Hazrat Ismail aur Bibi Hajra ka waqia | Maulana Jarjis Ansari
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- Опубліковано 3 лип 2022
- Hazrat Ismail aur Bibi Hajra ka waqia | Maulana Jarjis Ansari
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मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम(रसुल अल्लाह) मृत्यु (पर्दा फरमाने)के बाद वह खुदा/भगवान से मिलने पहुचे, तब उन्होंने एक प्रश्न पुछा!
ऐ खुदा आप ही इस दुनिया के सभी जीवो को,इंसानो को पैदा करने वाले है इस पर हमे कोई सन्देह नहीं,मै यह भी जानता की सभी कर्म का फल इंसानो को तुही देने वाला है,
लेकिन हम तुम्हे सिर्फ निरंकार रूप मे ही देख पा रहे है,
फिर कुछ इंसान पत्थर मे पेर मे मुरती मे अलग अलग तरिको से आपका ईबादत क्यो करते है,
क्या आप इस पत्थर मे पेर मे,मुरती मे भी रहते हो?
तब खुदा ने जवाब दिया.
ए मुहम्मद यह जानने के लिए कुछ लकरियो को इक्कठी करो और उसे जलावो,
मुहम्म्द ने लकरीयो को इक्कठा कर जलाया!
तब खुदा ने कहा
ऐ मुहम्मद अब बताओ उस आग की रौसनी के दायरे मे परे हुए पत्थर, और पेर तक आग की रौशनी पहुच रही है,
तब मुहम्मद ने कहा,
हां
:तब खुदा ने जवाब दिया हम उस पेर मे भी है और पत्थर मे भी है!
तो क्या आपका आकार भी है!
तब खुदा ने कहा हां
तब मुहम्मद सल्लल्लाहु ने खुदा का आकार रुप मे दिदार किया!
और तब खुदा ने कहा,
हम किसी के पहचान के मुहताज नही हुआ करते, और नाही हम सम्मान के लिए तरसते और नाही हमे कोई मनुस्य अपमान कर सकता ,
हम स्वेक्षा से शरिर का परित्याग करते और स्वेक्षा से शरिर धारण करते है!
संसार मे जो भी होता मेरे मर्जी से होता है,
संसार मे इंसान तीन तरह के कर्म करते, इन तीनो कर्म का फल हम देते है चौथा कोई कर्म नही, जो मनुष्य स्वेक्षा से कर्म फल को प्राप्त करे !
(1)विश्वास नामक(2)सोच नामक (3) शारिरीक नामक
कथक वाक्य: मिश्रा की मिश्री
"मिश्री-बिहारी" पुनर्जन्म है किसी का( मिश्री, मिश्रा के घर से,बिहारी बिहार मे जन्मे है)
यह कोरोना महामारी मिश्री के मरजी से उत्पन्न हुइ है
इनकी पिछले जन्म कि वास्तविकता जानना चाहते है तो मथुरा के वृंदावन मे किसी भी मुरती पुजा करने वाले से पता कर सकते है!
🙏🏻🙏🙏