
कृष्ण भक्ति करने वाले कृष्ण भक्ति करते है
फिर विदेशों में तमोगुणी गौ मांस भक्षियों को कृष्ण का उपदेश क्यों दिया गया? शिव जी का देना था, इस्कॉन के हिसाब से तमोगुणी भक्त शिव जी का उपासक बनेगा ना की, कृष्ण का।
ईसाई इस्लाम इस्कॉन एक ही हैं।
अगर इस्कॉन न होता तो आज सनातन धर्म बहुत पिछड़ गया होता क्योंकी तथाकथित पंडितों ने तो मंदिर में घंटियां बजाने को और अपना पेट भरने को ही धर्म माना है।
सिर्फ इस्कॉन ही सनातन धर्म का प्रचार कर रहा है।
पर तुम जैसे लोग कभी नहीं समझेंगे।
गीता पढ़ो तब पता चलेगा
Tamo guni sato guni bhi to ban Sakta hai na
@@SrilaPrabhupadaMission अभी आपके गुरु वीडियो में बता रहे हैं, को तमोगुणी को सत्वगुणी बनाने के लिए पहले शिव की भक्ति सिखाते हैं, फिर वैष्णव भक्ति। प्रश्न फिर भी टस है कि गौरमांस भक्षियों को बिना शिव आराधना के कैसे वैष्णव बना दिया गया?
@@KALKIKALIYUGkabhi kripa ke bareme suna hai??
Narad muni ek pakshiyo ko marnevale ko sidha vishnu bhakti dete hai bhagvat puran me aata hai to kya unko pehle us pakshiyo ko marne vale ko shiv bhakti dena chahiye???
@@SrilaPrabhupadaMission प्रोसेस बताएं?😂😂😂😂😂 आप लोगों ने ज्ञान अधिक ले लिया है बस, बकैती करना अच्छा लगता है, कृपा क्या है? यह देह शिव की कृपा है, इसमें आत्म नारायण की एवं समूल तंत्र इसके भीतर ब्रह्मा द्वारा स्थापित। क्या आपको ज्ञात है श्री राम चंद्र जी त्रेता में कृष्ण के विषय में क्या कह गए? आपके सोच से अधिक बड़ा है सनातन। प्रत्येक मनुष्य में तीनों गुणों के अंश है, ब्रह्मा द्वारा निर्धारित नियति के अधीन आपके कर्म होते हैं, जिनका सृजन नारायण एवं उद्धार शिव करते हैं। मायासुर परम शैवाक्त कृष्ण के भक्त पाडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का निर्माण करते हैं।
Shiv hi nirakar brahma hai पूरे ब्रह्मांड में केवल शिव की ही निराकार रूप में पूजा होती है उनकी पूजा राम कृष्ण दोनो ने की और। वेदों में शिव को ही परम ब्रह्मा बता है और महाभारत खत्म होने के बाद जब दुबारा अर्जुन को गीता ज्ञान सुनने की इक्षा हुई तो भगवान कृष्ण ने कहा था की वो गीता ज्ञान अब में ज्यो का त्यों भिबकेह सकता वो ज्ञान माने परब्रह्म से योग लगा कर बोला था अब में वो ज्ञान दुबारा नही दे सकता। इसका मतलब वो ज्ञान कृष्ण ने नही शिव ने बोला था।
Avarage bramha Kumari😂😂
ishvarah paramah krishnah
sac-cid-ananda-vigrahaha
anadir adir govindaha
sarva-karana-karanam
Bramaha Samhita
Shiv puran shivji saying to mata parvati aradhanam sarve shyam Vishnu aradhanam param
Actually it is padma puran@@omkarpe6687
Agar Tamo guni ke liye tamoguni devta hai...toh syvam srila Prabhupada jab West me gaye toh waha bhi toh sab tamoguni the....phir jaise woh Krishn ke bhagwati me lag sakte the toh baaki anaye q nahi,toh maharaj ji ye tark ko toh svyam Prabhupada ne hi fail kar diya
Baat sahi hai aapki par sab Sri Krishna ki hi bhakti nahi kar sakta jo vishesh buddhiman hai jinke upar vishesh kripa ho keval ohi bhakti kar sakta hai
Aur sabse upar, HDG Śrīla Prabhupāda Ji svayam shuddh bhakta hai, saare guno ke pare.
We beg you, Kindly don't think anything nonsense about HDG Śrīla Prabhupāda or His Divine Grace's disciples. 🙏
If His Divine Grace (or His Disciples) blesses anyone, it doesn't matter whoever he maybe, however degraded he maybe, he will attain pure devotional service undoubtedly.
Sabhi puran apne aapko shreshth batate hai toh fir yah kaise conclude kiya gaya ki bhagwat puran hi sabse shreshth hai
All ved and puranas goal is dharma artha kam and moksha, but bhagavat puran is rejecting all this first and giving shudh bhakti
पहले तो आप क्षमा मांगे की जो आपने कैसे लिख दिया कि वेद व्यास क्या मूर्ख थे.हमें नहीं लगता कि यह बात शोभा देनी चाहिए आपको जय श्री सीताराम
@@Kumarproductions10 हमें क्षमा करें पर
जिस तरह से किया गया है केवल नास्तिको ओर मायावादियों के दृष्टि लिखा कि ओ भी सूने
कभी कभी प्रचार में अभक्तो कि level से समझना परता है 🙏🙏Hare Krishna
Vedo k anusar shiv hi parm brahma hai. Geeta gyaan jab krishna ne diya uske baad arjun ne dubara bo geeta gyan sunne k liye kaha to krishna bhagvan ne kaha ab mein uss geeta gyan ko nahi keh sakta vo gyan mane parmatma k sath yog laga kar kaha tha isse sabit hota h geeta gyan parbrhma ne diya jo kaal rupi sadashiv hai vedo mein unhi ko vishvdhari batya hai shiv k alawa koi nhi nhi isliye unko raam krishna vishnu sabne unko pooja unke naam se mandir banvaye bhagvan shiv ne kisi k liye mandir nhi banvaye
One name of god is kavi search about it
The story you narrate is against vedas so it ilcan be ignored
Aapke iss senseless, headless information ka source lagta hai WhatsApp university hai 😂😂😂
भगवान की त्रिगुण माया से कोई भी अछूता नहीं है जी सारी सिष्टि उ त्रिगणी माया का बिकार है जी मा भगवती ही सबसे श्रेष्ठ है बाह्म बिष्णु महेश सब उसी का ध्यान करते हैजी कृष्ण अवतार भी मा काली कारूप है जी हरि ऊं जी सब मे बह्मा एक ही है 😊
Shri Krishna sirf ek roop hai us Parmatma ka. Lekin in vaishnavo nai Krishn ko Allah bana diya hai aur unko Supreme mante hai. Isse badi bakwas aur kuch nahi hai.
Adi Shankaracharya, Ved Vyaas and many other acharyas will refute your nonsensical claim by quoting:
Bhaja Govindaṁ bhaja Govindaṁ
Govindaṁ bhaja mūḍhamate
saṁprāpte sannihite kāle
nahi nahi rakṣati ḍuñkṛn-karaṇe
O fool! Deluded by illusion! Chant the Holy Names of Govinda, sing the Holy Names of Govinda, serve Govinda. At the time of your death, your so-called knowledge won't help you.
~ Ādi Śaṅkarācārya, Bhaja Govindaṁ
ekaṁ śāstraṁ devakī-putra-gītam
eko devo devakī-putra eva
eko mantras tasya nāmāni yāni
karmāpy ekaṁ tasya devasya sevā
Let there be one scripture only, one common scripture for the whole world - Bhagavad-Gītā. Let there be only one God - Śri Kṛṣṇa. Let there be only one hymn, one mantra, one prayer - the chanting of His name: Hare Kṛṣṇa, Hare Kṛṣṇa, Kṛṣṇa Kṛṣṇa, Hare Hare/ Hare Rāma, Hare Rāma, Rāma Rāma, Hare Hare. Let there be one work only - devotional service unto that Supreme Personality of Godhead, Śrī Kṛṣṇa.
vede rāmāyaṇe caiva purāṇe bhārate tathā
ādāv ante ca madhye ca Hariḥ sarvatra gīyate
In all the Vedas, Rāmāyaṇa, Purāṇas, Mahābhārata, only Lord Hari's glories are sung everywhere, in the beginning, the middle, and also in the end.
sarvopaniṣado gāvo dogdhā gopālanandana:।
pārtho vatsa: sudhīrbhoktā dugdhaṃ gītāmṛtaṃ mahat॥
Meaning:
All the Upanishads, (the essence of the Vedas) are the cows, the one who milked them being the son of a cowherd, Kṛṣṇa, the calf is Pārtha (Arjuna) and the milk, Gītā-Amṛta and the consumers of the milk were the people with right thinking, who seek the wisdom of the scriptures. Arjuna was the calf to induce the cow to give the milk.
हरी और हर में भेद करना अपराध है आप गलत बोल रहे है
Jab naam me hi bhed hai to abhed kis baat ka??
महाराज जी को पता होना चाहिए कि शिव दुर्गा गणेश इश्वर कोटि के दैवता है वो जीव नहीं है
शिव दुर्गा गणेश सामान्य दैवता नहीं है वो इश्वर ही है।
कृष्ण शिव दुर्गा गणेश मे भेद करना अज्ञानता का परिचय देना है
क्या वेदों में श्रीकृष्ण जी को सुप्रीम बताया गया है...... ऋग्वेद के नासदिय सुक्त में विराट पुरुष को ही परमात्मा बताया गया है नाम नहीं बताया गया है लेकिन भी इस्कॉन वाले परेशान हैं 👉👉👉👉 यजुर्वेद 40/ 8 में बताया गया है कि वो परमात्मा नस नाड़ी घाव जन्म से रहित है यानी जन्म नहीं लेता 👈👉 लेकिन भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम का जन्म हुआ था 👈 इसलिए वो विराट पुरुष परमात्मा सर्व व्यापक है वेद स्वयं में ही प्रमाण है ❤❤
❤❤
Bahunam janmanam ante
Gyanvaan mam prapadayte
Vasudevah sarvam iti
Sa mahatma su durlabhah
Bhagwaan Krishna ko supreme manne me karodon janm lag jaate hain. Or ye by mercy hota hai. Aap Bhagwadgeeta ka ye shloka padh sakte hain brief me.
Kyunki sabhi vedon ka saar Shrimad Bhagwadgeeta ya Shrimad Bhagwatam hai. Or ye Unhin Vedvyaas ji dwara Diya gaya hai. Jinhone ye saare ved diye gaye hain jinki aap baat kar rahe hain.
और यह परम पुरुष और कोई नहीं बल्कि स्वयं पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण हैं। बेचारे आर्य समाज वाले बहुत जलते हैं श्रीकृष्ण की सर्वोच्च भगवत्ता से।
स्वयं आदिशंकराचार्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि सारे वेद, पुराण और उपनिषद श्रीकृष्ण की अतुल्य भगवत्ता का ही गुणगान करते हैं।
सर्वोपनिषदो गावो दोग्धा गोपालनन्दनः ।
पार्थो वत्सः सुधिभोक्ता दुग्धं गीतामृतं महत् ।।
“यह गीतोपनीषद (श्रीकृष्ण द्वारा) भगवद्गीता, जो समस्त उपनिषदों का सार है, गाय के तुल्य है और ग्वालबाल के रूप में विख्यात भगवान् श्रीकृष्ण इस गाय को दुह रहे है । अर्जुन बछड़े के समान है, और सारे विद्वान् तथा शुद्ध भक्त भगवद्गीताके अमृतमय दूध का पान करने वाले हैं ।” (गीता महात्म्य ६)
एकं शास्त्रं देवकीपुत्रगीतम् ।
एको देवो देवकीपुत्र एव ।।
एको मन्त्रस्तस्य नामानि यानि।
कर्माप्येकं तस्य देवस्य सेवा ।।
“आज के युग में लोग एक शास्त्र, एक ईश्र्वर, एक धर्म तथा एक वृति के लिए अत्यन्त उत्सुक हैं। अतएव सारे विश्व के लिए केवल एक शास्त्र भगवद्गीता हो। सारे विश्व के लिए एक ईश्वर हो - देवकीपुत्र श्रीकृष्ण । एक मन्त्र, एक प्रार्थना हो - उनके नाम का कीर्तन, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे। हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे। केवल एक ही कार्य हो - उन परम पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की सेवा।” (गीता महात्म्य ७)
पर यह तथाकथित आर्य समाज वाले जली हुई बुद्धि के कारण श्रीकृष्ण से ईर्ष्या करते हैं।
*परम पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण का कभी जन्म नहीं होता* :
अजोSपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्र्वरोSपि सन्|
प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय सम्भवाम्यात्ममायया ।।४.६ ।।
यद्यपि मैं (श्रीकृष्ण) अजन्मा तथा अविनाशी हूँ और यद्यपि मैं समस्त जीवों का स्वामी हूँ, तो भी प्रत्येक युग में मैं अपने आदि दिव्य रूप में प्रकट होता हूँ |
अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धयः |
परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम् || BG ७.२४ ||
बुद्धिहीन मनुष्य मुझको ठीक से न जानने के कारण सोचते हैं कि मैं (भगवान् कृष्ण) पहले निराकार था और अब मैंने इस (मानव) स्वरूप को धारण किया है | वे अपने अल्पज्ञान के कारण मेरी अविनाशी तथा सर्वोच्च प्रकृति को नहीं जान पाते |
*श्रीकृष्ण ही स्वयं सर्वव्यापक पूर्ण परमात्मा है जिनका सभी वेदों में गुणगान हुआ है* :
उत्तमः पुरुषस्त्वन्यः परमात्मेत्युदाह्रितः |
यो लोकत्रयमाविश्य बिभर्त्यव्यय ईश्र्वरः || १५.१७ ||
इन दोनों (क्षर और अक्षर) के अतिरिक्त एक परम पुरुष परमात्मा है जो साक्षात् अविनाशी है और जो तीनों लोकों में प्रवेश करके उनका पालन कर रहा है ।
यस्मात्क्षरमतीतोSहमक्षरादपि चोत्तमः |
अतोSस्मि लोके वेदे च प्रथितः पुरुषोत्तमः || १५.१८ ||
चूँकि मैं (भगवान श्रीकृष्ण) क्षर तथा अक्षर दोनों के परे हूँ और चूँकि मैं सर्वश्रेष्ठ हूँ, अतएव मैं इस जगत् में तथा वेदों में परम पुरुष के रूप में विख्यात हूँ |
😂😂😂 ye tumne Aryasamaj walo ka translation padh liya, vo to vaise bhi nastik log hai
इस्कॉन वाले इब्राहिम आइडियोलॉजी पर चल रहे हैं... सुप्रीम कौन है इसके लिए लड़ रहे हैं...... गीता में शिव विष्णु में कोई भी भेद नहीं बताया गया है लेकिन....... इस्कॉन वाले इसी में लड़ रहे हैं कौन हैं सुप्रीम 😢😢😢
👌👌
शिव एवं विष्णु में भेद नहीं है, ऐसा गीता के कौन से श्लोक में लिखा है?
ishvarah paramah krishnah
sac-cid-ananda-vigrahaha
anadir adir govindaha
sarva-karana-karanam
BRAMHA SAMHITA
@@Direndravarma kyun bhagvan to ek hi Hain na?
Iskcon wale nahi lad rahe vo to clear hai khud me..
Log lad rage hai.. log confuse hai.
क्या शिव जी के भक्त ही तमोगुणी होते हैं?
ज्यादातर
@@SrilaPrabhupadaMission कोई एक-दो उदहारण दो! कृपया।
@@True-knowledge-HAR-HAR-MAHADEV वृकासुर, सहस्रवाहु , रावण,
@@SrilaPrabhupadaMission केवल रावण के तमोगुणी( मांस) खाने बाला आदि आप सिद्ध कर सकते हो।
सहस्रवाहू तो विष्णु भगवान के दत्तात्रेय अवतार का उपासक था।
वृकासुर के तमोगुणी होने का कोई प्रमाण दो!
@@SrilaPrabhupadaMission 1998sitaram क्या हम इंस्टाग्राम पर मिल सकते हैं?
Ved me na krisna ko supreem mana hai na upnishad me mana hai ...😂 Ye baba log bevkoof purano me hi bna dete hai
It's not a proper knowledge. Questions was good but answers are manipulated. One can get higher devotion by devotions of Lord Shiva also, Ganesh also