कविता का मर्म तो समझना अलग बात है मगर हिन्दी साहित्य के हमारे महानतम कवियों की कविताओं को जीवंत रखने की ये बहुत अच्छी पहल है। आजकल हिंदी जिस उपेक्षा का शिकार हो रही है, बड़ा दुख होता है। हमारे जैसे युवा ही ऐसा कर रहे हैं। ऐसे में इन्हें जीवंत रखने के लिए आपको धन्यवाद और मेरे तरफ़ से आपको और सबको बधाई मैं हर एक कविता सुनता हूँ आपकी।
कुमार साहब निःशब्द हूँ ,,,यकीन मानना बड़ा सुकून मिलता है ,,आपकी आवाज में जब भी इसे सुनता हूँ,,और ,वह तोड़ती पत्थर साथ में दुष्यंत साहब की ग़ज़ल ,,,आंसू उसका भी कोई सानी नहीं जो आपने गाया है ,,,
महाप्राण निराला के लिए कोई शब्द नही है। किन्तु यह रचना सुनकर नागार्जुन जी की लिखी दो पंक्ति याद आती है- "" उसे मरने दिया हमने रह गया घुटकर पवन, अब भले ही याद में करते रहो सौ-सौ हवन""।
डॉ. विश्वास सर आपकी आवाज़ के माध्यम से हमें पता चला की हमारे हिंदी के इतने महान कवि थे. और आपके ही माध्यम से हमें हिंदी के महत्ता पता चला! आप महान हैँ सर, अपने गर्व महशूस करवाया हमें! अपार प्रेम
मैं अकेला, मैं अकेला मैं अकेला, मैं अकेला देखता हूँ, आ रही मेरे दिवस की सान्ध्य बेला मैं अकेला, मैं अकेला मैं अकेला, मैं अकेला पके आधे बाल मेरे हुए निष्प्रभ गाल मेरे चाल मेरी मन्द होती आ रही हट रहा मेला मैं अकेला, मैं अकेला मैं अकेला, मैं अकेला देखता हूँ, आ रही मेरे दिवस की सान्ध्य बेला मैं अकेला, मैं अकेला मैं अकेला, मैं अकेला जानता हूँ, नदी-झरने जो मुझे थे पार करने कर चुका हूँ, हँस रहा यह देख कोई नहीं भेला मैं अकेला, मैं अकेला मैं अकेला, मैं अकेला देखता हूँ, आ रही मेरे दिवस की सान्ध्य बेला मैं अकेला, मैं अकेला मैं अकेला, मैं अकेला
Dr.kumar viswas sir. Aap ki prstuti vastav me adbhut hai.sunkar aur bujurgo ko dekh ker eisa lega mano Sidharth ne unko dekh ker Budh banne ka nirnay lene wale ho.jai dhamm jai hind🇮🇳🙏🙏
कविता का मर्म तो समझना अलग बात है मगर हिन्दी साहित्य के हमारे महानतम कवियों की कविताओं को जीवंत रखने की ये बहुत अच्छी पहल है। आजकल हिंदी जिस उपेक्षा का शिकार हो रही है, बड़ा दुख होता है। हमारे जैसे युवा ही ऐसा कर रहे हैं। ऐसे में इन्हें जीवंत रखने के लिए आपको धन्यवाद और मेरे तरफ़ से आपको और सबको बधाई
मैं हर एक कविता सुनता हूँ आपकी।
Bhut acchi baat likhe h sr
कुमार साहब निःशब्द हूँ ,,,यकीन मानना बड़ा सुकून मिलता है ,,आपकी आवाज में जब भी इसे सुनता हूँ,,और ,वह तोड़ती पत्थर साथ में दुष्यंत साहब की ग़ज़ल ,,,आंसू उसका भी कोई सानी नहीं जो आपने गाया है ,,,
महाप्राण निराला के लिए कोई शब्द नही है।
किन्तु यह रचना सुनकर नागार्जुन जी की लिखी दो पंक्ति याद आती है-
"" उसे मरने दिया हमने रह गया घुटकर पवन,
अब भले ही याद में करते रहो सौ-सौ हवन""।
डॉ. विश्वास सर आपकी आवाज़ के माध्यम से हमें पता चला की हमारे हिंदी के इतने महान कवि थे. और आपके ही माध्यम से हमें हिंदी के महत्ता पता चला! आप महान हैँ सर, अपने गर्व महशूस करवाया हमें!
अपार प्रेम
नमो नमः !!
आचार्यवर मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति!!
सराहनीय कार्य !!
अद्भुत स्वर!!
Love you KV!!❤❤
पुराने कवियों को नयी सबसे अधिक सुनी जाने वाली आवाज़ में हमारे सामने रखने के लिये सह्रदय धन्यवाद.....
मन अभीभूत हो जाता है भर जाता है हिन्दी के लिये और अपने पुरखों के लिये आपका भाव और योगदान देखकर सही मायने में आप आज के युग के एकलव्य हैं
पंक्तियाँ कितनी भी बेहतरीन हो प्रस्तुति कमजोर हो तो रचना दिल तक नही जा पाती है पर इतनी शानदार भावनात्मक प्रस्तुति मन विह्वल कर गया ।
ये तो जीवन कि वास्तविकता है।
इस अवस्था से तो सब को गुजरना है।
बहुत सुंदर "कुमार जी"💐
बहुत सुंदर रचना है और जीवन का मर्म समझ में आ रहा है ये कविता सुनके।
नाइस कुमार सर... बार बार सुनता हूँ खुद को खुद की करीब पा जाता हूँ
आपके काव्य को बार बार सुनता हूं फिर भी मन नहीं भरता
पुराने कवियों को आवाज देकर आपने उन्हें पुनः जिंदा कर दिया
तर्पण के माध्यम से हिन्दी के मूर्धन्य कवियों को भावमयी श्रद्धांजलि की कोशिश अद्भुत है। इसके लिए कुमार विश्वास को धन्यवाद
आपकी इस पहल की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।
अद्भुत प्रस्तुतिकारण!!! जीवंत हो गयी पंक्तियाँ मानो!!
धन्यवाद विस्वास महाशय जी जो आप हिन्दी साहित्य को कविता को एक नूतन आयाम प्रदान कर रहे है
Mujhe aapki poems bahut achchi lagti hai...You are so great sir..
इस अद्भुत और बहुत ज़रूरी कार्य के लिए आपका नाम हमेशा गर्व और आदर से लिया जाएगा #KumarVishwas सर 🙏😍
वाह बहुत खूब सर जी 👌 👌 👌 🙏 🙏 🙏 प्रभु से प्रार्थना करते है आप इसी तरह की शो हमलोगो को दिखाते रहे ।
इसके लिए आप का आभार रहूंगा सर जी ❤❤🙏🙏🙏🙏
मैंने कल सपना देखा कि आप ने इसी कविता को तर्पण में गाया है,,
और देखीये ........ .....
मजा आ गया
बहुत सुन्दर।वास्तविक जीवन का वह मोड़,जहाँ से हर एक को गुजरना हैं। मैं अकेला😢😢।
बहुत सुंदर गीत है सर ❤❤❤
इसे हम सराहे इतना शब्द नहीं हमारे पास❤❤
आप के इस पहल से हिन्दी साहित्य को एक नई पहचान मिली।बहुत खूब प्रस्तुति आपको कोटि कोटि नमन🙏
Great kumar sir.aap cheejo ko jeevant kar dete hai.
Lajavab sir ,aap to modern poets se ekdam hatke hain, you are great sir 🙏🙏🙏
Gjb 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌👌 vaah vaah kya BAAT h
Lajavav... ..
आप अकेले कहां हैं आप के साथ अपार जनसैलाब है। लेकिन बहुत अच्छी प्रस्तुति है।
मेरे हृदय के प्रिय कुमार विश्वास सर को प्रणाम
बहुत खुब,
मजा आ गया
keep it up,
👌👌
विश्वास जी आपको सुनकर दिन शुभ हो जाता है😊🙏
मैं अकेला, मैं अकेला
मैं अकेला, मैं अकेला
देखता हूँ, आ रही
मेरे दिवस की सान्ध्य बेला
मैं अकेला, मैं अकेला
मैं अकेला, मैं अकेला
पके आधे बाल मेरे
हुए निष्प्रभ गाल मेरे
चाल मेरी मन्द होती आ रही
हट रहा मेला
मैं अकेला, मैं अकेला
मैं अकेला, मैं अकेला
देखता हूँ, आ रही
मेरे दिवस की सान्ध्य बेला
मैं अकेला, मैं अकेला
मैं अकेला, मैं अकेला
जानता हूँ, नदी-झरने
जो मुझे थे पार करने
कर चुका हूँ, हँस रहा यह
देख कोई नहीं भेला
मैं अकेला, मैं अकेला
मैं अकेला, मैं अकेला
देखता हूँ, आ रही
मेरे दिवस की सान्ध्य बेला
मैं अकेला, मैं अकेला
मैं अकेला, मैं अकेला
अपने हिंदी इतिहास के कवियों की याद को फिर से जीवित कर दिया है
Excellent
जीवन की प्रगतिशीलता के साथ उसमें धीरे धीरे छा जाने वाले रुकाव का एहसास करवाकर मंत्रमुग्दता के साथ हताश कर देने वाली पंक्तियाँ... 🙏
Great poem.... How deep his thought was!!!
बहुत सुंदर कविता और महान कवि का दृष्टिकोण🙏
कविता पाठक के अद्भुत स्वर इसे और मधुर बनाते हैं,जय हो👌👌
Rakapatim Pandey
Dr.kumar viswas sir. Aap ki prstuti vastav me adbhut hai.sunkar aur bujurgo ko dekh ker eisa lega mano Sidharth ne unko dekh ker Budh banne ka nirnay lene wale ho.jai dhamm jai hind🇮🇳🙏🙏
हर बार की तरह पुनः दिल में उतर गया आपका स्वर
अतिसुंदर!
माहाप्राण तो माहाप्राण है... दुख ये है कि हमें इनका सानिध्य नही मिला
❣️🙏❣️
अपनी ही व्यथा... है कुमार जी... पर आप अकेले नही हो...हम है ना
Ishwar Gurjar हम भी हैं...
वर्तमान समय में यह कविता सटीक बैठ राही हैं ❤❤❤❤❤❤❤❤
Dr Kumar Vishwas you are so grateful
सादर आभार
बहुत ही खूबसूरत
सदा जय हो आपकी
Nice Dr. Sir . I'm your big fan ... Love you sir
अद्भुत अविश्वस्नीय निराला 🙏🙏
सर आपने इन रचनाओं को फिर से नया रूप दिया 🙏
धन्यवाद ❤
Ek to lajwab nirala ji uspar adhbhut Kumar....WT a combination... awesome 👌👌👍
कुमार आपका आभार ।
Waaah
Maja AA Gaya
Bahut saant poem h
क्या भावनाएं है दादा प्रणाम
हिन्दी की कविताओं आज भी जब पढ़ते ते हैं तो ऎसा लगता है कि आज भी वो कहीं ना कहीं हमारे दिल मैं जीवित हैं
बहुत ही शानदार , हृदय को छू गए शब्द ,
❤❤❤❤🙏🙏
Bahut hi Sundar prashtuti Vishwas sir ki🙏🙏
Heart touching poem ....... Thanks sir
मैं akela😔
बहुत सराहनीय सुर एवेम लय👌👌👌
शानदार जबरदस्त अद्भुत सर 👌 👌 ❤ ❤ ❤
मनमोहक 👌👌
बहुत ही भावपूर्ण रचना
दिल को स्पर्श कर लेने वाली पंक्तियाँ .. और सर आपका राग अद्भुत..
दुनिया की इस भिड़ में सभी अकेले ही है।
आपकी आवाज और स्वर अखण्ड भारत और हिंद भारत की पहचान है ।।।
कितनी सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया है सर जी🙏🏼
Mai Akela Mai Akela wah wah 😪😪 vishwas ji this is very heart touching song wah ..I like this song ..
देखता हूँ आ रही मेरे दिवस की सांध्य बेला 👌
काव्य के अद्भुत सितारे को शत शत प्रणाम 🙏
श्रीमान हम आपके इस कार्य से प्रभावित हैं कृपया एक बार वार्तालाप का अवसर अवश्य प्रदान करें, हम भी हिंदी मां के बहुत बड़े उपासक बनना चाहते हैं।🙏
बहुत ही मार्मिक कविता
शत शत नमन महापराण निराला जी को।👏👏👏
Supap sir really like your poem.......
भावुक हो गए हम गुरूदेव 🙏🙏
बहुत खूब प्रणाम सर।
पुराने कवियों की कविताओं को जीवित कर दिया आपने।
तर्पण सबसे शानदार प्रयास का एक हिस्सा है
नमस्कार
Sir aapne humari sanskriti bacha rakhi hai ❤️
Sach m sir dhany h nilara ji or dhany h unki rachnayein utne hi dhany h aap jo un m chaar chand lga dete h
Ati sundar adabhut ati utam some things touches our heart but some touches our soal
Shabdon mein bahut gehri hoti yah main aapse sikha. Thank you dear sir
Reality of Life ..
Everyone will have to be AKELA
Abhar nirala ji , Kumar ji
धन्यवाद कविवर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ।।
अभी सांध्य बेला नहीं आ रही सर जी।
अभी तो आप सबको प्रकाशित करते चमकते सूर्य हैं!!😀✍🎤🙏🇮🇳
U r best Kumar Bhaiyaa
बहुत खूब सर जी,
सुभद्रा जी की "झांसी की रानी " कविता को भी तर्पण में शामिल करें।
आपको सादर प्रणाम ❤❤
Big fan of yours SIR ji
गुरु जी बहुत ही ज्यादा अंदर तक झकझोरने वाली प्रस्तुति, आज पानी गिर रहा है" और मैं अकेला, हम आपके ऋणी हैं जो आपने हिंदी के लिए अन्तः मन किरण जलायी।
🖤🖤🖤🖤🖤wowww
Fabulous sir
बहुत ही सुंदर कविता है सर जी🙏🙏
Dhanyvad Sar Itni behtarin prastuti ke liye
अद्भुत कविता 🎉🎉🎉❤❤
Sir please continue this series. ...
Bhut badiya kumar sir
Aadbhut lekhan Aadbhut gayan kya baat hai Aadbhut,,,,
वाह ! जीवन की वास्तविकता प्रकट करते हुए
bhut khoob💜
गज़ब गीत
Bahut aacha 💯❤