CHHATARPUR TO PRAYAGRAJ || MAHAKUMBH 2025 || मौनी अमावस्या स्नान || छतरपुर TO प्रयागराज ||
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- Опубліковано 8 лют 2025
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इलाहाबाद (प्रयागराज) कुंभ 1954
तब के इलाहाबाद और आज के प्रयागराज में कुंभ मेला लगा था. यह आज़ादी के बाद का पहला कुंभ था. तीन फ़रवरी 1954 को मौनी अमावस्या के मौक़े पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु संगम तट पहुँचे
माना जाता है कि देवताओं का एक दिन मनुष्य के बारह वर्षों के बराबर होता है। इस युद्ध के दौरान जिन-जिन स्थानों पर कलश से अमृत की बूंदे गिरी थी वहां कुंभ मेला लगता है। अमृत की बूंदे इन चार जगहों पर गिरी थी प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन चारों स्थान पर कुंभ मेला का आयोजन किया जाता