ये महाशय जी विकास नॉर्मल आदमी नही है इनको जानगा कोय जाननीय,कोई शब्द नही है लिखने के लिए,शीशे की तरह दिखा दिया पूरा परकर्ण,हरिओम जी,,,,,साक्षात परमात्मा का रूप है ये,इनके बताए हुए रास्तों को अपनाए,हरिओम,,,,,,,
प्रहलाद होलिका की कहानी केवल नई फसल से है। आप बहुत स्वाध्याय शाली है । सत्य को लोगो के मध्य लाने का प्रयास करे। आपसे निवेदन है की पौराणिक कथाओं के बजाय वैदिक सत्य कथाओं को वाचन करो
महाशय जी सही सही बताइए। प्रहलाद का अर्थ अन्न होता है और वो अन्न जो खोल के अंदर होता है। होल से होलिका बनी । होली में नए अन्न को भुना जाता है जिसमे अन्न नही जलता केवल ऊपर का खोल जलता है।
आप द्वारे कथा हाई गई। पूर्ण रूप से सुनी लेकिन इसमें बहुत से संजय है। क्या आप मेरे संशय दूर कर सकते है। पौराणिक कथाक पूर्ण सत्य नही अधूरा सत्य है। आप को सुनने के लगा की आप एक बहुत अच्छे वक्ता और ज्ञानवान है लेकिन पूर्ण सत्य से अभी दूर है
JAY HO.DADA KI KAESE BHAKHAN.KARU DADA
Hari om Hari ji guru Ji 🙏🏻
Hari Om Guru Ji
Om hari om namo narayana hi narayana mharaj ji
VPR studio Ram Ram ji 🙏🏻
🙏🙏🙏🙏🙏🙏जय श्रीकृष्ण जय श्रीराम
Hari om guruji Jai shree Ram
हरि ॐ गुरु जी
Yug-Yug Jio Vikas G.....sastang pranam
Good Bajan
हरि ओम गुरु जी
Jai Siya Ram bhai Vikas ji
Hri om bhai vikash
Shree man Narayan ❤❤❤🎉
ये महाशय जी विकास नॉर्मल आदमी नही है इनको जानगा कोय जाननीय,कोई शब्द नही है लिखने के लिए,शीशे की तरह दिखा दिया पूरा परकर्ण,हरिओम जी,,,,,साक्षात परमात्मा का रूप है ये,इनके बताए हुए रास्तों को अपनाए,हरिओम,,,,,,,
परमात्मा के दर्शन करने हो तो श्री विकास पाहसोर के करलो,इनके बताए हुए रास्तों को अपना लो,हरिओम,,,,,,,,
❤❤❤❤❤❤❤❤
Good good ❤very good bhai saab ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Wastaw m ❤❤sandaar parstuti ❤❤❤❤❤
@@srsharma9801😊😊😊😊😊😊😊😊
प्रहलाद होलिका की कहानी केवल नई फसल से है। आप बहुत स्वाध्याय शाली है । सत्य को लोगो के मध्य लाने का प्रयास करे। आपसे निवेदन है की पौराणिक कथाओं के बजाय वैदिक सत्य कथाओं को वाचन करो
Ram Ram bhai sahab Vikas ji
Narayan ji hi sach hai om namo narayana ji
Vikas pasoriya no.1
महाशय जी सही सही बताइए। प्रहलाद का अर्थ अन्न होता है और वो अन्न जो खोल के अंदर होता है। होल से होलिका बनी । होली में नए अन्न को भुना जाता है जिसमे अन्न नही जलता केवल ऊपर का खोल जलता है।
आप द्वारे कथा हाई गई। पूर्ण रूप से सुनी लेकिन इसमें बहुत से संजय है। क्या आप मेरे संशय दूर कर सकते है। पौराणिक कथाक पूर्ण सत्य नही अधूरा सत्य है। आप को सुनने के लगा की आप एक बहुत अच्छे वक्ता और ज्ञानवान है लेकिन पूर्ण सत्य से अभी दूर है