मानो किसी मशीन के कल-पुरजे घिस-घिसाकर फिट हो गये हों, और एक पुरजे की जगह दूसरा पुरजा काम न दे सके, चाहे वह पहले से कितना ही सुडौल, नया और सुदृढ़ क्यों न हो।
However premchand ki har story superb hoti hai par ye kahani totally belongs to my family. Mere papa or meri ma ki tasvir ankhon ke aage tareri jaa rahi thi pure story ke dauran. I love the way you tell the whole content. Love this and love you.
ये कहानी सुनकर लग रहा है जैसे कोई मेरे ही पति के बारे बोल रहा हो। खासकर उधारी के मामले में बिल्कुल मेरे habby देते समय दे देते लेकिन मांगने को बोलो तो बोलते है कि देगा ही कहा जायेगा उसके पास होगा तो खुद आएगा देखना । और बस uhi सिलसिला
मेरे पापा तो सब्जियां भी सड़े हुए लाते है।क्योंकि बेचनेवाला बुड्ढे या बुढियाँ होती है तो उसी से ले लेते है।
लेकिन मेरे पापा पर मुझे गर्व है।
Aapki aawaj aaise lgta h jaise munsi premchandra khud hi khani suna rhe h👍👍🙇🙇😊
Full full story
बहुत ही अच्छीआवाज़ है आप की बहुत से कहानी सुनी आप से और भूल ही गया लाइक कर न आज याद आया।
शुक्रिया
स्वीकार्यता हीं सच्ची प्रेम है ❤️❤️
ये कहानी प्रत्येक पतिंपत्नी को सुननी चाहिए।
एक दूसरे के प्रति समर्पण और स्वीकार्यता का भाव होना ही प्रेम की प्रकृति है।❤️
28:04❤️
बढ़िया कहानी का शानदार वाचन....
मानो किसी मशीन के कल-पुरजे घिस-घिसाकर फिट हो गये हों, और एक पुरजे की जगह दूसरा पुरजा काम न दे सके, चाहे वह पहले से कितना ही सुडौल, नया और सुदृढ़ क्यों न हो।
यह कहानी पूरी तरह से मुझे अपनी सी लगती है जैसे मेरे पति की आदतें हैं पर फिर भी मैं उनसे बोले बिना या उनके बिना नहीं एक पल भी रह नहीं सकती
However premchand ki har story superb hoti hai par ye kahani totally belongs to my family. Mere papa or meri ma ki tasvir ankhon ke aage tareri jaa rahi thi pure story ke dauran. I love the way you tell the whole content. Love this and love you.
Thank you so much Neha Ji
प्रेमचन्द जी का जीवन संघर्ष लगता है इस कहानी में।
शानदार कहानी और प्रस्तुति का तरीका भी उतना ही शानदार 👌
This is one of the funniest stories I have heard!!
Amazingly narrated.
मुंशी जी हरफनमौला इनसान थे उनकी लेखनी में कितनी विवीधता थी सचमुच सराहनीय बेजोड़ प्रस्तुति के लिए आपका धन्यवाद गौसवामी जी शुक्रिया जयहिंद !
Apne samay se bhut aage the premchand.
यही सनातन धर्म की खुबी है।
अति उत्तम ।
Sanatan kaha se aa gya yaha be buddhe.
Dharm ne hi barbad kiya hai
Same mere papa h ye to mummy to aise hi bolti h 🤣🤣
Pp1
Hhhh☺️ right
मेरे पापा तो सब्जियां भी सड़े हुए लाते है।क्योंकि बेचनेवाला बुड्ढे या बुढियाँ होती है तो उसी से ले लेते है।
लेकिन मेरे पापा पर मुझे गर्व है।
⭐⭐⭐⭐⭐
Wah munshi ji wah
Thanks Sir
Aapki aawaaz bahut achachhi hai
Bahut khoob mashallah...
Nice story
Main Na Hoti kisi ne inhe bazar me bech diya hota😄😄😄
Bahut shandaar
धन्यवाद् हे आदरणीय
Thank you sir for such stories your voice is fantastic 🥰
Thanks for making this video
ये तो मेरे घर की कहानी है 🤣
Woooooow
shandar aavaj
And thanku so much
👌👌👌👌👌
शानदार
आज के वक्त में से कहानी कोई क्यों नहीं लिख पाता
ये कहानी सुनकर लग रहा है जैसे कोई मेरे ही पति के बारे बोल रहा हो।
खासकर उधारी के मामले में बिल्कुल मेरे habby देते समय दे देते लेकिन मांगने को बोलो तो बोलते है कि देगा ही कहा जायेगा उसके पास होगा तो खुद आएगा देखना ।
और बस uhi सिलसिला
Ye to mere mammy papa ki khani h
Ha Ha Ha
Pati patni ki aapsi shikayto par ek mahakavy likh sakte h😊
🤣🤣🤣🤣🤣
Nice
बुरा है भला है जैसा भी है वो मेरा पति हैं
यथार्थवादी वर्णन