Tehri Jheel Water Sports

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  • Опубліковано 14 жов 2024
  • टेहरी बांध ----
    260.5 मीटर (855 फीट) ऊंचा चट्टान और मिट्टी से भरा तटबंध बांध है। इसकी लंबाई 575 मीटर (1,886 फीट), शिखर की चौड़ाई 20 मीटर (66 फीट) और आधार की चौड़ाई 1,128 मीटर (3,701 फीट) है। बांध 52 किमी 2 (20 वर्ग मील) के सतह क्षेत्र के साथ 3.54 घन किलोमीटर (2,870,000 एकड़ फीट ) का जलाशय बनाता है। अतिरिक्त 1,000 मेगावाट पंप भंडारण जलविद्युत के साथ स्थापित जलविद्युत क्षमता 1,000 मेगावाट है । पंप-भंडारण संयंत्र के लिए निचला जलाशय कोटेश्वर बांध के नीचे की ओर बनाया गया है।
    टिहरी बाँध (अंग्रेज़ी: Tehri Dam) टिहरी विकास परियोजना का प्राथमिक बाँध है, जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी में स्थित है। यह बाँध गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 260.5 मीटर है, जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है।
    टिहरी बाँध भारत का सबसे ऊँचा तथा विशालकाय बाँध है। यह भागीरथी नदी पर 260.5 मीटर की उँचाई पर बना है। टिहरी बांध दुनिया का आठवाँ सबसे बड़ा बाँध है, जिसका उपयोग सिंचाई तथा बिजली पैदा करने हेतु किया जाता है।
    इस बाँध से 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराना है।
    टिहरी बांध परियोजना हेतु प्राथमिक जांच का काम 1961 में पूर्ण हो गया था। इसके बाद इसकी रूपरेखा तय करने का कार्य 1972 में हुआ। इसके लिए 600 एमडबल्यू का बिजली संयंत्र लगाया गया। इसके निर्माण का कार्य 1978 में शुरू हुआ, लेकिन आर्थिक, पर्यावरणीय आदि प्रभाव के कारण इसमें देरी हुई। इसके निर्माण का कार्य 2006 में पूरा हो गया।
    टिहरी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत तीन मुख्य इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं-
    टिहरी बाँध और जल विद्युत इकाई - 1000 मेगावाट
    कोटेशवर जल विद्युत परियोजना - 400 मेगावाट
    टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना - 1000 मेगावाट
    डोबरा चांटी पुल---
    उत्तराखंड की खूबसूरती को चार चांद लगाने वाले सस्पेंशन ब्रिज (झूला पुल) देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज है। प्रदेश के टिहरी झील पर निर्मित यह पुल सबसे लंबे डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज नाम से आज देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाना-पहचाना जाने लगा है।
    उत्तराखंड की खूबसूरती को चार चांद लगाने वाले सस्पेंशन ब्रिज (झूला पुल) देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज है। प्रदेश के टिहरी झील पर निर्मित यह पुल सबसे लंबे डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज नाम से आज देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाना-पहचाना जाने लगा है। इस पुल के बनने से टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र की करीब ढाई लाख की आबादी को लाभ मिला है।
    इस ब्रिज के निर्माण का कार्य 2006 में शुरू हुआ था, डिजाइन फेल होने समेत तमाम कारणों के चलते लंबे समय तक निर्माण कार्य रुका भी रहा, ब्रिज की कुल लंबाई 725 मीटर है। इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है, जबकि 260 मीटर आरसीसी डोबरा क्षेत्र की ओर और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी की ओर है। इस पर 15 टन तक भारी वाहन आसानी से गुजर सकते हैं।
    यह पुल सिर्फ प्रतापनगर ओर टिहरी ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में पर्यटन की नई परिभाषा है। इससे दुनिया भर के पर्यटक यहां देखने पहुंचते हैं। पुल समुद्रतल से 850 मीटर की ऊंचाई पर बना है। इसके बनने के बाद भी टिहरी झील को अधिकतम आरएल 830 मीटर तक भरा जा सकता है। पुल की चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें से साढ़े पांच मीटर पर वाहन चलते हैं। बाकी के डेढ़ मीटर पर पुल के दोनों तरफ 75-75 सेंटीमीटर फुटपाथ मौजूद हैं। पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें से 440 मीटर झूला पुल है वहीं 260 मीटर डोबरा साइड और 25 मीटर का एप्रोच पुल चांठी की तरफ बनाया गया है। पुल के दोनों किनारों पर 58-58 मीटर ऊंचे चार टॉवर निर्मित हैं।

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