🔴 Live Morning Meditation @ 5:00 AM | 8 July 2024 | | Sahaja Yoga - The Eternal Knowledge

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  • Опубліковано 6 лип 2024
  • SahajaYoga - The Eternal Knowledge

КОМЕНТАРІ • 7

  • @sshewale9792
    @sshewale9792 19 днів тому +1

    जय श्री निर्मल आई ❤❤❤❤❤

  • @kirtanteam01
    @kirtanteam01 21 день тому +1

    Maaaaaa❤❤❤❤❤❤

  • @rajesharora3878
    @rajesharora3878 19 днів тому

    ❤❤❤❤ JAI SHREE MATA JI PLS BLESS ALL SAHAJIS WORLD 🌎 WIDE N SEEKERS

  • @sshewale9792
    @sshewale9792 20 днів тому

    जय श्री निर्मल आई 😊😊😊

  • @smitasahu2814
    @smitasahu2814 21 день тому

    Jai shree Mataji please play next bhajan man lago mere yaar fakiri me

  • @user-sz2jd4gf1q
    @user-sz2jd4gf1q 21 день тому

    1:16:37 नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे विश्वप्रसिद्ध विश्वविद्यालय भी बिहार के ही गौरव हिस्से में था।
    [ पहले तो शौचालय बनाने का आइडिया नित्य पत्नी के साथ उस मार्ग से गुजरना होता था जिस राह के पगडंडी पर लोटा और चप्पल महिलाएं रख दिया करती थी और उपयुक्त आराम दायक पत्थर का चुनाव कर शौच किया करती थी। लड़कियां बच्चे बच्चियां सहित समुह बनाकर। आते जाते लोगों को देखकर बार बार खड़ा और बैठना होता था। यह सब लीला से शर्म से पानी-पानी तो होना ही पड़ता था।साथ में यह भी विचार आता था कि इसतरह सेक्स उत्तेजना को भी बढ़ावा मिल रहा है। शौचालय निर्माण के पीछे ढेरों कारण था। पर कल की आंखों देखी हाल अपने ही ग्रामपंचायत के नीरज सिंह जी ने जो सुनाया ,सब नाश होता हुआ दिखाई देने लगा। जहां कल शौच हुआ करता था, वहां सेक्स होते रंगों हाथों देखा गया परसों। जो रास्ते पहले पंगडंडी हुआ करता था, शौच का स्थान हुआ करता था,अब वो पीसीसी रोड़ बनने से सेल्फी जगह हो गया है। उसी के आड़ में धीरे धीरे अवसर मिलते ही ऐसे कृत्य भी गैप में होने लगे।
    परिवारिक, समाजिक और विद्यालय व्यवस्था के साथ साथ स्मार्टफोन फोन भी कम बड़ा जिम्मेदार नहीं है मानवीय चेतना शून्य करने में।
    कितनी बदहवासी में हम जीवन यापन कर रहे हैं कि कोई किसी का पेड़ काट लाता है, फल तोड़ लाता है और घर के सदस्यों के मन में विचार तक नहीं किया जाता कैसे यह उपलब्ध हुआ है? बच्चे के विद्यालय से लौटने पर पढ़ाई कर के लौटा है या सेक्स करके, उस हाव-भाव बदलाव को हमें पढ़ने -पहचानने कि क्षमता कहां से विकसित हो पाएगा। पहले के अपेक्षा खान-पान, संसाधन, बाहरी लुक से उन्नत तो प्रतित हुए हैं पर भीतर से कॉलेप्स हो चुके हैं और लम्बी यात्रा इस ओर हो चुकी है, क्या लौटना अब भी संभव है? ]