Great.... Because at last we have to merge into the divine consciousness... So it should get detache from the physical guru, which mostly people forget... Gratitude Sir🙏🏻🌸
Sir आपने सही कहा है, सहस्रार चक्र जब सक्रिय होना शुरू होता है, तो ऊर्जा बहुत ज्यादा उच्च स्तर पर पहुंच जाती है। यह मेरे साथ हो चुका है। यदि इस ऊर्जा को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह इंसान को पागल भी बना सकती है। और सहस्रार चक्र के सक्रिय होने की यह एक धीमी प्रक्रिया होती है। सहस्रार चक्र को सक्रिय होने में कई जन्म लग जाते हैं।
श्रीमान चौधरी जी,कृपया कर बताएंगे कि आपने कैसे नियंत्रित की थी क्योंकि मैने भी कुछ ऐसा ही अनुभव किया था स्थिति बहुत बिगड़ गई थी,पर मैं एक बात जोड़ता हूं कि यह आज्ञा चक्र का अनुभव है जो आपने बताया है सहस्त्रार पर जाने का कोई रास्ता नहीं है गहरी खाई है और छलांग लगाई जाती है (क्योंकि सहस्त्रार शरीर के बाहर है भीतर नहीं है )तब वह आत्मा मुक्त हो जाती है सहस्त्रार पर पहुंचकर लौटा नहीं जाता मुझे ऐसा लगता है जितना मुझे ज्ञान है।
@@lovygupta286🙏💐 "सभी बातें ऑनलाइन साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन कुछ बातें बता सकता हूं। चक्रों का सक्रिय होना दो तरीकों से होता है - प्राकृतिक और अप्राकृतिक। यदि यह प्राकृतिक तरीके से होगा, तो ब्रह्मांड स्वयं आपकी मदद करता है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा पानी की बूंद की तरह धीरे-धीरे बढ़ती है। यह पूरी जीवन प्रक्रिया के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा की यह वृद्धि बहुत ही धीमी प्रक्रिया होती है। अगर आप इस प्रक्रिया को अप्राकृतिक तरीके से तेज करने की कोशिश करते हैं, तो यह ऐसा है जैसे आप एक जलाशय (डैम) को तोड़ रहे हों। इसका परिणाम यह होगा कि बाढ़ आ जाएगी, और सब कुछ तबाह हो सकता है।"
@@lovygupta286 "सभी बातें ऑनलाइन साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन कुछ बातें बता सकता हूं। चक्रों का सक्रिय होना दो तरीकों से होता है - प्राकृतिक और अप्राकृतिक। यदि यह प्राकृतिक तरीके से होगा, तो ब्रह्मांड स्वयं आपकी मदद करता है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा पानी की बूंद की तरह धीरे-धीरे बढ़ती है। यह पूरी जीवन प्रक्रिया के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा की यह वृद्धि बहुत ही धीमी प्रक्रिया होती है। अगर आप इस प्रक्रिया को अप्राकृतिक तरीके से तेज करने की कोशिश करते हैं, तो यह ऐसा है जैसे आप एक जलाशय (डैम) को तोड़ रहे हों। इसका परिणाम यह होगा कि बाढ़ आ जाएगी, और सब कुछ तबाह हो सकता है।"
"सभी बातें ऑनलाइन साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन कुछ बातें बता सकता हूं। चक्रों का सक्रिय होना दो तरीकों से होता है - प्राकृतिक और अप्राकृतिक। यदि यह प्राकृतिक तरीके से होगा, तो ब्रह्मांड स्वयं आपकी मदद करता है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा पानी की बूंद की तरह धीरे-धीरे बढ़ती है। यह पूरी जीवन प्रक्रिया के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा की यह वृद्धि बहुत ही धीमी प्रक्रिया होती है। अगर आप इस प्रक्रिया को अप्राकृतिक तरीके से तेज करने की कोशिश करते हैं, तो यह ऐसा है जैसे आप एक डैम को तो***ड़ रहे हों। इसका परिणाम यह होगा कि बा****ढ़ आ जाएगी, और सब कुछ त**बा**ह हो सकता है।"
@@lovygupta286प्राकृतिक तरीके से राम बनता है,और अप्राकृतिक तरीके से आपको रावण, लालची और लोभी बनाता है।और आप अपनी आत्मा से पूछिए, आप क्या महसूस कर रहे हैं।
उस अंदर के गुरु से मिलने का कार्य तो बाहर के गुरु से ही संभव है। तो जिस बाहर के गुरु ने भीतर के गुरु से मिलाया, उसमें और भीतर के गुरु में क्या फर्क है? 🙏
Lots of gratitude sir Pranam
Great.... Because at last we have to merge into the divine consciousness... So it should get detache from the physical guru, which mostly people forget... Gratitude Sir🙏🏻🌸
Dhanyvad Gurudev bahut bahut dhanyvad aapka Satyam Shivam Sundaram
Thank you
Inner Voice always guides in Right Direction ✅
Sir आपने सही कहा है, सहस्रार चक्र जब सक्रिय होना शुरू होता है, तो ऊर्जा बहुत ज्यादा उच्च स्तर पर पहुंच जाती है। यह मेरे साथ हो चुका है। यदि इस ऊर्जा को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह इंसान को पागल भी बना सकती है। और सहस्रार चक्र के सक्रिय होने की यह एक धीमी प्रक्रिया होती है। सहस्रार चक्र को सक्रिय होने में कई जन्म लग जाते हैं।
श्रीमान चौधरी जी,कृपया कर बताएंगे कि आपने कैसे नियंत्रित की थी क्योंकि मैने भी कुछ ऐसा ही अनुभव किया था स्थिति बहुत बिगड़ गई थी,पर मैं एक बात जोड़ता हूं कि यह आज्ञा चक्र का अनुभव है जो आपने बताया है सहस्त्रार पर जाने का कोई रास्ता नहीं है गहरी खाई है और छलांग लगाई जाती है (क्योंकि सहस्त्रार शरीर के बाहर है भीतर नहीं है )तब वह आत्मा मुक्त हो जाती है सहस्त्रार पर पहुंचकर लौटा नहीं जाता मुझे ऐसा लगता है जितना मुझे ज्ञान है।
@@lovygupta286🙏💐
"सभी बातें ऑनलाइन साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन कुछ बातें बता सकता हूं।
चक्रों का सक्रिय होना दो तरीकों से होता है - प्राकृतिक और अप्राकृतिक।
यदि यह प्राकृतिक तरीके से होगा, तो ब्रह्मांड स्वयं आपकी मदद करता है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा पानी की बूंद की तरह धीरे-धीरे बढ़ती है। यह पूरी जीवन प्रक्रिया के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा की यह वृद्धि बहुत ही धीमी प्रक्रिया होती है।
अगर आप इस प्रक्रिया को अप्राकृतिक तरीके से तेज करने की कोशिश करते हैं, तो यह ऐसा है जैसे आप एक जलाशय (डैम) को तोड़ रहे हों। इसका परिणाम यह होगा कि बाढ़ आ जाएगी, और सब कुछ तबाह हो सकता है।"
@@lovygupta286
"सभी बातें ऑनलाइन साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन कुछ बातें बता सकता हूं।
चक्रों का सक्रिय होना दो तरीकों से होता है - प्राकृतिक और अप्राकृतिक।
यदि यह प्राकृतिक तरीके से होगा, तो ब्रह्मांड स्वयं आपकी मदद करता है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा पानी की बूंद की तरह धीरे-धीरे बढ़ती है। यह पूरी जीवन प्रक्रिया के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा की यह वृद्धि बहुत ही धीमी प्रक्रिया होती है।
अगर आप इस प्रक्रिया को अप्राकृतिक तरीके से तेज करने की कोशिश करते हैं, तो यह ऐसा है जैसे आप एक जलाशय (डैम) को तोड़ रहे हों। इसका परिणाम यह होगा कि बाढ़ आ जाएगी, और सब कुछ तबाह हो सकता है।"
"सभी बातें ऑनलाइन साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन कुछ बातें बता सकता हूं।
चक्रों का सक्रिय होना दो तरीकों से होता है - प्राकृतिक और अप्राकृतिक।
यदि यह प्राकृतिक तरीके से होगा, तो ब्रह्मांड स्वयं आपकी मदद करता है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा पानी की बूंद की तरह धीरे-धीरे बढ़ती है। यह पूरी जीवन प्रक्रिया के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। सहस्रार चक्र की ऊर्जा की यह वृद्धि बहुत ही धीमी प्रक्रिया होती है।
अगर आप इस प्रक्रिया को अप्राकृतिक तरीके से तेज करने की कोशिश करते हैं, तो यह ऐसा है जैसे आप एक डैम को तो***ड़ रहे हों। इसका परिणाम यह होगा कि बा****ढ़ आ जाएगी, और सब कुछ त**बा**ह हो सकता है।"
@@lovygupta286प्राकृतिक तरीके से राम बनता है,और अप्राकृतिक तरीके से आपको रावण, लालची और लोभी बनाता है।और आप अपनी आत्मा से पूछिए, आप क्या महसूस कर रहे हैं।
Best ..I also feel like that..we are already that what we look for outside..
A lots of thanks for giving us the reality of our life..
🙏🙏🙏
Your very realistic and relitable too my life ..very much same
Hardik dhanyvad 🙏🏻
Thank you sir 🙏❤❤❤
Star Wars
Obi wan Kenobi
Star Wars Ashoka was
very spirtual movie
Both are teaching me to completely Let Go of Past
Surrender to Divine Force
Pranaam guruji
Thank you for the video sir..
Nothing too say I am very well mutual with this sir what ever u had said very relatable sir ..
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌼
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤
🕉️ગુરુદેવ દત્તસાઇ🪔😇🙏🏻
Sir patanjali योगसूत्र par puri series बनाइए
उस अंदर के गुरु से मिलने का कार्य तो बाहर के गुरु से ही संभव है। तो जिस बाहर के गुरु ने भीतर के गुरु से मिलाया, उसमें और भीतर के गुरु में क्या फर्क है? 🙏
Josh Yes
Choose Divine Will like Ezra Bridger in Star Wars S4 and to help people
Which make me feel alive
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
👌👌🙏🙏
Sir ji, aapne kabhi kaha tha ki saare chakra physical body se alag hain, to sahsrar physical body main Kahan hai
Ek purane vdo me aapne bataya tha pineale gland meditation Pythagoras wala kya ye oosase different hy ya ye wohi hy
16:07 💯💯💯
Pranav love to be instrument in Narayan hand like Sri Aurobindo
❤❤❤
Ask God for Guidance
And be consistent no matter what Pranav
Sir breath ko agar guru maan liya jaye to wo kya sahi hai kyuki saans to ander hai❤
🙏
❤😮🙏🙌🙌🙌
🙏🙏🌹🌹♥️
❤❤