CHAK PUJA VIDHI IN(HARIYANA)चाक पूजा विधि

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  • Опубліковано 7 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 18

  • @PoojaPrajapati-np1wv
    @PoojaPrajapati-np1wv Рік тому +5

    चाक पूजा[7]
    भारत में केवल कुम्हारों को सृजनकर्ता एवं वंश वर्धक देवता माना जाता हैं[1][8] विनायक की स्थापना से पूर्व कुम्हार के घर जाकर उसके चाक की विधि-विधान से पूजा करना चाक-पूजन/चाक-नौतना कहलाता है[9] जिसमें महिलाओं द्वारा चाक पर हल्दी से स्वस्तिक का प्रतीक बनाकर वंश वृद्धि की कामना की जाती है।[10][11] भारत की सभी जातियों के लिए शादी में चाक-पूजन एक महत्पूर्ण रस्म होती है एवं इसके बाद ही अन्य रस्में निभाई जाती हैं।[12] अंत में कुम्हार को दान-दक्षिणा देकर वंश वृद्धि का आशीर्वाद मांगा जाता है।[13][14][15][16]

    • @JhalakZindagi
      @JhalakZindagi 10 місяців тому

      कुम्हार के चाक की पूजा करेंगे,,,पर कुम्हार के घर नहीं जायेंगे।।।

    • @krishanarya3129
      @krishanarya3129 9 місяців тому

      विश्व की सबसे प्राचीन और महान् प्रजापति जाति को भगवान् ब्रह्मा जी के पुत्र *दक्ष प्रजापति* की सन्तान माना जाता है। प्रजापति कर्तव्यनिष्ठ, परिश्रमी और स्वाभिमानी किस्म की जाति है। न तो कभी चोरी-डाका नहीं डालते हैं और ना कभी किसी से छीन-झपट और मांग कर खाते हैं। बेहद ईमानदार, धर्मनिष्ठ, संतोषी और भगवान् में गहरी आस्था रखने वाली हिन्दू जाति है, इसलिये प्राचीन काल में ही सर्वमान्य रूप से स्थापित हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इन्हें *प्रजापति* के साथ-साथ *"भगत जी"* कह कर भी सम्मानित किया जाता है।
      इतिहास प्रसिद्ध *महाराजा शालिवाहन* और *मैसूर के वाडियार राजा* प्रजापति ही थे/हैं।।
      मिट्टी के बर्तन अत्यन्त पवित्र माने जाते हैं। आज आधुनिक युग में भी अनेक प्राचीन हिंदू मंदिरों, विशेष तौर पर *पुरी, ओड़िशा* के भगवान् जगन्नाथ मंदिर में भगवान् को भोग लगाने के लिए भोजन मिट्टी के पात्रों में ही पकाया जाता है।
      शताब्दियों से परम्परा रही है कि विवाह संस्कार के अवसर पर *मिट्टी के बर्तन बनाने वाले चाक* की पूजा किये बिना धार्मिक अनुष्ठान सम्पूर्ण नहीं माने जाते। क्योंकि भगवान् श्रीहरि विष्णु जी ने अपना सुदर्शन चक्र प्रजापति को दिया था, इसीलिये चाक पूजन करके एक तरह से प्रजापति जाति की श्रेष्ठता को स्वीकार किया जाता है और उसका सम्मान किया जाता है। बर्बर मुस्लिम आक्रांताओं के लगातार आक्रमणों ने हिन्दू धर्म की अनेकों महान् परम्पराओं को नष्ट कर दिया। सम्पूर्ण जानकारी के अभाव में आज इनका स्वरूप काफी हद तक बदल गया है।
      सृष्टि के आरम्भिक काल से ही निर्विवाद रूप से *प्रजापति* कहे जाते हैं अर्थात् यह कोई कमजोर अथवा दीन-हीन जाति नही है। *प्रजापति का अर्थ है - प्रजा का पालन करने वाला प्रजा का सरंक्षक।* प्रजापति को "आदि गुरु" भी माना जाता है, इसीलिये हिन्दू धर्म के मर्म और प्राचीन मान्यताओं को जानने-समझने वाले साधु-संत कभी किसी प्रजापति जाति के व्यक्ति को संन्यास आश्रम की दीक्षा देते समय उसके कानों का छेदन तक नहीं करते।
      विवाह (पाणिग्रहण संस्कार) एवं हवन-यज्ञ के शुभ अवसरों पर *ओम् प्रजापत्ये स्वाहा* जैसे मंत्रों का उच्चारण कुछ विशेष कारणों से ही किया जाता है।
      एक प्रचलित प्राचीन मान्यता यह भी है कि कोई भी गॉंव अथवा खेड़ा बिना प्रजापति जाति के बसा नहीं रह सकता अर्थात् जिस गॉंव में मिट्टी के बर्तन बनाने वाली जाति *"प्रजापति"* का कोई घर मकान नहीं है, वह गॉंव देर-सवेर उजड़ जाता है। प्रजापति जाति की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए गहन शोध की आवश्यकता है। पैसे की चमक-दमक में अब पुराना बहुत कुछ खो सा गया है, अन्यथा प्रजापति कभी किसी समय में एक बेहद सम्मानित जाति मानी जाती थी और है भी।
      प्रचलित लोककथाओं के अनुसार द्रोपदी स्वयंबर से पहले पाण्डवों ने माता कुंती के साथ प्रजापति की कार्यशाला *(मिट्टी के पवित्र बर्तन बनाने का स्थान)* में ही प्रवास करना ठीक समझा था। द्रौपदी अपने ब्याह के बाद अपने पिता महाराज द्रुपद के राजभवन से निकल कर सर्वप्रथम प्रजापति के घर पर ही ब्याही आई थी।
      इतिहास प्रसिद्ध अमरत्व प्राप्त *भृतहरि और उनके भानजे गोपीचंद* ने गांव तिजारा, जिला अलवर (राजस्थान) में प्रजापति की कार्यशाला में १२ वर्षों तक प्रवास करके योगसाधना की थी।
      समुद्र मंथन के समय आयुर्वेद के जनक भगवान् धनवंतरि एक कलश (कुम्भ) में अमृत लेकर उत्पन्न हुये थे। इस कुंभ से अमृत की कुछ बूंदें नासिक, उज्जैन, प्रयागराज और हरिद्वार में छलकी थी। इन पवित्र स्थानों पर कुम्भ का मेला लगता है। कुम्भ को बनाने वालों को कुम्भकार (प्रजापति) कहा जाता है।

    • @krishanarya3129
      @krishanarya3129 6 місяців тому

      राम राम जी। जय श्रीराम।। महान् सनातन धर्म की जय हो।।
      पाणिग्रहण अर्थात् विवाह संस्कार की पूर्णतया के लिए अन्य रीति-रिवाजों; जैसे मिट्टी के बर्तन बनाने वाले *प्रजापति* के घर पर श्रद्धापूर्वक *चाक पूजन* करना, पवित्र अग्नि के चारों ओर फेरे लगाना आदि आदि प्रमुख विधि-विधान हैं। सर्वप्रथम, चाक पूजन के पश्चात ही विवाह की अन्य रस्में प्रारम्भ होती हैं। चाक को इसलिए पवित्र माना जाता है क्योंकि *भगवान् प्रजापति दक्ष* को भगवान विष्णु ने अपना सुदर्शन चक्र, देवाधिदेव महादेव ने *पिण्डी* तथा ब्रह्मा जी ने अपना जनेऊ, कमण्डल और चकलेटी दिया ताकि यज्ञ हेतू मिट्टी का पात्र बनाया जा सके। इसलिए प्राचीन काल से चाक को अति पवित्र मान कर उसकी पूजा करने का विधान प्रचलित है।
      फेरों की रस्म हमारे ऋषि मुनियों एवं विद्वज्जनों द्वारा स्थापित पूरे शास्त्रोक्त विधि-विधान से पवित्र मंत्रोच्चारण के साथ तथा अपने बड़े-बुजुर्गों, ग्रामदेवता, पितृगणों, देवी-देवताओं और परमात्मा के प्रति गहन श्रद्धा भाव व आशीर्वाद के साथ सम्पन्न होनी चाहिये।
      पवित्र अग्निकुण्ड के चारों ओर फेरों की रस्म को सम्पन्न करवाने वाले विद्वान पुरोहित के प्रति भी श्रद्धा भाव होना आवश्यक है। एक सफल वैवाहिक जीवन एवं संस्कारयुक्त बुद्धिमान आज्ञाकारी संतान की उत्पति के लिए अपने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करना अति आवश्यक है।

  • @shashiagarwal259
    @shashiagarwal259 Рік тому

    Shekhawati chak puja pe bhi video banaye plz...

  • @saahimittal5325
    @saahimittal5325 Рік тому

    Yes

  • @kritikaujjainia8382
    @kritikaujjainia8382 19 днів тому

    Mujhe bhinkuchh poochna h apse is bare me

  • @anitarajputraghavworlds2851
    @anitarajputraghavworlds2851 11 місяців тому

    Aap Haryana ke Shaadi ke pure rituals batayie please

  • @shalinikedia54
    @shalinikedia54 Рік тому

    Aap dipawali par Bahu bulane ki riwaj me kya karna chahiye

  • @kasturikeer
    @kasturikeer Рік тому

    Aunty chaak puja.. maa or bhabi me se kon karte h

  • @ManjuSharma-fv9zn
    @ManjuSharma-fv9zn Рік тому

    🙏 जय दादी की ,शादी के बाद पहली बार मकर संक्रांती पर बहू से कोनसे नेगचार करवायें ,क्या क्या नेग होते हे ,प्लीज बतायें 🙏धन्यवाद

  • @pathakmanish9500
    @pathakmanish9500 Рік тому

    kuwa pooja ka v bideo bnai aunty ji

  • @shalinikedia54
    @shalinikedia54 Рік тому

    Hello ji

  • @sonamsharma8391
    @sonamsharma8391 Рік тому

    Hme to ye sab pta bhi nhi he, ap btate ho to wese hi krenge