IndrakshiStrotram
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- Опубліковано 13 вер 2024
- इन्द्राक्षी स्तोत्र, प्रयोग
इन्द्राक्षी-कवच को सिद्ध करने का सर्वोत्तम समय
चैत्र मास का नवरात्र या आश्विन मास का नवरात्र
है। फिर इन्द्राक्षी देवी के मन्त्र { ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं
इन्द्राक्ष्यै नम:) का १०८ रुद्राक्ष के दानों की एक
माला जप करना चाहिये!
विनियोग और न्यास की विधि
विनियोग ॐ अस्य श्री इन्द्राक्षी स्तोत्रम
महामंत्रस्य शची पुरन्दर ऋषि ! अनुष्टुपछन्दः!
इन्द्राक्षीदुर्गा देवता! लक्ष्मी/जम ! भुवनेश्वरी
शक्तिः, भवानीति कीलकम, मम इन्द्राक्षीप्रसाद
सिद्धयर्थे जपे विनियोग! ) यह विनियोग है!
करन्यास
ॐ इन्द्राक्षीत्यन्गुष्ठाभ्यां नम:!
ॐ महालक्ष्मीरिति तर्जनीभ्यां नम:!
ॐ माहेश्वरिति मध्यमाभ्यां नम:!
ॐ अम्बुजाक्षीत्यनामिकाभ्यां नम:!
ॐ कात्यायनीति कनिष्ठिकाभ्याँ नमः
ॐ कौमारिती करतलकरपृष्ठाभ्यां नम:!
हृदयादिन्यास
ॐ इन्द्राक्षीति हृदयाय नम:!
ॐ महालक्ष्मीरिती शिरसे स्वाहा!
ॐ माहेश्वरीती शिखायै वषट!
ॐ अम्बुजाक्षीति कवचाय हुम!
ॐ कात्यायनीति नेत्रत्रयाय वौषटॐ अस्य श्री इन्द्राक्षी स्तोत्र महामंत्रस्य शचीपुरन्दर
ऋषि:! इन्द्राक्षी दुर्गा देवता! लक्ष्मी/जम !
भुवनेश्वरी शक्ति:, भवानीति कीलकम. मम
इन्द्राक्षी प्रसाद सिद्धयर्थे जपे विनियोग!
ॐ इन्द्राक्षीत्यन्गुष्ठाभ्यां नम:! ॐ महालक्ष्मीरिति
मध्यमाभ्यां नम:! ॐ माहेश्वरीति शिखायै वषट!
ॐ अम्बुजाक्षीति कवच हुम! ॐ कात्यायनीति
नेत्रायाय वौषट! ॐ कौमारीत्यस्त्राय फट! ॐ
भूर्भुवस्स्वरोमिति दिगबंध:।
भगवती इन्द्राक्षी का ध्यान
नेत्राणां दशभिश्शतैः परिवृता मत्युग्र चर्माम्बरां
हेमाभां महतीं विलम्बित शिखामा
मुक्तकेशान्विताम!
घन्टामण्डितपादपद्मयुगलां नागेन्द्रकुम्भस्तनी --
मिन्द्राक्षी परिचिन्तयामि मनसा कल्पोक्त सिद्धि
प्रदाम!!
इन्द्राक्षीं द्विभुजां देवीं पीतवस्त्रद्वयान्विताम !
वाम हस्ते वज्रधरां दक्षिणेन वर! प्रदाम!!
इन्द्रादिभि: सुरैर्वन्द्यां वन्दे शंकरवल्लभाम!
एवं ध्यात्वा महादेवीं जपेत सर्वार्थसिद्धये !!
इन्द्राक्षीं नौमि युवतीं नानालंकारभूषिताम !
प्रसन्नवदनाम्भोमप्सरोगणसेविताम!!इंद्र उवाच
इन्द्राक्षी पूर्वत: पातु पात्वागनेय्यां दशेश्वरी!
कुमारी दक्षिणे पातु नैर्ऋित्यां
पातु पार्वती!!
बाराही पश्चिमे पातु वायव्ये नारसिंह्यपि !
उदाच्यां कालरात्री मामैशान्यां सर्वशक्तयः!!
भैरव्यूचे सदा पातु पात्वधो वैष्णवी सदा!
एवं दश दिशो रक्षेत सर्वांग भुवनेश्वरी !
नोट-----इन्द्राक्षीति हृदय नम: से अप्सरोगण से
विताम तक दो बार जप करना चाहिये।
इन्द्राक्षी नाम सा देवी देवतै: समुदाहृता!
गौरी शाकम्बरी देवी दुर्गानाम्नीति विश्रुता!!
कात्यायनी महादेवी चन्द्रघण्टा महातपा:!
सावित्री सा च गायत्री ब्राह्माणी ब्रह्मवादिनी!!
नारायणी भद्रकाली रूद्राणी कृष्णपिंगला!
अग्निज्वाला रौद्रमुखी कालरात्री तपस्विनी !!
मेघस्वना सहस्नाक्षी विकटांगी जलोदरी!
महोदरी मुक्तकेशी घोररूपा महाबला!!
अजिता भाद्रदाऽनन्दा रोगहत्रीं शिवप्रिया!
शिवदूती कराली च प्रत्यक्षपरमेश्वरी !!
इन्द्रानी इन्द्ररूपा च इन्द्रशक्तिः परायणा!
सदा सम्मोहिनी देवी सुन्दरी भुवनेश्वरी !!
एकाक्षरी परा ब्राह्मी स्थूलसूक्ष्मप्रवर्तिनी!
नित्यं सकलकल्याणी भोगमोक्षप्रदायनी !!
महिषासुरसन्हत्रीं चामुण्डा सप्तमातृका!
वाराही नारसिंही च भीमा भैरवनादिनी!!
श्रुति: स्म्रितिकृतिर्मेधा विद्या लक्ष्मी: सरस्वती !
अनंता विजयापर्णा मानस्तोकापराजिता!!
भवानी पार्वती दुर्गा हैमवत्यम्बिका शिवा!
शिवा भवानी रुद्राणी शंकरार्द्धशरीरिणी!!
ऐरावतगजारुढा वज्रहस्ता वरप्रदा!
भ्रामरी कन्चिकामाक्षी क्कणन्माणिक्यनूपुरा!!
त्रिपादभस्मप्रहरणा त्रिशिरा रक्तलोचना!
शिवा च सिवारूपा च शिवभक्तिपरायणा!!इन्द्राक्षी--स्तोत्र
इन्द्राक्षी नाम सा देवी देवतै: समुदाहृता!
गौरी शाकम्बरी देवी दुर्गानाम्नीति विश्रुता!!
कात्यायनी महादेवी चन्द्रघण्टा महातपा:!
सावित्री सा च गायत्री ब्राह्माणी ब्रह्मवादिनी!!
नारायणी भद्रकाली रूद्राणी कृष्णपिंगला!
अग्निज्वाला रौद्रमुखी कालरात्री तपस्विनी !!
मेघस्वना सहस्नाक्षी विकटांगी जलोदरी!
महोदरी मुक्तकेशी घोररूपा महाबला!!
अजिता भाद्रदाऽनन्दा रोगहत्रीं शिवप्रिया!
शिवदूती कराली च प्रत्यक्षपरमेश्वरी !!
इन्द्रानी इन्द्ररूपा च इन्द्रशक्तिः परायणा!
सदा सम्मोहिनी देवी सुन्दरी भुवनेश्वरी !!
एकाक्षरी परा ब्राह्मी स्थूलसूक्ष्मप्रवर्तिनी!
नित्यं सकलकल्याणी भोगमोक्षप्रदायनी !!
महिषासुरसन्हत्रीं चामुण्डा सप्तमातृका!
वाराही नारसिंही च भीमा भैरवनादिनी!!
श्रुति: स्म्रितिकृतिर्मेधा विद्या लक्ष्मी: सरस्वती !
अनंता विजयापर्णा मानस्तोकापराजिता!!
भवानी पार्वती दुर्गा हैमवत्यम्बिका शिवा!
शिवा भवानी रुद्राणी शंकरार्द्धशरीरिणी!!
ऐरावतगजारुढा वज्रहस्ता वरप्रदा!
भ्रामरी कन्चिकामाक्षी क्कणन्माणिक्यनूपुरा!!
त्रिपादभस्मप्रहरणा त्रिशिरा रक्तलोचना!
शिवा च सिवारूपा च शिवभक्तिपरायणा!!ऐन्द्री देवी सदा कालं शान्तिमाशु करोतु मे!!
भस्मायुधाय विद्महे रक्तनेत्राय धीमहि तन्नो ज्वहर
प्रचोदयात!!
एतत स्तोत्रं जपेन्नित्यं सर्वज्याधिनीवारणम!
रणे राजभये शौर्ये सर्वत्र विजयी भवेत्!!
एतैर्नामपदैर्दिव्यै स्तुता शक्रेण धीमता!
सा मे परित्या दद्यात सर्वा पत्ति निवारिणी !!
ज्वरं भूतज्वरं चैव शीतोष्णज्वरमेव च!
ज्वरं ज्वरातिसारं च अतिसारज्वरं हर !!
शतमावर्तयेद यस्तु मुच्यते व्याधिबंधनात!
आवर्त्तयन सहस्त्रं तु लभते वांछितं फलम!!
एतत्स्तोत्रमिदं पुण्यं जपेदायुष्यवर्द्धनम!
विनाशाय च रोगाणापमृत्युहराय च!!
सर्वमंगलमंगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके!
शरण्ये त्र्यंबके देवी नारायणी नमोऽस्तु ते !!
यह बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है अत:
अतिगोपिनीय भी है। जीवन में हर प्रकार के
असाध्यरोग जैसे लकवा, कैंसर या HIV का नाश
करने वाला और सर्व सिद्धि देनेवाला है। खुद करें
या ब्राह्मणों द्वारा अनुष्ठान कराने पर सामान रूप
से शुभफल प्रदाता है।
ॐ शिव पार्वती नमः
Aadarniy param pujniy gurudev g Aaj se Ek mahine phle mene Aapse apni gau Mata k liye upay pucha tha aapke btaye prayog upay such me bht chamtkari nikla guru g dhanybaad sadhubaad meri gau Mata puri Tarah theek ho gayi aapke btaye divy upay se!! 🙏🙏🙇♀🙇♀
जय जयसियाराम
🙏🙏
शुभमँगलम्
सुन्दर।
सादर प्रणाम भैय्या
@@jyotishsiksha3881 सदा सुखी रहें।
Nice
जयश्री सीताराम
Guru g gau Mata h meri unki Raksha ka upaye bataye guru g me is stotra ka path meri gau bachiya k liye kese karu vidhi vidhan se muje bataye hey gurudev g 🙇♀🙇♀🙏🙏
आपने समस्या ही नहीं बताया है
आप ९३०७१९४९८४ वाट्सएप करके बताते निदान मिलेगा
😊
Gurudev muje Aapse is kavach ka anusthan karwana h kripya bataye meri gau Mata pidit h Ek mahine se unhe aaram nhi treatment k baad b!! Raksha kijiye gurudev g Raksha kijiye gurudev g muje baat karni h Aapse plz guru g 🙏🙏🙏🙇♀🙇♀🙇♀
जरुर बताएं समाधान होंगा
यह कवच कौन सी बुक में मिलेगा कृपया यह भी बताएं
मन्त्र महोदधि मन्त्र महार्णव में
Anty Depression ka upay boliye n guruji 🙏
जन्मकुंडली से कारण देखना होता है तभी कारगर उपाय सफलता देता है।
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शुल्क लगेगा
Written me dijie
आपके यहां इंद्राक्षी यंत्र लॉकेट उपलब्ध हो पाएंगे क्या कृपया बताने का कष्ट करें
आर्डर पर तैयार किया जाता है