माँ काली के भक्त कालीचरण ने क्यों किया श्री गणेश पर प्रहार !!

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  • Опубліковано 28 вер 2024
  • माँ काली के भक्त कालीचरण ने क्यों किया श्री गणेश पर प्रहार !! #ShreeGanesh !! Episode 254
    Director: Dheeraj Kumar
    Producer: Zuby Kochhar
    Production: Creative Eye
    Dialogue Writer : Vikas Kapoor
    Screenplay Writer : Darshan Laad
    Music: Shaarang Dev
    Digital Partner: vianet media pvt ltd
    Mail ID:- info@vianetmedia.com
    जानिए क्या है श्रीगणेश पुराण !
    गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं।
    उनका वाहन डिंक नामक मूषक है।
    गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है।
    ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं।
    हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं।
    गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें प्रथमपूज्य भी कहते है।
    गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपत्य कहलाता है।
    गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश,विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। उपरोक्त द्वादश नाम नारद पुराण में पहली बार गणेश के द्वादश नामवलि में आया है।[1] विद्यारम्भ तथ विवाह के पूजन के प्रथम में इन नामो से गणपति के अराधना का विधान है।
    गणपति आदिदेव हैं जिन्होंने हर युग में अलग अवतार लिया। उनकी शारीरिक संरचना में भी विशिष्ट व गहरा अर्थ निहित है।
    शिवमानस पूजा में श्री गणेश को प्रणव (ॐ) कहा गया है।
    इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे का भाग उदर, चंद्रबिंदु लड्डू और मात्रा सूँड है।
    चारों दिशाओं में सर्वव्यापकता की प्रतीक उनकी चार भुजाएँ हैं।
    वे लंबोदर हैं क्योंकि समस्त चराचर सृष्टि उनके उदर में विचरती है। बड़े कान अधिक ग्राह्यशक्ति व छोटी-पैनी आँखें सूक्ष्म-तीक्ष्ण दृष्टि की सूचक हैं।
    उनकी लंबी नाक (सूंड) महाबुद्धित्व का प्रतीक है।
    प्राचीन समय में सुमेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था। उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था।
    एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई। उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहाँ आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया।
    कौंच ने ऋषि-पत्नी का हाथ पकड़ लिया।
    रोती और काँपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख माँगने लगी।
    उसी समय सौभरि ऋषि आ गए।
    उन्होंने गंधर्व को श्राप देते हुए कहा 'तूने चोर की तरह मेरी सहधर्मिणी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा।
    काँपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की-'दयालु मुनि, अविवेक के कारण मैंने आपकी पत्नी के हाथ का स्पर्श किया था।
    मुझे क्षमा कर दें।
    ऋषि ने कहा मेरा श्राप व्यर्थ नहीं होगा, तथापि द्वापर में महर्षि पराशर के यहाँ गणपति देव गजमुख पुत्र रूप में प्रकट होंगे (हर युग में गणेशजी ने अलग-अलग अवतार लिए) तब तू उनका डिंक नामक वाहन बन जाएगा, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे। सारे विश्व तब तुझें श्रीडिंकजी कहकर वंदन करेंगे।
    गणेश को जन्म न देते हुए माता पार्वती ने उनके शरीर की रचना की।
    उस समय उनका मुख सामान्य था।
    माता पार्वती के स्नानागार में गणेश की रचना के बाद माता ने उनको घर की पहरेदारी करने का आदेश दिया।
    माता ने कहा कि जब तक वह स्नान कर रही हैं तब तक के लिये गणेश किसी को भी घर में प्रवेश न करने दे।
    तभी द्वार पर भगवान शंकर आए और बोले "पुत्र यह मेरा घर है मुझे प्रवेश करने दो।"
    गणेश के रोकने पर प्रभु ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया।
    गणेश को भूमि में निर्जीव पड़ा देख माता पार्वती व्याकुल हो उठीं।
    तब शिव को उनकी त्रुटि का बोध हुआ और उन्होंने गणेश के धड़ पर गज का सर लगा दिया।
    उनको प्रथम पूज्य का वरदान मिला इसीलिए सर्वप्रथम गणेश की पूजा होती है।
    गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश,विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। उपरोक्त द्वादश नाम नारद पुराण में पहली बार गणेश के द्वादश नामवलि में आया है।[1] विद्यारम्भ तथ विवाह के पूजन के प्रथम में इन नामो से गणपति के अराधना का विधान है।
    पिता- भगवान शंकर
    माता- भगवती पार्वती
    भाई- श्री कार्तिकेय (बड़े भाई)
    बहन- -अशोकसुन्दरी
    पत्नी- दो (१) ऋद्धि (२) सिद्धि (दक्षिण भारतीय संस्कृति में गणेशजी ब्रह्मचारी रूप में दर्शाये गये हैं)
    पुत्र- दो 1. शुभ 2. लाभ
    प्रिय भोग (मिष्ठान्न)- मोदक, लड्डू
    प्रिय पुष्प- लाल रंग के
    प्रिय वस्तु- दुर्वा (दूब), शमी-पत्र
    अधिपति- जल तत्व के
    प्रमुख अस्त्र- पाश, अंकुश
    वाहन - मूषक

КОМЕНТАРІ • 21

  • @kcsharma9171
    @kcsharma9171 3 роки тому +2

    Har har mahadev Ram

  • @rajeshdhall2366
    @rajeshdhall2366 2 роки тому +1

    Jai Shree Ganesh

  • @arunbarikarunbarik1875
    @arunbarikarunbarik1875 3 роки тому +2

    Jay shree ganesh

  • @kcsharma9171
    @kcsharma9171 3 роки тому +2

    Jay ganga maiya Ram

  • @rajeshdhall2366
    @rajeshdhall2366 2 роки тому +1

    Jai Ganga Maiya

  • @mahadev1203
    @mahadev1203 3 роки тому +3

    ❤️ ॐ श्री गणेश ॐ❤️

  • @youtubechanel.1664
    @youtubechanel.1664 3 роки тому +2

    जय श्री गणेश ।
    🙏 ❤ 🙏

  • @Rohitrah7488
    @Rohitrah7488 2 роки тому

    Jay Shree Ganesh🙏🙏

  • @amarroy4842
    @amarroy4842 3 роки тому +2

    Shree Ganesh 255

  • @arunbarikarunbarik1875
    @arunbarikarunbarik1875 3 роки тому +2

    Please next episode

  • @kcsharma9171
    @kcsharma9171 3 роки тому +2

    Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram

  • @योगेशनायक-ण8न
    @योगेशनायक-ण8न 3 роки тому +2

    Jay ganesh ji

  • @kavitashah3702
    @kavitashah3702 2 роки тому +1

    JAY SHREE GANESHAY NAMAH 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐🌼🌼🌼🌼🌼 🌹🌹🌹🌹🌹🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🪔🪔🪔🪔🪔👣👣👣👣👣👣👣👣👣 JAY SHREE RADHE KRISHNA 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐🌼🌼🌼🌼🌼🌹🌹🌹🌹🌹🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🪔🪔🪔🪔🪔👣👣👣👣👣👣👣👣👣

  • @kcsharma9171
    @kcsharma9171 3 роки тому +2

    Jay shree ganesh Ram

  • @papuji4731
    @papuji4731 3 роки тому +2

    You

  • @rajeshdhall2366
    @rajeshdhall2366 2 роки тому +1

    Har Har Mahadev

  • @rajeshdhall2366
    @rajeshdhall2366 2 роки тому +1

    Jai Mata Di

  • @sanjayverma1009
    @sanjayverma1009 3 роки тому +2

    Jai sheeri Ganesh l 🙏❤🙏