वाल्मीकि अति दुखी दीन थे, बुरे कर्म में सदा लीन थे, करी रामायण तैयार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥ थे नल-नील जाति के वानर, राम नाम लिख दिया शिला पर, हो गई सेना पार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥ भरी सभा में द्रुपद दुलारी, कृष्ण द्वारिकानाथ पुकारी, बढ़ गया चीर अपार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥ गज ने आधा नाम पुकारा, गरूड़ छोड़ कर उसे उबारा, किया ग्राह उद्धार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥ मीरा गिरधर नाम पुकारी, विष-अमृत कर दिए मुरारी, खुलगए चारों द्वार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥ राम नाम को जो कोई गावे, अपने तीनों लोक बनावे, है जीवन का सार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥ जिनको स्वयं तार नहीं पाये, नाम लिये से मुक्ति पाये, महिमा नाम अपार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🎪🙏🎪🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👌👌👌👍👍👏👏👏
बहुत सुंदर कथा , श्री मुख से वैशे तो भागवत कथा सभी कथा वाचक कहते है हमने लगभग सभी कथा वाचक के मुख से सुना है लेकिन आपके मुख से कुछ और ही है ऐसे लगता है जैसे मैं खुद अपने घर मे ही सुन रहा हु । धन्यवाद है आपको जो जगत के सभी प्राणियों को ज्ञान का उपदेश देकर कृतार्थ कर रहे है
Jay ho koti koti koti naman bhagwan Om namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo narayan Jay shree Ram radhe Krishna radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
चरण स्पर्श आप प्रेरणश्रोत हैं। अहो बकी यम् स्तनकालकूटम् जिघांसया अपाययत् अपि असाध्वी। लेभे गतिम् धात्री-उचिताम् तत: अन्यम् कम् वा दयालुम् शरणम् व्रजेम्।। (शव्दार्थ- अहो-ओह:,बकी-असुरिनी(पूतना), यम्--जिसको; स्तन-अपने स्तन में,काल-घातक ,कूटम्- विष,जिघांसया-ईर्ष्यावश,अपाययत्-पिलाया,अपि-यद्यपि,असाध्वी-कृतघ्न,लेभे-प्राप्त किया, गतिम्-गन्तव्य,धात्री-उचिताम्--धाई के उपयुक्त,तत:-जिसके आगे, अन्यम्-दूसरा,कम्-अन्य कोई,वा-निश्चय ही,दयालुम्-कृपालु, शरणम्-शरण,व्रजेम्- ग्रहण करूंगा।) (श्री मद्भागवतम् 3.2.23) -ओह! भला मैं उनसे अधिक दयालु किसी और की शरण कैसे ग्रहण करूंगा जिन्होंने उस असुरिनी(पूतना) को माता का पद प्रदान किया, यद्यपि वह कृतध्न थी और उसने अपने स्तन से पिलाए जाने के लिए घातक विष तैयार किया था? यह भगवान् की आश्चर्यमयी लीला है कि वह भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना को जो अपने स्तनों में कालकूट नामक भयंकर विष लगाकर उन्हें दूध पिलाने के बहाने मारने आई थी,लेकिन परम दयालु कन्हैया ने उस पूतना राक्षसी के उस बुरे स्वभाव पर ध्यान नहीं दिए, कितने दयालु है कि इसने काम तो माता जैसा ही किया है, इसीलिए इसको भी माता की गति देनी चाहिए और जो मैया यशोदा को बाद में मिलनी थी ,वह दिव्य गति आज भगवान् श्रीकृष्ण ने पूतना को पहले ही प्रदान कर दी। पूतना पिछले जन्म की राजा बलि की पुत्री रत्नावली थी। भगवान् नारायण जब वामन वेश धारण करके राजा बलि के नगर में गये तो रत्नावली ने छोटे से वामन भगवान को देखा-बटुक ब्राह्मण को देखा तो वात्सल्य भाव उमड़ आया, इच्छा की कि ऐसा ही पुत्र मुझे प्राप्त हो जिसको मैं दुग्ध पान कराऊं। भगवान् अंतर्यामी है उन्होंने उसी क्षण आशीर्वाद दिया कि ऐसा समय आने पर होगा। जब भगवान ने तीन पग भूमि पर तीनों लोक नाप लिए और राजा बलि को नाग पाश में बांध करके पाताल में डाल दिए , तब रत्नावली को क्रोध आया और उसने कहा कि अरे! यह बालक छोटा है लेकिन बहुत खोटा है , इसे तो जहर देकर मार देना चाहिए,तो भगवान् ने रत्नावली की इस बात को भी स्वीकार किया। आज वही रत्नावली पूतना बनी और भगवान श्रीकृष्ण को कालकूट भयंकर विष लगा हुआ स्तनपान करायी, फिर भी उन्होंने पूतना राक्षसी को माता का स्थान देकर दिव्य गति प्रदान की। अपने शत्रु पर भी भगवान् की चरम कृपा का उदाहरण है। भगवान् की दयालुता का वर्णन करना असंभव है। श्रीकृष्ण अकारण करूणा वरूणालय हैं, बिना कारण करुणा करनेवाले हैं-दया करनेवाले वाले हैं,दया वत्सल भगवान् है,तो उस परम दयालु कन्हैया को छोड़कर किसकी शरण ग्रहण करें। हरि शरणम्,हरि शरणम्...... आपके आशीर्वाद के आकांक्षी चरण स्पर्श
चरण स्पर्श आप प्रेरणा श्रोत हैं। अहो बकी यम् स्तनकालकूटम् जिघांसया अपाययत् अपि असाध्वी। लेभे गतिम् धात्री-उचिताम् तत: अन्यम् कम् वा दयालुम् शरणम् व्रजेम्।। (शव्दार्थ- अहो-ओह:,बकी-असुरिनी(पूतना), यम्--जिसको; स्तन-अपने स्तन में,काल-घातक ,कूटम्- विष,जिघांसया-ईर्ष्यावश,अपाययत्-पिलाया,अपि-यद्यपि,असाध्वी-कृतघ्न,लेभे-प्राप्त किया, गतिम्-गन्तव्य,धात्री-उचिताम्--धाई के उपयुक्त,तत:-जिसके आगे, अन्यम्-दूसरा,कम्-अन्य कोई,वा-निश्चय ही,दयालुम्-कृपालु, शरणम्-शरण,व्रजेम्- ग्रहण करूंगा।) (श्री मद्भागवतम् 3.2.23) -ओह! भला मैं उनसे अधिक दयालु किसी और की शरण कैसे ग्रहण करूंगा जिन्होंने उस असुरिनी(पूतना) को माता का पद प्रदान किया, यद्यपि वह कृतध्न थी और उसने अपने स्तन से पिलाए जाने के लिए घातक विष तैयार किया था? यह भगवान् की आश्चर्यमयी लीला है कि वह भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना को जो अपने स्तनों में कालकूट नामक भयंकर विष लगाकर उन्हें दूध पिलाने के बहाने मारने आई थी,लेकिन परम दयालु कन्हैया ने उस पूतना राक्षसी के उस बुरे स्वभाव पर ध्यान नहीं दिए, कितने दयालु है कि इसने काम तो माता जैसा ही किया है, इसीलिए इसको भी माता की गति देनी चाहिए और जो मैया यशोदा को बाद में मिलनी थी ,वह दिव्य गति आज भगवान् श्रीकृष्ण ने पूतना को पहले ही प्रदान कर दी। पूतना पिछले जन्म की राजा बलि की पुत्री रत्नावली थी। भगवान् नारायण जब वामन वेश धारण करके राजा बलि के नगर में गये तो रत्नावली ने छोटे से वामन भगवान को देखा-बटुक ब्राह्मण को देखा तो वात्सल्य भाव उमड़ आया, इच्छा की कि ऐसा ही पुत्र मुझे प्राप्त हो जिसको मैं दुग्ध पान कराऊं। भगवान् अंतर्यामी है उन्होंने उसी क्षण आशीर्वाद दिया कि ऐसा समय आने पर होगा। जब भगवान ने तीन पग भूमि पर तीनों लोक नाप लिए और राजा बलि को नाग पाश में बांध करके पाताल में डाल दिए , तब रत्नावली को क्रोध आया और उसने कहा कि अरे! यह बालक छोटा है लेकिन बहुत खोटा है , इसे तो जहर देकर मार देना चाहिए,तो भगवान् ने रत्नावली की इस बात को भी स्वीकार किया। आज वही रत्नावली पूतना बनी और भगवान श्रीकृष्ण को कालकूट भयंकर विष लगा हुआ स्तनपान करायी, फिर भी उन्होंने पूतना राक्षसी को माता का स्थान देकर दिव्य गति प्रदान की। अपने शत्रु पर भी भगवान् की चरम कृपा का उदाहरण है। भगवान् की दयालुता का वर्णन करना असंभव है। श्रीकृष्ण अकारण करूणा वरूणालय हैं, बिना कारण करुणा करनेवाले हैं-दया करनेवाले वाले हैं,दया वत्सल भगवान् है,तो उस परम दयालु कन्हैया को छोड़कर किसकी शरण ग्रहण करें। हरि शरणम्,हरि शरणम्...... आपके आशीर्वाद के आकांक्षी चरण स्पर्श
सीताराम राधेश्याम
महराज श्री के चरणों में दण्डवत् प्रणाम
हरिओम हरिओम महाराज जी बहुत बहुत शुभकामनायें
पूज्य गुरुदेव श्री के श्री चरणों में दास का कोटि-कोटि प्रणाम 🙏
Beautiful katha 🚩🚩🚩🙏
Parnam Guru ji 🙏🙏
साष्टांग चरण स्पर्श महाराज जी🙏🙏।।
गुरु देव भगवान की जय हो जय श्री राधे
गोविन्द स्वरूप गुरुदेव भगवान जी डॉ श्यामसुन्दर पाराशर जी महाराज आपके श्री चरणों में दास विवेक पाण्डेय का कोटि-कोटि प्रणाम एवं वंदन
श्री सद्गुरुदेवाय नमः
जय श्री मन् नारायण चरणौ शरणं प्रपद्ये श्री मते नारायणाय नमः गुरु जी
🙏🏻🙏🏻जय जय श्री राधे राधे जय श्री कृष्ण🙏🙏🙏🙏🙏
वाल्मीकि अति दुखी दीन थे,
बुरे कर्म में सदा लीन थे,
करी रामायण तैयार लेकर नाम तेरा,
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
थे नल-नील जाति के वानर,
राम नाम लिख दिया शिला पर,
हो गई सेना पार लेकर नाम तेरा,
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
भरी सभा में द्रुपद दुलारी,
कृष्ण द्वारिकानाथ पुकारी,
बढ़ गया चीर अपार लेकर नाम तेरा,
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
गज ने आधा नाम पुकारा,
गरूड़ छोड़ कर उसे उबारा,
किया ग्राह उद्धार लेकर नाम तेरा,
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
मीरा गिरधर नाम पुकारी,
विष-अमृत कर दिए मुरारी,
खुलगए चारों द्वार लेकर नाम तेरा,
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
राम नाम को जो कोई गावे,
अपने तीनों लोक बनावे,
है जीवन का सार लेकर नाम तेरा,
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
जिनको स्वयं तार नहीं पाये,
नाम लिये से मुक्ति पाये,
महिमा नाम अपार लेकर नाम तेरा,
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
जय श्री हित हरिवंश 🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री राम।
जय श्री कृष्ण।
हर हर महादेव।
पूज्य गुरूदेव भगवान के चरणों में सादर प्रणाम🙏🙏🙏🙏🌷🙏🙏
JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE JAI JAI SHREE RADHE 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🎪🙏🎪🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👌👌👌👍👍👏👏👏
Very effective and educative bhagwat katha by respected dr prashar ji.
ESI Pavan Katha sunne se man bahut tript hua
Jai Shree satguru dev maharaj ji ki buj nitai guar radhe shyam jup hare Krishna hare ram jai shree radhe govind ji ki
Govind pitaji😇❤radhe radhe🙋🙈🙏
Dr maharaja bauth sunder katha
Such itne madhur Sur me sankrit me Shri Madbhagwat pehle kbhi nhi suna Dhanya Shri vyas maharaj ji ki ❤❤❤
Jay shree radhe shyam Maharaj ji
Jai shiri Radhamadhav maharaj g
Radhe Radhe Guru ji
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरि बोल
आप जैसे महात्मा को सत सत प्रणाम।
Jai shri ram
बहुत सुंदर कथा , श्री मुख से वैशे तो भागवत कथा सभी कथा वाचक कहते है हमने लगभग सभी कथा वाचक के मुख से सुना है लेकिन आपके मुख से कुछ और ही है ऐसे लगता है जैसे मैं खुद अपने घर मे ही सुन रहा हु ।
धन्यवाद है आपको जो जगत के सभी प्राणियों को ज्ञान का उपदेश देकर कृतार्थ कर रहे है
मेरे परम पूज्य गुरुदेव भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम ❤
सादर चरणवंदन गुरु जी
Maharaj ji aapke charno me pranam
Jai shiri Radhamadhav
Radhe Radhe jai ho sarkar ki sarkar ke bhktjno ishtdev priyjno santjano gurujano ki
Jay ho koti koti koti naman bhagwan Om namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo namo narayan Jay shree Ram radhe Krishna radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
महाराज आपके श्री मुख से कथा सुनकर ज्ञान के चक्षु खुल जाते हैं जय श्री कृष्ण❤
Shri Krishna Govind hare Murari Hey nath Narayan vasudevay
जय गुरु जी
श्री राम जय जय श्रीराम
Jay Shree Guru deba Srathanga Pranipata🙏
🚩🚩🙏🙏*जय जय श्री राधे गोविंद* 🙏🙏🚩🚩😇
JAI shree mahakal Jai shree Krishna Jai shree Sita Ram ayodhya dham ki jai
Jai Shree Krishna.Jai Chitya chora
Jay shree Radhe krishna 🙏🥰
Radhe Radhe shree Prabhu aap ki badi me Jadu hai ❤
अद्भुत व्याख्यान
जय जय श्री राधे गोविंद ❤
Sadgurubhagvan ki jay
जय श्री राम
Jay shri Radhe Krishna🌷🌹🌺🥭🍎🙏🙏🙏🌺🙏🙏🙏🙏
Atyant Sundar Pandit ji
Jai Ho GuruDev
Jai sri sitaram.jai sri radheshyam
जय श्री राधे कृष्णा।।
Jai Kanhaiya lal ki
हरे कृषण राधे राधे 👏👏👏👏
बहुत ही सुन्दर और प्रेरणादायक कथा जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो 👏👏👏👏🥀🌺💐🌻🌻👏👏👏😊
राधे-राधे जी
गुरूजी सादर प्रणाम यूट्यूब के माध्यम से आपकी कथा सुनकर घर बैठे ही भगवान की कृपा से जीवन का आनंद ले रहा हूं
Har har Mahadev 🙏
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
राधे-राधे गुरुजी
Jai maha raj gee
Radhe
Radhe Radhe
Radhe Krishna guruji 🙏🙏🙏🙏🙏🚩
जय जय. ...
Jai shree krishnan
चरण स्पर्श
आप प्रेरणश्रोत हैं।
अहो बकी यम् स्तनकालकूटम्
जिघांसया अपाययत् अपि असाध्वी।
लेभे गतिम् धात्री-उचिताम् तत: अन्यम्
कम् वा दयालुम् शरणम् व्रजेम्।।
(शव्दार्थ-
अहो-ओह:,बकी-असुरिनी(पूतना), यम्--जिसको; स्तन-अपने स्तन में,काल-घातक ,कूटम्- विष,जिघांसया-ईर्ष्यावश,अपाययत्-पिलाया,अपि-यद्यपि,असाध्वी-कृतघ्न,लेभे-प्राप्त किया, गतिम्-गन्तव्य,धात्री-उचिताम्--धाई के उपयुक्त,तत:-जिसके आगे, अन्यम्-दूसरा,कम्-अन्य कोई,वा-निश्चय ही,दयालुम्-कृपालु, शरणम्-शरण,व्रजेम्- ग्रहण करूंगा।)
(श्री मद्भागवतम् 3.2.23)
-ओह! भला मैं उनसे अधिक दयालु किसी और की शरण कैसे ग्रहण करूंगा जिन्होंने उस असुरिनी(पूतना) को माता का पद प्रदान किया, यद्यपि वह कृतध्न थी और उसने अपने स्तन से पिलाए जाने के लिए घातक विष तैयार किया था?
यह भगवान् की आश्चर्यमयी लीला है कि वह भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना को जो अपने स्तनों में कालकूट नामक भयंकर विष लगाकर उन्हें दूध पिलाने के बहाने मारने आई थी,लेकिन परम दयालु कन्हैया ने उस पूतना राक्षसी के उस बुरे स्वभाव पर ध्यान नहीं दिए, कितने दयालु है कि इसने काम तो माता जैसा ही किया है, इसीलिए इसको भी माता की गति देनी चाहिए और जो मैया यशोदा को बाद में मिलनी थी ,वह दिव्य गति आज भगवान् श्रीकृष्ण ने पूतना को पहले ही प्रदान कर दी।
पूतना पिछले जन्म की राजा बलि की पुत्री रत्नावली थी। भगवान् नारायण जब वामन वेश धारण करके राजा बलि के नगर में गये तो रत्नावली ने छोटे से वामन भगवान को देखा-बटुक ब्राह्मण को देखा तो वात्सल्य भाव उमड़ आया, इच्छा की कि ऐसा ही पुत्र मुझे प्राप्त हो जिसको मैं दुग्ध पान कराऊं। भगवान् अंतर्यामी है उन्होंने उसी क्षण आशीर्वाद दिया कि ऐसा समय आने पर होगा।
जब भगवान ने तीन पग भूमि पर तीनों लोक नाप लिए और राजा बलि को नाग पाश में बांध करके पाताल में डाल दिए , तब रत्नावली को क्रोध आया और उसने कहा कि अरे! यह बालक छोटा है लेकिन बहुत खोटा है , इसे तो जहर देकर मार देना चाहिए,तो भगवान् ने रत्नावली की इस बात को भी स्वीकार किया। आज वही रत्नावली पूतना बनी और भगवान श्रीकृष्ण को कालकूट भयंकर विष लगा हुआ स्तनपान करायी, फिर भी उन्होंने पूतना राक्षसी को माता का स्थान देकर दिव्य गति प्रदान की।
अपने शत्रु पर भी भगवान् की चरम कृपा का उदाहरण है।
भगवान् की दयालुता का वर्णन करना असंभव है। श्रीकृष्ण अकारण करूणा वरूणालय हैं, बिना कारण करुणा करनेवाले हैं-दया करनेवाले वाले हैं,दया वत्सल भगवान् है,तो उस परम दयालु कन्हैया को छोड़कर किसकी शरण ग्रहण करें।
हरि शरणम्,हरि शरणम्......
आपके आशीर्वाद के आकांक्षी
चरण स्पर्श
चरण स्पर्श
आप प्रेरणा श्रोत हैं।
अहो बकी यम् स्तनकालकूटम्
जिघांसया अपाययत् अपि असाध्वी।
लेभे गतिम् धात्री-उचिताम् तत: अन्यम्
कम् वा दयालुम् शरणम् व्रजेम्।।
(शव्दार्थ-
अहो-ओह:,बकी-असुरिनी(पूतना), यम्--जिसको; स्तन-अपने स्तन में,काल-घातक ,कूटम्- विष,जिघांसया-ईर्ष्यावश,अपाययत्-पिलाया,अपि-यद्यपि,असाध्वी-कृतघ्न,लेभे-प्राप्त किया, गतिम्-गन्तव्य,धात्री-उचिताम्--धाई के उपयुक्त,तत:-जिसके आगे, अन्यम्-दूसरा,कम्-अन्य कोई,वा-निश्चय ही,दयालुम्-कृपालु, शरणम्-शरण,व्रजेम्- ग्रहण करूंगा।)
(श्री मद्भागवतम् 3.2.23)
-ओह! भला मैं उनसे अधिक दयालु किसी और की शरण कैसे ग्रहण करूंगा जिन्होंने उस असुरिनी(पूतना) को माता का पद प्रदान किया, यद्यपि वह कृतध्न थी और उसने अपने स्तन से पिलाए जाने के लिए घातक विष तैयार किया था?
यह भगवान् की आश्चर्यमयी लीला है कि वह भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना को जो अपने स्तनों में कालकूट नामक भयंकर विष लगाकर उन्हें दूध पिलाने के बहाने मारने आई थी,लेकिन परम दयालु कन्हैया ने उस पूतना राक्षसी के उस बुरे स्वभाव पर ध्यान नहीं दिए, कितने दयालु है कि इसने काम तो माता जैसा ही किया है, इसीलिए इसको भी माता की गति देनी चाहिए और जो मैया यशोदा को बाद में मिलनी थी ,वह दिव्य गति आज भगवान् श्रीकृष्ण ने पूतना को पहले ही प्रदान कर दी।
पूतना पिछले जन्म की राजा बलि की पुत्री रत्नावली थी। भगवान् नारायण जब वामन वेश धारण करके राजा बलि के नगर में गये तो रत्नावली ने छोटे से वामन भगवान को देखा-बटुक ब्राह्मण को देखा तो वात्सल्य भाव उमड़ आया, इच्छा की कि ऐसा ही पुत्र मुझे प्राप्त हो जिसको मैं दुग्ध पान कराऊं। भगवान् अंतर्यामी है उन्होंने उसी क्षण आशीर्वाद दिया कि ऐसा समय आने पर होगा।
जब भगवान ने तीन पग भूमि पर तीनों लोक नाप लिए और राजा बलि को नाग पाश में बांध करके पाताल में डाल दिए , तब रत्नावली को क्रोध आया और उसने कहा कि अरे! यह बालक छोटा है लेकिन बहुत खोटा है , इसे तो जहर देकर मार देना चाहिए,तो भगवान् ने रत्नावली की इस बात को भी स्वीकार किया। आज वही रत्नावली पूतना बनी और भगवान श्रीकृष्ण को कालकूट भयंकर विष लगा हुआ स्तनपान करायी, फिर भी उन्होंने पूतना राक्षसी को माता का स्थान देकर दिव्य गति प्रदान की।
अपने शत्रु पर भी भगवान् की चरम कृपा का उदाहरण है।
भगवान् की दयालुता का वर्णन करना असंभव है। श्रीकृष्ण अकारण करूणा वरूणालय हैं, बिना कारण करुणा करनेवाले हैं-दया करनेवाले वाले हैं,दया वत्सल भगवान् है,तो उस परम दयालु कन्हैया को छोड़कर किसकी शरण ग्रहण करें।
हरि शरणम्,हरि शरणम्......
आपके आशीर्वाद के आकांक्षी
चरण स्पर्श
श्रीमद्भागवत की कथा क्या है वह आज आपके श्रीमुख से सुनने का सौभाग्य प्राप्त कर के धन्य हो गया सादर प्रणाम।😊
Sadar pranam hai Guru Ji 🙏🙏🙏🙏 🙏🙏
Radhe shyam main bhi yahi bhagwat katha sheekh raha hun
जय श्री राम जय श्री राधे
राधे राधे कृष्णा गुरूजी
जय हो
Sadgurudev Bhagwan ke charanon mein koti koti naman
जय श्री कृष्णा प्रिय गुरु जी, पूर्व सूबेदार प्रेमपाल सांडिल्य बालाजीपुरम मथुरा से
राम राम जी महाराज जी
Jai shri radhey 🕉️💝💫❣️💛
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Eisi Pavan Katha sunne se man bahut tript hua jai ho Maharaj ji
सीताराम
🙏😇Jai Shree Radhey💙🦚❤️❤️🦚💙😇🙏
जय श्री राधे कृष्ण चंद्र महाराज की आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम गुरु जी 🙏🏼🙏🏼
गुरु जी
के चरणों में कोटि कोटि नमन
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
VIP पास वाली बाते भ्रामक है।
दाता एक राम है भिखारी सारी दुनिया🙏🙏
🙏😇Jai Shre Radhey 💙🦚❤️❤️🦚💙 😇🙏
Santosh Kumar bhir s ji shree ram
राधे राधे
Pranav guru ji
Baith sunder here krishna
जय जय
❤❤😮😊
❤❤
जय हो सद गुरु देव भगवान को कोटि कोटि नमन
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❤ जय श्री मन नारायण गुरु देव,❤
16:00 bali pratha
Jai sadguru maharaj ki 🙏🚩
👏
जब आपको कॅरोना काल मे तबियत खराब हुई थी तब मैं रीवा जिले में ही था ।