Swami Dayanand Saraswati ke anusar Shri Krishna Agyani the | Reality of
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- Опубліковано 16 вер 2024
- #राष्ट्रोत्कर्ष_अभियान_यात्रा #Rashtra_utkarsh_abhiyan_yatra
Swami Dayanand Saraswati ke anusar Shri Krishna Agyani the | Reality of #aryasamaj
kya Arya Samaj ka Ishwar sarvshaktiman hai
Arya Samaj ki sacchai
Arya Samaj aur Murti Puja
kya Murti Puja pakhand Hai
स्वामी दयानंद सरस्वती के अनुसार श्री कृष्णा अज्ञानी थे
क्या आर्य समाज के द्वारा प्रतिपादित होने वाला ईश्वर सर्वशक्तिमान है
क्या मूर्ति पूजा गलत है
Arya Samaj exposed
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व्यासपीठ का शोधन ही हिंदुओं का एकमात्र निवारण है
हिंदू असंगठित है और इसका कारण हिंदू सनातन के प्रमाणिक और सार्वभौम सिद्धांतों से अनभिज्ञ है और इसका कारण हिंदू गुरुत्व से अनभिज्ञ है तदोपरांत जिन्हें गुरु तत्व का बोध भी है उन्हें यह नहीं ज्ञात की प्रमाणित गुरु क्या होता है और जिन्हें यह ज्ञात भी है उन्हें यह नहीं ज्ञात की सनातन के सार्वभौम गुरु श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य होते हैं #।
अतः अपने सार्वभौम गुरु श्रीमद् जगद्गुरु शंकराचार्य से दूरी ही हिंदूओं की मूल समस्या है
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संसार का हर व्यक्ति भगवान को ही ढूंढ रहा है फिर वो भले ही खुद को नास्तिक ही क्यों न कहता हो
ईश्वर वही है जो कुछ भी कर सकता है
ईश्वर के विषय में उन्हें ग को प्रामाणिक माना जा सकता है जो यह ना कहते हो कि उन्हें ईश्वर ने रचा
मनुष्य मात्र को धर्म के पालन हेतु धर्म के साक्षात स्वरूप प्रभु श्री राम का अनुकरण करना चाहिए ।
परंपरा से प्राप्त होने वाला ज्ञान ही प्रामाणिक माना जाता है
शांकर परंपरा ही मनुष्य मात्र की सार्वभौम गुरु परंपरा है
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ऋषिकेश ब्रह्मचारी
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श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर
आदित्य वाहिनी पुरी शंकराचार्य की सेना
har Hindu Sena Ho har Hindu sanatani ho
jab tak nauka dubti nahin tumhara kam hai khete rahana khete rahana
हर हिंदू सेना हो हर हिंदू सनातनी हो
अब तक नौका डूबती नहीं तुम्हारा काम है खेते रहना
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द्विवेदी जी की सबसे बड़ी समस्या ये है कि ये आर्य समाज को रामपाल कबीर गैंग की तरह समझ रहे है। वे निसंदेह थोड़े ज्ञानी है पर थोड़े ज्ञान के अहंकार के फलस्वरूप जबरदस्ती आर्य समाज जैसे एक ऐसे संस्थान से निरर्थक भिड़े है जिसके विद्वानों के शास्त्रार्थों के बाद हजारों हजार लोगों ने भगवानों की मूर्तियों को गंगा में बहा दिया था।
एक मूर्ख का वार्तालाप दूसरे मूर्ख से चल रहा है। स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को समझना इन दोनों मूर्खों के वंश से बाहर की बात है। प्रश्नकर्ता मूर्ख को यदि सत्य को स्पष्ट करना है तो किसी आर्य विद्वान से पूछे और शास्त्रार्थ करे। ऐसे क्रियाहीन कार्य निन्दनीय है।
कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार जन्म नही ले सकता क्योंकि मनुष्य कर्म करने में स्वतंत्र है परंतु कर्म भोगने में परतंत्र है।
परमेश्वर के दो दर्शन है साकार रूप और निराकार है अगर कोई वस्तु है तो उसका रूप भी है और नाम है अगर कोई नाम है तो वस्तु भी है अगर कोई वस्तु है तो फिर उसका रूप भी है उसको न देख पाने के कारण परमेश्वर को निराकार कहते हैं आज का मानव समाज आज के तुक्ष ज्ञानियों के चक्कर में पड़ कर अशांत होता जा रहा है
महर्षि दयानन्द सरस्वती के अनुसार श्री कृष्ण योगेश्वर आप्त पुरुष महान आदर्श वादी है । आर्य समाज सत्य है कहता है।
To wo to narak mein hain na abhi adishankracharya ji to direct apni maa ko vaikunth bheja tha aur unhi ki wajah se hum sab hindu hain aaj unhone Geeta mahatmya mein likha shree Krishna roopi Gwala Geeta roopi cow ka doodh arjun roopi bachde ko pila rahe hain aur samast sansar ke ek bhagwan shree Krishna ek Granth Geeta ek mantra hare Krishna aur ek shree Krishna bhakti se hi samast sansar ka kalyan hoga
ना प्रश्न करने वाले को प्रश्न करने आते ना उत्तर देना आता उत्तर देने वाले को
बहुत ही सरल विधि से परियोजना करके आर्य समाज के इस follower को तथ्य समझाया जा रहा है। क्या यह आर्य समाजी follower अपने किसी गुरु से अपने संदेह मिटा सकता है? या फिर ये भ्रम में जी लेगा सारा जीवन।
ज्ञान आपके घर आया है फिर भी यदि विवेक , बुद्धि नही है और अहंकार भरा पड़ा हो तो ज्ञान हमें अस्वीकृत होगा और हमारे भीतर कैसे प्रवेश करेगा
ऐसा ज्ञान मिलना लोगो को दुर्लभ है लेकिन भाग्य देखो आर्य समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले का को जो ऊपर नही उठ पा रहा है अपना उत्थान नही कर पा रहा है
@@gauravdhra4919 आर्य समाज पूर्ण रूप से विशुद्ध वैदिक सिद्धांत को मानता है आर्य समाज पौराणिक ईसाई मुस्लिम जैन नास्तिक फलाना ढिकाना सब को उनका अज्ञान दिखाकर सत्य से परिचित करवाता है आप अपना जीवन सफल करना चाहते हो तो आर्य समाज से कुछ सीखो सिखाने का प्रयास मत करो आर्य समाज अभेद है अपना जीवन सुधारो आर्य समाज की पवित्र और तार्किक शिक्षा को आत्मसात करने का प्रयास करो इसी में कल्याण निहित है पाखंड और अज्ञानता का परित्याग करो
@@gauravdhra4919 आर्य समाज के सिद्धांत अकाट्य है जी आज तक कोई इन्हे चुनौती देने की हिम्मत नहीं कर सका
My view
Agar aap dayanand ji ( Arya samaj ) ke sidhant ko follow kate h toh simply aap apne ancestors ko gali dete h unhe murkh samajhte h or aap us Vedic kaal ko bhul jate h jo aaj ke lagbhag 1000 varsh pahle tah yani bharat ka pure golden period because bharat World GDP ka total 27-30%hold krta tha agar Arya samaj ka siddhant apnya toh bhul jao es kuch hone wala h like golden period
Or yeh म्लेच्छों ko so called Hindu bna kr ghumate h or so called Arya ka certificate bhi dete h
Yeh ek simple baat agar aap ko sach m Arya samaj ke bare mai sab kuch janaa h toh
Arya samaj exposed channel ko visit kre or sari videos dekhe sab kuch clear ho jaega aap logo ko yeh hmre Mitra nhi hi ho sakte h because en ke khud ke so called shastra or un ke translation h
Dhanyawad 🙏 baki aap ki marzi ❤
परमात्मा ने आज तक अवतार लिया ही नहीं, वेद, बाल्मीकि रामायण , महाभारत इसके प्रमाण हैं, अवतार बाद की पुष्टि के लिए ही व्यास जी के नाम से 18 पुराण व्यास के इतर लोगों द्वारा बनाए गये हैं
आप किन्हें समझा रहे हो भाई😂
प्रछन्न मुस्लिम है ये लोग🤣🤣🤣🤣
दोनो ही लोग एक जैसे हैं, और दोनो के समर्थक भी।
जबकि महर्षि दयानंद और आर्य समाज कभी कृष्ण और राम का अपमान नहीं कर सकते।
@sanjaysharma8631 नहीं करेंगे ये नहीं करेंगे ही बता देता है की तुम मानना नहीं चाहते की वो ऐसा कर सकते है भले ही वो वो कर ले |
maharishi kis angle se hai dayanand hai kalp vedang aur jaimini sutra to padhlo sab pol khud jayegi arya samaj ki aur sabse zyada apman arya samaj ne hi kiya hai krishn aur ram ko manushya maan kar
प्रश्नकर्ता अपने हर इंटरव्यू में इन्हीं प्रश्नों को बार बार पूछते है, और इनका ध्येय सच को जानना नहीं , बल्कि छल से आर्य समाज को झूठ ठहराना। कुतर्क कर रहें है। धन्य है आर्यसमाजी आचार्य जी जो सत्य पर अटल है। प्रश्नकर्ता को ईश्वर सद्बुद्धि दे और वे दर्शन शास्त्रों विशेषकर न्याय दर्शन का अध्ययन करें और अपने जीवन को सफल बनाएं। अपनी तर्क शक्ति, बुद्धि को सही दिशा में लगाएं।
ईश्वर जन्म मरण से परे है। यदि ईश्वर जन्म लेगा तो उसके माता-पिता भी होंगे और वह अनादि अनंत नहीं रहेगा।
Khud ved ke bhasya mai saakar mita diya or bolte hai ved padho 😂 hypocrisy.. sahi kiya maine arya samaj choad diya varna naastik ban jata 🎉
Kha per bhai .. Likha h?
@@anshi_ad dayanand saraswati ji ka bhasya padho
@@Bigetron506 konsa mantra hai kis ved ka.?
@@anshi_ad Mantra Rigved 6.47.18
Vedo mein 20 hajar Richaye nirakar to 20 hajar Richaye sakar bhagwan ki likhi hain shivji ke avatar adishankracharya ji ne praboadh sudhakar mein likha bina shree Krishna haribhakti bina mann tak suddh na hoga moksha Pana dur ki baat hain
आर्यसमाज के विचारधारा की अतार्किकता और अशास्त्रीयता अच्छेसे प्रकट हो गयी।
श्री कृष्ण स्वयं परमात्मा है कोई उन्हे ज्ञान से नही पा सकता है अधिक ज्ञान अहंकार को उत्पन्न करता है। इसलिए भक्ति ही श्रेष्ठ है और मूल भी। जय श्री कृष्ण
@@SANATANI430 जिसे ज्ञान से नहीं पाया जा सकता , वह पाखण्ड है, और ज्ञान जितना अधिक होगा, अभिमान उतना ही कम होगा ! महाभारत में तो श्रीकृष्ण को मनुष्य महापुरुष लिखा गया है, मनमानी से चाहे कुछ भी मानो !
@@devendrashastri9221 बिल्कुल गलत ज्ञान जितना अधिक होगा उतना अहंकार होगा जो आपमें कूट कूट के भरा है भक्ति ज्ञान से श्रेष्ठ है इसमें व्यक्ति विनम्र होता है आपलोग में खुद के ज्ञान को सर्वश्रेष्ठ समझने का भ्रम हुआ इसलिए श्री कृष्ण जो पूर्ण ब्रह्म है उनके कहे गीता के उपदेश को भी नही मानते है आपलोग आर्य समाजी लोगो को जितना हो हल्ला करना है कर लीजिए इस भारत देश में आपका षड्यंत्र कभी सिद्ध नहीं होगा हम भारतवासी राम कृष्ण को परब्रह्म मानते है सगुण स्वरूप को परब्रह्म मानते है और आजीवन मानते रहेंगे । सभी सनातनी लोग आर्य समाजी का बहिष्कार करेंगे और एक तरह से किए हुए भी इसलिए मुठीभर है।
@@devendrashastri9221 सही से महाभारत पढ़िए अधूरा ज्ञान ले के मत घूमिए महाभारत में भीष्म पर्व का भाग ही गीता है उसके 10 वे अध्याय में श्री कृष्ण ने खुद को परमात्मा कहा है सभी जीवो में चेतना प्रदान करने वाला है अंतिम 18 वे अध्याय 61 वे श्लोक में अहम त्वां सर्व पापेभायो मोक्ष्यिष्यामी मां शू च। अर्थात मेरे शरण में आओ मैं तुम्हे सारे पापो से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करूंगा । पहले महाभारत अच्छे से पढ़ लीजिए फिर श्री कृष्ण के बारे में ज्ञान दीजिएगा सम्पूर्ण आर्य समाजी भ्रम में ही जी रहे है अधूरा ज्ञान ले के घूम रहे है।
@@SANATANI430 इस श्लोक का अर्थ यही है क्या, यह बात तो कोई भी कह सकता , इसमें परमात्मा शब्द कहां है, लगता व्याकरण नहीं जानते
@@devendrashastri9221 आप नही जानते आप खुद को आचार्यों से भी श्रेष्ठ मानते है यही आपका अहंकार है यही अर्थ लिखा भी है पढ़ के देख लीजिए फिर तर्क कीजिए गीता अध्याय 10 पढ़िए फिर तर्क कीजिए सब कुछ लिखा है आप आर्य समाजियों की बुद्धि अहंकार के कारण इसे स्वीकार नहीं कर रही है।
मैं इनकी कूटनीति को समझ नहीं पाया मैं क्षमा प्रार्थी हूं
😂😂😂 बुरा ना मानो होली है। 🎉
रंगों के पर्व होली की ढेरों शुभकामनाएं।💐
नमन शंकराचार्य जी को।🙏
#WalkForCows #रामा #गौमाता_राष्ट्रमाता
#WeSupportShankaracharya
शिवमयी शुभप्रभात
सत्य सनातन धर्म की जय हो
#गौमाँ_हत्या_बन्द_करे_सरकार #Save_Gaumata #FreeTemples
हर हर महादेव।जय माँ🙏🔱💐
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ सभी को🧡🙏🏻🌺
जो कोई भी यहां comment पढ़ रहा है , आर्य समाज के अलावा अन्य लोग मेरे प्रश्न का उत्तर दे कि भगवान ने यह ब्रह्मांड क्यों बनाया हैl
उसने मनुष्य और सभी जानवरों आदि
को क्यों बनायाl
वह हमसे क्या चाहता हैl
यदि किसी को उत्तर न मिले तो आर्य समाज पर जाएँ
इसका उत्तर आपको विज्ञान के अनुसार मिलेगाl
AHVAAN यदि आप वास्तव में सनातनी हैं तो इस प्रश्न का उचित उत्तर दें, इस टिप्पणी को न हटाएं।
ताकि यहां कमेंट पढ़ने वाले सभी भाई-बहन जान सकें कि असली सनातनी कौन हैl
स्वामी दयानंद सरस्वती जी या आप
Ap batao apne eshawr ko jan liya fir apna kal aur pal sabit karo kal tum logo ke sath kya hoga
Jab eshawr nirakar hai jab sakar ho hi nh sakta fir apna nam om sakar kaise kar diya
साकार निराकार की परिभाषाक्या है तुम्हारी
दयानंद सरस्वती भगवान नही हो सकते । उनके कथन मात्र पर विश्वास करना कहा तक उचित है जबकि हमारे पास सारे शास्त्र है गुरु है, देवी , देवता है
Bhai ji vo ek sant bhi nhi ho sakte because ek muslim jitne comments krta h utne hi comments dayanand ji ne kre h toh na vo koi Rishi h koi sant bas hai ek so called Arya samaji
Or murti vidhwans Kiya Kashi m @@irocklee
@@irocklee mujhe adhik jankari nhi aapka kathan bilkul Satya ho sakta hai.
समुल्लास 11 में यह भी लिखा है कि- श्रीकृष्ण ईश्वर नहीं हो सकते ।
हे पाखण्डी? ईश्वर अवतार लेकर एक देशी नहीं हो सकता।
मुस्लिम, ख्रिश्चन पे तुम्हारी आवाज नही निकलती वाहा चूप होजाते हो वाहा बोलो
ये पाखंडी पंडित गोलमोेल जलेबी बनाता है। 11:34
gurudev sahi kehte the "ek vednishtha manuvadi adharm ke jade hila de sakta hai " tange kaap gyi bhaisaab ki 😝😝😝
मैं उनकी काफी वीडियो देख चुका हूं जिसमें यह दो बातों पर ही जोर दे रहे हैं कि वेद महर्षि दयानंद जी के पास कैसे आए और यदि उनके पासआए तो गुरु परंपरा नहीं मानी है तो फिर भी उनके पास कैसे पहुंचे। दूसरा प्रश्न इनका है कि ईश्वर सर्वशक्तिमान है तो वहां जन्म क्यों नहीं ले सकता ।दो प्रश्नों के ऊपर इनका ज्यादा जोर रहता है जिससे वह महर्षि दयानंद जी की झूठलाने की बात करना चाह रहे हैं। मुल्त: महर्षि दयानंद जी शैव परंपरा से थे। शिव को ही उनका परिवार अपना आराध्य मानता था ऋषियों से ही गुरु परंपरा चलती है आज हमारे देश में ऋषियों के नाम से बहुत सारे कुल गोत्र हैं। राम राम परंपरा राम जी के बाद चली वैष्णव परंपरा श्री कृष्णा जी के बाद शुरू हुई है श्री कृष्ण जी विष्णु के अवतार माने गए हैं राम को भी विष्णु का अवतार माना गया है। यदि ईश्वर सर्वशक्तिमान नहीं है तो आज यहां सृष्टि कैसे चल रही है अभी ना तो राम है ना तो कृष्णा है। सर्वशक्तिमान और अनंत उसे माना जाता है जिसका कोई आदि और अंत नहीं है इसलिए ईश्वर सारे ब्राह्मणड को चल रहा है इसीलिए सर्वशक्तिमान है। राम के समय में बहुत सारे लोगों ने राम को नहीं माना। कृष्ण के समय बहुत सारे लोगों ने कृष्ण को भी नहीं माना । अतः ईश्वर को निराकार ही रहने दो नहीं तो सरकार के चक्कर में वेदों का सत्यानाश कर दोगी यदि आपने ईश्वर को सरकार मान लिया तो आपकी उपनिषद दे ब्राह्मण ग्रंथ अरण्य ग्रंथ वेद सब बेकार हो जाएंगे।
निष्ठा अलंकार जी ने अच्छा धोया ह आपको😂
वेदों में ईश्वर निराकार है तभी गोस्वामी तुलसीदास जी भी शिव स्तुति में निराकार ओंकार निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।
Gajab ka murkh hain be tu tulsidas ji ne to likha hain chahe sun east ki jagah west se nikalne lagg jaye magar binu harbhajan na bhav tari ye siddhant appeal samjha nirakar to akarta hain bewkof wo na kisi ki sun sakta hain na kisi ke liye kuch kar hi sakta hain samjha jab yamdoot narak le jayenge to nirakar kaise bachayega
Beware of Dayananda, Kabir, Brohmo Samaj, Sikh, Budhha etc. Cults. Jai Jai Sanātana Ārya Vaidik Dharma ki.
आर्य समाज के विद्वानों से बात करो न भाई। तुम तो संगठन के पद पर बैठा हुआ व्यक्ति से पूछ रहे हो।
ब्रह्मवैवर्तपुराण के श्रीकृष्ण राधा प्रसंग, वृंदा प्रसंग आदि को भी खोलकर सुनाया करो ताकि जनता को पता चले कि तुम्हारे ग्रन्थों में श्रीकृष्ण पर कितना कीचड़ उछाला गया है
आचार्य अंकुर आर्य या राहुल आर्य से शास्त्राथ करोगे। इस विषय पर जो आप इस पर चर्चा कर रहे हो।
अरे भाई ज्यादा ही ज्ञानी बन रहा है तो स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक जी से अपने सवालों का उत्तरले जाकर
यह व्यक्ति अकस्मात मेरे पास आए और मैं इनको समझ नहीं पाया यह धीरे धीरे मेरे से सामाजिक बात करना प्रारंभ किया हो फिर इन्होंने उलझने का प्रयास किया और यह सफल हुए मैं समस्त आर्य समाज एवं योगीराज श्री कृष्णा महाराज हमारे आदर्श हैं मैं व्यक्ति विशेष की बात कर रहा था यह योगेश श्री कृष्णा को बीच में लेकर आए मैं समझ नहीं पाया मैं अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
यह है घुमा फिरा कर आर्य समाज पर लांछन लगाने की कोशिश कर रहा है यह इस व्यक्ति को जो ज्ञान नहीं है यह किसी गुरुकुल के पढ़े-लिखे से बात करें तो उसको पता लग जाए यह धूर्त किस्म का आदमी है
Ye "jyan" vale bahut badhiya log hote he... confused only😂 jay shri ram🚩
😅😅😅😅😅😅 आर्य मोमीन 😅
जानबुझकर आर्य समाज के ऐसे लोगों के पास जाते हो जिन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं होता। आर्य समाज के किसी अच्छे आचार्य के साथ वीडियो बनाओ।
आप?
आप उनसे बातें करते हैं जिन्होंने वेदों को पढा ही नहीं है, अगर हिम्मत है तो मुझसे प्रश्न करके देखो
Chaliye ham apse puchate hai bataeye 22 sukt
Rigved 22sukt
चल बता मानव दयानंद ने यजुर्वेद अध्याय 31 के मंत्र 19 में क्या लिखा है
@@brahmrishi_ भाई, अब वो जवाब नही देगा, क्यूंकि
फटी गा@द तो भागी रा@ड
आर्य समाज सजीव मूर्ति पूजा का पक्षधर है। चित्र के साथ जिन्हें हम भगवान मानते हैं उनके आचरण को अपने आचरण में उतारना ही सच्ची पूजा है।
चर्चा उनके साथ करो जिनके पास उस विषय का निपुण ज्ञान हो. उनका बात सुनतेही पाता लग रहा है कि उनको जादा ज्ञान नहीं है इस बड़े में तो उनसे बात करके आपको और हमे क्या सिद्धांत मिलेगा??
आप आएं, अन्यथा जो आपके अनुसार सामर्थ्यवान हो उससे संपर्क कराएं
Rushi uvach ne to debate ke liye bulaya tha Tab Teri g fat gayi mullw@@Ahvaan
सभी आर्य समाजी अच्छे विद्वान हो यह कोई जरूरी नहीं है। आप दयानंद सरस्वती की बात को समझना ही नहीं चाहते हैं बल्कि कुछ कम जानकार आर्य समाजी को उलझाने का मूर्खतापूर्ण कार्य कर रहे हैं।
अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धयः ।
परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम् ॥
BG7.24 बुद्धिहीन मनुष्य मुझको ठीक से न जानने के कारण सोचते हैं कि मैं (भगवान् कृष्ण) पहले निराकार था और अब मैंने इस स्वरूप को धारण किया है| वे अपने अल्पज्ञान के कारण मेरी अविनाशी तथा सर्वोच्च प्रकृति को नहीं जान पाते |
Ye pandit bhai ye vhi hai Jo haath dekh kar bata dete hai tum Ambani banoge ya garib berojgaar😂.
यह पौराणिक अपनी बात को ऊंची रखना चाहता है , सस्ता यूट्यूबर बनने के लिए।
मैं तो सीधे कहता हूं कि इतना ही ज्ञान है तो आर्य समाज के विद्वानों से क्यों नहीं आगे शास्त्रार्थ करते हैं। अपने जो पीठाधीश्वर शंकराचार्य तथा आर्य समाज के विद्वानों को एक मंच पर लाकर शास्त्रार्थ क्यों नहीं करते।
यह पदाधिकारियों से ही ज्यादातर मिलता है पदाधिकारी और विद्वानों के ज्ञान में अंतर होता है।
जो पूर्ण परमात्मा होता है तो अम्मा के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं जो भी भगवान मां के गर्भ से जन्म लेते हैं वह जन्म मृत्यु के चक्र में रहता है
Avatar ka matlab avatarit hona yani iccha se avataran karna na ki kokh se janm Lena hai
जय श्री राम✨💖🚩
हर हर महादेव✨💖🚩
आर्यसमाज व स्वामी दयानंद का सिद्धांत श्री कृष्ण को ईश्वर नहीं मानता। तो कई बार जन्म लेने की इच्छा करना धर्म स्थापना के लिए, अज्ञानता कैसे।
यह एक धूर्त विचार रखता है,दम है तौ सार्वजनिक शास्त्रार्थ करना चाहिए, निर्णय किसी बिद्वान करे।
अभी जो बात कर रहा है उसे तोड़ मरोड़ करेगा।
यह व्यति कपटी है जो साक्षात्कार के नाम पर कुतर्क करता है
शंकराचार्य भगवान का आशीर्वाद जिनपर रहा सदा विजयश्री उनके कदम चूमेगी
ईश्वर अपने नियम बनाकर उसको तोड़ता नहीं। क्योंकि वह सर्वशक्तिमान है। नियम बनाकर तोड़ना तो हमें पड़ता है।
छोटे अनुयाई को नीचा दिखा रहे हो हिम्मत है तो गुरुकुल के विद्वान आर्य से शास्त्रार्थ करो गृहस्थी से नहीं । चतुर पाखंडी
Puri peethadhi pati shankaracharya Swami nichlanand Saraswati ji ke charanome koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आर्य समाज के आचार्यों से शास्रार्थ किजीए, न कि सामान्य अनुयायी के साथ. आप आचार्य हो आचार्य के साथ ही शास्रार्थ करना उचित है. तब आप को मानेंगे,
आर्य समाज अंग्रेजों द्वारा सनातन संस्कृति को खतम करने का एक प्रयास था जो पूरी तरह से सफल नहीं हुआ तो सिख समुदाय और वैदिक पद्धति को मानने वालों के बीच में द्वंद करवाने का प्रयास किया गया और वह भी सफल नहीं हुआ तो फिर वैदिक पद्धति को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए सभी को हवन-यज्ञ करना चाहिए जनेऊ पहनना चाहिए औरतों को भी जनेऊ पहनना चाहिए सबको सबसे शादी ब्याह करना चाहिए कोई कभी भी ब्राम्हण बन सकता है कोई भी सूद्र बन सकता है तो आर्य समाज की मनसा सनातन संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करना है जब अपौरुषेय है तो क्या दयानंद सरस्वती ब्रम्हांड से ऊपर थे जो वेदों में,सोध करने लगे वहां भी दयानंद सरस्वती की धूर्तता ही समझी जानी चाहिए जब वेद में को न मिला सकता और न निकाल सकता है तो फिर दयानंद को यह अधिकार कहा से मिला
@@kanhiyalalmishra6994 swami daya nand ji ne to angrejo ka virodh kiya thaa sabse pahle swraj shabd ka piryog swamiji ne kiya thaa angrej adhikari ne jab kaha swamiji hamare raj me aapko apne pirchar करने me koyee pareshani tonality hai swamiji ne kaha nahi to angrej adhikari ne kaha to aap parmatma se pirathana kar diya karo hamara raj bharat me faltu Fulda rahe to swamiji ne uttar diya ki mai to pirbhu se yahi pirathna karta हू ki kab angrej mere desh ko chhodkar jayo. Aise desh bhakt angrejo kee bat kaise maan sakta hai 😮swamiji ne kaha hai mer is karya se upkar na mane to birodh bhee na kare क्योकि manusya janm ka hona satya asatya ka nirnay karne karane ke liye hai na ki Bair birodh badane ke liye brahaman sudra to karm ke anusar banta hai janm se nahi
Sanatan aadi anadi inko kisine bananeka dava nahi kiaa koi bhagavan ne bhi nahi sanatan dharm jeisa koi dharm nahi jay chri ram jay chri krina
महर्षि दयानंद सरस्वती ने श्रीकृष्ण को अज्ञानी नही अपितु आप्त पुरूष है।
सत्य कहाँ भाई जी 🙏
इस पंडित को सिद्ध करना है कि राम, कृष्ण आदि ईश्वर के अवतार है, इसलिए ये सारी बहस कर रहा है। वेद के ऋषियों ने अवतारवाद को नहीं माना है।
Kis ved mein
@@Avilashdas1449baat vaidik rishiyo ki ho rahi hai, na ki ved ki.
शिवांश जी अगर आपको सस्तार्थ करने का सोंख है तो पहले सस्तर्थ का विषय चुनो और जब दो लोग सस्त्राथ करते है तो एक निर्णायक मंडल भी हो तो पहले वो कीजिए क्योंकि आप बात को सिर्फ गोल गोल घुमा रहे हो क्योंकि किसी चीज के ऊपर आप ही निर्णायक नही हो सकते हम ये चीज केसे मन ले की जो आप कह रहे है वही सत्य है
अगर इस्वर अवतार ले लेगा तो इस्वर निराकार नही होगा इसलिये इस्वर अवतार नही लेता।
Chup kar mahamurkh bewkof bhagwan sab kuch kar sakta hain asambhav ko sambhav samjha sansar material duniya ka formula unme lagega to yahi haal hoga na shivji ke avatar adishankracharya ji ne sabhi sakar bhagwan pe stuti likhi hain aur praboadh sudhakar vishnu sahtranam bhasya Geeta mahatmya govindasthkam Ram bhujang strotram etc padh unka 😂😂😂😂😂
@@underworldevolution4321 बुद्धिमान मान जी आप ही बता दो इस्वर के सिद्धांत क्या है।
भाई तू जो भी है तू अज्ञानी नहीं बल्कि महाअज्ञानी है तू इधर उधर इन्टरव्यू लेता है इससे अच्छा है तू गीता अध्ययन कर। कहीं ऐसा न हो इन्टरव्यू ले ले कर पागल न जाये।
अरे भाई साहब आप स्वामी सच्चिदानंद जी से योगेश भारद्वाज जी से अंकुर आर्य जी से राहुल आर्य जी से शास्त्रर्थ करो तब पता चलेगा ????
जी उनसे संपर्क करवा दीजिए
@@Ahvaan जैसे आप इनसे संपर्क किए वैसे ही उनसे भी संपर्क कर लीजिए
जी अपने सामर्थ के अनुसार जिससे संपर्क कर सकते हैं उसे करते हैं यदि आपको उनसे आपत्ति है, तो आप आपके बताए हुए विकल्प तक पहुंचाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दीजिए, क्योंकि जिसके साथ मैंने वार्ता की है उससे आपत्ति मुझे नहीं आपको है
@@Ahvaan पूरी के आदरणीय शंकराचार्य जी कुछ भी कर सकते हैं वे तो नेत्र से भस्म भी कर सकते है इतनी शक्ति है उनके पास ( परंतु सोचने वाली बात यह है की अभी तक उन्होंने हमारी बहन बेटियों और हमारे भाइयों को लव जिहाद में फसाकर मारने वालों को क्यों भस्म नही किया है ) तो आप उनके शिष्य हैं आपके पास भी तो थोड़ी बहुत शक्तियां होंगी तो आप भी उन शक्तियों का प्रयोग कीजिए और उन तक पहुंच जाईए!
अधिकतर लोग ऐसे ही करते हैं जब उनके पास बातों का उत्तर नहीं होता है तो वह विषयांतर करते हैं
माला पहने वाले कथित गुरु जी बताए कि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कैसे होती है?
Ye inko pehle maha Rishi bolna band kro 😂 kuch bhi bolte rehte hai . Swami hai koi Rishi nhi Rishi ka mtlb pta nhi hoga utha ke maha Rishi laga diya
सत्यार्थप्रकाश की भूमिका में ऋषि दयानन्द द्वारा गीता के एक श्लोक का "यतदग्रे विषमिव... " का उद्धरण दिया गया है। इसी से आप श्रीकृष्ण के प्रति उनके मन्तवय की एक झलक देख सकते हैं। 9:55
Live?
tange kaap rhi hai in mahunubhav ki😂😂😂
चिकने घडे़ पर पानी नहीं ठहर ता है ऐसे ही ये पाखण्डी झूठे जन्म जाति छुआ छूत ऊंच नीच फैला कर जनता को गुमराह करने वाले है। जय सत्य सनातन वैदिक धर्म।। जय महर्षि दयानन्द सरस्वती जी शत् शत् नमन्।।
इस्वर का सिद्धांत है परंतु इस्वर कभी जन्म नही लेता।
Bewkof kab janam liya avtar liya chaturbhuj roop pahle dikhaya fir devki maa ke kahne pe chote se ban gaya
भारत के अंदर जितने बड़े बड़े संत महात्मा पैदा हुए उन सब ने हिंदू धर्म को बांटने के शिव और कुछ नहीं दिया बुद्ध ने अपना एक संप्रदायबना दिया गुरु नानक ने अपना संप्रदाय बना दिया कबीर ने अपना संप्रदाय बना दिया महावीर ने अपना संप्रदाय बनादिया जबकि सब संप्रदाय का काम एक ही है अपने मन को वश में करना अपनी इंद्रियों पर विजय हासिल करना और काम क्रोध और मोह से बाहरनिकालना जब तक इंसान स्थित प्रज्ञानहीं होता तब तक वह निराकार की उपासना नहीं करसकता निराकार की उपासनायही है लेकिन यह एक जन्म में शाक्य नहीं है तो इंसान के जन्म होते रहतेहैं इंसान को धर्म से जुड़े रखने के लिए मंदिर कर्मकांड कथा वार्ता यही इंसान को उससे जुड़े रख सकती है
आर्य समाज गुरुकुल के किसी विद्वान से इनका शास्त्रार्थ करवायें।
नमस्ते जी महेंद्र पाल आर्य जी महाराज को बात चीत करना 🌺🌺🌹🥀❤️🥀🙏
बहुत बड़िया दुवेदी जी 🚩
मैं आर्य संस्कृति को मानने वाला हूं। मेरे साथ बहस करके देखें।
तुम्हारे एक एक प्रश्न का जवाब देने की सामर्थ
रखते हैं।
आर्य समाज के नाम पर किसी भी कम जानने वाले व्यक्ति को अपनी बातों मैं फसा कर आर्य समाज को गलत ठहराने का प्रयास न करें।
रही बात नियमों की तो इस संपूर्ण संसार मैं सभी पदार्थों व सभी
सत्ताओं के अपने अपने नियम है। चाहें वह ईश्वर ही क्यों न हो
अवतार लेना भी ईश्वर के नियम के विरुद्ध है। अगर ईश्वर अवतार लेगा तो उसकी न्याय व्यवस्था व उसके हर समय सब जगह एक समान होने वाले गुड़ पर प्रश्नचिन्ह लगेगा।
अगर ईश्वर के अपने नियम नहीं होगें तो वह। किसी भी ब्यक्ति के साथ अपनी मर्जी से कुछ भी कर सकता है।
रही बात श्री कृष्ण की तो वह गीता मैं ईश्वर के लिऐ मैं का प्रयोग इसलिए करते हैं । क्योंकि वह एक योगी थे। एक योगी जब योगायुक्त अवस्था मैं होता है। तो वह ईश्वर के साक्षात्कार मैं होता है। और उस अवस्था मैं वह जो बोलता हैं। वह ईश्वरीय वाणी कहलाई जाती हैं। और जब गीता अर्जुन को सुनाई गई थी उस समय श्री कृष्ण योगायुक्त अवस्था मैं थे।
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रही बात बातों में फंसने की तो फिलहाल तो मैं भी कह सकता हूं कि आप भी बातों में फंसा रहे हैं
जो सबको एक करें वही संत हो सकता है
आत्मा और परमात्मा अजन्मा है। जन्म जीव का होता है। आत्मा की दृष्टि जिओ पर पड़ती है। आत्मा में आवेश शक्ति से पूर्ण ब्रह्म प्रकट होते हैं। जैसे 11 वर्ष 52 दिन श्री कृष्ण के शरीर से ब्रज लीला करी।
😂😂फंस गया ना आर्य नवाजी जय गुरु आदि शंकराचार्य
आर्य नही अनार्य नवाजी
😂
मूर्ख पहले आर्यसमाज को समझ तो ले, बाद में हंसी उड़ा लियो..
आप मुझे बताएं कि ईश्वर ने यह सृष्टि क्यों बनाई?
उसके पास सब कुछ है तो फिर क्यों?
@@qwertyqwertyu5753 Theek hai tum samjhao Arya Namaj ke baare me.
भाई कहीं ढग से विद्वान के पास जाओ जवाब मिल जाएगा।
द्विवेदी जी, ये पूछने से पहले कि 'भगवन अवतार ले सकता है या नहीं ', ये तय करना चाहिए कि 'अवतार' का अर्थ क्या है। आप अवतार किसे मानते है? अगर मैं ये कहूं कि मैं अमुक चीज नहीं उठा सकता तो इसे समझने के लिए पहले ये समझना होगा कि वो अमुक चीज है क्या? चर्चा शुरू करने से पहले शब्दावली तय करें अन्यथा ये चर्चा अर्थहीन है। ऐसी आधारहीन चर्चा के द्वारा आप कुछ अर्थपूर्ण और महत्वपूर्ण स्थापित तो नहीं कर पाएंगे बल्कि पहले से स्थापित स्वामी दयानंद कि प्रतिष्ठा को धूमिल अवश्य कर देंगे।
आर्य समाज के नाम पर इस तरह का भ्रांति ना फैलाया करें आप
यदि हिम्मत है तो हम शास्त्रार्थ करने की चुनौती देते हैं
ज्यादा कमेंट ना करते हुए हम आपकी उत्तर का प्रतीक्षा करेंगे
Mujhse kar debate 😂😂😂😂 rig ved 1 156 2 clear kehta hain mahavishnu is most ancient self born and he created every one no one created him samjha rig ved purush shukt padh bhagwan ke hajaro haath hajaro pair mukh hain jinse bramhan sudra prakat hue aur unhi mahavishnu ne indra ki sahyta kar vrat asur ka vadh kiya samjhi rig ved mein hi likha hain
शिवांश नारायण द्विवेदी यदि तुम्हें इतना सस्ता करने का शौक है तो सत्यार्थ प्रकाश का खंडन करके महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने तुम्हारे से अधिक ज्ञानी पांडवों का के मत को खंडन किया और वह सब तुम दबा के भाग गए यदि इतना ही तुम्हारा अर्थ है तो सत्यार्थ प्रकाश को पढ़ो और उसका सत्यार्थ प्रकाश का खंडन करने की तुम्हारी क्षमता नहीं है क्योंकि सत्यार्थ प्रकाश शक्तियों का प्रकाश है तुम यह छोटे छोटे आर्य समाज से बढ़कर अपने आप को यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाह रहे हो यह कुछ नहीं है क्योंकि हम आर्य समाज की हर आर्य समाज स्वदेशी होता है जो अपने वेदों को अपने उपनिषद को और अपने आज ज्ञान को पड़ता है परंतु तुम एक कुचक्र लेकर आते अंतर्गत तुम आर्य समाज के प्रति देश भाव में रखते हो मैं जानता हूं तुम जाति का तो ब्राह्मण हो और तुम्हारे पेट में लात पड़ रही है क्योंकि आर्य समाज विद्वान के आगे तुम्हारे जातिगत ब्राह्मण भी कुछ नहीं कर पाते हैं इसका कीड़ा का परंतु उसके लिए तुम एक सही मंच को चुनो 😊
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ईश्वर और परमपिता परमात्मा में अंतर बताए। पता चलेगा की आपको कुछ पता भी है, या यूं ही बहस कर रहे हो। आपके सभी सवालों का जवाब है इस प्रश्न में।
पहले भी आर्य समाज की विदुषी डॉक्टर निष्ठा वेदालंकार जी ने इनके प्रत्येक प्रश्न का उत्तर बड़ी विद्वानता के अनुसार दिया लेकिन यह मानने को तैयार ही नहीं, इसलिए इनका शास्त्रार्थ आर्य समाज गुरुकुल के किसी विद्वान से करवा ये।
Ye nhi krega sastrarth
Maharishi dayanand ji ne Kaasi mein kase bhigo bhigo kar mara tha in pakhandi pujariyo ko ye sab jante hai. Or kase in Maha Neech pakhandiyo ne unke saath kase durvyavhar kiya tha ye sabhi jante hai.
ईश्वर की क्षमता बिना अवतार लिए अपना सभी कार्य करने में है न कि अवतार लेकर रावण कंस को मारने में। वेद में ईश्वर को अकायम अर्थात शरीर धारण नहीं करता, अस्नाविरं अर्थात वह नस नाड़ियों के बन्धन में नहीं आता। जिस प्रकार ईश्वर दूसरा ईश्वर नहीं बना सकता, स्वयं मूर्ख नहीं बन सकता, उसी प्रकार ईश्वर अवतार नहीं ले सकता। क्योंकि यह सब ईश्वर के गुण विरूद्ध है।
Nirakar na dekh sakta na sun sakta na kisi ki sun sakta hain na kisi ka kalyan kar sakta hain nirakar akarta hain jisko na koi dekh sakta hain bewkof insan isliye nirakar ka hona na hona ek Barbar hain ab tum jaise bewkofo ne pichle janam mein koi sadhna to ki nahi isliye sakar bhagwan mein insani formula laga dete ho isliye shree Krishna ne Geeta mein kaha ki mujh anadi ajanma parbramh jiske upar koi nahi hain ko bhi murkh insan apne jaisa janam maran wala insan samajhte hain
Doodh aur chune ke pani dekhne mein ek jaisa magar antar sabko pata hain bewkof Hollywood movie terminator ek kalpnik movie hain magar terminator dikhne mein insan jaisa magar na uske andar humari tarah kaam hain na kroadh magar shakti unlimited hain uski mrityu bhi nahi hoti soach jabki ye ek kalpnik movie hain magar example se samjhaya aur shree Krishna ke paas divya mann buddhi indria etc hoti hain unki divya duniya ka nirantar badhte rahne wale anant anand hota hain wo humari duniya mein aa manushya ki tarah acting karte hain aur apne divya sharir sahit apne dhaam ko jate hain aur har jagah hain
Pandit Mahendra pal Arya se debate karen to jaane.
Yah Rahul Arya se debate Karen.
Yah Ankur Arya se debate Karen.
Rahul arya to mujhse hi darr ke bhag gaya tha debate mein sacchai to ye hain ki jisne bhi thoda sa bhi Granth padha ho to koi baccha bhi inko hara de
Ab mein ek question pucha ki rig ved 1 156 2 mein likha hain bhagwan vishnu is most ancient self born and he created every one no one created him aur rig ved purush shukt mandal 10 bhi kehta hain us virat purush ke hajaro haath hajaro pair mukh hain jinse bramhan sudra prakat hue aur rig ved 7 mandal sukt 156 100 mein katha hain ved mein hi ki bhagwan vishnu ne indra ka saath de vrat ka vadh kiya tha to ab batao clear rig ved hi kah raha hain ki bhagwan vishnu means shree Krishna hi ekmatra supreme God hain samast sansar ke rachayeta ab isko kaise jhooth sabit karoge
ये किसी भी folower को पकड़के खुद को बुद्धिमान सिद्ध करना छोड़ भाई, सही में उत्तर चाहिए या channel बेच रहे हो??
चैंनल ही बेचना उद्देश्य दिख गया है अब आपका...जिज्ञासा होती, या समाज को शिक्षित करना उदेश्य होता तो वैदिक शास्त्र के आधिकारिक विद्वान् स्वामी विवेकानंद जी मुनि सत्यजित जी से मिलते......
विद्वान के संबंध में निश्चित नियमावली हो आर्य समाज की वह उपलब्ध करा दीजिए
अथवा ऐसा कोई नियम जिसके द्वारा आप जिसे विद्वान मानेंगे उसी को विद्वान मानना सिद्ध होता है
@@Ahvaan बिल्कुल नियमावली होती भाई। उस क्षेत्र की जिसने पूरी पढ़ाई की होती है, संस्कृत व्याकरण का आचार्य हो, निरुक्त निघणाट्टू आचार्य हो, मीमांसक तीर्थ कम से कम हो, दर्शानाचार्य हो, छंद शिक्षा कल्प का ज्ञाता हो, साथ ही उच्च कोटि का साधक हो, सत्यवादी और आप्त हो.... जिसमे ये सभी योग्यता हो ऐसा आर्य समाज का विद्वान् आपको सत्य का रास्ता दिखा सकता है... फिर भी मानो या न मानो ये ईश्वर की कृपा पर निर्भर है। केवल विद्वानो को सुनकर आर्यसमाज का chukidar भी बहुत सुंदर प्रवचन दे लेगा. इतना ज्ञानी हो जाता है, वहीं तक भटक कर न रह जाओ इसलिए कहा..... विशुद्ध ढंग से सच तक पहुंचना है तो उन आचार्यओं के पास जाइये जिन्होंने जीवन लगाकर अध्ययन किया है.. उन्हें ढूंढिए.. मिल जाय तो सौभाग्य समझिये.. वरना आर्य समाज को तो एक किताब पढ़कर भी ज्ञानी बने मिल जाएंगे... समझ तो विकसित होती है पर जिसकी जिज्ञासा लेकर निकले हो वो शांत नहीं कर पाओगे।🕉️
Discussion के बहाने डिबेट करना बंद करो... और हिम्मत है तो शास्त्रार्थ के लिए सीधे सीधे ललकारो......
ये कायराना हरकते होती है, discussion के बहाने डिबेट और बाद मे चैनल पर अपलोड करना....
. कायर लोग
इस मूर्ख आनंद से आप बात ना करें इस बात करने का तरीका याद नहीं है
निजइच्छा निर्मित तनु माया गुम गोपार
वह अपनी इच्छा से अपना निर्माण करता है ।
ईश्वर स्वतंत्र है
जीव कर्म के आधीन है
Aadi Shankaracharya ne teen pustakon ka adhyayan karane ko kaha hai, Upanishad, Brahmsutra aur Gita. Yahi Sanatan Dharm ke aadhaar hain. Jo Gita ko nahi manata, vah Sanatani nahi ho sakata.
वेद पढ़ने को नही कहा क्या
जय श्रीराम ! हर हर महादेव ! जगद्गुरु श्री शंकराचार्य भगवान की जय ! 🙏
सर्व सनातनी परंपरागत सनातन ज्ञान, भक्ति और शक्ति के आधार पर संघटित हो। बढ़िया काम शिवांशु भाई।
सुनकर दुःख हुआ की कोई भगवान श्रीकृष्ण को अज्ञानी मानने या सिद्ध करने का प्रयास करे। भीषण महाभारत युद्ध के समय अर्जुन के विचलित मन को पूर्णरूप से भगवान ने अपने ज्ञानद्वारा शांत किया। कितने सारे मार्ग बतलाये। समस्त सनातन ज्ञान का सार अपनी गीता के द्वारा व्यक्त किया। अपना विराट स्वरुप दर्शाया। भगवत कृपा का यह तो केवल एक उदाहरण है।
Ye aadmi jo Arya Samaj ki taraf bol raha ha vo vidwan nahi ha😊kisi Arya samaji Vidwan se Shastrath karo☘️☘️☘️☘️☘️☘️🌻🌻
श्रुति से वेद की विद्या को अगली पीढ़ी से पीढ़ी दर पीढ़ी आगे लाया गया ।
जैसा कि पौराणिक मान्यता वाला बता रहा है कि ईश्वर जन्म ले लेगा तो ले लेगा तो बार बार यही दोहरा रहा है उसका नाम क्या रखोगे वह फिर एक देशिय हो जाएगा सर्वव्यापक कहाँ रहेगा
स्वामी दयानंद ने तो श्री कृष्ण को सत्यार्थ प्रकाश में
आप्तपुरुष थे।
swami dayanand ke kehne se kya hota bhagwan hai shri krishna
@@internationalgamerguyतुम्हारे कहने से आम का अमरूद बन जाएगा क्या, महाभारत पढ़ो उसमें बताया गया है कि श्रीकृष्ण जी क्या थे
@@devendrashastri9221tum batao kya the
@@internationalgamerguy jese dhan se dhanwan hota he Gyan se gyanvaan hota he wese jiske paas bhag hota he wah bhagwan hota he bhgwan or iswer dono sabd alag he
@@devendrashastri9221क्यू भाईसाहब एक दयानंद ही ज्ञानी थे क्या बाकी हमारे ऋषि मुनि क्या थे?
श्री कृष्ण श्री राम को आप्तपुरुष मानते हो यही स्तर है तुम लोग का क्या भाई भगवान को भी नही समझे बस हर जगह चिल्लाते हो। कभी भक्ति भाव को समझे हो की तर्क ही करते हो बस😊
आर्य समाज खुद ही घिरता हुआ नजर आ रहा है nervous ho raha hain😅😅😅😂😂😂
सिर्फ प्रत्यक्ष पुरुषार्थ करना ही कर्म नहीं होता वल्कि पुरुषार्थ के साथ ईश्वर स्तुति, प्रार्थना, उपासना करना भी कर्म ही होता है।
भाई यदि ईश्वर जन्म लेगा तो वो नसवान हो जायेगा इस दुनियां को कौन संभालेगा
स्वामी जी ने तमाम ग्रंथों को वेदों को पढ़ने के बाद लिखा है स्त्यार्थप्रकाश को
किसी विद्वान संन्यासी या आचार्य जी से वार्ता करो तो आपको सही जबाब मिलेगा ये महाशय आपको उचित jbab nahi de rahe hain
Yadi aap nasamajh wali baat karte rahoge to पागल पन कर रहे हो। दूसरों को देखो वो तुम सबको काटने की तैयारी कर रहे हैं तुम्हारे सारे सवाल v jbab dhare rah jayenge jada samay nahi lagega unki तैयारी बहुत jada hai
बहुत सुंदर वीडियो है गुरु ऐसे ही और वीडियो बनाओ
हमारे ईश्वर में न्यूटन के नियम लागू होते हैं या नहीं। अगली डिबेट इस बात पर रखें।😅😅😅 आपको पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा सकता है। 😅
Ye bata Newton ne niyam explain Kiya use pehle gravity nahi thi kya
Man you are too good. You should have more subscribers. Very logical. Keep it up
माला पहने हुए कोन हो आप किसी आर्य समाजी जो आपको चेलेंज करें
वेदों में एक भी पाखंड नहीं है
अज्ञानी हो आप
महर्षि दयानंद के ज्ञान पर शंका अपनी ही पोल खोलती है, जैसे सूर्य किसी के घर में नहीं उग सकता, उसी प्रकार सर्वव्यापक सत्ता मानव शरीर में नहीं आ सकती ! महर्षि दयानंद को समझने का स्तर नहीं है तुम लोगों को ! महाभारत से अब तक कितने ईश्वर उत्पन्न हुए, फिर कब होंगे , कोई पाप होना शेष रह गया है क्या , जो उस पाप के घटित होने के बाद ईश्वर जन्म अवतार लेंगे
क्या दयानन्द के पिता जी आर्य समाजी थी?
Surya sabke gharo tak ujala kaise deta hai ek hi surya vedvyas ji ne to jo lilha hai vahi ho raha hai kaliyug me dekh lo
Ek aur sawal ved sakar kyu kiya kya jarurat thi
Tum log hamse karo
हां हां आर्य नमाजी तुम लोग के हिसाब से बस एक दयानंद ही सही है वही जो लिखे है वही सत्य है बाकी सब तो झूठे हैं ना? श्री कृष्ण को केवल महापुरुष मानते हो यही स्तर है दयानंद सरस्वती का? तुम लोग सीधे साधु संतो हमारे पुराणों का अपमान करते हो और खुद को ज्ञानी समझते हो😊 ईश्वर निराकार साकार दोनो है, मतलब ये स्तर है तुम लोग का की वो मानव रूप में नही आ सकता इसका मतलब ईश्वर के लिए ये असंभव है?
अगर मूर्ति पूजा पाखंड है तो सबसे पहले दयानंद की फोटो और मूर्ति हटाओ, आर्य नमाजी आधे मुल्ले हो चुके है मुल्ले भी मूर्ति पूजा का विरोध करते है। इतना ही शास्त्रार्थ करने का शौक है तो जाओ सारे आर्य नमाजी शंकराचार्य के पास या प्रेमानंद महाराज जी से जाओ कर लो भीगी बिल्ली बना के भेजेंगे😂
ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, वो अपने भक्तो को सुख पहुंचाने के लिए धरती पे आते है और निश्चित समय पे आते है। वो मूर्ति में भी है बस आंखे चाहिए देखने के लिए वरना ये तर्क वितर्क में जीवन निकल जायेगा समझ नही पाओगे भगवान को क्योंकि संतो को सुना नही, अपनें धर्मगुरुओं का भी नही अनुसरण करोगे बस एक दयानंद को लेके चिल्लाते हो हर जगह।
क्या दयानंद ही एक ज्ञानी है?
बाकी हमारे ऋषि मुनि क्या हैं फिर?
पहली बात तो तुम लोग राम कृष्ण को महापुरुष मानते हो मानव मानते हो तो क्या ही कहा जाए अब ।