पृथ्वी नहीं खत्म हो रही, इंसान खत्म होगा || आचार्य प्रशांत (2024)
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- Опубліковано 14 тра 2024
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#acharyaprashant
वीडियो जानकारी: 04.05.24, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ टूरिज्म के नाम पर चल रहे भोग को कैसे रोका जाए?
~ क्या टूरिज्म एक कारण है पर्वतों के बर्बाद होने का?
~ मनुष्य कैसे पृथ्वी को नर्क बना रहा है?
~ क्या मानव का अस्तित्व खतरे में है?
~ कैसे बढ़ता तापमान मार रहा है हमारी धरती को?
~ कैसे बचें अपने सर्वनाश से?
~ पर्यावरण नाश क्यों हो रहा है?
~ लोगों को कैसे जगाएं पर्यावरण संरक्षण की ओर?
~ जलवायु परिवर्तन एक विकट सामस्या क्यों है?
संगीत: मिलिंद दाते
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❤
Sir rajiv dikshit ji k baad koi mahan Or achi baato ki samajh rakhta h, vo aap hai. . I wish main kbhi aake sath kaam kar saku, ya aapke jesa. 😊
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🎉❤
I salute you acharya ji, apne jo kuch bhi btaya mountainous region k bare m meri ruh kanp gyi sun k maine jitna socha tha usse bhi kai guna Indians ne barbaad kar diya h .Agar koi common man hota to yhi bolta ki chhodo ab kuch nhi ho sakta lekin aap abhi bhi lge hue ho, aapse Jan k ab mujhme bhi phir se utsaah utsarjit ho rha aur ladne ki chetna jag gyi . Results kuch bhi last tk fightback krna h🙏
आचार्य जी कोशिश कर रहे हैं की कम से कम दस,बीस प्रतिशत आबादी को होश दिलाया जा सके और फिर यही दस,बीस प्रतिशत आगे जाकर सामाजिक परिवर्तन लाएंगे।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤❤❤
Bilkul sahi samjhaya asha hai ki hum sab usmei bhagidaar rahey
पृथ्वी थी और रहेगी मिटेगा तो इंसान🙏
प्रारम्भ से ईंसान ही मिटता आया है। पृथ्वी का तो केवल परिवर्तन होता है।
Kyonki insaan ke karm acche nhi rhe😒😔😔
शहरों की बीमारी बहुत अच्छे तरीके से अब पहाड़ पहुंच चुकी है रेडियो से शुरू हुआ, टीवी ने आगे बढ़ाया और सोशल मीडिया ने पूरा कर दिया।
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
प्रकृति को नमन करो उसका भोग नहीं ।
विकास के नाम पर धार्मिक क्षेत्र योगभूमि से भोगभूमि बन रहे है।जिसके भयंकर परिणाम निश्चित है।
Yahh
You are an angel . Aacharya ji
अंतिम समय जब कोई नहीं जाएगा साथ
एक वृक्ष जाएगा,
अपनी गौरैयों-गिलहरियों से बिछुड़कर
साथ जाएगा एक वृक्ष
अग्नि में प्रवेश करेगा वही मुझ से पहले
'कितनी लकड़ी लगेगी'
शमशान की टालवाला पूछेगा
ग़रीब से ग़रीब भी सात मन तो लेता ही है
लिखता हूँ अंतिम इच्छाओं में
कि बिजली के दाहघर में हो मेरा संस्कार
ताकि मेरे बाद
एक बेटे और एक बेटी के साथ
एक वृक्ष भी बचा रहे संसार में।
🙏🙏🙏🙏👌👍
आपने बहुत सटीक व गहरी बात लिखी है.
नमन आचार्य जी🙏🙏🙏
आध्यात्मिक और धार्मिक स्थलो पर अभी सिर्फ और सिर्फ पाखण्ड चलता है
नाम धर्म का और काम वासना का ।
योग भूमि और देव भूमि को हमने भोग भूमि बना दिया है,
सारी दुनिया को आपकी बात सुननी चाहिए ❤️
Saari duniya me ye video farword karo bhai
पहाड़ों की निर्मलता पर हमारी वासनाएं और अधिक विस्फोटक रुप से प्रकट हो जातीं हैं,जितने उदण्ड हम अपने आम जीवन और आम समाज के बीच नहीं होते, उससे ज्यादा अदण्ड हम पहाड़ों पर हिमालय पर हों जातें हैं,
जब तक पूरे विश्व में जरुरत है बाहरी शिक्षा और अंदरूनी विद्या की,उसी तरीके से पहाड़ों में भी शिक्षा और विद्या दोनो नहीं पहुंचेंगे , तब तक पहाड़ों का बचना बहुत मुश्किल है,
भागे भला न होएगा, कहाँ धरोगे पाँव।
सिर सौंपो सीधे लड़ो, काहे करौ कुदाव।।
~ संत कबीरदास जी 🙏
मनुष्य ही मनुष्य की तबाही का कारण बनेगा
अज्ञान में अंधकार में मति भ्रष्ट है ,
कल उन्हें क्या कष्ट हो,
जब आज ही वह नष्ट है
आचार्य जी सत्य से तो अवगत कराते ही हैं , साथ में हिंदी भाषा की इतनी सुंदर अभिव्यक्ति , सशक्त शब्दावली , सुनकर मन शांत और आनंदित हो जाता है l आप आप लगातार हम अज्ञानियों का अज्ञान दूर करके हमें सत्य की दिशा में ले जा रहे हैं l हमें आपके ज्ञान ,आपके मार्ग दर्शन की बहुत जरूरत है l🙏 नमन 🙏❤️
सूरा सोई सराहिये, लड़े मुक्ति के हेत। पुर्जा पुर्जा कट पड़े, तो भी ना छाड़े खेत ॥
☝🏻- संत कबीर
Acharya Shri Ji aapko Koti Koti Pranam🙏🙏
आदरणीय आचार्य जी को मेरा प्रणाम 🙏🙏
🙏🙏
भागे भला न होएगा, कहाँ धरोगे पाँव। सिर सौंपो सीधे लड़ो, काहे करौ कुदाव ॥
☝🏻- संत कबीर
Aacharya ji parnam
Pranam acharya ji 🤗
सुप्रभात आचार्य जी 🙏🙏❤️❤️
AP के काव्यात्मक अर्थ ❤🙏
ऊंचे प्यारे लक्ष्य की
सेवा में तल्लीन है
करण ब्रह्म करम ब्रह्म
कर्ता भी ब्रह्मलीन है
विकाश के नाम पर विनाश हो रहा है।
कोटि कोटि आभार आचार्य जी ❤ 11:21
प्रणाम आचार्य जी❤❤
आपने मुझे एक नई जीवन दि
❤❤❤❤❤❤❤❤
कभी कभी लगता हैं बहुत देर हो चुकी हैं ❤
आत्मज्ञान ही सभी समस्याओं का समाधान है, जब तक हमे नहीं पता होगा कि हम कौन है, हमे वास्तव में चाहिए क्या तब तक हम ऐसे ही पृथ्वी माँ को बर्बाद करते रहेंगे
आदरणीय आचार्य जी आपको सत सत नमन ❤❤❤❤
योगभूमि और दे़वभूमि को हमने भोगभूमि बना दिया हैं।
पहाड़ों पर जाकर हम ज्यादा उद्दंड हो जाते हैं।
गुरु जी आप की चरणो मे कोटि कोटि नमन 🙏❤️🚩🕉️
🕉️ श्री परमात्मने नमः।🙏🏻
अहंकारी मनुष्य केवल निर्बल पर अपना जोर चलाते हैं लेकिन प्रकृति के सामने उसकी हैसियत कीड़े मकोड़े से ज्यादा नहीं। समय समय पर प्राकृतिक आपदाएं अहंकारी मनुष्य को उसकी औकात दिखाती है लेकिन अहंकार के वशीभूत मनुष्य खुदको बरबाद करके ही रहेगा।
🕉️ श्री परमात्मने नमः।🙏🏻
आचार्य जी लोग कुंभकर्ण की नींद में है......सब को सिर्फ अपनी पड़ी है.....ज्यादा से ज्यादा कमाई, खुद का आलिशान घर, गाड़ी, शादी, फिर बच्चे..... जब इन की नींद खुलेंगी तो सबकुछ हात से निकल गया होगा
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री 🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
प्रदूषण बाहर होता है न हवा में, वैसे ही ये जो भीतर का प्रदूषण होता है वह भी पहाड़ों पर बहुत है, अंधविश्वास, धर्म के नाम पर हिंसा,बलि , बहुत ही व्यर्थ तरीके की मान्यताएं और परम्पराएं,भूत प्रेत के हजार लफड़े,ये सब पहाड़ों पर ज्यादा चलते हैं,
Pranam acharya ji
मलहम से काम नहीं चलने वाला ,बीमारी की जड़ तक जाना होगा❤❤❤
Acharya Shri ❤️
Please sbhi log mil ke achrya ji k channel ko 100 million aur uske baad 500 million Tak ki subscribers hone chahiye pls 🎉😊
Acharya Prashant g ko Mera pranam
आत्म ज्ञान के बिना कोई कुछ नहीं कर सकता
I am from Himachal Pradesh
This is truth we eat our mother Earth
जो जितना अधिक भोगेगा, उतना कष्ट पायेगा
Insaan jagega acharya ji aap ji wjah se❤
😊😊😊 आदरणीय आचार्य सर नमस्कार
प्रणाम आचार्य जी!
चरण स्पर्श आचार्य जी❤❤❤🙏🙏🙏
when 1.5 billion people in a small place go on rampage whether vacation or luxary items or western life style, food etc, bhyankar tabahi aur sirf tabahi milegi.
🙏🙏🙏🙏🙏नमस्कार आचार्य जी
मन के बहुतक रंग है छीन छीन बदले सोय !
एक रंग मे जो रहे ऐसा बिरला कोय !! ~ कबीर साहब
समर्पण के साथ काम करो, फल की चिंता मत करो।" - भगवद गीता
सर की कोशिश है कि 10, 20 p आबादी को थोड़ा होश दिलाया जा सके। और फिर ये 10, 20 p आगे जाके सामाजिक परिवर्तन लायेंगे।
हमने योग भूमि ,देव भूमि को भोग भूमि बना दिया।
"निर्माण और प्रलय शिक्षक की ही गोद में पलते हैं"।💯
शत प्रतिशत सही ।😊
पर आज कल के शिक्षक ही तो सीखा रहे , कोई न कोई फंक्शन चलता ही रहता है आज कल के स्कूल में और गजब बात ये है की dj लगाके नाचना जरूरी है😂
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ये मुद्दा बहुत जरुरी है सर उत्तराखंड के वन अभी भी जल रहे हैं आग पर काबू नहीं पा सके हैं वहाँ जबकि सुप्रीम कोर्ट भी इसमें लगी है फिर भी आग अभी तक बुझाई नहीं जा सकी है🙏
संसार में प्रकृति से बडा़ और बलवान कोई भी नहीं है।
Baat badi badi krwalo
Kaam krna me hamesha fail ho jati hai government
Chahe koi bhe party ho
Good morning acharya ji
Sari duniya ko amal karni chahie naman
आचार्य जी को नमस्कार❤❤
Sbhi sach se bhag rhe hai Guru Ji ,
Ye hi main reason hai ki Insan santust nhi ho pa rha (Abhi to air distribution hoga is Insan ki life m🙏
Pranam Acharya Ji ❤
बाहरी शिक्षा, अंदरूनी विद्या की हमे बहुत जरूरत है
सादर अभिवादन प्रणाम
गुरु जी❤
इस वक्त जो आचार्य जी कर रहे हैं वो विशव का सबसे ऊंचा काम है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Prnam acharya ji
आदरणीय आचार्य जी को शत शत नमन 🙏🙏🙏🙏
योगभूमि , देवभूमि को हमने भोग भुमि बना दिया😢😢😢
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I am from Himachal 🙏🙏 mai apki bat se sahmat hu
शत शत नमन गुरुदेव ❤ ❤ ❤
प्रणाम अचार्य जी 🙏🙏🙏❣️
देवभूमि को भोगभूमि बना दिया हमने❤😢
भागे भला न होगा, कहाँ दरोग़ पाँव।
सिर सौंपो सीधे लड़ो ,काहै करो कुदाव।
Aachary, ji, aapko,koti, koti, parnam ❤🙏🙏🙏🙏🙏
Kedarnath apda jaisi Kai apdaon ki jarurat hai ab pahadon ko bachane k liye
Satguru acharya ji Maharaj ko koti koti naman 🙏🏻
Yes
ऊंचे प्यारे लक्ष्य की
सेवा में तल्लीन है
करण ब्रह्म करम ब्रह्म
कर्ता भी ब्रह्मलीन है
आचार्य जी सबको जगाने का काम कर रहे हैं।
समय रहते पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत होती है तो अभी भी हम पृथ्वी पर काफी कुछ बचा जाएंगे नमस्कारम्
हमें भीतरी विद्या और बाहरी शिक्षा की जरूरत है।
ये राज्य में रहने वाले लोगों का दायित्व है कि, अपने मूल स्थान का हर परिस्थिति में संरक्षण करे।
Bina soche samge Vikas banega Vinash ka karan.
प्रणाम जी
Acharya jee pranam❤❤❤
Dear acharya ji 🤗
bahut avashyak h chetana ka uthana bahut takleef hi dikhai deti h
प्रकृति को नमन करो उसका भोग नहीं❤❤❤
Jay shree krishna sabko ji
अभी हाल ही की बात है बाबा केदारनाथ मंदिर में किसी छतरियों का ग्रुप पहुंच गया ढोल नगाड़े और न जाने क्या क्या लेकर , श्रद्धा के नाम पर हुड़दंग मचाने, वो तो भला हुआ वहां कोई मन्दिर के स्टाफ का आदमी आकर फोर्सफुली उनको वहां से हटाया। आप समझ सकते हैं अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या वे लोग दर्शन करने के उद्देश्य से गये होंगे?
जब तक अज्ञान रहेगा तब तक कुछ भी नहीं बदले गा
बच्चो की बरबादी का सबसे बडा कारण में बच्चे के मा बाप को मानता हूं। और इसी बरबादी मे भी शामिल हूं 😢 सही में जिंदगी नर्क हो गई है
Absuletly Right Acharya ji 🙏💯❤
आचार्य जी की जय हो।।
उत्तराखंड बसने की सोच रहा था में पर अब मन बदल रहा है😢
Pranam Guruji 🙏🙏🙏
वीडियो का शीर्षक ही काफी है अकल देने के लिए फिर भी रील बनाने वाले सोशल मीडिया वालों का दिमाग इतना नशा से मदहोश होचुका है 😂 कि आचार्य जी को इस महत्वपूर्ण विषय पे दसवा वीडियो लाना पड़ा