वेद माता गायत्री की जय । आपका उद्बोधन अत्यन्त प्रेरक व मागदर्शी है। जीवन में सद्ज्ञान ही जीवन की सफलता का मापदण्ड है । सद्कर्म की महत्ता प्रतिपादित की । जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा दी । विपरित परिस्थितियों में मनोबल को बनाये रखने की शिक्षा दी । पंचतत्व व पंचकोष की महत्ता बताई बहुत अच्छी लगी । गृहस्थ जीवन को तपोवन के रूप जीना चाहिए । स्थूल शरीर की निरर्थकता व पंच ज्ञानेन्द्रियों के सट्पयोग बताये बहुत अच्छे लगे । निरोगी काया से ही अध्यात्म की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। आपको नमन करता हूँ ।
हर हर गंगे मां में स्थान मिला है आपको बहुत अच्छा है
आदरणीय श्री पाटीदारजी को बहुत बहुत धन्यवाद
Jaigurudev 🙏 Jai ma gaytri 🙏 Jai Ganga Maiya
वेद माता गायत्री की जय ।
आपका उद्बोधन अत्यन्त प्रेरक व मागदर्शी है।
जीवन में सद्ज्ञान ही जीवन की सफलता का मापदण्ड है । सद्कर्म की महत्ता प्रतिपादित की । जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा दी । विपरित परिस्थितियों में मनोबल को बनाये रखने की शिक्षा दी । पंचतत्व व पंचकोष की महत्ता बताई बहुत अच्छी लगी । गृहस्थ जीवन को तपोवन के रूप जीना चाहिए । स्थूल शरीर की निरर्थकता व पंच ज्ञानेन्द्रियों के सट्पयोग बताये बहुत अच्छे लगे । निरोगी काया से ही अध्यात्म की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। आपको नमन करता हूँ ।
गंगा मइया की जय।
वेद माता गायत्री की जय।
आपको भी गंगा मैया से आशिर्वाद मिले यही अपेक्षा गंगा मैया से करते हैं।