सावन रविवार स्पेशल : ॐ नमः शिवाय धुन | Om Namah Shivaya ShivDhun | Meditation India

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  • Опубліковано 8 вер 2024
  • सावन रविवार स्पेशल : ॐ नमः शिवाय धुन |Om Namah Shivaya ShivDhun | Meditation India
    ॐ नमः शिवाय धुन |
    ग्रंथों में श्रावण माह का महत्व बताते हुए कहा है कि जो व्यक्ति इस माह में सच्चे मन से शिव की आराधना और मंत्रों का जाप करता है उसे वर्ष भर किए उपवासों से कई गुणा पुण्य की प्राप्ति कर लेता है। भगवान शिव का वार सोमवार माना जाता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने एवं रुद्राक्ष की माला से ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान शिव जी की पूजा का सर्वमान्य पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय', जो प्रारंभ में ॐ के संयोग से षडाक्षर हो जाता है, भोलेनाथ को अति प्रिय है। यह मंत्र शिव तथ्य है जो सर्वज्ञ, परिपूर्ण और स्वभावतः निर्मल है। इस मंत्र के जप से शीघ्र ही भोले नाथ की कृपा प्राप्त हो जाती है।शिव के पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है।नमः शिवाय की पंच ध्वनिया सृष्टि में मौजूद पंचतत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं,जिनसे सम्पूर्ण सृष्टि बनी है और प्रलयकाल में उसी में विलीन हो जाती है। भगवान शिव सृष्टि को नियंत्रित करने वाले देव माने जाते हैं । क्रमानुसार 'न' पृथ्वी,'मः'पानी,'शि'अग्नि ,'वा' प्राणवायु और 'य' आकाश को इंगित करता है। शिवपुराण के अनुसार एक बार माँ पार्वती भोलेनाथ से पूछती हैं कि कलियुग में समस्त पापों को दूर करने के लिए किस मंत्र का आशय लेना चाहिए?देवी पार्वती के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए भगवान शिव कहते हैं कि प्रलय काल में जब सृष्टि में सब समाप्त हो गया था,तब मेरी आज्ञा से समस्त वेद और शास्त्र पंचाक्षर में विलीन हो गए थे।सबसे पहले शिवजी ने अपने पांच मुखों से यह मंत्र ब्रह्माजी को प्रदान किया था।शिव पुराण के अनुसार इस मंत्र के ऋषि वामदेव हैं एवं स्वयं शिव इसके देवता हैं।स्कन्दपुराण में कहा गया है कि-'ॐ नमः शिवाय 'महामंत्र जिसके मन में वास करता है,उसके लिए बहुत से मंत्र,तीर्थ,तप व यज्ञों की क्या जरूरत है। यह मंत्र मोक्ष प्रदाता है,पापों का नाश करता है और साधक को लौकिक,परलौकिक सुख देने वाला है । वेदों और पुराणों के अनुसार शिव अर्थात सृष्टि के सृजनकर्ता को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ “ॐ नमः शिवाय” का जप ही काफी है। भोलेनाथ इस मंत्र से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं एवं इस मंत्र के जप से आपके सभी दुःख, सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और आप पर शिवजी की असीम कृपा बरसने लगती है।शिव के ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप किसी भी समय किया जाता है। जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। यदि आप पवित्र नदी के किनारे शिवलिंग की स्थापना और पूजन के बाद जप करेंगे तो उसका फल सबसे उत्तम प्राप्त होगा। इस मंत्र का जाप हमें शिवालय, तीर्थ या घर में साफ, शांत व एकांत जगह बैठकर करना चाहिए। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार हर दिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए,क्योकि रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है।ॐ नमः शिवाय का अर्थ है घृणा, तृष्णा, स्वार्थ, लोभ, ईर्ष्या, काम, कोध्र, मोह, माया और मद से रहित होकर प्रेम और आनंद से परिपूर्ण होकर परमात्मा का सानिध्य प्राप्त करें।
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