कहानी बहुत अच्छी लगी और मन श्रद्धा भाव से भर गया किंतु इसकी सत्यता में तीन आशंका है 1. मिथिला नेपाल में स्थित है अयोध्या के पास नहीं है 2. अंधे व्यक्ति का दुख दूर करने के लिए सूचित करने हेतु सभी राज्यों के परिवारों सहित प्रजा के परिवारों को भी इसलिए सम्मिलित किया गया क्योंकि यह आवश्यक नहीं था कि केवल राजाओं के परिवारों में ही पतिव्रता स्त्री मिल जाने की गारंटी थी 3. यदि धनुष तोड़ने के लिए दशरथ जी को व्यक्तिगत निमंत्रण जाता तो वे निश्चित ही अपने परिवार सहित ही उसमें शामिल होते व्यक्तिगत निमंत्रण पर प्रजा के किसी व्यक्ति को कैसे भेज देते जनक जी ने अयोध्या निमंत्रण क्यों नहीं भेजा इसकी विषय में हर महाराज जी अलग-अलग अपनी कहानी प्रस्तुत करते हैं एक महाराज जी ने यह बताया कि जनक जी को एक बगीचा बहुत प्रिय था वह बगीचा किसी कारणवश सूख गया तो उनके गुरु जी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कच्चे घड़े को कच्चे धागे में बांधकर और उसे कुएं में डुबोकर उसे बाहर पानी निकाल कर उसे बगीचे में डाल दे तो बगीचा हरा भरा हो जाएगा जनक जी ने मुनादी करा दी तो अयोध्या जी से एक सफाई कर्मी कहने लगा कि यह काम तो मैं भी कर दूंगा कुए के पास पहुंचकर उसने हाथ जोड़कर कहा कि हे भगवान यदि मैंने मन कर्म वचन से दशरथ जी की सेवा करी हो तो मेरा यह काम सफल कर देना उसने कोशिश की और कुएं से पानी निकाल लिया और बगीचे में छिड़क कर उसको दोबारा हरा भरा कर दिया तब जनक जी ने सोचा कि यदि मैंने अयोध्या जी में मुनादी करा दी स्वयंवर के बारे में और वहां इतने धर्म परायण व्यक्ति रहते हैं तो ऐसा ना हो वहां से कोई सफाई कर्मी ही आ जाए और धनुष तोड़ दे और मुझे सीता जी का विवाह उससे करना पड़ जाए यह सोचकर जनक जी ने अयोध्या जी में मुनादी नहीं कराई
इंद्र को नही जीता देवासुर संग्राम के टाइम देवताओं की सेना का नेतृत्व दशरथ कर रहे थे और जब चारो युवराज विश्वामित्र जी की पाठशाला में अध्यनरत थे जबतक शिक्षा पूरी ना हो तब तक गृहस्थ आश्रम शुरू नही होता
देवासुर संग्राम में इन्द्र की सहायता के लिए दशरथ और कैकेयी गये। वैजयंत नामक नगर में संबर नाम से विख्यात, अनेक मायाओं का ज्ञाता तिमिध्वज रहता थां उसने इन्द्र को युद्ध के लिए चुनौती दी थी। रात को सोये हुए घायल सैनिकों को बिछौनों से खींचकर दैत्य लोग मार डालते थे। भयंकर युद्ध करते हुए दशरथ भी घायल होकर अचेत हो गये। राजा के अचेत होने पर कैकेयी उन्हें रणक्षेत्र से बाहर ले आयी थी, अत: प्रसन्न होकर दशरथ ने दो वरदान देने का वादा किया था।
चारों भाई श्रीराम भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न गुरु विशिष्ट के पास गुरुकुल में शिक्षा पा रहे थे और चारों युवराज नहीं हो सकते अकेले श्रीराम जी को युवराज बनाने की घोषणा हुई थी युवराज बनाने से पहले बनवास भेज दिया अगर सभी युवराज हो सकते तो महाभारत नहीं होता युवराज बनने की लड़ाई ही थी दुर्योधन को बनाया ओर युधिष्ठिर ओर पाण्डवों को बनवास
@@gkteck2017 हर समय हर युग जिन्दा होता है जैसे आज भी हर युग के बारे में हर कोई उदाहरण के लिए बोलता है और आदर्श मानता है जो जिस तरिके से जीवन जीता है वो उसी युग को जीता है हर युग में धर्म में माँ को मॉ ओर बहन को बहन ओर पत्नी को पत्नी कहा जाता है और इन तीनों शब्दों में तीनों रिश्ते अलग अलग है पर तीनों स्त्री है पर अधर्म में ऐसा नहीं होता वो इन तीनों को अलग नहीं करते ओर सम्मान नही कर पाते
❤❤ जय गुरुदेव ज्ञापन दिया जिन्होंने इस धरती पर कोटि कोटि शतकोटी नमन ❤❤🎉 जय श्री राम जय जय श्री श्याम प्रभु देवाय नमः सियाराम शरणम् मम प्रिय श्री राम ने आदेश आदेश गुरु जी आपका हार्दिक आभार एवं धन्यवाद जी
जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय गुरुवर की जय गुरुवर की जय माता माता जय माता गुरुदेव जय माता की जय मां दुर्गा देवी दही जय महामाया देवी दी जय जय मां काली जय जय मां दुर्गा देवी हर हर महादेव
Jai maa padmavati koti koti pranam swikar kare maa Jai bhairav dev ji koti koti pranam swikar kare guru ji Jai gurudev ji koti koti pranam swikar kare guru ji
Apka Tarika very nice, Aachhe vakta ktha vachak hi, sati HONA CHAHIYE, Ab kitni Hai Sato jato me , KIYO , Ab wo Pawar Shakti kaha hai, bas pothiyo me. Kalam vadh Hai, Easa kuchha kariye ya karvaye jo diviye Pawar y prakat ho, AP ram jee ko ye batane me Lage hai koi bhi. Chalta firta Dhovi Shiv jee ke Dhanusha ko Tod Sakta tha, yaar Bhagvan hone ka dava sabne Kiya PR hua ak. Bhi NHEE,, shiri ram Katha me Ravan Geeta me kansha or Bratman me. Tamam. Asha Ram bapu Sai Baba Bahut PR Bhagban to Prabhu jee ak hota Yugo me jiska koi vikalp hora NHEE hai, Lokkathao me to sabko Nayak Gayak Bana Diya jata hai yea farmula Hai Rajniti ka pr Bhagban Shiv or sati yea Alag Thea or Hai, yea pralay me Bhi shirajan uttpti karne ki Pawar rakhte hai, jis PR inki kripa Ho Jaye wo Aklaviye ko bhi Veer Bana Sakta hai pr. Bhagwan NHEE, Arjun Veer Bana Bhagwan NHEE, Apki Katha to jhadu wali ko Seeta jee Bana Rahe hai, yaar Seeta ma jesa Dusra charitra janma NHEE hai, to Maharaj Ramayan or Lokgatha me Anter Hai,
Sati sato jati hoti hai , pr ab. NHEE KIYO, pathar pathar Bolta Hai Bulvane vala HONA CHAHIYE Lafea mar NHEE, Ab Tak ye hota A Raha hai, tap sabne Kiya hai , sab shiv NHEE ho sakte, jo ho Gaye wo Dhauruv Tara bangaye Sir , Dukan chalaye pr sachi kathao bataye, Lok Gatha kathaye Giyani hone ke Liye prerit Karti hai, that is ok , But Harek kata only jhadu Bhangi Kiya batane ki message De Rahe hai Sir, Ak baat practical Hai Aapne fayade ke Liye Dusare Hatiya mat kariye very nice, Easa Lagta Hai Jese ak Lok katha ka Dor chal tab Shri Dhar naam ke pandit ji Harek Katha me chale,, Ramayan ko pramnit tarike se dikhaiye Tulseedas jee ne Balmiki jee practical likha jiska praman Milta lok kathaye political Hoti hai 🙏, Raja ke Liye jo usne NHEE Kiya hota chamche usko bhi Namak morchi milakar Raja ko sunate Thea, Aaj lok kathaye Neta jee pr bhi bolee jati Manch se, kirpa karke jo katha Aap pawlik ko sunate hai usko pramnit Granth ke Naam ke sath sunaye pawlik ko,
मिथिला जो जानका था, वो तो नेपाल मै हैं अभि। जो बिहार के उत्तरमे-है नेपाल तरफ। उत्तर प्रदेश कि गाउँ मे- नही । आप राम भक्त होकर्भी मिथिला को नै जनते- आइस हो गया। यी कोहि नै बात नही है -वोइस होइ रहा है ! दुनिया जनता है कि ऐस हि है फिर" ये बुरी बात थोडी हो , बोल्ने वाला -सुन्ने वाला दोनो जनते है कि यी सहि नही है"। अयोध्दा बसी महान- थे।झडूवलि भी महान पतिब्रता। राम कैसे मिथिला पौंचे- धनु तोड्के -स्वोयाम्बर करे-तो - दुसरा भाग्मे-जरुर बताना -जय गुरु
Gurudev ki jay ho. Aajkal denting painting karake sabhi yuva banane ki daur me hai. Shahar me koi kisiko nahi puchhata hai. Gomata ki puja gavo me hi sambhav hai. Sanaatan dharm ki jay ho.
कहानी बहुत अच्छी लगी और मन श्रद्धा भाव से भर गया किंतु इसकी सत्यता में तीन आशंका है
1. मिथिला नेपाल में स्थित है अयोध्या के पास नहीं है
2. अंधे व्यक्ति का दुख दूर करने के लिए सूचित करने हेतु सभी राज्यों के परिवारों सहित प्रजा के परिवारों को भी इसलिए सम्मिलित किया गया क्योंकि यह आवश्यक नहीं था कि केवल राजाओं के परिवारों में ही पतिव्रता स्त्री मिल जाने की गारंटी थी
3. यदि धनुष तोड़ने के लिए दशरथ जी को व्यक्तिगत निमंत्रण जाता तो वे निश्चित ही अपने परिवार सहित ही उसमें शामिल होते व्यक्तिगत निमंत्रण पर प्रजा के किसी व्यक्ति को कैसे भेज देते
जनक जी ने अयोध्या निमंत्रण क्यों नहीं भेजा इसकी विषय में हर महाराज जी अलग-अलग अपनी कहानी प्रस्तुत करते हैं एक महाराज जी ने यह बताया कि जनक जी को एक बगीचा बहुत प्रिय था वह बगीचा किसी कारणवश सूख गया तो उनके गुरु जी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कच्चे घड़े को कच्चे धागे में बांधकर और उसे कुएं में डुबोकर उसे बाहर पानी निकाल कर उसे बगीचे में डाल दे तो बगीचा हरा भरा हो जाएगा जनक जी ने मुनादी करा दी तो अयोध्या जी से एक सफाई कर्मी कहने लगा कि यह काम तो मैं भी कर दूंगा कुए के पास पहुंचकर उसने हाथ जोड़कर कहा कि हे भगवान यदि मैंने मन कर्म वचन से दशरथ जी की सेवा करी हो तो मेरा यह काम सफल कर देना उसने कोशिश की और कुएं से पानी निकाल लिया और बगीचे में छिड़क कर उसको दोबारा हरा भरा कर दिया तब जनक जी ने सोचा कि यदि मैंने अयोध्या जी में मुनादी करा दी स्वयंवर के बारे में और वहां इतने धर्म परायण व्यक्ति रहते हैं तो ऐसा ना हो वहां से कोई सफाई कर्मी ही आ जाए और धनुष तोड़ दे और मुझे सीता जी का विवाह उससे करना पड़ जाए यह सोचकर जनक जी ने अयोध्या जी में मुनादी नहीं कराई
❤❤जय गुरुदेव ज्ञानयो केज्ञानी ज्ञान के गहरे समंदर समंदर मेरे गुरुदेव कोटी कोटी शतकोटी नमन💐💐🔱🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कोटि कोटि प्रणाम जय मेरे राम जी🎉🎉🎉🎉❤
Kn
शिक्षा पृद पृवचन जय हो
क्यूक्कक@@dayawatimishra2519
😊😊
इंद्र को नही जीता देवासुर संग्राम के टाइम देवताओं की सेना का नेतृत्व दशरथ कर रहे थे और जब चारो युवराज विश्वामित्र जी की पाठशाला में अध्यनरत थे जबतक शिक्षा पूरी ना हो तब तक गृहस्थ आश्रम शुरू नही होता
देवासुर संग्राम में इन्द्र की सहायता के लिए दशरथ और कैकेयी गये। वैजयंत नामक नगर में संबर नाम से विख्यात, अनेक मायाओं का ज्ञाता तिमिध्वज रहता थां उसने इन्द्र को युद्ध के लिए चुनौती दी थी। रात को सोये हुए घायल सैनिकों को बिछौनों से खींचकर दैत्य लोग मार डालते थे। भयंकर युद्ध करते हुए दशरथ भी घायल होकर अचेत हो गये। राजा के अचेत होने पर कैकेयी उन्हें रणक्षेत्र से बाहर ले आयी थी, अत: प्रसन्न होकर दशरथ ने दो वरदान देने का वादा किया था।
चारों भाई श्रीराम भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न गुरु विशिष्ट के पास गुरुकुल में शिक्षा पा रहे थे और चारों युवराज नहीं हो सकते अकेले श्रीराम जी को युवराज बनाने की घोषणा हुई थी युवराज बनाने से पहले बनवास भेज दिया अगर सभी युवराज हो सकते तो महाभारत नहीं होता युवराज बनने की लड़ाई ही थी दुर्योधन को बनाया ओर युधिष्ठिर ओर पाण्डवों को बनवास
@@pawangour6809Where is this Yidhisthir and Duryodhan in this context.Completely two different yugs
@@gkteck2017 हर समय हर युग जिन्दा होता है जैसे आज भी हर युग के बारे में हर कोई उदाहरण के लिए बोलता है और आदर्श मानता है जो जिस तरिके से जीवन जीता है वो उसी युग को जीता है हर युग में धर्म में माँ को मॉ ओर बहन को बहन ओर पत्नी को पत्नी कहा जाता है और इन तीनों शब्दों में तीनों रिश्ते अलग अलग है पर तीनों स्त्री है पर अधर्म में ऐसा नहीं होता वो इन तीनों को अलग नहीं करते ओर सम्मान नही कर पाते
असत्य वचन ❤❤
दशरथ जी ने प्राण बचाने के लिए कैकेई को वरदान दिया था 🎉
।। जय सियाराम जय जय श्री सीताराम।।हे संत भगवन् आपके चरणों में कोटि-कोटि नमन।।
ବହୁତ୍ ସୁନ୍ଦର୍ କଥା ଗୁରୁଜୀ ❤❤❤ ରାଧେ ରାଧେ ❤❤
जय श्री कृष्णा राधे राधे सा
❤❤ जय गुरुदेव ज्ञापन दिया जिन्होंने इस धरती पर कोटि कोटि शतकोटी नमन ❤❤🎉 जय श्री राम जय जय श्री श्याम प्रभु देवाय नमः सियाराम शरणम् मम प्रिय श्री राम ने आदेश आदेश गुरु जी आपका हार्दिक आभार एवं धन्यवाद जी
Jay Gurudev aapki Katha Bahut Der Rochak Aur arthpurn Hai Ham aapko Sadar Naman karta hun❤❤
❤🎉 राम हरे राम जय श्री राम 🎉❤
Radha radha radha radha
महाराज जनक ने सीता जी के स्वयंवर में किसी को भी नहीं बुलाया सब सुनकर आयें थे
🎉 जय मां पद्द्यावती मां आपको मेरा कोटि कोटि प्रणाम सत सत नमन है 🎉
आपके मिलन से जीवन सफल है सदर प्रणाम दंडवत गुरुदेव अयोध्या
कोटि कोटि नमन गुरुदेव
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे l हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ll 🙏🙏🙏🌺🌺🌺
जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏
नमन गुरुवर प्रणाम ! मार्मिक यथार्थ !
जय श्री राम प्रभु 🙏🙏
guruji sundar kantha aapke charno me sat sat naman
श्रीराम जय श्रीराम 👏👏
दीप दीप के भूपति नाना 🎉आए सुनि हम जो प्रण ठाना। निमंत्रण किसी को नहीं भेजा
चौपाई से सारांश तो यही निकलता है कि,हे राजन आपके प्रण को हम सुन कर के आए हैं।।
Jai jai gurudev
जय गुरुदेव आपके चरणों में दंडवत प्रणाम
Jai jai shree ram
जय-जय सियाराम जी 👏👏
प्रमाण गुरूजी
🌹🌹❤️👏👏जय हो, जय हो।
🙏 जय गुरुदेव 🚩 जय सियाराम 🙏
जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय गुरुवर की जय गुरुवर की जय माता माता जय माता गुरुदेव जय माता की जय मां दुर्गा देवी दही जय महामाया देवी दी जय जय मां काली जय जय मां दुर्गा देवी हर हर महादेव
जय जय गुरू देव जी
Jai jai jai gurudev koti pranam
जय श्री राम 🌹🙏
Jai ramji ki
जय गुरुदेव कोटि कोटि प्रणामचरणों में
जय जय गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌷🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹❤️❤️❤️❤️🌺🌺🌺🌹🌹
Jaijai mere pyare param pujya sree gurudev vagban ji ke sree charono me koti koti bandan 🙏🙌🙏🏻🌹
Thank you guruji
जय जय गुरुदेव. सियावर रामचंद्र की जय.
Koti koti pranam Guru Dev
जय जय गुरुदेव नमह 🚩 संभाजी नगर महाराष्ट्र से चंद्र कला अशोक शिंदे 🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹 जय जय गुरुदेव
Jai gurudev maharaja ji ki charanome anant koti pranam gurudev
Jai Jai Jai gurudev koti koti pranam from Nepal
Koti koti Naman Gurujii
श्री राम जय राम जय जय राम,
Jai maa padmavati koti koti pranam swikar kare maa
Jai bhairav dev ji koti koti pranam swikar kare guru ji
Jai gurudev ji koti koti pranam swikar kare guru ji
ગુરુદેવ ચરણોમાં સત સત નમન ❤ 🙏🙏🙏
Jay ho 🙏🌺🙏
Main paramhans avdhesh Swami Shri Shri 1000 tota Maharaj ke cases aapke charanon ko Naman karta hun 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
जय गुरुदेव्🌹🙏
Bahut hi sundar katha
Jay Gurudev Jay Gurudev aapke Charanon Mein Koti Koti Pranam Koti Koti Pranam Jay Mata padmawati ka naam
Jai Shri Sita Ram
जय श्री राम
🚩🙏🌹 Jai jai gurudev 🌹🙏🚩
♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
जय माता दी
Jai maa jai gurujii
Jai Shree Guru Maharaj ji 🙏 🙌
जय जय श्री राधे
Jay Jay Gurudev Jay Maa Padmavati Jay Bhairavnath Har Har Mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺🌺🌺🌺
जय मां भवानी 🙏🕉️🙏🚩🚩
Chhaya chothava 🌷 🙏 🌹
Har Har mahadev 🙏
jayshreeram
कहानी तों अच्छी लगी परंतु विशय से भटक गई
Jai Guru dev 🙏
Mein ees baat ko kaee baar Sucha.... 🙏🙏
Jai Shri Ram j Jai guru ji
Joy shreeram Joy hanuman Joy guru ji Kishore das ki ram ram
Jay maa padmavati mata ki jay jay jay gurudev kripya kare 🙏🙏🙏🙏🙏
Har Har Mahadev guruji pranam 🙏💐🙏
Jai gurudev🙏🙏
Jay jay gurudev
Jai Guru Dev Ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Apka Tarika very nice, Aachhe vakta ktha vachak hi, sati HONA CHAHIYE, Ab kitni Hai Sato jato me , KIYO , Ab wo Pawar Shakti kaha hai, bas pothiyo me. Kalam vadh Hai, Easa kuchha kariye ya karvaye jo diviye Pawar y prakat ho, AP ram jee ko ye batane me Lage hai koi bhi. Chalta firta Dhovi Shiv jee ke Dhanusha ko Tod Sakta tha, yaar Bhagvan hone ka dava sabne Kiya PR hua ak. Bhi NHEE,, shiri ram Katha me Ravan Geeta me kansha or Bratman me. Tamam. Asha Ram bapu Sai Baba Bahut PR Bhagban to Prabhu jee ak hota Yugo me jiska koi vikalp hora NHEE hai, Lokkathao me to sabko Nayak Gayak Bana Diya jata hai yea farmula Hai Rajniti ka pr Bhagban Shiv or sati yea Alag Thea or Hai, yea pralay me Bhi shirajan uttpti karne ki Pawar rakhte hai, jis PR inki kripa Ho Jaye wo Aklaviye ko bhi Veer Bana Sakta hai pr. Bhagwan NHEE, Arjun Veer Bana Bhagwan NHEE, Apki Katha to jhadu wali ko Seeta jee Bana Rahe hai, yaar Seeta ma jesa Dusra charitra janma NHEE hai, to Maharaj Ramayan or Lokgatha me Anter Hai,
Ram Ram Maharaj ji 🌹🙏🌹
Valmiki Ramayana mei likha hei ki विश्वlमितर ji Anupam dhanush दिखाने ले कर गए थे तब jank ji ke वहा यज्ञ चल रहा था, स्वेंबर का कोई जिक्र नहीं है
जय सिया राम
जयजय राम सियाराम
जय गुरू देव
Jay Jay sat gurdev Bhagvan Jay ho
Jay Jay Gurudev 🙏🙏
❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
Sati sato jati hoti hai , pr ab. NHEE KIYO, pathar pathar Bolta Hai Bulvane vala HONA CHAHIYE Lafea mar NHEE, Ab Tak ye hota A Raha hai, tap sabne Kiya hai , sab shiv NHEE ho sakte, jo ho Gaye wo Dhauruv Tara bangaye Sir , Dukan chalaye pr sachi kathao bataye, Lok Gatha kathaye Giyani hone ke Liye prerit Karti hai, that is ok , But Harek kata only jhadu Bhangi Kiya batane ki message De Rahe hai Sir, Ak baat practical Hai Aapne fayade ke Liye Dusare Hatiya mat kariye very nice, Easa Lagta Hai Jese ak Lok katha ka Dor chal tab Shri Dhar naam ke pandit ji Harek Katha me chale,, Ramayan ko pramnit tarike se dikhaiye Tulseedas jee ne Balmiki jee practical likha jiska praman Milta lok kathaye political Hoti hai 🙏, Raja ke Liye jo usne NHEE Kiya hota chamche usko bhi Namak morchi milakar Raja ko sunate Thea, Aaj lok kathaye Neta jee pr bhi bolee jati Manch se, kirpa karke jo katha Aap pawlik ko sunate hai usko pramnit Granth ke Naam ke sath sunaye pawlik ko,
Ram Ram guruji
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
🙏🏼🙏🏼👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽
Jy maharaji jy padmabti maa ki ju
मिथिला जो जानका था, वो तो नेपाल मै हैं अभि। जो बिहार के उत्तरमे-है नेपाल तरफ।
उत्तर प्रदेश कि गाउँ मे- नही । आप राम भक्त होकर्भी
मिथिला को नै जनते- आइस हो गया।
यी कोहि नै बात नही है -वोइस होइ रहा है ! दुनिया जनता है कि ऐस हि है
फिर" ये बुरी बात थोडी हो , बोल्ने वाला -सुन्ने वाला दोनो जनते है कि यी सहि नही है"।
अयोध्दा बसी महान- थे।झडूवलि भी महान पतिब्रता। राम कैसे मिथिला पौंचे- धनु तोड्के -स्वोयाम्बर करे-तो -
दुसरा भाग्मे-जरुर बताना -जय गुरु
राम राम राम राम राम राम राम राम
जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम जयसियाराम
Gurudev ki jay ho. Aajkal denting painting karake sabhi yuva banane ki daur me hai. Shahar me koi kisiko nahi puchhata hai. Gomata ki puja gavo me hi sambhav hai. Sanaatan dharm ki jay ho.
Jai shree Ram 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय गुरुदेव कोटी कोटी प्रणाम गुरुजी के चरणों में कोटी कोटी प्रणाम
❤❤❤❤🛐
सब सुन सुन के आए थे,किसी को बुलावा नहीं गया था
Jai Jai Gurudev ❤🙏🙏🙏
JAI JAI GURU DEV
JAY MAA JAY GURUDEV 🙏