भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 मे मंत्रिपरिषद और 75 मे प्रधानमंत्री फिर इस 76 का उल्लेख किया गया है इसके अन्तर्गत महान्यायवादी के पद का उल्लेख किया गया बताया🧐🤔😜😂😂😀🥰.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 उन सभी अपराधों को कवर करती है जिनमें किसी महिला को जानबूझकर शर्मिंदा किया जाता है या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता है ¹. यह धारा सिर्फ महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराधों पर लागू होती है ¹. इसमें अपराध करने वाला व्यक्ति जानबूझकर महिला को शर्मिंदा करने या उसके कपड़े उतारने का प्रयास करता है ¹. अपराध का मुख्य उद्देश्य महिला को शर्मिंदा करना या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना ही होता है ¹. अगर कोई व्यक्ति धारा 76 के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे जेल की कैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है ¹. कुछ कार्य जो BNS Section 76 के तहत अपराध में किए जाने वाले हैं वो हैं ¹: - यदि कोई व्यक्ति महिला के कपड़े खींचकर उसे अपमानित करने की कोशिश करता है। - किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध नग्न करने का प्रयास करना। - महिला पर दबाव डालना या धमकी देना कि वह अपने कपड़े उतारे। - सार्वजनिक स्थान पर या भीड़ में महिला के कपड़े खींचने का प्रयास करना। - किसी महिला को जबरदस्ती पकड़कर उसके कपड़े उतारने की कोशिश करना। - महिला को शारीरिक या मानसिक धमकी देकर उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना। - इरादतन किसी महिला के कपड़ों को फाड़ना ताकि उसे अपमानित किया जा सके। - महिला पर शारीरिक बल का प्रयोग करना ताकि वह अपने कपड़े उतार दे। - किसी महिला को धमकाकर या डराकर उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना।
@Ntvrecords-v5r आईबीसी धारा 76-परिचालन ऋणदाता द्वारा विवाद या ऋण की अदायगी का खुलासा न करने पर दंड। ऐसे परिचालन ऋणदाता या व्यक्ति, जैसा भी मामला हो, को कम से कम एक वर्ष के कारावास से, किन्तु पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा, या कम से कम एक लाख रुपये तथा एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने से, अथवा दोनों से, दण्डित किया जा सकेगा।
@Ntvrecords-v5r सीआरपीसी की धारा 76 के मुताबिक, गिरफ़्तार व्यक्ति को बिना देरी के अदालत में पेश किया जाना चाहिए. गिरफ़्तारी के बाद, अदालत तक पहुंचने में चौबीस घंटे से ज़्यादा समय नहीं लगना चाहिए.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 उन सभी अपराधों को कवर करती है जिनमें किसी महिला को जानबूझकर शर्मिंदा किया जाता है या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता है ¹. यह धारा सिर्फ महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराधों पर लागू होती है ¹. इसमें अपराध करने वाला व्यक्ति जानबूझकर महिला को शर्मिंदा करने या उसके कपड़े उतारने का प्रयास करता है ¹. अपराध का मुख्य उद्देश्य महिला को शर्मिंदा करना या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना ही होता है ¹. अगर कोई व्यक्ति धारा 76 के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे जेल की कैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है ¹. कुछ कार्य जो BNS Section 76 के तहत अपराध में किए जाने वाले हैं वो हैं ¹: - यदि कोई व्यक्ति महिला के कपड़े खींचकर उसे अपमानित करने की कोशिश करता है। - किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध नग्न करने का प्रयास करना। - महिला पर दबाव डालना या धमकी देना कि वह अपने कपड़े उतारे। - सार्वजनिक स्थान पर या भीड़ में महिला के कपड़े खींचने का प्रयास करना। - किसी महिला को जबरदस्ती पकड़कर उसके कपड़े उतारने की कोशिश करना। - महिला को शारीरिक या मानसिक धमकी देकर उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना। - इरादतन किसी महिला के कपड़ों को फाड़ना ताकि उसे अपमानित किया जा सके। - महिला पर शारीरिक बल का प्रयोग करना ताकि वह अपने कपड़े उतार दे। - किसी महिला को धमकाकर या डराकर उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना।
@@Ntvrecords-v5r भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 के अंतर्गत किसी महिला पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करके उसे कपड़े उतारने या नग्न (Naked) होने के लिए मजबूर करना एक गंभीर अपराध (Serious Offence) माना गया है। इसलिए इस अपराध के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, ताकि महिलाओं की गरिमा की रक्षा की जा सके।
Mojj kar di kr ❤
Abaki bar to mauj kar di k.r. Devta.❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
❤❤😮😮😊😊😊 very nice
Hii
Super bhi ❤
Sir bhut salo se gane sun par pta nhi chala golu rahul kon h😅
Wah yaar bhai Kalu devta
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 मे मंत्रिपरिषद और 75 मे प्रधानमंत्री फिर इस 76 का उल्लेख किया गया है इसके अन्तर्गत महान्यायवादी के पद का उल्लेख किया गया बताया🧐🤔😜😂😂😀🥰.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 उन सभी अपराधों को कवर करती है जिनमें किसी महिला को जानबूझकर शर्मिंदा किया जाता है या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता है ¹. यह धारा सिर्फ महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराधों पर लागू होती है ¹. इसमें अपराध करने वाला व्यक्ति जानबूझकर महिला को शर्मिंदा करने या उसके कपड़े उतारने का प्रयास करता है ¹. अपराध का मुख्य उद्देश्य महिला को शर्मिंदा करना या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना ही होता है ¹.
अगर कोई व्यक्ति धारा 76 के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे जेल की कैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है ¹. कुछ कार्य जो BNS Section 76 के तहत अपराध में किए जाने वाले हैं वो हैं ¹:
- यदि कोई व्यक्ति महिला के कपड़े खींचकर उसे अपमानित करने की कोशिश करता है।
- किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध नग्न करने का प्रयास करना।
- महिला पर दबाव डालना या धमकी देना कि वह अपने कपड़े उतारे।
- सार्वजनिक स्थान पर या भीड़ में महिला के कपड़े खींचने का प्रयास करना।
- किसी महिला को जबरदस्ती पकड़कर उसके कपड़े उतारने की कोशिश करना।
- महिला को शारीरिक या मानसिक धमकी देकर उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना।
- इरादतन किसी महिला के कपड़ों को फाड़ना ताकि उसे अपमानित किया जा सके।
- महिला पर शारीरिक बल का प्रयोग करना ताकि वह अपने कपड़े उतार दे।
- किसी महिला को धमकाकर या डराकर उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना।
@Ntvrecords-v5r आईबीसी धारा 76-परिचालन ऋणदाता द्वारा विवाद या ऋण की अदायगी का खुलासा न करने पर दंड। ऐसे परिचालन ऋणदाता या व्यक्ति, जैसा भी मामला हो, को कम से कम एक वर्ष के कारावास से, किन्तु पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा, या कम से कम एक लाख रुपये तथा एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने से, अथवा दोनों से, दण्डित किया जा सकेगा।
5 साल तक बढ़ाया जा सकता है और 1 लाख से 1 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।😜😀😂
या फिर दोनो
@Ntvrecords-v5r सीआरपीसी की धारा 76 के मुताबिक, गिरफ़्तार व्यक्ति को बिना देरी के अदालत में पेश किया जाना चाहिए. गिरफ़्तारी के बाद, अदालत तक पहुंचने में चौबीस घंटे से ज़्यादा समय नहीं लगना चाहिए.
Me nahi mangta hu kisi ka dil 😅😅😅
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत, भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति और उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई है 😂😂😂
भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 उन सभी अपराधों को कवर करती है जिनमें किसी महिला को जानबूझकर शर्मिंदा किया जाता है या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता है ¹. यह धारा सिर्फ महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराधों पर लागू होती है ¹. इसमें अपराध करने वाला व्यक्ति जानबूझकर महिला को शर्मिंदा करने या उसके कपड़े उतारने का प्रयास करता है ¹. अपराध का मुख्य उद्देश्य महिला को शर्मिंदा करना या उसे उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना ही होता है ¹.
अगर कोई व्यक्ति धारा 76 के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे जेल की कैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया जा सकता है ¹. कुछ कार्य जो BNS Section 76 के तहत अपराध में किए जाने वाले हैं वो हैं ¹:
- यदि कोई व्यक्ति महिला के कपड़े खींचकर उसे अपमानित करने की कोशिश करता है।
- किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध नग्न करने का प्रयास करना।
- महिला पर दबाव डालना या धमकी देना कि वह अपने कपड़े उतारे।
- सार्वजनिक स्थान पर या भीड़ में महिला के कपड़े खींचने का प्रयास करना।
- किसी महिला को जबरदस्ती पकड़कर उसके कपड़े उतारने की कोशिश करना।
- महिला को शारीरिक या मानसिक धमकी देकर उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना।
- इरादतन किसी महिला के कपड़ों को फाड़ना ताकि उसे अपमानित किया जा सके।
- महिला पर शारीरिक बल का प्रयोग करना ताकि वह अपने कपड़े उतार दे।
- किसी महिला को धमकाकर या डराकर उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना।
@@Ntvrecords-v5r 👍🏻👍🏻
@@Ntvrecords-v5r भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 के अंतर्गत किसी महिला पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करके उसे कपड़े उतारने या नग्न (Naked) होने के लिए मजबूर करना एक गंभीर अपराध (Serious Offence) माना गया है। इसलिए इस अपराध के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, ताकि महिलाओं की गरिमा की रक्षा की जा सके।
😂😂😂