Damakheda mela 2024 | दामाखेड़ा संत समागम मेला | Kabir Dharmnagar Damakheda Mela |Santu Dhurwe Vlogs

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 5 жов 2024
  • Damakheda mela 2024 | दामाखेड़ा संत समागम मेला | Kabir Dharmnagar Damakheda Mela |Santu Dhurwe Vlogs
    instagram - / santu_dhurwe
    छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समीप कबीर पंथियों की तीर्थ स्थल है। यहां देश-दुनिया से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। रायपुर-बिलासपुर सड़क मार्ग पर सिगमा से 10 किमी की दूरी पर एक छोटा सा ग्राम है। यह कबीरपंथियों के आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। कबीर साहब के सत्य, ज्ञान, तथा मानवतावादी सिंद्धांतों पर आधारित दामाखेड़ा में कबीर मठ की स्थापना 1903 में कबीरपंथ के 12वें गुरु अग्रनाम साहब ने दशहरा के शुभ अवसर पर की थी। तब से दामाखेड़ा कबीर पंथियों के तीर्थ स्थालों के रूप में प्रसिद्ध है।
    मध्य प्रदेश के जिला उमरिया के अंतर्गत बांधवगढ़ निवासी संत धर्मदास, कबीर साहब के प्रमुख शिष्य थे। जिन्हें कबीर साहब ने अपना संपूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान दिया और द्वितीय पुत्र मुक्तामणि नाम साहब को 42 पीढ़ी तक कबीर पंथ का प्रचार-प्रसार करने का आशीर्वाद प्रदान किया। इस तरह मुक्तामणि नाम साहब कबीरपंथ के प्रथम वंशगुरु कहलाए, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के ग्राम कुटुमाल, जिला कोरबा को कबीर पंथ के प्रचार प्रसार के लिए कार्यक्षेत्र बनाया।
    दामाखेड़ा में है कबीर आश्रम और समाधि मंदिर
    छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर कबीर आश्रम हैं। लेकिन दामाखेड़ा का कबीर आश्रम बेहद पवित्र और प्रमुख माना जाता है। इसी आश्रम से सभी आश्रमों की गतिविधियां संचालित होती हैं। कबीर पंथ में चौका, आरती का बहुत महत्व है। यह गुरु पूजा विधान है। चौका-आरती भारत की प्राचीन परंपरा है। इसकी सभी गतिविधियां आश्रम से संचालित होती हैं। वहीं समाधि मंदिर में कबीर साहब की जीवनी को बड़े ही मनमोहक एवं कलात्मक ढंग से दीवारों में नक्काशी कर उकेरा गया है। कबीर साहब के प्रगट स्थल की जीवंत झांकी यहां पर श्रद्धालु देखने के लिए देशदुनिया से आते हैं। समाधि मंदिर के मध्य में वंशगुरु उग्रनाम एवं गुरु माताओं की समाधियां स्थित हैं साथ ही यहां पर कबीर पंथ के प्रथम वंश गुरु मुक्तामणि नाम साहब का मंदिर बना हुआ है। जिसके ठीक सामने कबीर पंथ का प्रतीक सफेद ध्वज संगमरमर के चबूतरे पर लहरा रहा है। श्रद्धालु यहां माथा टेकते हैं। पंथ और अनुयायियों की यह तीर्थ स्थली विश्व प्रसिद्ध है।
    आवास व्यवस्था
    यहां से सिगमा 10 किमी और रायपुर शहर 57 किमी है। यहां उच्च स्तरीय होटल ठहरने के लिए उपलब्ध हैं।
    कैसे पहुंचें:-
    वायु मार्ग- रायपुर निकटतम हवाई अड्डा है, जो मुंबई, दिल्ली, नागपुर, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरु, विशाखापट्नम एवं चेन्नई से जुड़ा हुआ है।
    रेल मार्ग- हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर रायपुर समीपस्थ रेलवे जंक्शन है।
    सडक़ मार्ग- रायपुर से दैनिक बस सेवा एवं टैक्सियां उपलब्ध हैं।
    damakheda mela live
    damakheda bhajan

КОМЕНТАРІ • 5