कामाख्या मंदिर गुवाहाटी असम 2024 मई मे दर्शन करने को मिला
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- Опубліковано 18 вер 2024
- यात्रा माता कामाख्या देवी शक्तिपीठ गुवाहाटी असम
मई 2024
कामाख्या मंदिर कैसे पहुंचें
माता कामाख्या मंदिर गुवाहाटी असम में है आपको यहां जाने के लिए ट्रेन की सुविधा है क्योंकि कामाख्या रेलवे स्टेशन है और गुवाहाटी भी है दोनो जगह की ट्रेन आपको मिल जायेंगी।
कामाख्या रेलवे स्टेशन से कामाख्या मंदिर की दूरी
5 किलोमीटर है
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से कामाख्या मंदिर की दूरी
8 किलोमीटर है
आप दोनो ही जगह से आसानी से कामाख्या मंदिर पहुंच सकते है दोनो ही जगह से आपको साधन की सुविधा उपलब्ध है ऑटो कार टैक्सी बस सभी साधन उपलब्ध हैं।
आप आसानी से कामाख्या मंदिर पहुंच सकते हैं।
ऑटो का किराया कामाख्या रेलवे स्टेशन से कामाख्या मंदिर तक 300 रुपए है।
नहाने और रुकने की व्यवस्था
अब आप कामाख्या पहुंच के सबसे पहले आपको नहाना है और फिर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी
तो आप अगर होटल ले ले और वही पे सब कार्य कर ले
अगर होटल नही लेना है तो आप किसी होटल पे जाए उससे बात करके खाली नहाने का तय कर ले प्रति व्यक्ति
50 रुपए लेंगे आप वहा अपना सारा कार्य निपटा ले।
फिर आप दर्शन की प्रक्रिया शुरू होगी
वैसे मेरी माने तो आप होटल ले ही ले और दूसरे दिन आप वहा के और मंदिर भी घूम के तब उमानंद मंदिर के लिए दूसरे दिन जाए। कामाख्या मंदिर के आस पास आपको होटल मिल जायेंगे
कामाख्या दर्शन कैसे करें 2024
देखिए दर्शन दो तरीके से होते है
1 सामान्य कतार फ्री दर्शन
2 वीआईपी कतार 501 रुपया पे करना पड़ेगा
सबसे पहले बात करते है सामान्य कतार की अगर आपको सामान्य कतार में लग के दर्शन करने है तो आप सबसे पहले सुबह जल्दी पहुंचना होगा और आपको अपनी पर्ची के लिए लाइन लगाना पड़ेगा
पर्ची सुबह 4 बजे से मिलने लगती हैं और आप अगर 4 बजे लाइन लग के पर्ची ले लेते है तो आप 6 से 7 घंटे में दर्शन प्राप्त कर लेंगे
अगर आपको देर हो गई पर्ची लेने में तो आप 12 घंटे भी लग सकते है।
अब बात करते है वीआईपी टोकन की जो की आपको मंदिर प्रांगड़ से मिलेंगे और आपको उसके लिए भी लाइन में लगना पड़ेगा उसके भी टोकन मिलने है जो की 501 रुपए दे के मिलना होगा।
वीआईपी टोकन ले लिया है तो उसमे भी आपको 2 से 3 घंटे लग जाते है।
दर्शन प्रक्रिया यहां पे इसी तरह से चलता है यह का यही नियम है।
आपको काम समय में दर्शन करना है तो बस आपको एक काम करना है टोकन सुबह जल्दी ले ले तो आपको दर्शन जल्दी मिल सकते है ।
शनिवार और रविवार को भीड़ ज्यादा होती है।
तो आप किसी और दिन का प्लान करे
मेरे दर्शन कैसे हुए आपको बता हूं
हम लोग सुबह 5 बजे कामाख्या पहुंच गए वही 50 रुपए दे के होटल में सभी लोग फ्रेश होकर चल दिए सामान्य कतार में लाइन लगने।
6 बजे सुबह लाइन में लग गए और हमको पर्ची मिली 7:30 am
फिर हम सामान्य कतार की लाइन में लग गए और 4 घंटे के बाद बैठने का नंबर आया फिर आप 4 केबिन
3 केबिन 2 केबिन 1 केबिन सारे केबिन में दो दो घंटे लग गए आप आराम से बैठो एक एक केबिन खाली हो रहा था और अब शाम के 6 बज गए फिर लाइन आगे बढ़ी और हम लोग माता के गर्भ गृह तक शाम 7 बजे पहुंच गए
और 7 बजकर 15 मिनट पे दर्शन हुए।
ये थी कहानी माता कामाख्या के दर्शन की
कामाख्या माता के दर्शन के बाद आपको उमानंद मंदिर के दर्शन करने जाना चाहिए क्योंकि कामाख्या देवी के दर्शन के बाद उमानंद के दर्शन करे जाते है तभी माता के दर्शन
संपूर्ण माने जाते हैं।
उमानंद मंदिर की जानकारी आपको अगली विडियो में देंगे।
जय माता कामाख्या देवी
कामाख्या मंदिर खुलने का समय
मंदिर सुबह भक्तो के लिए सुबह 8 बजे से खोला जाता है
और दोपहर में 1 बजे से 2:30 pm तक बंद रहता है
फिर 2:30 pm पे मंदिर खोल दिया जाता है।
और शाम को भक्तो को दर्शन करा के फिर माता की आरती और श्रृंगार होता है।
जय माता कामाख्या देवी
जय कामाख्या देवी की
जय जय meri maa
जय ho महामाई
जय mata di
जय माता दी
Jai mata di