||संपूर्ण परमहंस गीता|| जड़ भरत का राजा रहूगण को मुक्तिप्रद योग बताना|| Paramhansh Geeta||

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  • Опубліковано 13 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 43

  • @knowledg8
    @knowledg8 2 роки тому +7

    ओम नमः शिवाय

  • @krishnarai3099
    @krishnarai3099 2 роки тому +2

    Ati sundar smbad.

  • @yaminivankala3429
    @yaminivankala3429 Рік тому +2

    Yamini yahav radha radha guruji

  • @anoopverma4182
    @anoopverma4182 Рік тому +3

    परम ज्ञानी महात्मा संत श्री जड़ भरत जी के माध्यम से वैराग्य का जो ज्ञान दिया गया है वह महान है ऐसे महान ज्ञानी संत को मेरा बारंबार साष्टांग नमन है

  • @dixurajguru1174
    @dixurajguru1174 Рік тому +2

    Om namo narayana

  • @gajanandsharma6247
    @gajanandsharma6247 2 роки тому +3

    🙏 वंदेमातरम्

  • @bindudey9737
    @bindudey9737 Рік тому +2

    हरे कृष्णा

  • @bhushanlalsharma2268
    @bhushanlalsharma2268 2 роки тому +2

    Bhasma se Dhaka hua agni. Bahut mahatwapurna wakya hai.

  • @kalpnarayanpandey3464
    @kalpnarayanpandey3464 2 роки тому +2

    Jai shree Ram 🙏🙏

  • @laxmandeshmukh460
    @laxmandeshmukh460 2 роки тому +2

    Jai Maa Bharatvarsham.

  • @nitishKumar-yv5ob
    @nitishKumar-yv5ob 2 роки тому +3

    *श्रीकृष्ण*
    (जन्माष्टमी पर विशेष)
    आइए श्री कृष्ण के महान चरित्र को जानकर हम भी अपने जीवन मे अपनाने का संकल्प लें।
    *श्रीकृष्ण का महान व्यक्तित्व*
    *१.जुए के विरोधी:-*
    वे जुए के घोर विरोधी थे। जुए को एक बहुत ही बुरा व्यसन मानते थे। जब वे काम्यक वन में युधिष्ठिर से मिले तो उन्होनें युधिष्ठिर को कहा-
    *आगच्छेयमहं द्यूतमनाहूतोsपि कौरवैः।*
    *वारयेयमहं द्यूतं दोषान् प्रदर्शयन्।।*
    -(वनपर्व १३/१-२)
    अर्थ:-हे राजन्! यदि मैं पहले द्वारका में या उसके निकट होता तो आप इस भारी संकट में न पड़ते। मैं कौरवों के बिना बुलाये ही उस द्यूत-सभा में जाता और जुए के अनेक दोष दिखाकर उसे रोकने की पूरी चेष्टा करता।
    *२. मदिरा(शराब) के विरोधी:-*
    वे मदिरापान के घोर विरोधी थे। उन्होंने यादवों के मदिरापान पर प्रतिबन्ध लगा दिया था और उसका सेवन करने वाले के लिए मृत्युदण्ड की व्यवस्था की थी।
    *अद्यप्रभृति सर्वेषु वृष्ण्यन्धककुलेष्विह।*
    *सुरासवो न कर्त्तव्यः सर्वैर्नगरवासिभिः।।*
    मौसलपर्व
    *यश्च नोsविदितं कुर्यात्पेयं कश्चिन्नरः क्वचित्।*
    *जीवन् स कालमारोहेत् स्वयं कृत्वा सबान्धवः।।*
    -(मौसलपर्व १/२९,३०,३१)
    अर्थ:-आज से समस्त वृष्णि और अन्धकवंशी क्षत्रियों के यहाँ कोई भी नगरवासी सुरा और आसव तैयार न करे।
    यदि कोई मनुष्य हम लोगों से छिपकर कहीं भी मादक पेय तैयार करेगा तो वह अपराधी अपने बन्धु-बान्धवोंसहित जीवित अवस्था में सूली पर चढ़ा दिया जाएगा।
    *३. गोभक्ति:-* वे गोभक्त थे। गोपों के उत्सव में हल और जुए की पूजा होती थी। श्रीकृष्ण ने गोपों को समझाया कि वे इसके स्थान पर गोपूजन करें। हमारे देवता तो अब गौएँ हैं,न कि गोवर्धन पर्वत। गोवर्धन पर घास होती है। उसे गौएँ खाती हैं और दूध देती हैं। इससे हमारा गुजारा चलता है। चलो गोवर्धन और गौओं का यज्ञ करें। गोवर्धन का यज्ञ यह है कि उत्सव के दिन सारी बस्ती को वहीं ले चलें। वहाँ होम करें। ब्राह्मणों को भोजन दें। स्वयं खाएँ औरों को खिलाएँ। इससे पता चलता है कि वे परम गोभक्त थे।
    *४.ब्रह्मचर्य का पालन (एक पत्नीव्रत):-*
    महाभारत का युद्ध होने से पहले श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा से कहा था-
    *ब्रह्मचर्यं महद् घोरं तीर्त्त्वा द्वादशवार्षिकम्।*
    *हिमवत्पार्श्वमास्थाय यो मया तपसार्जितः।।*
    *समानव्रतचारिण्यां रुक्मिण्यां योsन्वजायत।*
    *सनत्कुमारस्तेजस्वी प्रद्युम्नो नाम में सुतः।।*
    -(सौप्तिकपर्व १२/३०,३१)
    अर्थ:- मैंने १२ वर्ष तक रुक्मिणी के साथ हिमालय में ठहरकर महान् घोर ब्रह्मचर्य का पालन करके सनत्कुमार के समान तेजस्वी प्रद्युम्न नाम के पुत्र को प्राप्त किया था। विवाह के पश्चात् १२ वर्ष तक घोर ब्रह्मचर्य को धारण करना उनके संयम का महान् उदाहरण है।
    *ऐसे संयमी और जितेन्द्रिय पुरुष को पुराणकारों ने कितना बीभत्स और घृणास्पद बना दिया है।*
    *राधा कौन थी? 😘
    *वृषभानोश्च वैश्यस्य सा च कन्या बभूव ह।*
    *सार्द्धं रायणवैश्येन तत्सम्बन्धं चकार सः।।*
    *कृष्णमातुर्यशोदाया रायणस्तत्सहोदरः।*
    *गोकोले गोपकृष्णांश सम्बन्धात्कृष्णमातुलः।।*
    -(ब्रह्म० प्रकृति ४९/३२,३७,४०)
    अर्थ:- राधा वृषभानु वैश्य की कन्या थी। रायण वैश्य के साथ उसका सम्बन्ध किया गया। वह रायण यशोदा का भाई था और कृष्ण का मामा था। राधा उसकी पत्नि थी। सो राधा तो कृष्ण की मामी ठहरी।
    मामी और भांजे का प्रेम-व्यापार कहाँ तक उचित है?
    पुराणकारों ने कृष्ण के स्वरुप को बिगाड़ दिया। उनके पवित्र व्यक्तित्व को घृणित और बीभत्स बना दिया।
    *योगेश्वर श्री कृष्ण महाराज की जय*
    *सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो*
    *आप सभी को जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं*

  • @KarnailSingh-hj7pb
    @KarnailSingh-hj7pb 2 роки тому +8

    ਜੈ ਸ਼ੀਰੀਂ ਹੰਰੀ ਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਭਗਵਾਨ ਜੀ ਜੈ। ਰਾਧੇ ਰਾਧੇ

  • @reshuojha6799
    @reshuojha6799 2 роки тому +2

    jai shri krishna bhaiya ji.Thank you so much for explaining mahabhagwath jarbharat ji teaching plz keep guiding

  • @sanatanparampara2022
    @sanatanparampara2022 2 роки тому +2

    🙏🕉️🙏🚩🕉🚩🚩जय माता दी 🙏🕉️🙏🚩 🚩

  • @chhatrapatitajpuriya5061
    @chhatrapatitajpuriya5061 2 роки тому +3

    Sree bashudebay namah

  • @mohanmahatma8360
    @mohanmahatma8360 Рік тому +3

    हरि ओम सभी को ,,बहुत ही अछे विचार है जो आप लोगो तक बहुचा रहे हो धनयवाद

  • @dixurajguru1174
    @dixurajguru1174 Рік тому +2

    Om namo bhagwate vasudavay

  • @harikumarkejriwal2622
    @harikumarkejriwal2622 2 роки тому +2

    Excellent, Extraordinary.

  • @sunnypal1954
    @sunnypal1954 Рік тому +1

    Hare Krishna 🙏🏻

  • @inspiringminds9258
    @inspiringminds9258 2 роки тому +2

    🙏🙏❤️

  • @yadavkrishnakharelthankyou6294
    @yadavkrishnakharelthankyou6294 2 роки тому +3

    प्रणाम गुरूजी । जानकारी के कोटी कोटी धन्यवाद । please more and more !आपकी जये हो प्रभु जी !!!

  • @amanvashishtha.8094
    @amanvashishtha.8094 Рік тому +1

    Jay Shree Krishna. 🙏🙏🙇‍♂️🙇‍♂️

  • @nitishKumar-yv5ob
    @nitishKumar-yv5ob 2 роки тому +2

    #माता_यशोदा
    यह सर्वविदित है की कान्हा का पालन मैया यशोदा ने किया किस प्रकार की इसपर कुछ प्रस्तुत है
    छोटी छोटी त्रुटियों पर भी वे दंडित करती थी
    ताकि वे पांच यम(अहिंसा,सत्य, अस्तेय,ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह) आदि की यथावत प्रतिष्ठा कर सकें और भविष्य में एक उत्तम शासक,विद्वान, अच्युत होकर राष्ट्र का कल्याण करने में निहित हो पाएं
    तभी तो ऋषियों ने कहा है
    #माता_निर्माता_भवति
    #अस्तेय जब वे भूल वश किसी पराई वस्तु को हाथ लगा देते तो तुरंत कान पकड़ कर खींचती थी
    #अहिंसा किसी को थोड़ा भी दुःख दे देते तो छड़ी लेकर उस कष्ट का अनुभव कराने के लिए प्रतिक्रिया रूप मारती भी थी
    #ब्रह्मचर्य वे उन्हें भोजन आदि भी उसी मात्रा में देतीं थी ताकि ब्रह्मचारी , ब्रह्मचर्य उत्तम रीति से धारण करे
    #सत्य कृष्ण ने अपने जीवन में कभी मिथ्यताभाषण नहीं किया (जननी की ही शिक्षा)
    #अपरिग्रह उन्होंने आप एक ही स्थान का राजा बनना उचित समझा अन्य जो स्थान जीते उन्हें। अन्य राजाओं को समर्पित किया
    इन विषयों पर अनेक प्रसंग इतिहास ग्रंथों में उपलब्ध हैं
    अब आज की माताएं
    मैया यशोदा तो कान्हा को मरती भी थी ,रस्सी से बांध भी देती थी शायद उसी का परिणाम है वे आगे चलकर एक योगी ,धर्मज्ञ ,महात्मा बने
    आज की माताएं ठीक इनसे विपरीत आचरण करके अपने लल्ले को बिगाड़ कर मूर्ख एक साथ साथ अयोगी भी बना रहीं हैं
    सभी माताओं को अपनी संतानों का पालन पोषण यशोदा मैया की भांति करना योग्य है
    जय श्री कृष्ण
    आप सभी श्रीकृष्णजन्माष्टमी अनेक शुभकामनाएं🙏🏻🌼
    आदित्य शुक्ल✍🏻

  • @ratnakarjoshi702
    @ratnakarjoshi702 2 роки тому +4

    धन्यवाद ।आपने प्रवर्ती मार्ग का वास्तव
    ग्यान वर्णन कर संसार मे निव्रती मार्ग का महत्व प्रतिपादन किया हैं ।जो मोक्ष
    के लिए आवश्यक हैं । यही सनातन हिन्दू धर्म की संस्कृति है ।वंदेमातरम जय श्री कृष्ण जय श्री राम जयभारत ।

  • @gitapoudel9750
    @gitapoudel9750 2 роки тому +3

    जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम

  • @bhushanlalsharma2268
    @bhushanlalsharma2268 2 роки тому +2

    Bachapan pouranik jiwan maya hi tha mata pita naisthik brahamantwapurn jiwan ko hi prathamikata dete the. Sammananiya jiwan. Tha. Mata ne bi pratha aksar lipi sikhai thi kalan namak patrka ke ajiwan grahak hone ke karan bhi isa katha ka gyan tha par tawikrup se samajhane ki koshish ab ho rahi hai. Paramatma jis disha mee jaye awashya kalyankari hi hoga.

  • @monujha8157
    @monujha8157 2 роки тому +2

    Dharm rakshati Rakshita Jay Shri Krishna Radhe Radhe Jay Bhagwat Geeta

  • @redefininghinduism8060
    @redefininghinduism8060 2 роки тому +2

    Bhaiya ye podcast pura suna hu bahut bahut Dhanyawad Aur esaka pura meaning Yathrth Geeta me asani se mil jaayega Bu bhaiya esake background me jo Flute song hai usaka link de digiye please etana pyara Music hai ki dimag me chal rahi hai

    • @Dharmo_Rakshati_Rakshitah
      @Dharmo_Rakshati_Rakshitah  2 роки тому +3

      Background music आपको उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

  • @vignesh6564
    @vignesh6564 3 місяці тому +1

    26:30,27:55,29:20,33:20,49:52

  • @bijendrakumar1380
    @bijendrakumar1380 2 роки тому +2

    Please simple language me samjhaye

  • @ParmodYadav-ug4cd
    @ParmodYadav-ug4cd Рік тому +1

    Raja rahugan ki vidao

  • @vishwanathsalagame2324
    @vishwanathsalagame2324 6 місяців тому +1

    26:33 chapter 4

  • @bhushanlalsharma2268
    @bhushanlalsharma2268 2 роки тому +8

    Meri maa ne bachapan me isa kathako yahkahakar batani ki koshis kithi ki jadabharst Muni jaindarma ke niyamon ka acharan karate hain. Usasamaya bat samajh me nahi ayee thi par aba samajha meata hai ki ahisa hi Jain ka param dharma hai. Om par mane to hi. Aaj ahisa ke lie kai hisaen ho rahi hai jo dukhad hai.

  • @vishwanathsalagame2324
    @vishwanathsalagame2324 6 місяців тому +1

    Chapter 2 20:08
    13:45. chapter 3

  • @bijendrakumar1380
    @bijendrakumar1380 2 роки тому +2

    Maine aapki katha suni lakin samajh nhi aaya

  • @ajaykumar-qs6zb
    @ajaykumar-qs6zb 2 роки тому +2

    Jai Sri Radhy Krishan

  • @umagautam9380
    @umagautam9380 10 місяців тому +1

    Om namo narayana 🙏🙏🙏

  • @jdpanchalenterprises5716
    @jdpanchalenterprises5716 Рік тому +1

    ❤️🙏🙏🙏❤️