बलराम का विवाह राजा कुकूदनी की पुत्री रेवती के साथ हुआ | श्री कृष्ण | दिव्य कथाएँ
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- Опубліковано 5 лют 2025
- "भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
Watch the video song of 'Darshan Do Bhagwaan' here - • दर्शन दो भगवान | Darsh...
संसार में यदि मनुष्य को कर्म के साथ धर्म के सही सामंजस्य को समझना हो तो इसके लिए श्रीमद् भगवत गीता से बड़ा ग्रंथ नहीं हो सकता। यह ग्रंथ दिव्य है इसीलिए विश्व में सनातन धर्म के अलावा अन्य धर्मों को मानने वाले मनुष्य भी श्री मद् भगवत गीता और श्री कृष्ण के अनुयायी है। सनातन धर्म में श्री भगवान कृष्ण को सोलह कलाओं से पूर्ण अवतार माना गया है। मानव जीवन से जुड़े सभी प्रश्नो का उत्तर आपको श्रीकृष्ण के जीवन से मिल सकता है। श्री भगवत् गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद व उपदेशों का संकलन है। इन उपदेशों को आप अपने जीवन में समाहित कर परमात्मा से जुड़ सकते है। “तिलक” अपने संकलन “दिव्य कथाएं” के इस चरण में श्री कृष्ण से जुड़े प्रसंगों को आपके समक्ष प्रस्तुत करेगा। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिये और तिलक से जुड़े रहिये।
एक दिन द्वारिका के राजमहल में श्री कृष्ण से मिलने पहुँचे नारद मुनि उन्हें बताते है कि तीनों लोकों में द्वारिका नगरी की चर्चा हो रही है। श्रीकृष्ण उनसे कहते हैं कि यह नगरी चर्चा के योग्य है, तभी मैंने इसे चार धामों में से एक धाम और सात मोक्षदायिनी पुरियों में से एक पुरी का दर्जा दिया है। नारद मुनि श्री कृष्ण से छेड़ते कहते हैं विवाह धरती के सोलह संस्कारों में से एक है, अतएव अब आपको विवाह कर लेना चाहिए। श्रीकृष्ण कहते हैं कि दाऊ भैया से पहले वह कैसे विवाह कर सकते है। तब नारद हँसते हुए कहते हैं कि बलराम जी के विवाह का प्रबन्ध तो स्वयं ब्रह्मा जी ने कर दिया है। एक बार जब मैं ब्रह्मलोक गया था तो मैंने वहाँ देखा था कि महाराज रेवतक के पुत्र राजा कुकूदनी योगबल से अपनी पुरुषों से भी अधिक लम्बी पुत्री रेवती के लिए वर ढूंढते हुए ब्रह्मलोक आए हुए थे। उस समय वहाँ हो रहे गन्धर्वों का गायन की समाप्ति के उपरांत उन्होंने ब्रह्मदेव से पूछा कि क्या आपने रेवती के लिये किसी वर को नहीं बनाया है। ब्रह्मा जी जोर से हँसे और बोले- जब तुम आए तब तक तो नहीं। पर अब द्वापर युग समाप्त होने वाला है, इसलिए अब तुम वहाँ जाओ। वहाँ भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जो कि शेषावतार है, उनसे अपनी पुत्री का विवाह कर दो। राजा कुकूतनी द्वारिका पहुँच कर श्रीकृष्ण व बलराम के समक्ष उपस्थित होते हैं और अपनी पुत्री रेवती का कन्यादान करते हैं। रेवती भाभी का ऊँचा कद देखकर श्रीकृष्ण बलराम से चुहल करते हुए कहते हैं कि इनके लिये तो ऊँचा महल बनाना पड़ेगा। बलराम इसकी आवश्यकता से इनकार करते हैं और अपने हल के स्पर्श से रेवती का कद द्वापर युग के प्राणियों की भाँति सामान्य बना देते हैं।
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जय श्री कृष्ण राधे -राधे
जय श्री राधा रानी जी 🙏🙏❤❤
Jai shree Krishna Radhe Radhe 🌹🌹🙏
Jai Shree RadheKrishna Jii🙏🏻❤️
⛳जय श्री राधे कृष्णा 🙏
जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏🪷🪔🕉️🪔🪷🙏
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🙏❤️ Jai Shree Krishna Radhe Radhe Prabhu Ji Ki ❤️🙏
Jai Shree Krishna 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Im Sanjay meghwar from Pakistan Hindu yar ye kiya jai bhem Kiya he only jai Sri ram app ek adme ko man rahe ho jo bhem he yar ram he sab koj he yah pakistani Hindu kon ye nahi pata ki jai bhem kiya he app kiyo bolte ho jai bhem jai bhem only Jai Sri ram ram hi sub koj he lant he India ki meghwar par jo ram ko nahi manta hum jase be pakistan me sahi he ram ko to man na par rah he nahi to India aa gya to fir jai bhem bolna parega lant ho India ke meghwar par jo jai bhem bolta he or jai sri ram nahi bolta he jai jai Sri ram
Jai shri krishna radhe radhe❤