अद्भुत हैं हमारे पेन पुरखोंके रिति निति और रिवाज हमको इन्हें हीपुजना हैइन्हें ही दुखों में सुमिरन करना है मगर हमारे लोग तो कुछ ऐसे चीजों में रमे रहते हैं जिसका हमें जरूत नहीं जिससे की हमारा संस्कृति को नुक्सान हो रहा है
मेरे बस्तर के प्यारे आदिवासी भाइयों जोहार यदि हम अपनी संस्कृति को साइंटिफिक रीजन के साथ बताएंगे तो कई लोग जुड़ते जाएंगे आज का युग विज्ञान का युग है और हम प्रकृति को पूजने वाले हैं मैं भी पिछले साल सेमर गांव का लिंगो जात्रा देखी है वहां का अद्भुत नज़ारा देख मेरे आंखों से आंसू गिर रहे थे मै पहली बार देख रही थी मेरे मन में कई सवाल उठ रहे थे आदिवासी प्रकृति पूजारी है तो यह सब क्या है हमारी पूजा पद्धति प्रकृति के अनुसार होता है तो कैसे होता है हमारे देवताओं के डॉगपालो का रंग लाल सफेद और काला क्यों है हरा भी तो होना चाहिए ऐसे कई सवाल मेरे मन में आ रहे थे मुझे किसी ने तो नहीं बताया मैं अपनी मती अनुसार निष्कर्ष निकाली हूं और गोंड होने के नाते सभी सगा जनों जो बताना चाहती हूं साइंस के अनुसार और प्रकृति के अनुसार सही है हमारे और डांगपालो ध्वजा में प्रकृति का बड़ा ही गुढ रहस्य छिपा है हमारे देवता का ध्वजा लाल सफेद और काला होता है लाल रंग दिन का सूर्य देवता अग्नि का प्रतीक है जो उग्रता को दर्शाता है सफेद रंग शुक्ल पक्ष चंद्रमा शीतलता का प्रतीक जो शांत रूप को दर्शाता है और काला रंग कृष्ण पक्ष की घनघोर अंधेरा का प्रतीक है जो भयानक काल रूप को दर्शाता है मनुष्य और प्राणियों का खून में दो रक्त कणिकाएं पाया जाता है पहला लाल रक्त कणिका दूसरा श्वेत रक्त कणिका इसी से मनुष्य और प्राणियों का जीवन चक्र चलता है विज्ञान में इसे सेल्स कहते हैं उसको दूरबीन में देखने से सेल्स सूरज और चांद की तरह चमकता है कहते हैं इसलिए लंबे बांस के ऊपर फहराया जाता है इन ध्वजो को आकाश की ओर ऊपर देखना पड़ता है यह हमको यह शिक्षा देता है हम भी उस बांस की तरह ऊंचा उठे चांद सूरज की तरह चमके अपना जीवन उज्जवल करें जब लिंगो देवता अपनी गद्दी से उठ कर बाहर निकलता है तब उसके साथ डांग ध्वजा पकड़े लोग और बिना ध्वजा की लंबी बांस पकड़े हुए लोग भी रहते हैं जब लिंगों चलता है तब अचानक बीच-बीच मे एक ही स्थान पर इकट्ठा होकर खाली लंबे बांसो को एक दूसरे से टकराते हैं यह कृत्य हमें यह संदेश देता है कि जब जीवन में आंधी तूफान आए सुख दुख आए तो एक साथ सभी मिल जुलकर रहे एक दूसरे को आगे बढ़ने के लिए मदद करे बांस की समूह की तरह इकट्ठा होकर रहोगे तो तुम्हें कोई भी आंधी तूफान गिरा नहीं पाएगा और तुम उस बांस की तरह ऊपर आगे ही बढ़ते जाओगे कितना भी आंधी तूफान आता है बॉस टूट कर कभी नहीं गिरता है क्योंकि सभी एक दूसरे के करीब रहने के कारण किसी को गिरने नहीं देते हैं बस हमें जीवन में आगे बढ़ने का शिक्षा देता है अंगा पेन के बारे में और किसी कमेंट में बताऊंगी गोडियन संस्कृति का प्रचार करो ताकि सभी वर्ग के लोग जय जय कार करे
जय सेवा जय जोहार दीदी आपने बहुत सुंदर और सकारात्मक ,रचनातमक और सारगर्भित रूप से जानकारी देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद l आपने आँखों देखी बात को हमारे गोड धर्म संस्कृती का साइंटिफिक रिजन का गुण रहस्य की जानकारी दी.l धन्यवाद, बधाई, सेवा जोहर जय आदिवासी l७५०
हम प्रकृति पूजक है यह सत्य है जिस प्रकार तुंडा, मंडा, कुंडा होता है वैसे ही हमरे जीवन मे ये तीन पालो का रंग भी प्रथम लाल रंग मातृ शक्ति का, दूसरा सफ़ेद पितृ शक्ति का, और कला काल शक्ति का
बहुत ही प्यारा लगा हमारी आदिवासी पहचान और संस्कृति को सेवाजोहर बरमबर हृदय से जोहार
जय सेवा जय जोहर दादा देव नहाने का दृश्य दिखाने के लिए धन्यवाद l गोड संस्कृति महान है जय आदिवासी जय शंभु- गवरा जय बूढ़ा देव l
अद्भुत हैं हमारे पेन पुरखोंके रिति निति और रिवाज हमको इन्हें हीपुजना हैइन्हें ही दुखों में सुमिरन करना है मगर हमारे लोग तो कुछ ऐसे चीजों में रमे रहते हैं जिसका हमें जरूत नहीं जिससे की हमारा संस्कृति को नुक्सान हो रहा है
गडचिरोली महाराष्ट्र से,जय जोहार
Aanga pean jey johar asham
A special video which I have enjoyed and get some real information. Good video.
मेरे बस्तर के प्यारे आदिवासी भाइयों जोहार यदि हम अपनी संस्कृति को साइंटिफिक रीजन के साथ बताएंगे तो कई लोग जुड़ते जाएंगे आज का युग विज्ञान का युग है और हम प्रकृति को पूजने वाले हैं मैं भी पिछले साल सेमर गांव का लिंगो जात्रा देखी है वहां का अद्भुत नज़ारा देख मेरे आंखों से आंसू गिर रहे थे मै पहली बार देख रही थी मेरे मन में कई सवाल उठ रहे थे आदिवासी प्रकृति पूजारी है तो यह सब क्या है हमारी पूजा पद्धति प्रकृति के अनुसार होता है तो कैसे होता है हमारे देवताओं के डॉगपालो का रंग लाल सफेद और काला क्यों है हरा भी तो होना चाहिए ऐसे कई सवाल मेरे मन में आ रहे थे मुझे किसी ने तो नहीं बताया मैं अपनी मती अनुसार निष्कर्ष निकाली हूं और गोंड होने के नाते सभी सगा जनों जो बताना चाहती हूं साइंस के अनुसार और प्रकृति के अनुसार सही है हमारे और डांगपालो ध्वजा में प्रकृति का बड़ा ही गुढ रहस्य छिपा है हमारे देवता का ध्वजा लाल सफेद और काला होता है लाल रंग दिन का सूर्य देवता अग्नि का प्रतीक है जो उग्रता को दर्शाता है सफेद रंग शुक्ल पक्ष चंद्रमा शीतलता का प्रतीक जो शांत रूप को दर्शाता है और काला रंग कृष्ण पक्ष की घनघोर अंधेरा का प्रतीक है जो भयानक काल रूप को दर्शाता है मनुष्य और प्राणियों का खून में दो रक्त कणिकाएं पाया जाता है पहला लाल रक्त कणिका दूसरा श्वेत रक्त कणिका इसी से मनुष्य और प्राणियों का जीवन चक्र चलता है विज्ञान में इसे सेल्स कहते हैं उसको दूरबीन में देखने से सेल्स सूरज और चांद की तरह चमकता है कहते हैं इसलिए लंबे बांस के ऊपर फहराया जाता है इन ध्वजो को आकाश की ओर ऊपर देखना पड़ता है यह हमको यह शिक्षा देता है हम भी उस बांस की तरह ऊंचा उठे चांद सूरज की तरह चमके अपना जीवन उज्जवल करें जब लिंगो देवता अपनी गद्दी से उठ कर बाहर निकलता है तब उसके साथ डांग ध्वजा पकड़े लोग और बिना ध्वजा की लंबी बांस पकड़े हुए लोग भी रहते हैं जब लिंगों चलता है तब अचानक बीच-बीच मे एक ही स्थान पर इकट्ठा होकर खाली लंबे बांसो को एक दूसरे से टकराते हैं यह कृत्य हमें यह संदेश देता है कि जब जीवन में आंधी तूफान आए सुख दुख आए तो एक साथ सभी मिल जुलकर रहे एक दूसरे को आगे बढ़ने के लिए मदद करे बांस की समूह की तरह इकट्ठा होकर रहोगे तो तुम्हें कोई भी आंधी तूफान गिरा नहीं पाएगा और तुम उस बांस की तरह ऊपर आगे ही बढ़ते जाओगे कितना भी आंधी तूफान आता है बॉस टूट कर कभी नहीं गिरता है क्योंकि सभी एक दूसरे के करीब रहने के कारण किसी को गिरने नहीं देते हैं बस हमें जीवन में आगे बढ़ने का शिक्षा देता है अंगा पेन के बारे में और किसी कमेंट में बताऊंगी गोडियन संस्कृति का प्रचार करो ताकि सभी वर्ग के लोग जय जय कार करे
जय सेवा जय जोहार दीदी आपने बहुत सुंदर और सकारात्मक ,रचनातमक और सारगर्भित रूप से जानकारी देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद l आपने आँखों देखी बात को हमारे गोड धर्म संस्कृती का साइंटिफिक रिजन का गुण रहस्य की जानकारी दी.l धन्यवाद, बधाई, सेवा जोहर जय आदिवासी l७५०
Nice di. 🙏jay Seva
हम प्रकृति पूजक है यह सत्य है जिस प्रकार तुंडा, मंडा, कुंडा होता है वैसे ही हमरे जीवन मे ये तीन पालो का रंग भी प्रथम लाल रंग मातृ शक्ति का, दूसरा सफ़ेद पितृ शक्ति का, और कला काल शक्ति का
आपके लिए एक बहुत सुंदर लगा कांति दीदी आपको बारंबार सेवा जोहार
Aise hi video banate rahna bhai
Kitna majedar bath le rahe hai dhyana hai.❤️❤💕🙏🏾 Ishwar sabko ashirwad de.
बहुत बढिया ।
Sewa johar Bhai 🙏🙏🙏
सेवा जोहर दादा
सभी को सेवा जोहार जय आदिवासी 🏹🏹🏹 बहुत ही सुन्दर
Amazing Bhai
जय राजघाट देव
जोहार दादा...
Nys vlog yll
Jay Johar Jay Seva
Bahut acha lga yrr
Congratulation bro 2k subscribe ke liye
सेवा जोहार
जोहार भाई 🙏🙏🙏बहुत बहुत बधाई हो ❤
गोंड गोंडी गोंडवाना संस्कृति जय ,
सेवा जोहार 🙏
जय जोहर जय सेवा
ok,sir, good
आंगा देव कैसे बनता है इसी को देखने की ललक था मेरे को🙏 और आज देख भी लिया 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Nice vlogs Bhai.....
Dekhna bahut jldi gro hoga aapka Channel
Fast time life ME Dekha Bhai Mai to
2k subscribe complete huaa uske liye bahut bahut badhai 🙏
Ek number
लगे रहो
Kaii msr
Mst bhai
Good information.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जोहार 🙏
Lge rho
Jai gond wanna🚩🚩🚩🚩🚩
👏👍👏👍
Bs mahant kro
Seva johar dada mava thihar Kun ehe youtub the parchar prasar kisok man 🙏🙏🙏
Nice bro
Mst
Kaii mst
Super
Osm
Nice
Good
Knha ka hai btao
आप लोग सोचिए हमारे मुल देव कौन है और हम क्या करते फिरते रहते हैं
❤️❤️❤️❤️❤️
❤❤
👌👌👌
Thank y bhai
🙏🙏🙏
Whater mark dala Karo Bhai nhi to koi bhi video chori kar sakta hai
Hn bhai 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Ye bhi jada din nahi rahe har sal44 hajer log esai dharm apna rahe hai ....hamara ...kya bolu yar ....
Mo no dijiye
सुधर संस्कृति।
Ek number
Lge rho
Super
❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏