Namo Digambara namo Kalyanam kameshwar Avatar Naam namo Brahma Brahma Vishnu Mahesh Raghunath swaroopam Param Guru Param Brahma Swaroop Shri dattatrey namo namah
Namah shivay Siddharth ji l had got shri vidya diksha from Avdhoot shivanand babaji now we are going forward in sadhna by Lalita trishati Namavali part 2 including das mahavidyalaya mantra . I request u in earlier episode to give some information about Namavali because apki guidelines hame bahut help karti hai . Thanku so much
आप वीडियो बहुत ज्ञान वर्धक बनाते हैं। लेकिन आपका जो त्रिपुरा सुंदरी रहस्य और त्रिपुरा सुंदरी, भगवंन् दत्तात्रे और परशुराम संवाद दोनों के tital मिलते जुलते हैं इसलिए मैं सीरियल वाइस सुन नही पा रहा हूँ। कृपया समाधान करें। उनको कैसे सुना जाय sequence में।
इतना सरल नहीं है तंत्र का जो पक्ष अपने स्पर्श करने का प्रयास किया है। यह मर्म है तंत्र का और जिसके पात्र दुर्लभ ही होंगे ऐसा मेरा मत है। वास्तव में काम ही राम है, जीव काम की पूर्ति ही चाहता है भेद इतना है राम आप्त काम, पूर्ण काम है इसलिए निष्काम है और जीव अपूर्ण है इसलिए कामरत है। यदि काम का एक पल के लिए अभाव हो जाए तो श्रृष्टि का स्तंभन हो जाए जैसे कामदेव के भस्म होने पर सृष्टि रुक गई थी। सृष्टि का आधार ही मैथुन है, द्वैत, अर्धनारीश्वर, इसलिए ब्रह्मा कृत सृष्टि को मैथुनी कहा गया है। जैसे ऊर्जा के लिए घनात्मक और ऋणात्मक दिनों पहलू आवश्यक है। पूर्ण काम ही मोक्ष है, क्योंकि काम की पूर्ण होने पर इच्छा स्वतः समाप्त हो जाएगी। सिद्धार्थ भाई, निश्चित ही आप और गहराई से कहना चाहते हों पर भय यही है कि तंत्र को विशुद्ध रूप में आत्मसात करने के लिए हम में से कितने जीव तैयार हैं। आपके प्रयास को सदा नमन। 🙏🏽
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Adbhut sir thank you sir jay mahakal 🙏🔱 jay gurudatt jaynti 🙏😔🙏📿📿
Dhanyawaad. 🙏🌻🌻🌻
हर हर महादेव
Jay mata lalita ambika
❤❤❤❤
🙏🏼✨shree gurudev datt🙏🏼✨
Namo Digambara namo Kalyanam kameshwar Avatar Naam namo Brahma Brahma Vishnu Mahesh Raghunath swaroopam Param Guru Param Brahma Swaroop Shri dattatrey namo namah
अवधुत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त!
Namah shivay Siddharth ji l had got shri vidya diksha from Avdhoot shivanand babaji now we are going forward in sadhna by Lalita trishati Namavali part 2 including das mahavidyalaya mantra . I request u in earlier episode to give some information about Namavali because apki guidelines hame bahut help karti hai . Thanku so much
Guru ji m apse shri vidhya sikhna chahti 2 years s approx video dekh rhi hu apki please ap mujhe guru dikhsha de dijye me financial prshan hu
आप वीडियो बहुत ज्ञान वर्धक बनाते हैं। लेकिन आपका जो त्रिपुरा सुंदरी रहस्य और त्रिपुरा सुंदरी, भगवंन् दत्तात्रे और परशुराम संवाद दोनों के tital मिलते जुलते हैं इसलिए मैं सीरियल वाइस सुन नही पा रहा हूँ। कृपया समाधान करें। उनको कैसे सुना जाय sequence में।
इतना सरल नहीं है तंत्र का जो पक्ष अपने स्पर्श करने का प्रयास किया है। यह मर्म है तंत्र का और जिसके पात्र दुर्लभ ही होंगे ऐसा मेरा मत है। वास्तव में काम ही राम है, जीव काम की पूर्ति ही चाहता है भेद इतना है राम आप्त काम, पूर्ण काम है इसलिए निष्काम है और जीव अपूर्ण है इसलिए कामरत है। यदि काम का एक पल के लिए अभाव हो जाए तो श्रृष्टि का स्तंभन हो जाए जैसे कामदेव के भस्म होने पर सृष्टि रुक गई थी। सृष्टि का आधार ही मैथुन है, द्वैत, अर्धनारीश्वर, इसलिए ब्रह्मा कृत सृष्टि को मैथुनी कहा गया है। जैसे ऊर्जा के लिए घनात्मक और ऋणात्मक दिनों पहलू आवश्यक है। पूर्ण काम ही मोक्ष है, क्योंकि काम की पूर्ण होने पर इच्छा स्वतः समाप्त हो जाएगी। सिद्धार्थ भाई, निश्चित ही आप और गहराई से कहना चाहते हों पर भय यही है कि तंत्र को विशुद्ध रूप में आत्मसात करने के लिए हम में से कितने जीव तैयार हैं।
आपके प्रयास को सदा नमन। 🙏🏽