मात्र 11 मिनट घर में चलाए कलयुग का सबसे शक्तिशाली चालीसा होंगी सब परेशानियां दूर करो ||
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- Опубліковано 8 лис 2024
- / @arti-darshan
⭐RT : 2807
⭐SONG: Ganesh Chalisa
⭐SINGER: Bal Krishn (Anoop Sharma)
⭐MUSIC: RT Beats
⭐LYRICS/Writer: Traditional
⭐CAMERA/D.O.P:
⭐EDITOR/GRAPHICS: Ritu Gurung
⭐PRODUCER: Mukesh Nnadal
⭐DIRECTOR: OmVeer Singh
⭐MUSIC LABEL : Arti-Darshan
⭐CATEGORY: Hindi Devotional ( Bhajan)
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥
गणपति सदगुण
सदन
कविवर बदन
कृपाल विघ्न हरण मंगल
करण जय जय गिरिजाला
[संगीत]
[संगीत]
[प्रशंसा]
[संगीत]
जय जय जय जय गणपति
राजू मंगल भरण करण शुभ
काजू जय गज बदन सदन सुख
दाता विश्व
विनायक बुद्धि विधाता
[संगीत]
वक्रतुंड शुचि शुं
सुहावन तिलक त्रिपुंड भाल मन
भावन रचित मणि मुक्त उर
माला स्वर्ण मुकुट शिर नयन
विशाला पुस्तक पाण कुठार
त्रिशूल मोदक भोग
सुगंधित
फलम सुंदर
पीतांबर तन
साजि चरण
पादुका मुनि मन राजित
[संगीत]
धन शिव सुवन
सड़न
भ्राता गौरी ललन विश्व
विधाता रिद्धि सिद्धि तब चवरिया
वे मूसक वाहन सोहत
द्वारे कहां जन्म शुभ कथा
तुम्हारी अति शुच पावन
मंगलकारी एक समय
गिरिराज
कुमारी पुत्र हेतु तप की ना भारी
[संगीत]
[प्रशंसा]
भयो यग जब पूर्ण
अनूपा तब पहुंचो तुम धर द्विज
रूपा अतिथि जान के गौरर
सुखारी बहु विधि सेवा करी
तुम्हारी अति प्रसन्न हवे तुम
वदीना मातु पुत्र हित जो तप
कीना मिल ही पुत्र तू ही बुद्धि विष
ला बिना गर्भ धारण यही काला
[संगीत]
गणनायक गुण ज्ञान
निदाना पूजित प्रथम रूप
भगवाना अस कही अंतर धान रूप हवे पलना पर
बालक स्वरूप भवे बनिस शुरू दन जब ही तुम
ठाना लखि मुख सुख नहीं गौरी
समाना सकल मगन सुख मंगल
गाव नभ सुरन सुमन वर्ष वही
[संगीत]
शंभु उमा बहु दान लुटा वही सुर मुनि जन
सुत देखन आव ही लखी अति आनंद मंगल
साजा देखन भी आए शनि राजा
निज अवगुण गुण शनि मन
माही बालक देखन चाहत
नाही गिरजा कछु मन भेद
बढ़यो उत्सव मोरना शनि तू ही भायो
[संगीत]
[प्रशंसा]
कहन लगे शनि मन सक
उचाई का करी हो शिशु मोही
दिखाई नहीं विश्वास उमा कर
भय शनि सो बालक
देखन
कयु पंडित ही शनि दृग कोण
प्रकाशा बालक शिर उड़ गयो
आकाशा गिरजा गिर विकल हवे
धरनी सो सुख दशा गयो नहीं वरनी
[संगीत]
हाहाकार मयों
कैलाशा शनि की न हो लखी सुत को
नाशा तुरत गरुड़ चढ़ी विष्णु
सिधाए काट चक्र सो गज सिर
लाए बालक के धड़ ऊपर
धारियो प्राण मंत्र पढ़ शंकर
डारो नाम गणेश शम शू तब
कीने प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वरदी
[संगीत]
बुद्धि
परीक्षा जब शिव की नाहा पृथ्वी की
प्रदक्षिणा
लीन चले
सड़न भर्म
भुलाई रच बैठ तुम बुद्धि
उपाई चरण मातु पितु के धर लीने
के साथ प्र दक्षिण
कीने धन गणेश कही शिव हिय हर से नते सुरन
सुमन बहु बर से
[संगीत]
तुमरी महिमा बुद्धि
बढाई शेष सहस मुख सके ना
गाई मैं मती हीन मलीन
दुखारी करहु कौन विधि बिन तु
री भजते राम सुंदर प्रभु
दासा लख प्रया ककरा
दुर्वासा अब प्रभु दया दीन पर की जय अपनी
शक्ति भक्ति कुछ दी
जय अपनी
शक्ति भक्ति कुछ
दीज श्री गणेश यह
[संगीत]
चालीसा पाठ करे उर
ध्यान नित नव
मंगल ग्रह
बसे लहे जगत समा
संभवत
अपन सहस्र
दश ऋषि
पंचमी
दिनेश पूरण
चालीसा
भयो मंगल मूर्ति
गणेश i