महाराजा छत्रसाल बुंदेला की समाधि जहां शाम होते ही कोई नहीं जाता
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- Опубліковано 21 тра 2023
- महाराजा छत्रसाल बुंदेला जिन्हें बुंदेलखंड केसरी के नाम से जाना जाता हैं महाराजा छत्रसाल ने 25 सिपाही और 5 घोड़े लेकर मुगल सम्राट औरंगजेब को परास्त किया था हिंदुस्तान में मुगलों के अधीन सभी राज्य आते थे सिर्फ बुंदेलखंड छोड़कर क्योंकि यह पूर्ण तरीके से स्वतंत्रता महाराजा छत्रसाल ने मुगलों से बराबर युद्ध लड़ते रहे और विजय हासिल की उन्हीं की यह समाधि जो रहस्यमय है बताया जाता है कि जैसे ही शाम होती हैं तो यहां कोई नहीं आता है मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में धुबेला नामक स्थान पर महाराज छत्रसाल की समाधि बनी हुई है जिसका निर्माण बाजीराव पेशवा ने करवाया था
Amar rahe maharaja chhatrasal ji🪔🙏
Jai ho
Bahut hi sunder karya aapka bahut acha laga jankari ke liye kabhi dekhna hua to aapko contect karunga kripaya apna no dijiye dost
बोहत बडीयाज जानकारी दी पर मकबरा शब्द का उच््चारण शब्द सहि नही है यह हिन्दू राजा की समाधी है धन्यवाद
जै हो महाराज सत्रसाल की
बहुत बढ़िया जानकारी देते हो
great guideji
Thanks
Jay maa bhavani ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
Bundelkhand chhatrasal
आप अपनी शब्दावली में से मकबरा शब्द को हटा दीजिए
Ye pura mughal seli me nirmit hai ye makbari ki tarz par nirnan huaa hai baki rahai ki chiti chatria hi bani hai or mitt aap media me ho koi bhi waky kehne se pehle kuch pdha karo mughal ghrana se pidit lagte ho profesur puniya se sampark karo etihas ke vudean hai kafi kuch sikh ne ko mile ga
आधी अधूरी कहानी बताई आपने
Ha bhai sahab