मन तुम्हारा मालिक बन गया है ! उसे रोको ! स्वामी रामकृष्ण परमहंस

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  • Опубліковано 5 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 6

  • @gurukulaashram7330
    @gurukulaashram7330 Місяць тому +2

    सत् नमन

  • @ranibhagchandani2156
    @ranibhagchandani2156 Місяць тому +2

    Satnam sakhi

  • @VishwjeetMeena-fh1gr
    @VishwjeetMeena-fh1gr Місяць тому

    Sree sadgurudev bhagwan ke sree charno me koti koti pirnam jai sree ram jai jai ram sree ram ram rameti me

  • @PawanThakur-vp6nl
    @PawanThakur-vp6nl Місяць тому

    Jay Guru Maharaj

  • @vinodtyagi6129
    @vinodtyagi6129 Місяць тому

    SHRI RAM KRISHAN PARAMHANS EK MAHAN YOGI THE PER MAINE PADHA HAI VO MACHLI KHATE THE KYA UNKE MAN ME KISI JEEV KE PRITI DAYA NAHI AAYI MERE ISS PRAHSAN KAA UTTAR BATAYEIN

    • @OmAdvaitAshram
      @OmAdvaitAshram  Місяць тому

      संतो के चरित्र पर टिप्पणी करने से अच्छा है की जो उनसे सीखने लायक है, उसे सीखो और जो उनसे सीखने लायक नहीं है, उसे मत सीखो जो उन्होंने किया वह मत करो जो वह हमें बता रहे हैं, वह करो इसी में हमारा कल्याण है। हां मानते हैं कि उनमें यह दोष था कि वह मीट खाते थे तो यह भी तो हो सकता है कि हर इंसान में एक न एक कमी होती है। इस प्रकार कोई भी संत हो अगर उसमें जो दोष है वह दोष हमें ग्रहण नहीं करना है उनमें जो अच्छे गुण हैं केवल वही हमें ग्रहण करना है। हम किसी भी संत के दोष को तुरंत पहचान लेते हैं लेकिन उनमें जो अच्छे गुण है उन्हें क्यों नहीं पहचानते। और अगर आज रामकृष्ण परमहंस होते और उनसे यह प्रश्न पूछा जाता तो शायद वह भी यही उत्तर देते कि हां मुझ में यह दोष है वह इस दोष को तुरंत ही स्वीकार कर लेते।